Competitive Exams और बच्चों की मेहनत- IIT HSEE 2017 – हर बच्चे का और माता पिता का सपना होता है कि बच्चा जिस Competitive Exams को दें उसमें अच्छे अंक मिलें . इसमें दोनों की मेहनत होती है बच्चों की भी और कोचिंग संस्थान की भी.
Competitive Exams और बच्चों की मेहनत
ये होते हैं बच्चें … पढने वाले बच्चे अलग ही होते हैं ये बात मैं इसलिए कह रही हूं कि आज कुछ ऐसा ही देखा … हरियाणा के हिसार में रहने वाले भावेश ख्यालिया की IIT HSEE 2017 All India Ranking 8 आई है जब मुझे पता चला तो मैने बात करनी चाही तो पता चला कि वो दो साल से अपने पास फोन नही रखते…..
आर्टिकल में देरी भी इसलिए हो गई कि उन्हें उनकी फोटो नही मिल रही थी … जहां हम जैसे लोग दिन भर सैल्फी लेते रहते हैं और मोबाईल तस्वीरों से भरा रहता है भावेश इन सबसे कोसो दूर है …
नतीजा कल देर शाम ही आया और भावेश को पूरे देश में 8 रैंक मिली … निसदेंह खुशी की बात है और गर्व की बात है माता पिता के लिए और उस संस्था के लिए जहां से वो कोचिंग ले रहा हैं …
Cross & climb coaching संस्था के डायरेक्टर श्री आर के नारवाल भी बच्चों की शानदार उपलब्धि से बहुत खुश हैं श्री नारवाल career counselling में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं और उनका कहना है कि हम हर उस काम को कर सकते हैं जिसे हम करना चाहते हैं हर बच्चा इतिहास लिख सकता है अगर उसे सही दिशा मिले …
वही भावेश ख्यालिया के मम्मी पापा दोनों ही शिक्षा के क्षेत्र से जुडे हैं पापा श्री राजकुमार ख्यालिया हिसार Government College, Hisar में Sociology के Professor है और सरकारी स्कूल में मम्मी सुशीला ख्यालिया संस्कृत की टीचर हैं दोनों ही अपने बेटे की इस शानदार सफलता बेहद उत्साहित हैं और इसका पूरा श्रेय भावेश की मेहनत और उसे मिला सही मार्ग दर्शन को देते हैं उनका कहना है कि अगर इसे सही कोचिंग नही मिली होती तो शायद वो इतना अच्छा नही कर पाता …
उन्होनें विशेष धन्यवाद Cross & Climb को दिया जहां भावेश लगभग एक साल से पूरी तरह से तल्लीन होकर पढ रहा था…
जब भावेश ख्यालिया से बात हुई तो वो बिल्कुल सहजता से बोले कि अच्छा लग रहा है मेहनत की थी और सबसे ज्यादा योगदान कोचिंग का रहा … ना दिल्ली जाने की जरुरत हुई न कोटा … इतने अच्छे टीचर मिले कि जब भी जो भी मन में प्रश्न आया वो पूछा और तुरंत उसका जवाब मिल गया … भावेश ने बताया कि दिन में 4 से 5 घंटे पढाई करता और उसके इलावा कोचिंग क्लास में जाता था… अभी भी वो और भी competitive exams की तैयारी में जुटे थे …
जो मैं शुरु में बात कर रही थी कि पढने वाले बच्चे ये होते हैं मोबाईल से दूर … बस एक लक्ष्य निर्धारित किया और उसी में जुटे हैं कि जिंदगी में कुछ बन कर दिखाना है … हमारी ढेर सारी बधाई भावेश के परिवार को और कोचिंग संस्था को जो इतनी अच्छी सुविधाएं दे रहे हैं बच्चे अपने लक्ष्य को हासिल करने में समर्थ हो रहे हैं …
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