Monica Gupta

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September 9, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता पर सुविचार

 स्वच्छता पर सुविचार

(तस्वीर गूगल से साभार)

स्वच्छता पर सुविचार

भारत को स्वच्छ कैसे बनाए. स्वच्छता के बारे मे सर्वे भले ही कुछ हो पर इस बात में कोई दो राय नही कि स्वच्छता से खुशहाली आती है. स्वच्छता और स्वास्थ्य का एक दूसरे से सीधा सम्बंध है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री  ने एनएसएसओ यानि नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस ने एक रिपोर्ट जारी की. यह सर्वे  पिछले साल मई-जून में यह सर्वे किया थाजिसमें देश के 26 राज्यों के 3,788 गांव इसमें शामिल थे।

सर्वे के मुताबिक देश के सबसे स्वच्छ राज्य में सिक्किम नंबर पर है। साफ-सफाई में इस राज्य को सबसे ज्यादा 98.2 का स्कोर मिला। वहीं केरल 96.4 स्कोर के साथ दूसरी पोजिशन पर है। नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।

इस लिस्ट में मिजोरम का नंबर तीसरा है। इस राज्य ने 95.8 स्कोर बनाया है। वहीं, सबसे गंदे राज्यों में झारखंड नंबर वन है। एमपी 4th स्थान पर है।

स्वच्छता और सर्वे की रिपोर्ट भले ही कुछ भी कहे पर असल जिंदगी में स्वच्छता बदलाव  तो ला ही रहा है …

स्वच्छता पर सुविचार

स्वच्छता के बारे में लोगो के विचार

“ हमें हमारा गाँव स्वच्छ रखना चाहिए, यही हमारा कर्त्तव्य है।”

“ स्वच्छता हमारे जीवन का बहुत महत्वपूर्ण विषय है। स्वच्छता के बिना स्वच्छ समाज की कल्पना भी नही की जा सकती।”

इस अभियान ने हमारा जीवन ही बदल दिया।

“बेटी वही ब्याहेंगे,

शौचालय जहाँ बनवाऐंगे”

“ हमने समाज की सेवा करने के लिए दिल और दिमाग से गाँव को खुले में शौच से मुक्त्त करवाया है ताकि आने वाले पीढ़ी को सदियों से चली आ रही इस परम्परा की बीमारी न लगे। मेरा समाज साफ-सुथरा, स्वच्छ एवं उच्च शिक्षित समाज हो।”

 

“ ना जिले में, ना स्टेट में

सफाई सारे देश में”

स्वच्छता जिन्दाबाद

अभियान ने नई चेतना जगाई है। भविष्य में भी साफ-सफाई रखेंगें।

स्वच्छता ने हमें जीने का रास्ता दिखाया है।

मैनें ना सिर्फ अपने गाँव में बल्कि दूसरे गाँवों में भी स्वच्छता का महत्व समझते हुए स्वच्छता का संदेश दिया। बोलो, “जय स्वच्छता”

हमारा गाँव खुले में शौच से मुक्त से मुक्त हो गया है। आज सभी गाँव वालें खुशी से नाच-गा रहें हैं। इसमें सभी गाँव वासियों  का सहयोग रहा।

हमने बहुत लोगों को समझाया कि बाहर खेतों में शौच जाना ठीक नही। जब वो नही मानो तो हम उनके शौच पर मिट्टी ड़ालने लगे। आज उन्होनें घर में कुई खुदवा ली है।

सभी गाँव वाले चाहे सरपंच, पंच, स्कूली टीचर, बच्चें, बूढ़े, या फिर  महिलाएँ सभी ने  इस अभियान में योगदान दिया। आज हमारा गाँव सुंदर और पवित्र है।

पहले लोगों को बातों से समझाया। बातों से ना समझने पर हमने लोगों के पैर भी पकड़े। आज हमारा गाँव खुले में शौच से मुक्त्त हैं।

एक महिला ने तो कहा कि मैं तो खुले में शौच जाऊँगी। मैनें उसके आगे झोली फैला दी। इस बात को उसने इतना महसूस किया कि अगले ही उसने घर में कुई खुदवा ली।

