Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

what to do when someone insults you – क्या करें जब कोई अपमान करे

What to Do when Someone Insults You

what to do when someone insults you –  क्या करें जब कोई अपमान करे.. कोई insult करे तो कैसे रिएक्ट करना चाहिए…. जिस समय हम किसी का अपमान कर रहे होते है, ठीक उसी समय हम अपना सम्मान खो रहे होते है… आज मैं कुछ बातें बता रही हूं… पर बात बताने से पहले ये बताना चाह्ती हूं कि कोई  अपमान करता है तो किसलिए करता है..

what to do when someone insults you –  क्या करें जब कोई अपमान करे

कुछ बाते हैं होती है

पहली बात तो ये कि वो खुद ही हमेशा परेशान रहते हैं..

Jealous होती है.. जलते है.. जब अपमान करते हैं तो इसलिए कि वो चीज उनके पास नही.. खुद पा नही सके और किसी के पास है तो जल भुन जाते हैं…

फिर उसकी सोच insecurity असुरक्षा की भावना होती है वो खुद ही सुरक्षित महसूस नही करते.. इसलिए दूसरो को नीचा दिखाते है… उन्हें अच्छा महसूस होता है..

फिर aware सचेत  नही होते.. उन्हें समझ ही नही होती कि क्या सही क्या गलत है.. उनकी बात दूसरे को दुख पहुंचा सकती है…पूरी तरह से नेगेटिव लोग होते हैं…

अब बात आती है कि कैसे रिएक्ट करें…

रिमोट अपने पास रखें.. लोग अपमान करते हैं करे और हम दुखी हो जाते हैं लोग तारीफ करे और आप सुखी हो जाते हैं तो समझ लीजिए कि आपके सुख दुख  का रिमोट  लोगो के हाथ मेँ है…

यानि  शांत रहे… क्योकि जब कोई अपमानित करता है तो वो ये चाहता है कि दूसरा रिएक्ट करे.. दूसरा भी रोए चिल्लाए, गुस्सा हो… पर जब हम रिएक्ट ही नही करेंगें तो वो अपना सा मुंह लेकर रह जाएगा..

इग्नोर कर देना चाहिए..

ऐसा महसूस करवाना चाहिए कि मुझे कोई फर्क नही… इसे हम अलग अलग तरीके से कर सकते हैं…

या तो जहां ये बात हो रही है वहां से बाहर चले जाईए..

या हम कोई टॉपिक बदल सकते हैं.

सैंस ऑफ ह्यूमर का इस्तेमाल कर सकते हैं

जैसा कि मान लीजिए कि सास कह रही है बहू को कि बहुत मोटी होती जा रही है… तो बहू बोल सकती है कि क्य अकरु मांजी आप खाना ही इतना लजीज बनाती है कि मोटा होने के इलावा तो कोई ऑपशन ही नही है..

कोई जरुरत से ज्यादा अपमानित कर रहा है जाति, धर्म या gender,लिंग, disability के आधार पर ,मानसिक के साथ साथ शारीरिक रुप से भी.. तो आप रिपोर्ट कर सकते है… बार बार समझाने पर भी नही कोई समझ रहा तो आपको शिकायत कर देनी चाहिए..

फिर बात आती है कि जता भी दीजिए.. उस समय नही तो कुछ समय बाद अगले दिन या जब कुछ माहौल शांत हो कि आपने मुझे ऐसा बोला मुझे अच्छा नही लगा… ताकि उसे महसूस हो..

फिर बात आती है.. जोकि सबसे ज्यादा जरुरी है और वो है कि अपना ख्याल रखिए…

मजबूत बनिए..

कई बार हम कुछ कहते नही अपमान का घूंट पीते रहते हैं और अपनी सेहत खराब कर लेते हैं तो आपको खुद कमजोर नही पडने देना.. मजबूत रखना है… अपना मन बहलाने के लिए जो अच्छ अलगता है वो करिए.. अपना गुस्सा निकाल दीजिए.. इस पर भी वीडियो बनाई हुई है कि गुस्सा कैसे रिलीज करें…

खुद को बेहतर बनाईए…

अपने प्लस पोईट्स खोजिए.. strength को बाहर लाईए और एक उदाहरण बनिए… खुद को किसी क्रिएटिव काम में लगा लीजिए…

कोई अपमानित करे तो क्या करें..

जिस समय हम किसी का अपमान कर रहे होते है, ठीक उसी समय हम अपना सम्मान खो रहे होते है।

May 31, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Child Behavior Problems – बच्चों की परवरिश – Child Behavior Problems and Solutions – Monica Gupta

Child Behavior Problems

Child Behavior Problems – बच्चों की परवरिश – Child Behavior Problems and Solutions – Monica Gupta – Behavior Problems You Shouldn’t Ignore – अनदेखा न करें बच्चों की ये बातें…  Kids Problems – Parenting Tips – बच्चों की परवरिश कैसे करें – कल एक जानकार घर आई हुई थी.. उनकी चार साल की बेटी है.. जब हम बात कर रहे थे तो वो आई और दो बार कंघे पर हाथ रखा मम्मी के जैसा कुछ कहना चाह रही हो फिर मेरी जानकर ने मुझे क्षमा कीजिएगा  कहा और और बेटी से पूछा कि क्या बात है.. उसे टॉयलेट जाना था.. वो मुझे पूछ कर उसे लेकर चली गई..

