(बाल कहानी ) काम ही काम
मैं हूं गोलू। पता है अभी-अभी पांचवीं कक्षा में आया हूं। बाप रे….बहुत पढ़ार्इ है। स्कूल से वापिस आने के बाद बस…….पढ़ते रहो…….पढ़ते रहो……!! एक दिन बरसात बहुत तेज हो रही थी इसलिए मैं उस दिन स्कूल नहीं गया। उसी दिन हमारी टीचर ने गणित के दो पाठ पढ़ा दिए। अगले दिन स्कूल जाने पर पता चला तो बहुत दु:ख हुआ क्योंकि टीचर से पढ़े बिना गणित के पाठ को समझना बहुत कठिन था। मैं परेशान इसलिए हो गया था कि टीचर ने अगले दिन उसका टेस्ट लेना था। उधर पापा-मम्मी के साथ मुझे किसी अंकल की शादी में भी शामिल होना था। पर पढ़ार्इ की वजह से मैंने शादी में जाने सेे मना कर दिया क्योंकि मैंने मन ही मन ठान रखी थी कि वो सवाल तो मैं हल करके ही रहूंगा। मम्मी ने मुझे लालच दिया कि वहां फलूदा आर्इसक्रीम होगी, गोलगप्पे होंगे, पाव-भाजी होगी, पर मेरे मन में तो गणित के सवाल घूम रहे थे सो मैंने शादी में जाने से मना कर दिया।
मम्मी पहले तो मुझे साथ में जाने के लिए मनाती रही पर मेरे बार-बार मना करने पर तो गुस्सा ही हो गर्इ और गुस्से में बोली, ठीक है……..नहीं जाना तो मत जाओ। मम्मी दूसरे कमरे में तैयार होने लगी। पापा ने भी तैयार होना शुरू कर दिया। मैं सवाल हल करने में जुट गया। तभी मम्मी की आवाज आर्इ। वह बोल रही थी कि बार्इ आने वाली होगी। उसे कहना कि मेज के नीचे से अच्छी तरह झाडू लगाए। आजकल काम बहुत गंदा करने लगी है और ना ही उसका कोर्इ समय है आने का…..जब मन आता है चली आती है। ठीक है, मैंने कहा और फिर दुबारा सवाल हल करने लगा।
तभी फिर आवाज आर्इ कि शायद गैस वाला भी आ जाए। गैस चैक करके ही रखवाना। आजकल ये लोग गड़बड़ी बहुत करने लगे हैं। मैंने फिर आवाज देकर कहा, ठीक है, देख लूंगा। और फिर सिर खुजलाने लगा क्योंकि मैं सवाल हल नहीं कर पा रहा था।
इतने में मम्मी तैयार होकर आर्इ और कहने लगी कि तौलिया धूप में डाला है। अगर बरसात हो जाए तो अंदर ले आना। और हां, नीतू की मम्मी का फोन आएगा रेखा आंटी का नम्बर लेने के लिए। डायरी में आर के आगे उनका टेलिफोन नंबर लिखा है, बता देना।
पापा बाहर जाकर गाड़ी स्टार्ट करने लगे और मम्मी जाते-जाते मुझे हिदायत देने लगी कि टेलिविज़न बिल्कुल मत देखना। पढ़ार्इ के लिए घर रूके हो तो पढ़ार्इ ही करना, फिर थोड़ा-सा रूककर मम्मी बोली- Þशाम को पांच बजे कर्इ बार पानी इतना तेज आता है कि छत वाली टंकी से पानी गिरने लगता है। मोटर के पास वाल्व को उलटा घुमा देना, पानी गिरना बंद हो जाएगा। खाना और नमकीन रसोर्इ में रखा है, मन करे तो खा लेना।
मेरा सिर वैसे ही इतने काम सुनकर चकरा रहा था। मैंने मम्मी को आवाज देकर पूछा कि क्या वो पांच मिनट रूक सकती हैं क्योंकि अब मैंने भी उनके साथ शादी की पार्टी में जाने का मन बना लिया है। मम्मी बड़बड़ाती हुर्इ पापा को बताने चली गर्इ कि मैं भी साथ चल रहा हूं। मम्मी तैयार होने में मेरी मदद कर रही थी और गुस्से में बोल रही थी- जल्दी-जल्दी तैयार हो जाओ।
पर मैं मुस्कुरा रहा था क्योंकि बात सिर्फ दो-तीन घंटों की ही है। घर पर इतने कामों में तो मेरी पढ़ार्इ होने से रही। दो घंटों बाद वापिस आ ही जाएंगे तो आराम से कमरा बंद करके पढ़ार्इ कर लूंगा।
पापा ने गाड़ी स्टार्ट कर दी थी और मैं भाग कर मम्मी के साथ गाड़ी में बैठ गया।
कैसी लगी आपको मेरी कहानी जरुर बताईएगा 🙂