Being Too Nice – क्या आप बहुत Nice हैं ? बहुत सीधे हैं??
Being too nice is our weakness not strength
अच्छे बनिए लेकिन अच्छाई को अपनी कमजोरी मत बनने दीजिए.. आमतौर पर हम यही तो बोलते हैं कि हमे nice होना चाहिए… पर क्या होता है कि बहुत बार बहुत ज्यादा Nice होने से लोग फायदा उठाने लगते हैं हमारे रिश्ते में खटास आनी शुरु हो जाती है.. हमारा नज़रिया जिंदगी के प्रति नेगेटिव होने लगता है… कई बार इस वजह से हम डिप्रेशन में भी चले जाते हैं जिंदगी जिंदगी नहीं रहती.. Life में कोई charm नहीं रहता..
तो क्या करें किन बातों का ख्याल रखें…
1 सबसे पहले तो ना कहना सीखिए.. अगर अपनी रिस्पेक्ट बनाए रखनी है तो ना कहना भी आना चाहिए… आमतौर पर हम हां कब करते हैं जब हमें किसी को खुश करना होता है या कोई चारा नहीं होता तब… अगर इसलिए ही हं कर रहे हैं तो ना कहना ही होगा… आपकी वेल्यू भी तभी होगी नहीं तो लोग तो उम्मीद रखते ही रहेंगें कि वो तो काम कर ही देते हैं और इस तरह से देखा देखी मतलबी लोग ज्यादा आने शुरु हो जाएगें
2 अगर हां करनी है तो किसे करनी है… उसी को हां करे जिसे आपको लगता है इसे सही में हैल्प चाहिए.. इसकी प्रोब्लम जैन्युअन है.. ये जरुरत मंद हैं आप कर सकते हो और करना भी चाह्ते हैं… अगर आप किसी का काम मन से कर रहे हैं अपने लिए खड़ा होना सीखना होगा.. अपने लिए स्टेंड लेना सीखना होगा… कई बार क्या होता है कि हमने तो किसी की मदद कर दी पर जब हमें जरुरत पडे तो कोई आगे नहीं आया… और हम किसी के लिए मदद किए ही जा रहे हैं तो ऐसे में लोग हमे डोमीनेट करना शुरु कर देते हैं हमें कमजोर समझना शुरु कर देते हैं… for granted लेते चले जाते हैं…
3 अपना डर खत्म करके कॉंफिडेंट बनना होगा.. कैसे ?? बहुत बार होता है कोई हमें बोले चला जा रहा है और हम कुछ नहीं बोल रहे यानि एवाईड कर रहे हैं कि चलो छोडो क्या बोलना.. अच्छा बनने की cost पर तो अपनी self respect होनी चाहिए.. गलत बात नहीं सुननी चाहिए… खुद की एक लक्ष्मण रेखा खींच लेनी चाहिए…
या फिर कई बार हम इसलिए भी डरते हैं कि ये हमें छोड न दें… इसलिए कोई गलत काम भी है हम जिसे ना चाहते हुए भी कर रहे हैं… तो मन में ठान लीजिए कि गलत काम तो करना ही नहीं है… बात बात पर सॉरी बोलते रहेंगें कि चलो बात खत्म हो और वो भी बिना गलती के तो अपना डर खत्म कीजिए
4. अपनी राय भी रखिए.. दूसरे की
हां में हां ही मत मिलाते रहिए… जैसे मान लीजिए शॉपिंग करने गए आपकी रिश्तेदार को एक साडी बहुत पसंद आई कि तुम पर बहुत अच्छी लगेगी तो आराम से अपनी राय दीजिए कि मेरे विचार से ये रंग ज्यादा चमकीला है और देख लेते है… इससे आपकी ही वेल्यू बढेगी नहीं तो सब यही सोचेगे कि ये तो कुछ बोलते नही कुछ भी दे दो… हमे बुद्दू नहीं बनना है…
5. Situation diplomatically handle करना है tactfully… कई बार हम अच्छा काम कर रहे होते हैं तो हमें ज्यादा काम दे दिया जाता है कि ये अच्छा कर रहे हैं इसे ये काम भी दे दो… हम मना कर नहीं पा रहे कि बॉस नाराज न हो जाए क्योंकि प्रोमोशन का भी चक्कर है या जो काम दे रहा है उससे रिश्ता ऐसा है कि नाराज नहीं कर सकते तो diplomatically handle करना है.. कभी कभार की बात हो तो दिक्कत नहीं पर वो काम दिए ही जा रहे हैं तो पूरी स्थिति का आंकलन करके ही tactfully हैंडल करना है. जैसा कि सास बोलती है तुम्हें खीर बनानी है और आपको पता है उसमें समय लगेगा तो आप बोल सकते हैं कि सोच रही हूं आपकी दवाई लानी है मार्किट से.. उसमें समय न लग जाए…
6. अपने लिए टाईम निकालना है… हमारी to do list होती है पर उसमे हमारे नहीं दूसरो के काम ज्यादा होते हैं और इस चक्कर में ओवर बर्डन भी हो जाते हैं तो अपने समय की वेल्यू कीजिए अपने लिए समय निकालिए.
7. अपने प्रति भी nice रहिए.. जैसाकि दूसरो के साथ रहते हैं ऐसा खुद के साथ रहिए… दूसरों को खुश करने में लगे रहते हैं ऐसा खुद को खुश रखिए… अपनी hobby बनाईए… कोई नई activity खुद के लिए शुरु कीजिए… लाईफ को interesting बनाईए…
देखिए सीधी सी बात है अगर सामने वाला भी nice है वो भी उतना ही caring है फिर तो हमें भी अच्छा ही बनना है नहीं तो हर किसी को खुश करना हमारी जिम्मेदारी नहीं हैं..
Being too nice is our weakness not strength
कई बार हमें अच्छा होने के लिए पछताना पडता है…
क्योंकि कई बार हम उन लोगो को अपनी जिंदगी में प्राथमिकता देते हैं जोकि उस लायक नहीं हैं.अच्छे रहिए..
अच्छे बनिए लेकिन अच्छाई को अपनी कमजोरी मत बनने दीजिए..
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