Child Behavior Problems – बच्चों की परवरिश – Child Behavior Problems and Solutions

मुझे इतना अच्छा लगा देख कर कि सब इतना आसान भी होता है नही तो इसी बात पर मम्मी बेटे की लडाई शुरु हो जाए… बाद मे उसने बताया कि वो पहले अपनी बेटी को बहुत गुस्सा करती थी पर अब ऐसा नही करती.. बेटी को भी पूरी महत्ता देती है… उनके जाने के बाद मुझे लगा कि मुझे कुछ बातें शेयर करनी चाहिए कि जो बच्चे बिहेव करते है और पेरेंटस को Ignore अनदेखा नही करनी चाहिए पूरा ध्यान देना चाहिए.. पहला तो यही कि

1. जब बच्चे Interrupt करें… जब बच्चे बात करते हुए बीच में बोलें… आमतौर पर हम खुद ही गुस्सा हो जाते हैं  पहली बात तो बात सुनते ही नही… बच्चा पहले तो आराम से बोलता है फिर चिल्लाना शुरु कर देता है बच्चे को जब बात करनी है तो करनी ही है… तो क्या करना चाहिए

देखिए 3 या 4 साल का बच्चा तो ऐसा कर सकता है तो ऐसे में हमें बात करते करते रुक जाना चाहिए और दूसरे को Excuse me कह कर बच्चे से पूछना चाहिए.. और आराम से गुस्से से नही… और हम बच्चे को सीखा सकते हैं कि जब वो किसी से बात कर रहे हो और आपको कुछ कहना  हो तो आराम से आकर खडे हो जाओ और एक बार shoulder टच करो.. जैसे आपने कुछ कहना है… indicate करेगी  ये बात…  .छोटे बच्चे की बात तो तुरंत सुन सकते हैं पर बडे बच्चे को हम एक मिनट रुको भी बोल सकते हैं… एक बार ये आदत हो जाएगी तो long run में बहुत फायदा देगी..

2.जब बच्चा Disrespect करे तो… कहना नही मानें जिसे ऊठा कर फेंके.. तो बहुत बुरा लगता है.. एक दम से गुस्सा नही होना चाहिए.. बच्चे के एंगल से सोचना चाहिए कि वो ऐसा किसलिए कर रहा है…  बच्चे को शांत करवा कर उससे कारण जानिए फिर आराम से समझाईए कि ऐसा करना सही नही है.. कुछ नियम बने होने चाहिए और समझाईए कि उसमे ही रहना चाहिए… पर धमकी भी नही देनी और कभी कभार flexible भी रहना चाहिए… जब भी बच्चा आराम से बोले तो शाबाशी जरुर दें..

3. Lying सफेद झूठ बोलना एक भी एक कॉमल प्रोब्लम है.. कोई चीज गिर गई.. नही मैंने तो नही किया… मासूम होते है.. दीवार पर पैंसिल से लिख दिया फिर बोलेगें हमने तो नही किया… साफ साफ मना कर देते हैं… कोई शो पीस गिर कर टूट गया. बाथ रुम का नल खुला रह गया. टंकी का पानी खत्म हो गया..

तो ऐसे में ये सोचिए कि झूठ किसलिए बोला.. क्या हम भी तो कई बार झूठ नही बोलते.. डर था कि पिटाई हो सकती है… सजा मिलेगी… कुछ बच्चों को आसान भी लगता है यानि अच्छा लगता है  ऐसे में बच्चों को सीखाना चाहिए कि गलती मान लेनी चाहिए… झूठ बोलने के परिणाम बताईए… कुछ कहानी या उदाहरण देकर समझाईए.. और थोडा सब्र भी रखिए… खुद भी role model बनिए.. और जब बच्चा सच बोलना शुरु कर दे.. बात मान जाए.. तो शाबाशी भी दीजिए..

4.  मजाक उडाना.. अगर कोई छोटे कद का है कोई मोटा है तो मजाक उडाना.. उसके सामने भी हंसना और पीठ पीछे भी… इस बात पर तो कभी छूट नही देनी चाहि.. एकदम मना कर देना चाहिए..

पर मना करने से पहले पेरेंटस को खुद सोचना चाहिए कि बच्चा अगर मजाक उडा रहा है तो किसलिए… क्या वो घर का भी ऐसा माहौल देखता है ?

फिर ये भी देखना चाहिए कि उसकी संगत क्या है दोस्त कैसे हैं ?? बच्चे को उदाहरण देकर समझाईए कि अगर कोई हमारा मजाक बनाए तो कैसा लगेगा… समानानोभूति की भावना महसूस करना सीखाईए !! और अपने rules बना लेने चाहिए..  और बच्चे को समझाईए कि खुद तो मजाक बनाना ही नही है अगर कोई और बनाए तो उसे समझाए !!  !!

5. Too Much Screen Time बच्चे बहुत टीवी या मोबाईल करते है… तो ऐसे में उन्हें कुछ कहने से पहले सबसे पहले खुद को देखिए.. कही आप से आदत तो उनमे नही आई… अगर ऐसा है तो खुद को ठीक कीजिए और ऐसा नही है तो फिर टाईम फिक्स कीजिए.. फिर वो दिक्कत नही आएगी.. कभी कभी या वीक एंड पर बाहर भी घुमाने ले जाए डिजिटल डिटोक्स हो जाएगा..

