Time Management Tips for Students
आज मैं बात कर रही हूं Students से की वो Time Management कैसे कर सकते हैं…. असल में बहुत बिजी होते है हम Students.. कैसे की पढाई हैं, टेस्ट है ट्यूशन है, एक्स्ट्रा एक्टिविटी है, और फिर सोशल एक्टिविटी दोस्तों के साथ भी तो समय बिताना है क्या क्या करें और कैसे… इसके बारे में मैं सिर्फ 5 बातें ही बता रही हूं
- अपनी डेकी रुटीन सेट होनी चाहिए – जिसमे पहली घर और दूसरी स्कूल की.
हमारा हर चीज का टाईम फिक्स होना चाहिए… जैसा कि कितने बजे सोना है कितने बजे उठना है कितने बजे नाश्ता लेना है कितने बजे स्कूल जाना है कितने बजे वापिस आना है. हमारा दिन कैसी बीतेगा ये निर्भर करता है हमारी नींद पर तो यानि नींद अच्छी हो… दिन बेहतर और खूब एक्टिव बने इसके लिए अच्छी नींद बहुत जरुरी है… उसी के साथ साथ हमारी डाईट पौष्टिक हो, हम जंक खाने में विश्वास रखते हैं या फिर स्किप भी बहुत बार कर देते है कि जोकि गलत है और फिर हमारी sitting बहुत हो जाती है… पढ रहे है तो तीन तीन घंटे लगातर बैठे ही हुए है तो सुबह शाम कसरत जरुर करनी है…
स्कूल में भी हमें क्लास में ध्यान से बैठना होगा, आगे बैठना होगा. टीचर की ध्यान से सुननी होगी जो नहीं आता होगा वो समझना होगा और नोट सोच समझ के बनाने होगें… कई बार हम क्लास ही स्किप कर देते हैं उसकी वजह से घर पर जब पढने बैठते हैं तो समझ ही नहीं आता.. टाईम ज्यादा लगता है तो अगर क्लास में ही ध्यान देंगें तो टाईम वेस्ट ही नहीं होगा..
2. फिर हमें हमारी प्राथमिकताए सेट करनी होगी – जो हमारे टास्क हैं या जो हमारा गोल्स है और उसे हिसाब से उसे लिख लेना चाहिए… वो चाहे हमारे long term हो या short term हो… जैसा कि हमारा ळॉग टर्म गोल है कि मुझे डॉक्टर बनना है या जज बनना है तो उसके लिए हमें ध्यान देना होगा हमारे शार्ट टर्म गोल पर जैसा कि उसे बनने के लिए मुझे एंटरेंस क्लीयर करना होगा जिसके लिए कोचिंग लेनी होगी, टयूशन लेनी होगी या खुद पढ़ना होगा…
3.जो हमें बनना है उसे एचिव करने के लिए जो भी करना है वो जरुर टाईम निकालना है चाहे कोचिंग लेनी होगी, टयूशन लेनी होगी या खुद पढ़ना होगा निकालना ही निकालना है उसके लिए तो डेली टाईम निकालना ही है 3 जो हमारे गोल्स हैं या टास्क हैं वो realistic हो.. ऐसे हो जो हम कर भी पाएं… ऐसा नहीं की हमने सोच तो लिया कि एक दिन में पांच पाठ लर्न कर लूंगा और हुआ एक भी नहीं… उससे फिर हमारा मनोबल कमजोर हो जाएगा तो करो उतना ही जितना कर पाओ…
और इसके लिए मल्टी टास्किंग नहीं होनी चाहिए… जैसा कि मुझे गिटार भी सीखना है, स्विमिंग भी सीखनी है… जैसा कि एक बच्चा है उसने स्विमिंग क्लास भी ज्वाईन कर रखी हैं फिर जाता है डॉंस क्लास में फिर जाता है टयूशन.. स्विमिंग के बाद वो बहुत थक जाता है फिर जाता गिटार क्लास में वो समझ ही नहीं आता और फिर ट्यूशन… सब साफ हो जाता है.. एक टाईम पर एक चीज पर ही पूरा फोकस रखना है उससे क्या होगा कि हम कुछ भी अच्छे से नहीं कर पाएगें… जिसका सबसे ज्यादा शौक है पहले उसमें समय लगाईए…
4. फिर हमें स्टिक्ट भी रहना है.. proper organized रहना है
पहली बात तो जो हमारी स्टडी टेबल है वो क्लीन हो.. उसमे कोई ऐसी चीज न रखी हो जिससे हमारा ध्यान बटे… जैसा कि मोबाईल या कोई मैगजीन फिर हमें ना कहना भी सीखना है… अगर दोस्त ऐसे टाईम पर आए हैं कि मेरा पढने का टाईम है तो मना कर देना सीख जाईए.. या फिर सोशल मीडिया पर भी एक लिमिट में ही समय लगाना है.. या टीवी या मोबाईल पर भी एक समय फिक्स होना चाहिए.. एक घंटा है उसमे जो भी अच्छा लगे वो करना है.. मेरी सहेली की बेटी है उसे सीरियल देखने का बहुत शौक है उसे यही प्रोब्लम रह्ती हैं कि टाईम बहुत वेस्ट होता है सीरियल तो महज 15 मिनट का ही होता है पर बहुर एड आती है तो मैंने उसे सुझाया कि रिकार्ड कर लो ताकि जब देखे वो इसे फास्ट फार्वड कर ले.. अब वो आराम से दो चीजे एक साथ देख लेती है… और समय भी बच जाता है…
5. फिर इसमे 5 पॉईंट आता है कि इस बात का भी ध्यान रखना है कि परफेक्श्निस्ट कोई नहीं होता… मान लीजिए हमने प्लानर बनाया पर उस पर स्टिक्ट नहीं रह पाए तो ये नहीं कि हम तो कभी कर ही नहीं पाएगे… जो कमी रह गई उसे हम वीक एंड पर भी पूरा कर सकते हैं खुद को कभी अंडर एसटीमेट नहीं करना… गलती से ही हम सबक लेते हैं पर जरुरी क्या है कि हमें मन में ठान लेना है… अपनी सोच पोजिटिव रखनी है और मजबूत बनाना है
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