आम बनाम आम आदमी – क्लिक करें और सुनें व्यंग्य आम बनाम आम आदमी – मैंगो फैस्टिवल यानि आम का त्योहार. AAM की किस्में जैसे दशहरी , लगड़ा , केसर , अलफांसो , सफेदा …AAM – Mango. आम फलों का राजा यूं ही नहीं कहलाता है । ये भारत का राष्ट्रीय फल है। मीठे आम के स्वाद ,सुगंध और गुणों की बराबरी करना किसी भी. फल के लिए संभव नहीं है।
आम बनाम आम आदमी
कुछ दिन पहले अखबार मे पढा कि मैंगो फेस्टिवल चल रहा है. पढते-पढते अचानक हंसी आ गई. बुरा ना मानिएगा पर सच मे, आजकल , आम आदमी का ही त्योहार चल रहा है और उस त्योहार का नाम है ‘महंगाई’. कोई हाल है क्या. अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और ज्यादा गरीब. पर असली बैंड बज रहा है आम आदमी का. जिसकी हालत किसी भी तरह आम की विभिन्न किस्मो से अछूती नही है.
ऑडियो – व्यंग्य – आम बनाम आम आदमी
गर्मी का मौसम है और बहार आई हुई है आम की… सोचा आज इस बारे में ही क्यो न बात की जाए !! क्योकि आम ही आम आदमी की पहुंच से बाहर है इतना महंगा इतना महंगा है कि …. नही नही … इससे ज्यादा नही बताऊंगी इसके लिए आपको सुनना पडेगा एक मिनट और 55 सैकिंड ये व्यंग्य आम बनाम आम आदमी
सुनिए और बताईए कि कैसा लगा ??
आम बनाम आम आदमी – मैंगो फैस्टिवल यानि आम का त्योहार.
कुछ दिन पहले अखबार मे पढा कि मैंगो फेस्टिवल चल रहा है. पढते-पढते अचानक हंसी आ गई. बुरा ना मानिएगा पर सच मे, आजकल , आम आदमी का ही त्योहार चल रहा है और उस त्योहार का नाम है ‘महंगाई’. कोई हाल है क्या. अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और ज्यादा गरीब. पर असली बैंड बज रहा है आम आदमी का. जिसकी हालत किसी भी तरह आम की विभिन्न किस्मो से अछूती नही है.
महंगाई ने तो जनाब उसका अचार,चटनी और मुरब्बा बना कर रखा हुआ है. किसी मिक्सी मे गोल गोल घूमते शेक की तरह उसकी हालत हो गई है जिसे हर नेता या पैसे वाला बहुत तबियत से स्वाद ले लेकर पी रहा है. बेचारे का रंग आम की एक किस्म सफेदा की तरह् सफेद पड गया है मानो किसी ने सारा का सारा खून निचोड लिया हो. और अब तो ये हालत हो गई है कि वो सीधा चलना ही भूल गया है और लंगडा आम की तरह लगड़ा कर चल रहा है.
उफ ये आम आदमी !! ना जाने कितने सब्जबाग तोता परी सपने देखे होगे इसने भी. पर जिस तरह दशहरे मे रावण धू-धू करके चल जाता है ठीक वैसे ही उसके सपने भी दशहरी हो चले है और सब …
इससे भी बढ कर अब आम ही नही खा पा रहा आम आदमी. तो हुआ ना ये आम आदमी का त्योहार. इस त्योहार के लिए ना तो आपको कही टिकट लेना पडेगा और ना कही जाना पडेगा. नजर घुमा कर तो देखिए जनाब, मैंगो मैन फेस्टिवल ही फेस्टिवल दिखाई दे जाएगा जिसने आम आदमी की जिंदगी मे खटास ही खटास भर दी है.
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