बच्चों की साईकोलोजी को समझना चाहिए और फिर उसी हिसाब से रिएक्ट करना चाहिए…

बातें तो और भी हैं पर फिलहाल इतनी ही…

May 30, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Maintain Relationships – रिश्तों को कैसे संभालें – How to Handle Relationships – Monica Gupta

How to Maintain Relationships

How to Maintain Relationships – रिश्तों को कैसे संभालें – How to Handle Relationships – Monica Gupta – Good Relationship Tips In Hindi – Monica Gupta Videos – और वो खुशी खुशी रहने लगे.. कई बार हम कोई मूवी देख रहे होते हैं और तीन घंटे की मूवी में जब सारा तनाव, झगडा खत्म हो जाता है तो लिखा आता है… और वो खुशी खुशी रहने लगे… एक नई शुरुआत.. हैप्पी एंडिग… और हम स्माईल लेकर हॉल से निकलते हैं…

How to Maintain Relationships – रिश्तों को कैसे संभालें – How to Handle Relationships

हम सभी किसी न किसी से रिश्ते से जुडे हुए हैं पर कई बार रिश्ते में खटास भी आ जाती है और कडवाहट भी.. ये न हो.. रिश्ते खूबसूरत बने रहें और सभी एक दूसरे को प्यार करे इसके लिए जरुरी है रिश्तें को सम्भालना.. पर कैसे सम्भालें रिश्तें को… किन बातों का ख्याल रखें… वैसे तो बहुत सी बातें हैं पर मेरे हिसाब से जो बहुत जरुरी हैं… वो जरुरी 7 बातें बता रही हूं…

सबसे पहले तो अपना ख्याल रखिए... अगर हम दूसरो का ख्याल रखना चहते हैं तो अपना ख्याल रखना बहुत जरुरी है… एक परिवार में एक महिला खुद ही सुस्त और बीमार रहती है तो वो दूसरे का ख्याल कैसे रखेगी… अलग अलग तरीके से ख्याल रखा जा सकता है.. exercise खाने पीने का ख्याल रखना, अपने लिए समय निकालना.. कुल मिला कर खुद का ख्याल रखना है तभी हम दूसरो का ख्याल रख पाएगे..

हम जानते है कि जब हम हवाई यात्रा करते हैं तो announcement होती है कि in case of an emergency to put our own oxygen mask on before we help the person sitting next to us. बस यही सोच रखनी है…

2. रिश्तों के बारे में सचेत रहिए..

जैसे पौधे को हरा भरा रखने के लिए सही धूप , पानी खाद की जरुरत होती है वैसे ही रिश्तों को सहेजने के लिए भी प्यार, संयम, पॉजिटिविटी, समर्पण, विश्वास की जरुरत होती है… जहां कोई एक बात कम हुई वही.. कुम्हलाने लगते हैं… nurture  पालन ​​- पोषण करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए…

अक्सर लोग कहते हैं की  पैसा सम्भाल कर रखो  बुरे वक्त पर काम आयेगा
पर अक्सर लोग यह भूल जाते है कि
“रिश्ते सम्भाल कर रखे तो,  बुरा वक्त यूं ही गुजर जायेगा…

3.Grow Your Tolerance –

अपनी सहन शक्ति बढानी होगी… कोई परफेक्ट नही होता.. असल में, हम उम्मीद लगा कर बैठ जाते हैं.. अगर ये सोच ले कि कोई न कोई कमी हर किसी में होती है हम मे भी होगी तो दुखी नही होंगें.. अपनी एगो को एक तरफ रख कर अपनी Tolerance पॉवर बढानी होगी.. जितने हम सहन शील होंगें उतना ही खुशहाल परिवार होगा..

तर्क नर्क का द्वार है जहां समर्पण है वहां स्वर्ग है..एक परिवार था पांच पीढियों से चला आ रहा था.. एक बार राजा उस परिवार के पास जाते हैं कि आखिर राज क्या है.. तो वो सबसे बुजुर्ग से पूछते है तो वो काहज पैन मंगवाते हैं और कांपते हाथो से लिखते हैं सहन शीलता.. बस इसी बात को अपनाया.. एक मंत्र हो तो परिवार क्या पूरा देश एक हो कर रह सकता है..  

4. Respect

एक दूसरे का आदर करना – बिना आदर मान दिए हमें आदर मान नही मिल सकता इसलिए बहुत जरुरी है एक दूसरी की भावनाओ को समझना आदर मान देना.. एक दूसरे को सुनना..  सास अपनी इगो में, ननद अपनी इगो में जेठानी अपनी इगो में… जैसे की सुनना, कोई गलती हो तो माफी मांगना, किसी ने गलत कह दिया तो माफ कर देना… अच्छे बन कर रहना, बात सुनना भी रिस्पेक्ट में ही आता है.. वही पति पत्नी का भी यही हाल देखने में आता है…

“uh uh” नही करना.. या काम कर रहे हैं और बस बोलते रहो.. आराम से सुनना.. बहुत परिवारों में देखा गया है कि पति पत्नी को समय नही देते.. बैठ कर बात नही करते… तो रिश्तें दरकने लगते हैं.. बहुत बातें होती हैं जो जाननी, सुननी जरुरी होती है.. इसलिए अगर रिश्तों को सम्भाल कर रखना है तो एक दूसरे को सुनना समझना बहुत जरुरी है..

