अंधविश्वास की कहानी भले ही रोचक लगे, मनोरंजक लगे सबसे ज्यादा टीआरपी बटोरे पर समाज के माथे पर बहुत बडा धब्बा है. इंटरनेट के जमाने में भी हम अन जाने किस दुनिया मे जी रहे हैं … फेसबुक पर एक पोस्ट पढ रही थी कि अगर इस पोस्ट को शेयर करोगें तो कृपा बरसेगी उसे देखते देखते अचानक मुझे एक खबर की याद आ गई जो कल ही पढी थी.
अंधविश्वास की कहानी – 13 साल की लडकी और 68 दिन का उपवास
क्या वाकई उपवास रखने से मुनाफा होना शुरु हो जाता है ?? कैसे संत होते हैं और कैसे माता पिता … ???
अंधविश्वास की कहानी है हैदराबाद से जब एक संत के कहने पर एक 13 साल की लडकी 68 दिन के उपवास पर इसलिए बैठी ताकि उसके पिता का बिजनेस सफल हो… बिजनेस सफल रहा या नही ये तो पता नही पर लडकी सदा के लिए दुनिया से चली गई…
सिकंदराबाद में 8वीं क्लास में पढने वाली आराधना की उपवास तोडऩे के कुछ समय बाद मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक चेन्नई के एक संत ने आराधना के पेरेंट्स को सलाह दी थी कि अगर उनकी बेटी 4 महीने उपवास कर ले तो उनके बिजनेस में फायदा होगा.
लेकिन लंबा उपवास तोडऩे के बाद आराधना बेहोश होकर नीचे गिर गई थी और कोमा में चली गई. उसे तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया…
किसका कुसूर है .. संत का या माता पिता का या पैसे के लालच का या फिर हमारे अंधविश्वास का… क्या सबक लेंगें हम या ऐसे हादसे होते ही रहेंगें…
अंधविश्वास या आस्था
अंधविश्वास या आस्था थोडी देर पहले मैं अपनी सहेली मणि से बात कर रही थी कि अचानक उसकी हथेली मे खारिश होने लगी. वो परेशान हो गई और मैं read more at monicagupta.info
क्या ऐसी धटना से हम सबक लेंगें या ऐसी धटनाए अंधविश्वास की कहानियों के रुप में समाज में चलती रहेंगीं …
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