बाल साहित्य में लिखी बच्चों की छोटी कहानियां प्रेरक होती हैं मनोरंजक होती हैं और कई बार सीख भी दे जाती हैं. मैने बच्चों की बहुत कहानियां लिखी है और बडा मजा आता है जब बच्चा बन कर बच्चों की कहानी लिखती हूं… दीदी की चिठ्ठी के माध्यम से भी कई बार बडी बात जल्दी से समझाई जा सकती है …
दीदी की चिठ्ठी
बच्चों की छोटी कहानियां दीदी की चिठ्ठी के माध्यम से बहुत अच्छी तरह समझाई जा सकती है… दैनिक नवज्योति, जयपुर से हर रविवार “दीदी की चिठ्ठी”
बच्चों की छोटी कहानियां- दीदी की चिठ्ठी
बच्चों की छोटी कहानियां मैं नियमित स्तम्भ दीदी की चिठ्ठी में लिखती रही हूं और बच्चों की प्रतिक्रिया जब मिलती और यकीन मानिए और भी ज्यादा खुशी होती …
हैलो नन्हें दोस्तों
आप सब कैसे हो? पिछ्ले रविवार जब मैं नोनू के घर गई तो वो अपनी मम्मी के साथ छोटे छोटे काम में मदद करवा रहा था. देख कर बहुत अच्छा लगा क्योकि अक्सर बच्चे घर पर मदद करवाते नही है. बातों बातों में उसने और उसकी मम्मी ने बताया कि पहले ऐसा कुछ नही था.
पहले नोनू जरा भी मदद नही करवाता था. एक दिन रविवार की सुबह नोनू को नींद नही आ रही थी पर वो बिस्तर से भी नही उठना चाह रहा था वो आधी आखॆं बंद किए जानबूझ कर लेटा रहा और यह देखता रहा कि मम्मी तो एक मिनट के लिए भी नही बैठी.
कभी रसोई तो कभी सफाई कभी कपडे धोना तो कभी कोई मेहमान आए हैं उनकी देखभाल. कभी कपडे प्रैस तो कभी सब्जी भाजी बनाना. नोनू बता रहा था वो उस दिन एक घंटा बिना किसी वजह के ही लेटा रहा पर मम्मी के लगातार काम को देख देख कर थक गया. उस दिन उसने खुद से वायदा किया कि वो जब भी घर में होगा छोटे छोटे कामों में मम्मी की मदद करेगा.
सच सुन कर बहुत अच्छा लगा. वैसे दोस्तों अगर आप भी होमवर्क यानि घर के काम में मम्मी की मदद करते हो तो आपको शाबाश है और अगर नही करते तो जरुर करनी चाहिए.
यकीन मानिए घर पर आपके साथ साथ सभी को बहुत अच्छा लगेगा और नोनू की तरह मैं आपका भी सभी को उदाहरण दे कर बताऊगीं. वादा !!! पक्का वादा!!!
आपकी दीदी
मोनिका गुप्ता
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