रिश्ते-नाते कभी जिन्दगी के साथ-साथ नही चलते,
रिश्ते एक बार बनते हैं और फिर जिन्दगी रिश्तों
के साथ साथ चलती हैं…

5. Teamwork

परिवार एक तरह की टीम होती है जिसमे सभी को support भी करना है और contribute भी.. मान लीजिए एक परिवार में कुछ लोग खाने पर आ रहे हैं तो कितना अच्छा हो सब काम बांढ ले… नही तो सारा काम एक महिला को की करना है.. घर की सफाई करनी है.. बाजार से सब्जी ले कर आनी है. फिर खाना बनाना है फिर सर्व भी करना है… वही सभी के काम बांट लिया कि तो बोझ भी नही लगेगा और काम आराम से हो जाएगा…

या परिवार में एक व्यक्ति बीमार है.. सभी सदस्य उसके साथ समय निकाल रहे हैं… बात कर रहे हैं उसे एनकरेज कर रहे हैं कि जल्दी ठीक हो जाओगे और एक तरफ वो सारा दिन अकेला लेटा रहता है कोई हाल चाल पूछ्ने नही आता… तो क्या होगा.. वो और ज्यादा निराशा में चला जाएगा.. पूरी फैमली की स्पोर्ट मिले तो आत्मविश्वास आता है..

6. घर पर सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखना… सब घर के लोग एक साथ रहते हैं पर नेट पीछा नही छोडता.. शारीरिक रुप से आप वहांं है पर मानसिक रुप से नही… मम्मी बच्चे से पूछती है.. खाना लगा दू… कोई जवाब नही.. पति से एक महिला पूछ्ती है चाय ले आऊ.. इशारा कर देगा.. बस 5 मिनट काम कर लू..

किसी भी रिश्ते की सिलाई,
अगर भावनाओं से हुई हैं तो टूटना मुश्किल हैं
और अगर स्वार्थ से हुई हैं तो टिकना मुश्किल हैं…

साल बाद बेटा अपने बूढे माता पिता से मिलने जाता है उनके साथ फोटो लेता है सोशल मीडिया पर डालता है और सभी आए कमेंटस का जवाब देने में बिजी हो जाता है.. असल में बात करने की हाल चाल जानने की जरुरत नही… इससे दूरे.. समय फिक्स होगा कि खाने के समय नही .. बस बातें होगीं.. ना टीवी न नेट…

सबसे जरुरी बात है विश्वास … 

7. एक दूसरे को एप्रीशिएट कीजिए…

एक ने कुछ भी अच्छा किया तो तारीफ कीजिए… कुछ नही जाता.. बल्कि समने वाले का नजरिया ही बदल जाता है वो अति उत्साही हो जाता है… सास बहू की करे.. या देवरानी और जेठानी एक दूसरे की करें.. तो अच्छा लगता है… हम नाराजगी तो फटाक से जाहिर कर देते है पर जहां  तारीफ करने की बात आती हैं वहां ब्रेक लग जाता है… तो करनी चाहिए… एक दूसरे के लिए समय समय पर उपहार लाना चाहिए ताकि रिश्तें में नयापन रहे..

बातें तो जितनी कर लें पोईंटस तो जितने भी बना ले कम ही है.. सोच इस बात की है हम क्या सोचते हैं… अगर हम रिश्ते बना कर रखना चहते हैं तो एक ही बात बहुय्त है नही तो कित

एहसासों की नमी होना जरुरी है हर रिश्ते में…
रेत सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है…!!

 

May 28, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Release Anger – गुस्सा शांत कैसे करें – How to Release Your Anger – Monica Gupta

How to Release Anger – गुस्सा शांत कैसे करें – How to Release Your Anger –  गुस्से पर कैसे काबू पाए .. जब गुस्सा आए तो क्या करें… Tips To Control your Anger  – How To Handle A Bad Temper   –  जब बहुत गुस्सा आए तो क्या करना चाहिए… ना तेरी शान कम होती, न रुतबा घटा होता – जो गुस्से में कहा तूने …  वो हंस कर कहा होता…

How to Release Anger – गुस्सा शांत कैसे करें – How to Release Your Anger

कल मेरी एक सहेली घर आई हुई थी.. हम बातें कर रहे थे तभी मैने उसका हाथ देखा… जला हुआ सा लग रहा था .. मैनें पूछा कि क्या हुआ तो उसने बोला कुछ नही.. अरे कुछ नही क्या मतलब.. इतना सारा जला हुआ है .. हुआ क्या .. तब वो झेंपते हुए बोली कि उसी के गुस्से की वजह से ऐसा हुआ… यानि… उसने बताया कि कल उसे किसी बात का बहुत गुस्सा आ रहा था… और वो रसोई में खाना बनाने चली गई… दाल में छौंक  लगाना था… गुस्से में ध्यान दिया नही और  छौंक में दाल डालते समय तेज छींटा आया और हाथ जल गया.. 10 मिनट तो बस चुप चाप बैठ गई फिर कभी बर्फ लगाई कभी पानी के नीचे रखा.. फिर मन ही मन सोच लिया कि कुछ भी हो जाए गुस्से में काम नही करना…

