गरम दल बनाम नरम दिल
गरम दल के नरम दिल बनने के बेशक बहुत कारण बताए जा रहे हों पर एक कारण बिहार में मिलने वाली हार और गठबंधन सरकार को मिलने वाली जीत माना जा रहा है.
वैसे संसद के शीत सत्र में जीएसटी समेत कई विधेयक पास करवाने हैं शायद इस कारण सरकार के सुर भी नरम पड़ गए हैं. वही प्रधानमंत्री मोदी जी ने लोकसभा में भी कहा – “लोकतंत्र में ज्यादा ताकत तब बनती है जब हम सहमति से चलें. सहमति नहीं बनने पर अल्पमत या बहुमत की बात आती है…. लेकिन यह अंतिम विकल्प होना चाहिए। जब सहमति बनाने के हमारे सारे प्रयास विफल हो जाएं।’
इस ओर प्रयास भी आरम्भ हो चुके हैं जिसका सकेंत मनमोहन सिंह जी और सोनिया जी को चाय पर बुलाना भी माना जा रहा है
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भीमराव अांबेडकर की 125वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता विषय पर दो दिन चली चर्चा का प्रधानमंत्री ने जवाब दिया। उन्होंने असहिष्णुता बढ़ने और संविधान बदलने के प्रयासों के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ‘यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि संविधान बदलने के बारे में सोचा जा रहा है। न कभी कोई संविधान बदलने के बारे में सोच सकता है और मैं समझता हूं कि कोई ऐसा सोचेगा तब वह आत्महत्या करेगा।’ शेष|पेज 5 पर असहिष्णुता से जुड़े आरोपों पर उन्होंने दोहराया कि “इस सरकार का एक ही धर्म है- इंडिया फर्स्ट। सरकार का एक ही धर्मग्रंथ है- भारत का संविधान। सर्व पंथ समभाव ही आइडिया ऑफ इंडिया है। देश संविधान के अनुसार चला है। आगे भी चलेगा। संविधान की पवित्रता बनाये रखना हम सबका दायित्व और जिम्मेदारी है, हमें अल्पसंख्यक-अल्पसंख्यक करने के बजाए सर्वसम्मति बनाने पर जोर देना चाहिए।’ अंबेडकर ने जीवनभर यातनाएं सही, लेकिन बदले की भावना नहीं आने दी: मोदी मोदी ने कहा- “डॉ. Read more…
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