पति पत्नी में अनबन – सुनो, मुझे माफ कर दो – पति पत्नी के प्यार और तकरार की एक कहानी है. सुनो, मुझे माफ कर दो … कहानी है रवि और माला की दोनो अच्छा कमाते हैं पर एक दिन किसी बात पर झग़डा बहुत बढ जाता है और फिर क्या होता है जानने के लिए पढनी पढेगी कहानी …सुनो, मुझे माफ कर दो
पति पत्नी में अनबन – सुनो, मुझे माफ कर दो
कुछ ऐसा हुआ रवि और माला के साथ … शादी हुए साल भी नही हुआ था … रवि और माला की लव मैरिज थी और दोनों अपनी अपनी नौकरी में व्यस्त … शादी को कुछ समय बीता और छोटी मोटी कहासुनी उनकी भी होने लगी… ऑफिस से समय मिलता तो कई बार माला अपनी बडी दीदी को फोन मिला लेती और घंटों अपनी और रवि के बीच की सारी बातें डिस्कस करती.
एक दिन रवि के परिवार वालो की ओर से कोई बात उठी और बात ज्यादा ही बढ गई ..उस दिन दोनों मे झगडा हुआ और रवि बिना नाश्ता किए ही आफिस चला गया. माला भी मुंह बना कर एक ओर लेट गई और आफिस नही गई… तभी दीदी का फोन आ गया.. और गुस्से में वो रवि से हुई सारी बात बताने लगी …
दीदी का पारा भी बातें सुनकर चढने लगा कि रवि भी कैसा निकला ऐसा तो नही सोचा था … दीदी ने सारी बात मम्मी को बता दी और मम्मी तो हाय मेरी बेटी कह को दुख दे रहा है कह कर रोना शुरु कर दिया … और कुछ ही घंटे बाद माला के मम्मी, पापा और दीदी उसके पास उसके घर पर थे…
मम्मी ने तो रट लगा ली थी कि अब एक पल भी यहां नही रुकने देंगी क्योकि आज लडाई की है कल हाथ भी उठा सकता है … कुछ दिन दूर रहेगी तो शायद उसे अकल ठिकाने आ जाए … माला फोन मिलाने को हुई तो मम्मी और दीदी ने फोन काट दिया कि कोई जरुरत नही है फोन करके जाने की …
कुछ तो माला का गुस्सा और कुछ अपने परिवार वालो की बातों में आकर माला ने फैसला कर लिया कि वो अभी मम्मी के घर चली जाएगी ..खुद कमाती है तो किसी की धौंस किसलिए सुने…
उस समय तो वो अपनी मम्मी के घर आ गई पर जब शाम तक भी रवि का फोन नही आया … तो उसके दिल में और गुस्सा भर गया कि इतना अहंकार … जरा भी चिंता नही की … सारी जिंदगी ऐसे आदमी के साथ कैसे गुजारुंगी…
समय बीता और दो दिन भी हो गए… दो दिन कोई फोन नही आया और उधर दबाव में आकर माला ने तलाक के कागज भी साईन कर दिए.. पर उसके मन में एक ही बात चल रही थी कि अभी तक कोई फोन किसलिए नही आया … कहीं कोई बात … कोई दुर्धटना .. पर फिर उसने अपने सिर को झटक दिया…
इसी बीच वो वटसअप और फेसबुक चैक कर चुकी थी पर उसे भी दो दिन से नही देखा गया था .. जाने अंजाने उसका दिल घबराने लगा.. पर अपने आप को रिलेक्स करने के लिए वो नहाने चली गई … नहाते वक्त सोचने लगी कि वो ही ज्यादा रिएक्ट कर गई … क्या हो गया था अगर आपस में बात हो गई थी तो … आपस में छोटे मोटे झगडे तो चलते ही रहते हैं …
पता नही रवि का क्या हाल होगा … कही सुसाईड कर लिया हो तो … पता नही अंट शंट सोचती बाथरुम से बाहर निकली और सोचने लगी कि लडाई तो शादी से पहले भी होती थी और मनाना भी आता था पर आज अचानक क्या हुआ …आखिर किसलिए उसने इतना बढा कदम उठा लिया…
अचानक दरवाजे पर घंटी बजी. वो चौक कर उठ बैठी…. अरे … वो तो सो रही थी और ये सारा सपना चल रहा था… दरवाजे पर फिर से घंटी बजी और वो सपने की दुनिया से बाहर निकल कर दरवाजा खोलने के लिए बढी उसे याद आया सुबह जब रवि से झगडा हुआ और वो बिना नाश्ता किए ऑफिस चला गया तो वो भी चुपचाप सो गई थी और ये सारा सपना ही चल रहा था…
उसी सोच में उसने दरवाजा खोला … सामने देखा तो रवि खडा था हाथ में लाल गुलाब लिए जैसे वो पहले लाया करता था अपनी रुठी मालू को मनाने के लिए… उसने गुलाब माला की ओर बढाया और कुछ बोलने ही वाला था कि माला ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और बोली आई एम सॉरी … सुनो…. मुझे माफ कर दो … और दोनो नम आखॆं लिए गले लग गए…
नाश्ता करके अब रवि ऑफिस जा रहा था और पर अब चेहरे पर मुस्कान थी… माला ने छुट्टी ले रखी थी इसलिए अपने बालो का जूडा बनाती वो फैले हुए घर को समेट्ने में सहेजने में जुट गई…
तभी दीदी का फोन आया … वो सपने की सारी बात याद करके मुस्कुराने लगी और फोन उठाने पर दीदी से बोली कि आज छुट्टी का मन था इसलिए बस घर पर आराम कर रही हूं …
इतने में रवि का मैसेज आया कि वो ऑफिस पहुंच गया है आई लव यू और माला ने भी उसका जवाब थम्स अप करके दिया और फोन रखती हुई सोच रही थी कि अब वो समझदारी से काम लेगी और अपना घर संसार खूबसूरती से निखारेगी …
सार ये है कि बात बात को घर परिवार मे शिकायत के तौर पर करना सही नही है … जरा समझदार बनिए पति पत्नी का रिश्ता और निखारिए और अपने घर संसार की बगिया किसी की बातों में आकर नही बिखरने दे .. बहुत प्यारा है ये रिश्ता …
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