 

कुछ देर बैठ कर वो चली गई पर मेरा ध्यान इसी बात में था कि जब बहुत गुस्सा आए तो क्या करना चाहिए…

Do Nothing When You Feel Angry टाईम आऊट – मी टाईम तो पहली बात तो यही है कि कुछ नही करें.. यानि कोई काम वाम… सब चीजो से दूर कर लीजिए कुछ देर के लिए क्योकि हम ऊठा पठक करेंगें नुकसान ही करेंगें जैसे मेरी सहेली खाना बनाने चली गई.. एक और जानकार ने बहुत पहले बताया था कि वो कपडे धोने लगी.. तब थापी से काम करते थे.. इतना गुस्सा उतारा उसने कपडों पर की बेचारे तार तार हो गए..  तो प्लीज कुछ देर कुछ नही करें..

2.  मन ही मन भगवान का नाम जिस भी भगवान को हम मानते हैं या जिन पर विश्वास हैं मन ही मन उन्हें याद कीजिए.. मन जरुर रिलेक्स होगा…

3.  जो हमारे बहुत करीब है उससे शेयर कर सकते हैं.. कोई न कोई बहुत करीब होता है हमारे उससे बात करेंगें तो मन का गुब्बार निकल जाएगा और हम हल्का महसूस करेंगें

4. हम अपना ध्यान भी वहां से हटा सकते हैं.. ऐसी बहुत सारी बातें हैं जब हमें गुस्सा आए तो हम कर सकते हैं जैसा कि कुछ हल्का फुल्का सा टीवी पर प्रोग्राम देखना, कॉमेडी जैसा, गाना सुन सकते हैं या फिर सो भी सकते हैं.

5.  लिखना भी बहुत फायदेमंद रहता है... लिखने से मन का गुस्स भी निकल जाता है और मन रिलेक्स भी हो जाता है मेरी एक जानकार हैं वो यही करती हैं जब बहुत सारा गुस्सा आता है तो लिख लेती है और लिखने के बाद फाड देती हैं… एक और उदाहरण में बताना चाहूंगी.. हमारे सर्किल मे ही है लेखिका हैं एक उन्होनें एक आत्म कथा लिखी और उनके परिवार वालो ने जितना उनके साथ गलत किया वो सब लिखा…ससुराल वालो के साथ.. उस समय मैंनें कुछ नही कहा क्योकि जब कोई गुस्से में हो दूसरे को शांत हो जाना चाहिए.. कुछ समय पहले वो फिर आई मेरे पास बोली कि क्या लिखना .. किसी के बारे में.. मैंने वो सारा कट कर दिया…  तो ये फर्क होता है लिखने का… नाराजगी दूर हो जाती है…

6.  bag punching कर सकते हैं. पर बैग तो हर घर मे नही होता पर तकिया होता है तो गुस्सा तकिए पर निकाल लेना चाहिए… या stress-relief toy भी मिलते हैं जिन्हें squeeze कर दीजिए दबा दीजिए उनका कोई नुकसान नही होता पर हमारा stress निकल जाता है. कुछ लोग पेड से गले लग कर जोर से चिल्लाते हैं तो भी सारा stress निकल जाता है… कई लोग बाहर निकल जाते हैं और बाहर पडे पत्थर को जोर से पैर से दबा देते है और उसे किक मार देते है जैसे सारा गुस्सा निकाल दिया..

7 . शांत – एक दम चुप हो जाते हैं.. कुछ लोग खुद से बात करते हैं कि नही तुम अच्छे हो.. बहुत अच्छे हो… गुस्सा नही करना… शांत हो जाओ.. कोई फायदा नही है .. रिलेक्स… खुद से ही बात करके नार्मल कर लेते हैं…

8.  नाराजगी से दया तक… माफ करना.. कुछ लोग गुस्से को ऐसे रिलीज करते हैं कि सामने वाले को माफ कर देते हैं… चलो कोई बात नही.. उसके एंगल से सोच कर… चलो हो गया… कोई बात नही .. जाने दो…

9.  कुछ लोग relaxation skills की Practice करते हैं…जैसे कसरत करते हैं, योगा करते हैं, मेडीटेशन करते हैं… लम्बी सास लेते हैं और मुंह से छोडते हैं इससे उन्हें रिलेक्स होता है  

 10.  इतना कुछ बताने पर भी कुछ फर्क नही हो रहा तो आपको किसी therapist  यानि चिकित्सक के पास जाना चाहिए.. इसमें सकोंच नही करना चाहिए… नही तो गडबड  हो जाएगी..

ना तेरी शान कम होती, न रुतबा घटा होता

जो गुस्से में कहा तूने …  वो हंस कर कहा होता…

How to Release Anger – गुस्सा शांत कैसे करें – How to Release Your Anger

May 27, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Share Your Thoughts and Feelings – #9 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences – Monica Gupta

Share Your Thoughts and Feelings – #9 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences – Monica Gupta – प्यार और विश्वास हो तो हमारी जिंदगी का नजरिया ही बदल देता है.. एक छोटा सा बच्चा अक्सर भगवान से मिलने की जिद किया करता था। उसे भगवान् के बारे में कुछ भी पता नही था बस मिलने की तमन्ना थी। मन था कि की एक समय की रोटी वो भगवान के सांथ खायेगा..
एक दिन उसने  बैग ने खाना  रखा और निकल गया..

