अपने आप को कभी कम मत आंकिए – एक प्रेरक कहानी – जिंदगी में कई बार ऐसे अक्सर आते हैं जब हम अपने आपको कम आंकने लगते हैं और कहते हैं कि हमारी कोई वैल्यू नही … पर ये सही नही है … अपनी कद्र करना सीखिए … एक प्रेरक कहानी
प्रेरक लघु कहानी – अपने आपको कम नही आंकों
मेरी एक जानकार का बेटा पेपर में नकल करते हुए पकडा गया… जिससे वो बहुत उदास हो गया उसे स्कूल जाने में, दूसरो का सामना करने में शर्म आने लगी कि क्या कहेंगें… दुनिया में कितने लोग हैं कोई न कोई काम करते हुए गलती हर एक से होती है और होनी भी चाहिए नही तो सीखेगें कैसे पर गलती होने पर अपने आप को बंद कर लेना अपने आपको कोसना जरा भी सही नही है… जरुरी है कि गलती से सबक लें और वो गलती न दोहराएं … पर अपनी वैल्यू कम आंकना सही नही है…
प्रेरक लघु कहानी – अपने आपको कम नही आंकों
एक प्रेरक लघु कहानी –
… चलिए अपनी बात समझाने के लिए मैं आपको एक कहानी सुनाती हूं ये मैने बहुत समय पहले पढी थी … एक सेमीनार हो रहा होता है वहां जो स्पीकर हैं उनके हाथ में 100 रुपए होते हैं वो उसे लहरा कर पूछते हैं कि कौन लेना चाहेगा ,… कृपया अपने हाथ ऊपर कर ले| वहां पर मौजूद सभा में सभी लोगो में अपने हाथ ऊपर उठा लिए|
फिर वो कहते हैं कि ओके एक मिनट फिर वो नोट को मरोड़ना शुरु कर देते हैं जिससे एक साफ सुथरे प्लेन से नोट में सलवट पडनी शुरु हो हाती है… वो फिर उसी नोट को हवा में लहरा कर पूछते हैं कि अब कौन लेगा … फिर से सभी लोगों में अपने हाथ ऊपर कर लिए| फिर स्पीकर बोलते हैं अच्छा एक मिनट और फिर उस नोट को जमीन पर गिरा कर उसे पैर से दबाने लगते हैं और फिर हाथ में लेकर हवा में लहराते हैं कि अब बताईए नोट कौन लेगा … “क्या अब भी इस नोट को कोई लेना पसंद करेगा?”
देखते ही देखे एक बार फिर से सभी लोगों ने अपने हाथ ऊपर उठा लिए| उस समय स्पीकर कहते हैं कि आपको सबक मिला … सब हैरान की इसमे क्या सबक था … तो वो बताते है कि हमारी वेल्यू इस सौ रुपये की नोट की तरह है… जैसे जिंदगी में अपस डाउन आते हैं … हम गंदे भी हो जाते है जैसा नोट हुआ पर उसकी वेल्यू तो कम नही हुई ना … जितने हाथ पहले खडे थे उतने ही बाद में खडे हुए
कुछ लोग अपनी हार से डर कर अपने आप को बहुत छोटा महसूस करने लगते है उन्हें अपनी ताकत को पहचानना चाहिए. यही सीख मिलती है कि हमारे साथ किसी भी तरह की परिस्थिति क्यों ना आ जाये| हमें अपनी कीमत, अपनी लग्न और मेहनत पर विश्वास होना चाहिए|
तो उदास होकर बैठने की बजाय हंसना मुस्कुराना चाहिए जैसे जैकी चैंग की मूवी के अंत में में गलतियां दिखाते हैंं और सभी एंंजावय करते हैं बिल्कुल वैसे ही
जो हो गया सो हो गया / जो खो गया सो खो गया/ जो खोट थी वो गल गई जो शेष है वो स्वर्ण है…
, prerak laghu katha
कद्र करना , वैल्यू करना सीखें , अपनी वैल्यू करना सीखिए,
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प्रेरक लघु कहानी – अपने आपको कम नही आंकों के बारे में आपके क्या विचार हैं … ???
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