Communication Mistakes – ऐसे ना करें किसी से बात – बातचीत यानि एक दूसरे से Communicate करना भी एक कला है.. कुछ लोग तो बहुत अच्छे से बात करते हैं मन करता है इससे बात करते ही रहें वही कुछ लोग ऐसे होते हैं कि मन ही नहीं करता बात करने को… हम उनसे बात करने में कतराने लगते हैं ऐसी क्या वजह होती है क्या गलतियां होती हैं उनकी कि हम बात करना ही नहीं चाह्ते.. ये जानना इसलिए भी जरुरी है कि कहीं जाने अंजाने हम तो ऐसी गलती नहीं कर जाते…
Communication Mistakes
तो जो बहुत Common हैं जोकि आमतौर पर हम सभी कर जाते हैं वही 7 बातें बता रहे हूं..
1. हम सुनते ही नहीं.. बस खुद ही बोलते चले जाते हैं कोई बोल रहा है नहीं बोल रहा.. उन्हें कोई फर्क नहीं उन्हें बस खुद बोलना है.. और बोलने में मैं करके बात करनी.. मैं ये मैं वो.. मैंने ये किया , मैं ऐसा हूं… अपनी बात ही करनी है… !!
2. हमारी बॉडी लेंग्वेज – जब हम बात कर रहे हो तो अक्सर बॉडी लेंग्वेज बता देती है कि हम कैसा महसूस कर रहे हैं… मुहं बना लेंगें, माथे पर बल डाल लेंगें, सिर खुजलाने लगेंगें, उबासी लेने लगेंगें… सामने वाला साफ साफ समझ जाएगा.. कि मामला गडबड है..
- बात काटते हैं.. कोई बात कर रहा है तो उसकी बजाय सुनने के बीच में ही बात काट देंगें… और अपनी बात शुरु कर देंगें… तो सामने वाले की सुननी चाहिए…
या फिर जब सामने वाला बोल रहा है तो हां hmmm, uh, ok thik ठीक हां ..
या सामने वाला बात कर रहा है और हम मोबाइल पर लगे हैं या इधर उधर देख रहे हैं
बस इतना ही तो सामने वाला आराम से समझ सकता है कि उसे मेरी बातों में कोई इंटर्स्ट नहीं ले रहा…
- जब बोल रहे हैं तो अपनी भावनाओं पर काबू करना.. बहुत ज्यादा उत्तेजित होकर बोलना, चिल्लाते हुए बोलना या रोते हुए बोलना या हंसते हुए बोलना…
अच्छा फिर कई बार हमारा तरीका जैसे हम बहुत investigating होता है कब क्यू कहां करके बात करते हैं तो सामने वाला अ सहज हो जाता है ये क्या पुलिस की तरह बात कर रही हैं या सी आईडी की तरह बात कर रही हैं…
- सामने वाला जो बात कर रहा है assume कर लेना… उसका अंदाजा लगा लेना बिना बोले ही कि ये बोलने वाला है जैसा कि एक पति का फोन आता है पत्नी को कि आज रात 8 बजे… तो वो बीच में ही बात काट देती है.. मुझे पता है हर रोज की तरह ही लेट आओगे… आप ऐसा ही करते हो…
जबकि पति कह रहे थे कि आज रात 8 बजे तैयार रहना डिनर पर चलेंगे
या फिर पति सुबह के आफिस गए थके हारे घर आते हैं तो पत्नी का मुंह बना हुआ है.. पत्नी बजाय बताने के क्या हुआ सीधा यही पूछ्ती है कि तुम्हें तो पता ही होगा कि मेरा मुंह किसलिए बना हुआ है..
6. बहुत बार नेगेटिव बोल कर भी हम गलती कर देते हैं..
जैसा कि मैं अपनी सहेली को बोलू की तुमसे ये हो न्ही नहीं पाएगा.. मुझे पता है ये तुम कभी नहीं कर सकती… तो सामने वाला हमें कैसे पसंद करेगा..
7. बात कम करना और बहस ज्यादा करना…
और बात ऐसे करना जैसा कि जो सामने वाला है इसमे तो जरा भी अक्ल नहीं है, समझ ही नहीं है… बस मैं ही सबसे समझदार हू मतलब सामने वाले को कुछ नहीं समझना.. और उसे दबाने की कोशिश करना… नीचा दिखाने की कोशिश करना
बोलना सीखने में तो हमें तीन चार साल लग जाते हैं पर क्या बोलना है कब बोलना है इसे सीखने में पूरी जिंदगी लग जाती है… कम बोलिए काम का बोलिए..
जब भी बोलिए वक्त पर बोलिए, मुद्दतों सोचिए मुख़्तसर बोलिए….
Communication Mistakes
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