Share Your Thoughts and Feelings – #9 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences

चलते चलते वो बहुत दूर निकल आया शाम होने वाली थी और उसे भूख लगने लगी…  एक जगह बैठ कर खाना खाने लगा.. जब वो खाना खा रह अथा  तभी उसने देखा एक बहुत बुजुर्ग महिला वहां आई और एल किनारे पर लाठी रख कर बैठ गई… वो लडका उठा उसे लगा कि शायद उन्हें भी भूख न लगी हो… वो गया उनके पास और बोला आप भी खा लो… बूढी अम्मा  ने रोटी ले ली , माता के झुर्रियों वाले चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी आ गई आँखों में ख़ुशी के आसूं भी थे…

अम्मा बहुत खुश थी। उसकी आखों में अलग ही चमक आ गई थी..  बच्चा भी बहुत खुश था। दोनों ने आपस में बहुत प्यार और स्नेह के पल बिताये।
अंधेरा होने लगा तो बच्चा उन्हें बाय बोल कर अपने घर की और चल पडा… बच्चा घर पहुंचा और अपनी मां को बताया कि मां आज मैंए भगवान के साथ खाना खाया और उनसे बत भी की… उंकी आखें बहुत प्यारी थी और चेहरे पर बहुत प्यारी मुस्कान भी थी पर भगवान बहुत बूढे हैं मां….. पर मैं आज बहुत खुश हूँ

उस तरफ बुजुर्ग माता भी जब अपने गांव  पहुंची तो गाव वाले इतना खुश देख कर हैरान …  तो किसी ने उनके इतने खुश होने का कारण पूछा?
माता बोलीं,,,,मैं 2 दिन से अकेली भूखी बैठी थी, ,मुझे पता था भगवान आएंगे और मुझे खाना खिलाएंगे।
आज भगवान् आए थे, उन्होंने मेरे सांथ बैठ के रोटी खाई मुझे भी बहुत प्यार से खिलाई, बहुत प्यार से मेरी और देखते थे, जाते समय मुझे गले भी लगाया,,भगवान बहुत ही मासूम हैं बच्चे की तरह दीखते हैं।
,,,,,,,,,,,।।।।।। ,,,,,,,, ये होता है प्यार और विश्वास … ऐसा ही प्यार और विश्वास मुझे आप सभी से मिला है… आप वीडियोज देखते हैं अपनी फीलिंग शेयर करते हैं तो मुझे भी ऐसी ही खुशी होती है जैसे उस बच्चे को हुई या बूढी अम्मा को हुई.. अगर आप मेरी वीडियोज नियमित देख रहे हैं तो मैं… मुझे कुछ कहना है मे आपके वो कमेंट लेती हू जो वाकई बहुत खूबसूरत होते हैं…

तो चलिए फटाफ़ट शुरु करती हूं पढना..

Mala जी ने  कैसे बनें एक अच्छी Housewife पर लिखा है…

Mam.. मेरी   mother in law’s mere husband se jyada mere Kareeb hai

 

Gagan Rathore –   एक प्रेरक कहानी – अहंकार नहीं करना चाहिए

कहानी तो हम नेट पर भी पढ सकते हैं लेकिन आप जिस लहजे से स्माईल के साथ समझाती हैं आपकी बातें दिल पर दस्तक देती हैं mam thanks

Yug Mishra Mishra

apne bhut achhi video bnai dee … बहुत कमी है अब मैं कोशिश करुंगी अपने लिए सुबह टाईम निकलने की

Safalta Sutra

आपका हर वीडियो किसी किताब के अध्याय की भांति सहेजे-सँवारे हुए बेशकीमती लगते हैं। शुभकामनाएं 💐

Poonam Poo1 day ago

g m mam kese ho aap aap ne shi bola bccho ko pyar cahiy hota h jb bhi m aapki viedos dekhti ho to mere bche bolte h कि आप देखती ही हो या आंटी की बात फ़ोलो भी करती हो.. जब भी उन पर गुस्सा या डांट देती हूं तो वो बोलते हैं फोन वाली आंटी ने क्या कहा है नो गुस्सा नो पिटाई तब मुझे हंसी आ जाती है..

Anshu Chahal

very nice video mam…मैं अपने आप को कमेंट करने से रोक नही पाई…….u have really very positive attitude towards life

Annu Tandon

एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए तो जीवन को खूबसूरत तरीके से जीया जा सकता है.. चाहे दुख हो या सुख

love you mam is video ke liye

Ankita Paladiya

Thank you mamमेरा और मेरे  husband का झगडा होता था..  ये video मुझे motivate kar rahi hai कि kaise good wife ban kar मैं अपने घर को और पति को सम्भाल सकूं  और aur gussa na karu और सारी बातें positive लूं  negative nahi.

