अंधविश्वास , महिलाएं हमारा समाज और विवादित बयान
बात बहुत ज्यादा पुरानी भी नही है जब महिलाओं को तीन दिन तक अपने ही घर मॆं अछूत की तरह रहना पडता था . वो रसोई घर नही जा सकती थी किसी पूजा व अन्य कार्य में शामिल नही हो सकती थी पर धीरे धीरे समय बदला … कुछ परिवार बदले पर कुछ परिवारों की मानसिकता नही बदली… उनके घर में अभी भी वही तीन दिन अशुद्द वाली मान्यता चली आ रही है…!!
कल मणि के घर उसकी रिश्तेदार आई हुई थी. उस समय खबर आ रही थी कि शनि मंदिर में महिलाओ का प्रवेश हुआ. मैने जब इस बात की खुशी जताई तो उनकी प्रतिक्रिया अच्छी नही थी. मुंह बनाकर बोली क्या होगा … भगवान भरोसे… मैं कुछ बोलने को हुई तो मणि ने मुझे चुप रहने का इशारा कर दिया. वो महिला जल्दी जाने को कहने लगी कि खाना भी बनाना है इस पर मणि ने कहा कि आपकी बहू भी है घर पर … इस पर वो बोली बहू को तीन दिन रसोई मे काम नही करना इसलिए उनका जाना जरुरी है और वो चली गई …
सदियो से चली आ रही परम्परा कि महिलाए वो तीन दिन रसोई नही जाएगी जैसी सोच बदलने मे अभी भी बहुत समय लगेगा भले ही महिलाओं ने मंदिर मे तेल चढा कर नई पहल की है पर घर घर में अभी भी मानसिकता बदलने में बहुत समय लगेगा … और आज शंकराचार्य का विवादित बयान आ गया और उन्होने सूखे के लिए साईं पूजा को जिम्मेदार ठहरा दिया है और इतना ही नही उन्होने यह भी कहा कि शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे … निशब्द !!
| Zee News Hindi
नई दिल्ली: द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र के लोग साईं बाबा की पूजा करते हैं और यह सूखा उसी की देन है।
वहीं शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर उन्होंने कहा कि अब महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा ‘साईं एक फकीर थे और वो अमंगलकारी थे..जो पूजा करने लायक नहीं हैं और जब उनकी पूजा होती है तब आपदा आती है। इन जगहों पर सूखा, बाढ़ और अकाल मौत होती हैं और महाराष्ट्र में यह सबकुछ हो रहा है। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं का प्रवेश भी दुर्भाग्य साबित होगा। शनि एक क्रूर ग्रह है और उसकी पूजा से महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे।’ read more at india.com
‘Women’s entry in Shani Shingapur temple will lead to rise in rape cases’
Worshipping Shani will bring ill luck to them and give rise to crimes against them like rape,” he told reporters in Haridwar on Sunday.
A 400-year-old ban on entry of women into the shrine’s core area was lifted by the temple trust last week following advocacy group Bhoomata Brigade’s agitation against gender bias and the Bombay High Court order upholding the equal rights to worship. read more at eenaduindia.com
हे भगवान … न जाने क्या होगा … फिलहाल टीवी पर बहस छिड गई है और दो गुट बन गए हैं कोई उन्हें सही बता रहा है कोई गलत …:roll:
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