कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती – कुछ करिए- koshish karne walon ki kabhi haar nahi हम हर उस काम को कर सकते हैं जिसे हम वाकई में करना चाहते हैं चक दे .. चक दे इंडिया का गाना सुना है कि कुछ करिए … कुछ करिए नस नस मेरी खोले, हाय कुछ करिए-2 रोगंटे खडे हो जाते हैं और एक मोटिवेशन मिलती है हमें … पर कुछ लोग होते इसके उलट हैं … गाने को पसंद भी करते हैं कुछ करना भी चाहते हैं पर करते नही …
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
एक मेरी जानकार पिछ्ले एक साल से तो मुझे ही कह रही है कि वो कुछ करना चाह रही है करुंगी करुगीं पर समय नही … पहले बच्चों की पढाई का बहाना फिर अपनी तबियत का और फिर घर में किसी की शादी का .. और जब देखो हमेशा फेसबुक पर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं … कभी को कमेंट कभी किसी को हैप्पी बर्थ डे … क्या उसके पास समय नही है …या वो करना ही नही चाह रही
एक और हैं मैसेज के माध्यम से मैंनें उन्हें सारी जानकारी दे कि मैंने कैसे किया … कैसे वीडियो बनाई वो बोलती हैं कि वो भी वीडियों बनाएगीं … यू टयूब पर कुकिंग सिखाएगी पर अभी तक एक भी विडियो रिकार्ड नही की पूछा तो बोली कि करुंगी फिर बोली कि पता नही लोग पसंद भी करेंगें या नही … अरे..
ये क्या बहाना है शुरुआत तो करो मंजिल मिलती चली जाएगी …असल में बात सिर्फ इतनी है कि हमें आसान जिंदगी की आदत हो गई है इसलिए न मेहनत करना चाहते न रिस्क लेना… इजी लगता है वटसअप पर, फेसबुक पर लाईक करना स्माईली बनाना, दूसरों को गुड मोर्निग बोलना फिर गुड नाईट तक पीछा करना , मैसेज का जवाब न आए तो रोंदू सा मुंह बना लेना बस … यही रह गई है हमारी जिंदगी … इसलिए पीछे रह जाते हैं कि इच्छा शक्ति नही होती … इच्छा शक्ति हो तो पता नही हम क्या से क्या कर जाएं …
आपने पढी होगी एक खबर एक भारतीय महिला अंशु ने एक ही हफ्ते में दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर नया इतिहास रच दिया . 5 बार चोटी पर जाने का रिकार्ड अपने नाम कर चुकी हैं. उनके दो बच्चे हैं वहीं आपने अरुणिमा सिन्हा का नाम सुना होगा …
एक रेल दुर्घटना में अपना पैर गंवा दिया था पर हौंसला देखिए कि 1 नकली टांग से माउंट एवरेस्ट जीत लिया. ये होती है इच्छा शक्ति ..
देखिए दो तरह के लोग होते हैं एक जो ऑटोग्राफ देते हैं और दूसरा जो लेते हैं अब अगर आप लेने वाले ही बन कर रहना चाह्ते हैं तो आपकी मर्जी … पर दुख होता है कि कितना पोटेशनल है आपने और बहानों की चारदीवारी में कैद करके रखा हुआ है… …
गाना
कुछ करिए नस नस मेरी खोले, हाय कुछ करिए-
कुछ करिए बस बस बड़ा बोले, अब कुछ करिए-
हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए, डूबे तरियें या मरिए –
चक दे हो चक दे इंडिया –
गुचो में गलिओं में, राशन की फलियों में
बैलों में बीजो में, ईदो में तीजों में
रेतों के दानो में, फिल्मों के गानो में
सड़को के गड्ढो में, बातों के अड्डो में
हुंकारा आज भर ले, दस बारह बार कर ले
रहना ना यार पीछे, कितना भी कोई खींचे
टस है ना मस है जी, ज़िद है तो ज़िद है जी
घिसना यूँ ही, पीसना यूँ ही, पिसना यूँ ही
बस करिए
कोई तो चल ज़िद्द फड़िए, डूबे तरियें या मरिए –
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