Shivam Baste जी की तरफ से ये लिखा है अश्विन जी ने…

हमारी मां हमें बचपन मे छोड कर चली गई… मतलब वो हैं पर हमारे साथ नही.. और मेरे पापा को बेटा चाहिए था तो हमारी तरफ किसी ने भी ध्यान नही दिया.. हमारी जिंदगी बस एक कटपुतली की तरह थी.. न किसी का प्यार न मां न papa. और प्यार से कोई गले लगाने के लिए भी नही था तो बचपन से बस यही जिंदगी बीत गई.. पहले हमें अपनी जिंदगी जीने की इजाजत नही थी कोई हमे कुछ समझता ही नही था और वैसे ना कोई जीने देता था.. समय के साथ साथ सब बदल गया मेम पर जो मेरे ऊपर दवाब था उसकी वजह से मैं आगे बढ ही नही पा रही थी.. मेरे अंदर सिर्फ नेगेटिव थिंकिग़ thinking थी पर मेरी एक दोस्त है Vidya उन्होनें मुझे आपकी वीडियो देखने को कहा और आपने जैसे जादू की छ्डी घुमा कर मेरी हर  problem का solution diya really mam आप मे मेरे जैसी कितनी स्त्रियों  की जिदगी बदल दी होगी.. आपको जितना भी thanks बोलू वो बहुत कम ही है.. such Mai mam aap bahot acchi ho ऐसी ही rahna hamesha . thanks.

आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !! जीवन में बदलाव आते रहते हैं … देखिए बात कुछ समय पहले की है जब
अचानक कह दिया गया था कि आपके पास जो नोट हैं, वो नहीं चलेंगे… बदलने के लिए 50 दिन हैं। आप घबरा गए, और कोशिश करने लगे कि किसी भी तरह जल्द से जल्द आपके नोट बदल जाए…
ज़रा सोचिए एक दिन वो आनेवाला है जब आपसे कह दिया जाएगा कि आपके पास जो कुछ है, कुछ नहीं चलेगा। सिर्फ आपके कर्म ही चलेंगे… जिसे बदलने के लिए 1 सेकंड भी नही मिलेगा। तो सोचिये क्या होगा उस दिन आपका…

उस दिन के लिए वो जमा कर लो जो वहाँ चलेगा….

कल जा चुका है कल अभी आया नही ….हमारे पास केवल आज है.. तो चलिए आज ही से शुरुआत करते हैं..

Share Your Thoughts and Feelings

May 25, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Signs You Lack Self Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Lack of Self Confidence – Monica Gupta

Signs You Lack Self Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Lack of Self Confidence – Signs you lack Self Confidence – Confidence is the key to Success – Lack of Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Low Confidence कछुआ अपनी रफ्तार से नही एकनिष्ठा से जीता था…

Signs You Lack Self Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Lack of Self Confidence –

जिंदगी में हमारे सामने दो रास्ते होते हैं पहला भाग लो या भाग लो… यानि हिस्सा लो या भाग जाओ… जो भाग लेते हैं वो उनका कॉफिडेंस है और जो भाग जाते हैं डर जाते हैं उनमें कमी है आत्मविश्वास की… जिंदगी में आगे बढने के लिए आत्मविश्वास होना बहुत जरुरी है… पर कई बार वो हमारे पास नही होता… हमें लगता है कि है हमारे पास पर नही होता कैसे पता लगाए self confidence… बहुत सारे ऐसे signs हैं जिनसे हमें पता लगता है.. और ये बहुत जरुरी भी है.. तभी हम इम्प्रूव कर पाएगें.. हैं जिनसे हम पता लगा सकते हैं कि हम मे आत्मविश्वास है या नही… मैं आपको 10 बातें बता रही हूं ये वो बातें हैं जो हम अपने डेली लाईफ में देखते हैं… तो क्या है signs…

 

1. हम genuine compliments को हैंडल नही पाते… मान लीजिए मैं किसी को मिलती हूं और बोलती हूं अरे वाह आप की ड्रेस तो बहुत अच्छी लग रही है.. तो वो क्या बोलती है .. ये… अरे नही… ये तो बहुत पुरानी है… मेरा तो मन ही नही था इसे पहनने को… जबरदस्ती पहनी है… यानि वो स्वीकार नही करती… अगर वो बोल देती कि थंक्स या स्माईल देती तो सही था पर नही रिस्पांस दे रही थी.. ठीक से हैंडल नही पाई..

2. Compensate करते हैं यानि बात बात पर किसी कमी को पूरा करने का प्रयास करते हैं.. जैसे मान लीजिए मेरी एक सहेली है मुझे वो परेशान लग रही है और मैं पूछ लेती हूं कि क्या बात सब ठीक.. और वो बोलती है .. हां बिल्कुल ठीक है.. मुझे क्या परेशानी है.. मुझे कोई परेशानी हो ही नही सकती… तुम्हें लगा कैसे कि मुझे कोई परेशानी है.. यानि बात बात पर उस बात को बताना कि मुझे कोई परेशानी नही… मैं ठीक हूं.. मान नही रही.. जबकि हाव भाव दिखा रहे हैं…

3. Body language डरे सहमे से रहना हाथ बांध कर रखना.. दर्शाता है कि आत्मविश्वास की कमी है.. जैसे एक लडकी किसी ग्रुप मे बैठी है.. हाथ भीच रही है… नाखून चबा रही है. बोलते समय हकला रही है… कपडे ठीक कर रही है कोंशियस हो रही है..  ये क्या दर्शाता है.. बताने की भी जरुरत नही … देखते ही पता चल जाता है..

