कैसी होगी स्मार्ट सिटी
स्मार्ट सिटी क्या है. कैसी होगी स्मार्ट सिटी . अपना शहर हम सभी स्मार्ट बनाना तो चाहते हैं आगे बढ कर कोई नही आना चाहता. स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार और जनता दोनों को मिलकर गम्भीरता से प्रयास करना होगा.
स्मार्ट सिटी कांसेप्ट
स्मार्ट सिटी क्या है कैसे बनाए स्मार्ट सिटी … इसे जानने से पहले आपको एक धटना बताती हूं. एक दिन पहले की ये खबर भले ही हैडलाईन न बनी हो पर भीतर तक झंझोर गई. सारा सिस्टम मानो त्राहि माम करता नजर आ रहा है.
असल में, घटना हरियाणा के जिला जींद की है. गांव के पास एक दुर्धटना हुई जिसमें दो युवक गम्भीर रुप से धायल हो गए. इसी बीच लोगो ने एम्बुलैंस के लिए फोन किया तभी सामने से एक कार में पंचकूला के जज आ रहे थे उन्होनें अपनी कार रुकवाई और उन्होनें भी एम्बुलैंस को फोन किया और जवाब ये मिला कि
एंबुलैंस उड कर आएगी क्या… भेज रहे हैं … समय तो लगेगा ही … !!
एम्बुलैंस आने की इंतजार किए बिना उन्होने मरीजों को कैसे भी करके असपताल पहुंचाया. अब सवाल ये उठता है कि हमारा देश कैसे आगे बढेगा … क्या मानवता नाम की चीज वाकई में खत्म हो रही है समाज से … सोचिए ये तो जज हैं एक आम आदमी का क्या हाल हो इसका तो अंदाजा भी नही लगाया जा सकता.
आज एक खबर पढी कि सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर उसे पुलिस की बेवसाइट पर अपलोड करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरे देश पर लागू होगा पर उनका क्या जिनकी पुलिस दर्ज ही नही करती और वो दर दर भटकते रहते हैं… न्यूज चैनल की पत्रकार होने के नाते बहुत बार इस तरह की खबर को कवर किया तो इस बात पर समाधान निकाला जाना चाहिए.
समस्या है तो समाधान भी है
मेरा मानना है कि स्मार्ट सिटी शहर चमकाने से नही बनेगी बल्कि छोटी छोटी सुविधाए नियमित रुप से जनता को मिलेगी तो बनेगी … एक आम आदमी होने के नाते जो मूलभूत जरुरत महसूस होती है जिनकी कमी बहुत खलती है अगर उनका सुधार हो जाए तो स्मार्ट सिटी तो खुद ब खुद बन ही जाएगी… जैसाकि
100 नम्बर का तुरंत मिलना.
कभी दुर्धटना होने पर एंबुलैंस का तुरंत आना.
बिजली जाने पर उसका तुरंत समाधान होना जैसा कि सुनने में आता है कि लाईनमैन ही गिने चुने होते हैं पूरे शहर में तो शिकायत निबटाते निबटाते समय तो लग ही जाता है इसलिए भर्ती ज्यादा हो ताकि जल्दी से जल्दी समस्या दूर हो.
इतना ही नही टेलिफोन भी सही रहे और इंटरनेट स्पीड भी सही चले तभी शहरी अपना काम जल्दी और सलीके से कर पाएगें .. पूरी दुनिया से जुडे रहेंगें पर अगर नेट ही नही चलेगा तो कैसे तरक्की हो पाएगी आमतौर पर नेट की स्लो स्पीड भी अक्सर पीछे रहने का कारण बनती है.
जगह जगह कूडा दान रखे जाएं और सडको पर सीसीटीवी कैमरे लगे तो ताकि पता चले कि कौन गंदगी कर रहा है और उसका फाईन लगे…
फेसबुक जैसे सोशल साईटस पर एक पेज हो ताकि अपनी समस्या उस पर लिख सके क्योकि ज्यादातर जब भी बिजली विभाग या अन्य जगह शिकायत के लिए फोन करो तो लाईने ही व्यस्त मिलती है…
भगवान जाने वाकई में व्यस्त होती है या … इसलिए ऑनलाईन साधन होगा तो हमे किसी का इंतजार करने की जरुरत नही पडेगी… !!
हर बार गांव गांव की बात करते हैं अरे भई अब तो शहरों का भी बहुत बुरा हाल है … गंदगी के ढेर, सडकों पर पानी खडा होना… आवारा विचरते पशु …और सडको पर नियम तोडती जनता … हम सभी को मिल कर पहल करनी पडेगी … अकेले न सरकार कुछ कर सकती है और ना ही हम बिना सरकार के कुछ कर सकते हैं..
जरुरत है जागरुकता जगाने की और उसके लिए ठोस कदम उठाने ही पडेगें अन्यथा …
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