फॉर्च्यून पत्रिका और अरविंद केजरीवाल
ये सम्मान अरविंद केजरीवाल जी को ऑड ईवन लागू करने के लिए मिला. देखा जाए तो जनता का उनके प्रति प्यार भी Odd Even ही रहा … कभी लोग उनसे प्यार करते कभी उनपर नाराज हो जाते … पर अरविंद जी झुके नही मुसीबतों का सामना करते चले गए … और एक मिसाल हैं एक प्रेरणा हैं … शायद इसलिए अरविंद जी के करोडों प्रशंसक हैं और मैं भी उनमे से एक हूं … !!
फॉर्च्यून पत्रिका और अरविंद केजरीवाल
फॉर्च्यून ने 50 नेताओं की लिस्ट में केजरीवाल जी 42वीं पायदान पर हैं . मैगजीन ने जनवरी में 15 दिन के लिए ऑड- ईवन फॉर्मूला लागू करने के लिए दिल्ली सरकार की सराहना की है.. यकीनन आपने गाँधी जी एक बात को साबित कर दिखाया “पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे.” तो आप भी उन्हें ignore करने दीजिये , हंसने दीजिये ,लड़ने दीजिये ,पर अंत में आप जीत जाइये . क्योंकि आप जीतने के लिए ही यहाँ हैं , हारने के लिए नहीं. ढेर सारी शुभकामनाएं !! मेरे बनाए आपके कुछ ऑड- ईवन कार्टून 😀
फार्च्यून की तीसरी सालाना ‘‘वर्ल्डस 50 ग्रेटेस्ट लीडर्स’’ की सूची में दुनियाभर से कारोबार, सरकार, परमार्थ कार्यों और कला के क्षेत्र की उन चुनिंदा हस्तियों को शामिल किया गया है, जो ‘‘दुनिया बदल रहे हैं और दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
फॉर्च्यून पत्रिका ने दुनिया के 50 महानतम नेताओं की अपनी सूची में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल किया है। केजरीवाल इस सूची में स्थान पाने वाले एकमात्र भारतीय नेता हैं.
पहला स्थान अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस को मिला है।
’’ आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल (47 साल) को 42वां स्थान मिला है और वह सूची में शामिल एकमात्र भारतीय नेता हैं।
पत्रिका ने केजरीवाल जी की सराहना करते हुए लिखा है, जब केजरीवाल ने धुंध से निपटने के लिए सम विषम योजना का खाका पेश किया तो कई लोगों ने संदेह जताया। नई दिल्ली को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया का सर्वाधिक प्रदूषित शहर कहा था। सम विषम योजना के तहत दिल्ली में सम और विषम नंबर की गाड़ियों को एक एक दिन के अंतर में सड़कों पर चलाया गया। फॉर्च्यून ने कहा, इस जनवरी में परियोजना के उल्लेखनीय नतीजे मिले। सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम हुई, पार्टिकुलेट वायु प्रूदूषण सांद्रण में 13 फीसदी की कमी आई और नागरिकों को सांस लेने के लिए साफ हवा मिली। पत्रिका ने कहा कि नेतृत्व का मतलब प्रजानायक होना या लोकप्रियता नहीं होता बल्कि दुनिया भर के लोगों द्वारा उस तरीके की तारीफ करना होता है, जिसके जरिये आप जीवन को बेहतर बनाते हैं।
Best Wishes Arvind ji 🙂
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