नारे सुनकर लोगों में विशेष तरह का उत्साह आता है इसीलिए मैने नारे लगा-लगा कर लोगों को समझाया कि वो बाहर शौच न जाए

जब तक जिन्दगी रहेगी, तब तक हम समर्थन देंगें। हमारे बाद बच्चें भी इस अभियान को समर्थन देंगें।

पहले हम भी शौच के लिए बाहर जाते थे परेशानी भी होती थी। जब हमें इस अभियान का पता चला तो हमने उसी दिन से जाना बंद कर दिया और दूसरों को भी समझाने में जुट गए।

अगर हम सफाई की तरफ ध्यान देंगें तो हमारे बच्चें भी शिक्षा लेंगें। जिससे उनका आनेवाला कल स्वच्छ और उज्जवल होगा।

पहले हमें लगता था कि यह असम्भव है। पर ये तो सम्भव हो गया।

जिसने हमारी बात नहीं मानी और बाहर शौच के लिए गए, हम उन्ही के शौच पर मिट्टी ड़ाल कर आए। शर्म के मारे उनकी शौच ही बदल गई।

दूध में डाले चावल तो खीर बनती है

जो देश की सेवा करें उसकी तकदीर बनती है।

मैं सुबह-शाम निगरानी में जाती और पहरा देती। आज गाँव में पूर्णतया सफाई है क्योंकि लोगों ने हम बच्चों की बात को समझा। मैं चाहती हूँ

अब लौटेगा खोया गौरव, होगी सफाई चारों ओर

लोटा बंद, नाली बंद, कदम बढ़ेगे, प्रगति की ओर

जब मैं जय स्वच्छता के नारे लगाती हूँ तो मुझे बहुत ही  खुशी होती है,

मुझे खुशी है कि गाँव को स्वच्छ बनाने में मैं भी अपना योगदान दे सका और आगे भी ऐसे अभियानों में शामिल होने की इच्छा रखता हूँ।

स्वच्छ शरीर ही सब कामों का आधार हैै।

मेरे विचार से सरकार द्वारा चलाया गया अभियान एकदम सही है।

हमने इन बातों को गम्भीरता से लिया। आज हमारा गाँव निर्मल है।

धीरे-धीरे हमें स्वच्छता का महत्व समझ आ गया है।

 

इस अभियान के तहत गरीब तबके लोगों को जो आगे आने का मौका मिला है। हमने आगे आकर गाँव को स्वच्छता युक्त्त कर दिया है। यह हमारा आगे बढ़ने का सफलतापूर्ण कदम है।

स्वच्छता हैं जहाँ जिन्दगी है वहाँ।

स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है।

जब मैनें लोगों को बाहर शौच जाने से रोका तो वो मुझसे नाराज हुए पर बाद में वो मेरे साथ ही हो गए। और हमने मिल कर गाँव को स्वच्छ बना दिया।

सभी घरों में शौचालय होना चाहिए ताकि बाहर कोई व्यक्ति शौच के लिए ना जाए।

यह सरकार का अच्छा प्रयास है। गाँव में अनेक किस्म की बीमारियों से बचा जा सकता है। गाँव हरा-भरा और साफ-सुथरा है।

गाँव को पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त्त करना, लोगों को इसके लिए जागृत करना और गाँव में सफाई रखना ही अब मेरे जीवन का उदेश्य बन गया है।

सभी गाँव वासी- स्वच्छता हैं जहाँ जिन्दगी है वहाँ ।

मैं खुल्ले जान वालया नूँ समझाया के खुल्ले में जाने से बीमारियाँ लगती है।

मैनें सुबह उठकर निगरानी की और बाहर जाने वाली महिलाओं को समझाया। अपनी इज्जत का ज्ञान करवाया और आने वाली सम्सयाओं के बारे में बताया। आज मेरा गाँव साफ-सुथरा है।

हमें खुशी है कि हमारा गाँव साफ-सुथरा है। कोई भी खुले में शौच नही जाता।

गाँव की सफाई का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा असर पड़ेगा। हमं साफ- सुथरे माहौल में रहने की आदत पड़ेगी।

हमारा गाँव एक बार तो स्वच्छ हो गया है लेकिन हमें एक वचन लेना चाहिए कि सभी गाँव वासी भी आगे मिलकर गाँव को साफ-सुथरा रखें।

