गूगल से साभार तस्वीर
भाषण देने की कला और स्मृति ईरानी
मेरी एक जानकार स्मृति ईरानी जी की प्रशंसा करते नही थक रही थी कि वाह क्या पटखनी दी है विपक्ष को… ये होता है दमदार तरीका अपनी बात रखने का … क्या आखों में चिगारियां थी…. क्या हाव भाव थे… वाह वाह !! है किसी मे इतना दम ..!!! जगह जगह उनकी प्रशंसा करते नही थक रही थी और यह भी बोल रही थी कि तेवर हो तो स्मृति जी जैसे हों नही तो न हो …!!
पर आज शाम को जरा उदास लगी…. बाद मे पता चला कि उनकी बडी बहू ने किसी बात पर वैसे ही तेवर दिखाए… उसी तरीके, उसी अंदाज से उनसे बात की … तो … तो….. तो … उन्हें नागवार गुजरा ….!!! और उन्होनें उसे टोक दिया कि खबरदार बहू… बात करने का तरीका होना चाहिए… जरा तमीज होनी चाहिए ये क्या कि हाथ हिला हिलाकर कर चिल्ला कर बोल रही हो … और ये अपनी आंखें किसी और को तरेर कर दिखाना …
जब इतनी डांट खाकर बहू की आखं नम हो गई तो बोली कि ये आसूं किसी और को दिखाना …. मैं पिघलने वाली नही …आज ….अब उनके सुर और तेवर बदल गए है …!!!
बदमिजाजी, बदतमीजी और भी न जाने क्या क्या उपमा दे डाली …. बहू को !!
IBN Khabar
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रोहित वेमुला और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) मुद्दे पर संसद में जोरदार ढंग से सरकार का पक्ष रखा। लोकसभा में ईरानी का जोशिले शब्दों से भरा हुआ उत्साहवर्धक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ईरानी का नाम फेसबुक और ट्विटर पर छा गया। ईरानी का 48 मिनट का भाषण तीव्र था और नाटकीय भावों से भरा हुआ भी था। देशभर में इस भाषण की तारीफ हो रही है। इससे बीजेपी को विपक्ष पर बढ़त भी मिली है लेकिन क्या इससे ईरानी के भाषण की कमियां या यूं कहें गलतियां छुप जाती हैं? ये एक बड़ा सवाल है जो इस वीडियो के साथ हर तरफ कौंध रहा है। read more at ibnlive.com
समझ से बाहर है कि ये सब आज समाज में हो क्या रहा है और होगा क्या ???
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