अनसोशल होता सोशल मीडिया
पिछ्ले दिनों करण जौहर और फरदीन खान की खबर और फिर ब्लॉग पर उनकी प्रतिक्रिया पढने को मिली.सोशल नेट वर्किंग साईटस पर लोग जिस तरह से बोलते हैं मानो कुछ भी बोलने का लाईसैंस ही मिल गया हो …जिन के बारे मे बोला जाता है वो चुप इसलिए रहते हैं कि क्या बहस करना या चुप रहने में ही भलाई है पर इससे कुछ हल नही निकल रहा बल्कि हौंसले और ज्यादा बुलंद हो रहे हैं ..
पिछ्ले दिनो फिल्मी कलाकार फरदीन खान की तस्वीर दिखा कर, मोटा कह कर खूब मजाक उडाया गया … बुरा लगा पर अच्छा इस बात का लगा कि फरदीन खान ने लोगो को जवाब दिया और खुला पत्र लिखा कि मैं वजन बढने से आहत नही हूं खुश हूं और खुशी खुशी जी रहा हूं इसके साथ साथ उन्होने ऑनलाईन मजाक उडाए जाने के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील भी की
( तस्वीर गूगल से साभार)
Fardeen Khan: Then and Now – Navbharat Times
वही करण जौहर ने भी ब्लॉग़ पर लिखा कि उनकी सुबह की शुरुआत ही गे, छ्क्का, चुप कर जैसे शब्दों से होती है.. अब तो ये शब्द उनके फेवरेट बन गए हैं.. ये तीन गोल्डन शब्द बन गए हैं जिनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा उन पर ही किया जाता है …
karan johar says people sends vulgar messages to me – Navbharat Times
इस बात में कोई शक नही कि जिस तरह से सोशल मीडिया पर कोई किसी के खिलाफ कुछ भी बोल जाता है इस पर लगाम लगना बहुत जरुरी है … और ये तभी होगा जब आवाज बुलंद की जाए ताकि मुंह फट लोगो की जुबान पर लगाम लग सके …
अगर आप ये सोच रहे हो कि मैं किसी की हिमायत कर रही हूं तो वाकई सही नही है .. असल में दुख होता है जब इस तरह किसी का मजाक उडाया जाता है … उन्हें कितना बुरा लगता होगा … !!
अब समय चुप रहने का नही है बल्कि ऐसे टवीट पर अपनी आवाज एकजुट होकर बुलंद करने का है … मैं फरदीन खान और करण जौहर को बधाई देती हूं कि कम से कम उन्होने इस क्षेत्र में पहल तो की…
Leave a Reply