हमारे गाँव में जब से स्वच्छता कीे लहर चली है तब से हमारा गाँव बहुत स्वच्छ है।

मुझे अपने गाँव पर गर्व है।

हमारा गाँव पूरी तरह से खुल्ले में शौच से मुक्त्त है। चारों तरफ पूरी स्वच्छता हैं।

हमारे गाँव में इस अभियान के शुरू होने से गंदगी कम है। हम बीमारियों से सुरक्षित हैं।

मैं सुबह 5 बजे से 7ः30 बजे तक की फिरनी पर खड़ा हो जाता और गाँव की देख-रख करता। स्कूल की छुट्टी होते ही फिर काम शुरू कर देता।

स्वच्छता ही सबसे बड़ी धरोहर है। इसको हमें सम्भाल कर रखना है।

शीतल मन, नम्रता, सच्चाई व आपसी भाईचारे से कोई भी कार्य कठिन नही है।

“ हर दिल से है दोस्ती, ना किसी से बैर

हर वक्त मैं मांगू सारे जगत की खैर”

वैसे तो हमारा गाँव पहले भी साफ-सुथरा था। पर इस अभियान के बाद हम और ज्यादा जागरूक हो गए और स्वच्छता रखने लगे।

पहले गाँव का बहुत बुरा हाल था। पर आज हमारा गाँव बहुत सुंदर लग रहा है।

मैनें सुबह-शाम पहरा लगा कर गाँव को खुल्ले से शौच मुक्त्त करवाया है।

गाँव की महिलाओं ने मिल-जुल कर काम किया। आज हमने गाँव को चाँदी जैसा बना दिया। जय स्वच्छता।

हमने जिसे भी समझाया वो समझते चले गए। आज हमारा गाँव स्वच्छ है।

फाई की शुरूआत अपने ही घर से होती है। बस हमने वो किया

स्वच्छता अभियान से मेरी एक नई पहचान बनी है। मैने अपने भाई-बहनों के साथ मिलकर स्वच्छता की अलख जगाई है।

“मुझे गर्व है अपने गाँव पर” और चाहती हूँ कि और लोग भी अपना गाँव हमारे जैसा बना लें।

हमने सभी को प्रेम से समझाया। आज हम बहुत खुश है। यह स्वच्छता अभियान गाँव की भलाई के लिए ही है।

हाथ जोड़कर विनती की कि बाहर शौच नही जाना। घर में ही जाओ। आज हर गाँव साफ है।

गाँव के सभी लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया और आज साफ, स्वच्छ और निर्मल है।

इस अभियान से लोग जागरूक हो गए हैं। अपने-अपने घरों की सफाई रखने लगें हैं।

हमारा गाँव पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त्त है। गाँव की गलियाँ साफ-सुथरी हैं।

मैंने स्वच्छता अभियान में बहुत काम किया और गाँव को स्वच्छ कर दिखाया।

हम सबने मिलकर गाँव सुन्दर बना लिया जी।

आज हमारे गाँव में कोई बाहर शौच के लिए नही जाता। गाँव निर्मल है।

हमारा गाँव  बहुत ही साफ-सुथरा हैं। यहाँ के हर घर में शौचालय है। शौच के लिए कोई बाहर नही जाता।

मैने सुबह 5 बजे उठकर निगरानी की है और लोगों को समझाया है।

हमारा गाँव सबसे पीछे था। हमने कभी सपने मे भी नही सोचा था कि हमारा गाँव तरक्की कर सकता है। आज हमारा गाँव साफ-सुथरा है।

मेरेे पूरे परिवार ने स्वच्छता अभियान में बहुत योगदान दिया। पहले हम गुरूद्वारे जाते तो रास्ते में गंदगी मिलती थी। लेकिन अब सुधार है।

अच्छे विचार ही देश का विकास करते हैं इसीलिए देश के सभी नागरिक स्वस्थ और स्वच्छ बने

व्यवहार परिवर्तन से समाज और समुदाय में कोई भी परिवर्तन सम्भव है।

वैसे स्वच्छ्ता के बारे में आपकी राय क्या है .. जरुर बताईएगा !!!

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