एक व्यक्ति स्टेज पर आता है.. नजरे नीची किए हुए घबराया सहमा… आ .. धीरे धीरे.. पता चल जाता है जो दर्शक हैं वो समझ जाते हैं कि ये नही बोल सकता… वही एक आता है हैलो दोस्तों कैसे हैं आप.. बैठे बैठे ही लोगो में एनर्जी आ जाएगी…

4 बार बार फोन चैक करना… बहुत बार हम देखते हैं किसी पार्टी में या कहीं कोई ग़ेट टू गेदर में… कुछ लोग जहां अपने दोस्तों के साथ बैठे बात कर रहे होते हैं तो कुछ अपने फोन के साथ लगे हुए होते हैं… शो कर रहे हैं कि बिजी हूं… असल में बिजी हैं नही बस दिखा रहे हैं बस किसी से बात नही करना चाहते एवाईड कर रहा है बात करने से डर रहे हैं इसलिए उसका सहारा ले लिया.. कुछ काम नही कर रहे.. यानि जहां आए हैं वहां ना किसी को देख रहे हैं ना बात कर रहे हैं… बस… लगे हुए हैं.. ये भी कहीं न कही दिखाता है कि confidence की कमी है…

5. over- analyse कर लेते हैं.. किसी ने कुछ कह दिया तो बहुत सोचते है… what people say to you  जैसे मान लीजिए एक महिला है वो हमेशा हंसती रहती है सबसे बाते करते हैं तो उसे एक दूसरी महिला बोल देती है कि आप तो हंसती बहुत हैं तो बस वो सोचने लग जाएगी कि शायद हंसना अच्छा नही….. उसने ऐसा किसलिए बोलना.. मुझे हंसना ही नही चाहिए.. या अब उसने अपनी बात को किस भी तरह से कहा हो पर वो over analyse कर लेते हैं..  मान लीजिए कोई बीमार हो गया और वो ये सोचने लगा सिर दर्द हो गया और वो सोचने लगा कि कहीं ब्रेन टयूमर ही न हो गया हो.. बहुत सोचते हैं… कि मुझे पता नही क्या हो गया.. कही ठीक भी हो पाऊंगा या नही..

 6. बहुत नेगेटिव होते है.. हर बात मे Negativity देख लेते है… मैं नही कर सकता.. मेरे बस का नही.. कोशिश ही नही करते.. शुरु में ही हार मान लेते हैं कि नही हो ही नही पाएगा.. सुबह जल्दी उठना है तो  तो मन में है कि मैं तो नही उठ सकती .. वजन कम करना है .. नही कर ही नही सकती… पहले ही नेगेटिव दिख रहे हैं अंदेशा दिख रहा है तो कैसे सफल होंगें…

 7. Shame And Need for Perfection दिखाना चाहते हैं.. हर चीज में अपनी परफेक्श्न दिखाना चाह्ते हैं पर जब उसे नही कर पाते तो निराश हो जाता है.. एक आदमी बहुत अच्छा लिखता है पर इस चक्कर में कि परफेक्ट नही है और अच्छा कर लूं फिर पब्लिश करुंगा… उसे कभी तस्ल्ली होती नही… और अच्छे के चक्कर में लिमिट कर लेता है… वो उसे किसी को दिखाता नही लिखता है और लिमिट कर लेता है… लिखने का

8. कुछ नया ट्राई नही करना चाह्ते.. अरे नही मुझसे ये नही होगा… मैं तो कर ही नही सकता… पहले ही हार मान लेते हैं… कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना ही नही चाहते.. इसलिए कुछ भी नया करने से डरते हैं… यानि हार मान लेते हैं.. give up कर देते हैं..

  1. खुद दूसरो से तुलना करते हैं.. दूसरों पर ध्यान ज्यादा देते हैं… वो बहुत अच्छा है उसने ये किया.. और खुद को कम आंकते हैं कि मैं नही कर सकता… जबकि अपने पर भी फोकस करेंगें तो शायद और बेहतर कर देंगें पर नही दूसरो का सोचते सोचते खुद को कम आंकते हैं

You always doubt your judgement – खुद पर कभी विश्वास नही होता इसलिए दूसरे से राय लेते हैं.. मान लीजिए आप घर के लिए कोई समान खरीद रहे हैं मान लीजिए परदे खरीद रहे हैं तो खुद पर विश्वास नही आपको हल्का रंग अच्छा लगता है पर अपको लगता है कि पता नही ये कैसा लगेगा तो दूसरो की राय मान लीजिए किसी दोस्त से पूछना कि बताओ… कौन से रंग का परदा लूं………………………….

एक्टिव फील नही करते… हमेशा थके थके से रहते हैं.. एक दम सुस्त.. कोई मिले हा भई क्या हाल है.. बस ठीक है.. कट रही है .. बस चल ही रहा है.तो ये हैं कुछ बातें जो दर्शाती हैं हम मे आत्मविश्वास की कमी है… इसे कैसे बढाया जा सकता है ये मैं जल्दी ही बताऊंगी.. तो कल फिर मिलूगी पर जाते जाते एक बात जरुर कहना चाहूंगी कि कछुआ अपनी रफ्तार से नही जीता था लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठा ही उसकी सफलता का राज था…..…….

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक, हौंंसला रख ए मुसाफ़िर .. कभी सुना है क्या.. अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया .

Signs You Lack Self Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Lack of Self Confidence – Monica Gupta

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