जीवन में स्वच्छता का महत्व – Jeevan Mein Swachata Ka Mahatva – हमारे जीवन में स्वच्छता का महत्व कितना है या कौन कितनी सफाई रखता है इसका भी पता नही पर मैने आज स्वच्छता में बहुत बडा योगदान दिया.
जीवन में स्वच्छता का महत्व
अपने पर्स से कागज निकाल कर सडक पर नही फेंंका घर आकर डस्टबीन में ही फेंका. बस .. इतना ही … !! आप भी करके देखिए … स्वच्छता के साथ समाज सेवा भी हो जाएगी और आप दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन जाएगें…
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत – एक कहानी – ये भी एक पैमाना था स्वच्छता जानने का
हमारे जीवन में स्वच्छता का महत्व कितना है शायद कहानी पढ कर आपको समझ आ जाए. स्वच्छता पर एक कहानी बहुत समय पहले पढी थी. कहानी कुछ ऐसे थी कि एक राजा मुनादी करवाता है कि जो लडकी अपने घर से सबसे ज्यादा कूडा लाएगी उसकी शादी राजकुमार से करवा दी जाएगी …यकीनन आपको भी मेरी तरह ही अजीब लगा होगा … पूरी तो पढिए ..
तो वो मुनादी करवा देते हैं इस पर राजमहल में कूडे का अम्बार लग लाता है लडकियां भर भर कर कूडा लाती हैं उसी भीड में एक पतली दुबली सी लडकी भी एक मुठ्ठी कूडा लाती है .. जब राजा के सामने उसका नम्बर आता है तो सभी दरबारी हंसनें लगते हैं कि तेरा नम्बर कैसे आएगा जबकि यहां लडकियां भर भर के कूडा ला रही हैं … इस पर लडकी डरते डरते बताती है कि उसका घर हमेशा साफ रहता है जरा भी कूडा नही निकलता. ये कूडा वो पडोस के घर से मांग कर लाई है.. राजा और राजकुमार उससे इतने प्रभावित होते हैं कि उसकी शादी राजकुमार से हो जाती है … ये भी एक पैमाना था स्वच्छता जानने का …
कैसे आएगी स्वच्छता ???
जीवन में स्वच्छता का महत्व बहुत है पर अगर आज के सन्दर्भ में बात करें तो हैरानी है कि सडको पर स्वच्छता दिखाई देती नही और टीवी चैनलों सें स्वच्छता जाती नही दिखती. विज्ञापन भरे पडे हैं स्वच्छता पर अमिताभ बच्चन , सचिन तेंदुलकर, कंगना तो कभी ओलम्पिक पदक विजेता खिलाडी बढ चढ कर नजर आते हैं पर क्या वाकई में फायदा हो रहा है.??क्या नरेन्द्र मोदी जी का या हेमा मालिनी का झाडू लागना हमें आहत कर रहा है हमें झकोंर रहा है कि हम आगे बढे और उनके हाथों से झाडू लें और सफाई रखें. शायद नही बिल्कुल नही..
निसंदेह किसी प्रधान मंत्री को स्वच्छता के प्रति इतना खुल कर सामने आते मैने पहली बार देखा और सुना… !!!
आज मैने स्वच्छता अभियान में बहुत बडा योगदान दिया. मार्किट गई हाथ में एक पॉलीथीन था और मैने उसे सडक पर नही फेंका उसे पर्स में रख लिया और घर आकर उसे डस्टबीन में फेंका … और अपनी थीठ थपथपाई …
अगर आज आपने अपने पर्स से या बैग से कुछ निकाल कर सडक पर नही फेंका तो यकीन मानिए आपने आज स्वच्छता अभियान में बहुत बडा योगदान दिया है…
कैसे लाए स्वच्छता के प्रति लोगो में जागरुकता ..
जीवन में स्वच्छता का महत्व समझते हुए यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि कैसे आए स्वच्छता .
वैसे अगर सडकों पर जगह डस्टबीन हों और उसी के सामने खम्भों पर सीसीटीवी कैमरे लगें हों तो जागरुकता आ सकती है क्योकि जो सड्क पर कूडा कचरा फेंकें उस पर मोनिटर किया जा सकता है…
या फिर जगह जगह साईन बोर्ड लगाए जाए कि कचरा कूडे दान में ही डाले अन्यथा 100 रुपये फाईन जुर्माना हो सकता है.
या फिर जो व्यक्ति स्वच्छता अभियान में योगदान दे और बताए भी कि उसके क्या क्या किया और कैसे किया और अगर प्रधान मंत्री जी की तरफ से प्रशस्ति पत्र मिले तो उनसका मनोबल तो बढेगा ही दूसरे भी उसके देखा देखी आगे आएंगें
स्वच्छता अभियान में आपका जरा सा … जी बिल्कुल जरा सा… योगदान बहुत बदलाव ला सकता है… फिलहाल तो आज से सडक पर कागज फेंकना बंद कर दीजिए …
वैसे स्वच्छता हो या न हो से हमें क्या फर्क पडता है… हमें बहुत फर्क पडता है इसी बात को ध्यान में रखिए …
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