लडाई झगडे
दो दिन पहले भावना मिली. भावना हमेशा के लिए दिल्ली रहने चली जाएगी. असल मॆ, उसका अपने पति से लडाई झगडा चल रहा है. कारण इतना है कि वो नौकरी करना चाह्ती है जबकि पति चाह्ते हैं कि बेटा अभी छोटा है इसलिए अभी बच्चे पर पूरा ध्यान दे और घर सम्भाले.
घर पर रह कर जो भी काम करना चाहे कर सकती हैं नेट और वाई फाई की भी सारी सुविधाए घर पर थी. चाहे तो घर पर ही छोटा सा आफिस भी बना सकती है. कभी कोई रोक टोक नही थी. ये बात तो भावना भी मानती है पर ना जाने किसलिए अपने सातंवी क्लास में पढने वाले बेटे को छोड कर हमेशा के लिए जाना चाह रही है. इसी सिलसिले में मेरे पास भी आई थी. मैने भी उसे बहुत समझाया. जाने के बाद बच्चे पर क्या बीतेगी कौन करेगा उसकी देखभाल. इस बात का भी हवाला दिया. पर शायद वो मन बना चुकी थी. आज, अभी थोडी देर पहले वो घर पर आई और रोने लगी.
मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि आज उसने एक गाजियाबाद मे रहने वाले बच्चे की खबर पढी. बच्चे की मम्मी दुबई नौकरी करने चली गई थी. पति बीमार रहता और बच्चे अपनी नानी के घर रहते. वो बच्चा कक्षा नौं में पढता था. माता पिता के बिखराव से लडाई झगडे से बहुत दुखी था और अपने जन्मदिन से एक दिन पहले 13 साल के शानू ने वट्स अप पर अपना प्रोफाईल फोटो डाला और खुद को श्रधांजलि दी और फांसी लगा ली. बच्चा अपने माता पिता के अलगांव से बेहद दुखी था. उसे उस फांसी में अपना बच्चा नजर आया. वो ऐसा कभी नही होने देगी इसलिए उसने मन बना लिया है कि घर पर ही रह कर कोई काम शुरु करेगी पर बेटे की परवरिश पर पूरा ध्यान देगीं. इतने में भावना के पति भी आ गए.
मै चाय बनाने के बहाने वहां से बाहर चली गई. दोनों की बातचीत हुई और शायद दोनों ने एक दूसरे से माफी भी मांगी. हमने बिल्कुल चुपचाप चाय पी और जाते जाते एक बार फिर वो भावुक हो गई. मैने उसके गाल पर प्यार से चपत लगाई और बोली बस … वरना अब मैं भी रो दूंगी… दोनो अपने घर चले गए एक आशा के एक उम्मीद के साथ .. मुझे खुशी इस बात की हुई कि बेशक दर्दनाक खबर ही सही पर उसे पढ कर भावना का मन पसीज गया और एक और बच्चा मरने से बच गया.
वैसे आपसी लडाई झगडे में कई बार अहम इतना आगे आ जाता है कि हमारी आखों में पट्टी सी बंध जाती है और हमें कुछ नजर नही आता. जबकि ये फैसले बहुत सोच समझ कर लेने होते हैं.. इसलिए अगर आपके मन में या आपके किसी जानकार के मन में भी कुछ ऐसा चल रहा है तो उन्हें एक बार समझना और समझाना आपका फर्ज बनता है कोई भी कदम उठाने से पहले एक बार अपने मासूम बच्चे की ओर एक बार जरुर देख लेना कि आपके इस लडाई झगडे में मासूम क्या कसूर …थोडी सी समझदारी से काम लेने से बिखरता घर बच सकता है.
और फिर मैं भी उस खबर को गूगल सर्च करने लगी जिसमें बच्चे ने खुदकुशी की थी…!!
Student gives tribute himself on WhatsApp before committing suicide – Navbharat Times
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार देर रात जीटीबी हॉस्पिटल से पुलिस को सूचना मिली थी कि एक लड़के को मृत हालत में हॉस्पिटल लाया गया था, उसने फांसी लगाकर जान दी है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि मृतक लड़के का नाम शानू है। वह अपने बड़े भाई शिखर के साथ वैशाली, गाजियाबाद में रहने वाले अपने नाना-नानी के पास रहता था। वह वहीं के एक पब्लिक स्कूल में नौंवी क्लास मेंपढ़ता था, जबकि उसका भाई दसवीं क्लास में पढ़ता है। स्कूल में खेलते समय उसके पैर में फ्रैक्चर आ गया था। इस कारण वह 19 अगस्त को अपने बड़े भाई के साथ कबीर नगर गली नंबर-4 में रहने वाली अपनी मौसी के घर आया हुआ था।
पुलिस को यह भी पता चला कि शानू के पैरंट्स अलग-अलग रहते हैं। वह इस बात को लेकर भी परेशान रहता था। उसने इसका जिक्र वॉट्सऐप पर भी किया था। बताया जाता है कि उसकी मां पैसे कमाने के लिए दुबई चली गई। पिता अक्सर बीमार रहने लगे। लिहाजा वे दोनों भाई अपने नाना-नानी के पास रहने लगे। परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि शानू पढ़ाई में बहुत तेज था। Student gives tribute himself on WhatsApp before committing suicide – Navbharat Times
लडाई झगडे पर अगर आप भी अपना कोई अनुभव सांझा करना चाहे तो बताईएगा हो सकता है आपकी आप बीती सुनकर किसी की जिंदगी बदल जाए…