Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi – सुबह जल्दी कैसे उठें – सुबह जल्दी कैसे जागें – Subah Jaldi Kaise Uthe

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi – सुबह जल्दी कैसे उठें –  सुबह जल्दी कैसे जागें – Subah Jaldi Kaise Uthe –  Early to bed and early to rise makes a man healthy, wealthy, and wise… ये बात हम सभी ने बचपन में पढ़ी है और बच्चों को भी समझाते हैं पर अमल में कितना लाते हैं ये सोचने वाली बात है… बहुत कम लोग हैं जो रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने में विश्वास रखते हैं… बहुत लोगो का कहना होता है कि कैसे उठे जल्दी समझ नही आता .. तो चलिए आज यही बात करते हैं कि सुबह जल्दी कैसे उठेंं…

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi

सुबह जल्दी उठने के लिए जरुरी है कि रात को सोने का समय फिक्स कर लिया जाए… 9 बजे तक सो जाना है उसका कारण ये है कि अगर नींद ही पूरी नही होगी तो हम सुबह उठ भी जाएगें तो फ्रेश नही उठेगें… देखिए कभी कभार तो हो सकता है मेहमान आ गए या पार्टी में चले गए… वो है अलग बात पर इसे नियमित फीचर बनाना है  कि रात को जल्दी सोना है..

 

 

अब बात आती है कि सोते समय टीवी नही देखना , मोबाइल एक तरफ रख देना है क्योकि ये चीजे बहुत ध्यान भटकाती है…

एक बात का और ध्यान देना है कि डिनर हल्का रखना है अगर हैवी डिनर लेंगें तो सुबह उठने का मन ही नही करेगा.. सुस्ती और थकावट महसूस होगी…

और इन के साथ साथ सबसे जरुरी बात की मन को पक्का करना है कि मुझे उठना ही है.. जब तक हमारा मन ही पक्का नही होगा कितने भी जतन कर लीजिए नही उठ पाएगें.. इसलिए मन को पक्का कर लीजिए कि सुबह 5 बजे मुझे उठना ही है…

मन पक्का करने के बाद अब जब हम सो रहे हैं तो खुद को बोल कर सोना है अपना नाम ले कर कि मुझे सुबह उठा देना.. हमारी बॉडी बहुत अच्छा अलार्म है… सुबह एक बार आपकी आंख जरुर खुलेगी… अगर मन में विचार होगा  उठना ही है तो उठ भी जाएगे नही है तो करवट ले कर चादर मुंह पर लेकर सो जाएगें…

अब हम आ गए सुबह पर.. आमतौर पर अलार्म लगा देते हैं और अलार्म बजते ही बंद कर देते है…

इसे बोझ नही समझना … अरे बहुत बोरिंग है… नही… इसे समझना है कि अगर इस समय आलस दिखा दिया तो सारा दिन आलस और सुस्ती रहेगी… अभी काम सारे मन मुताबिक हो जाएगें नही तो फिर भाग दौड कर करने पडेगें और तनाव भी होने की पूरी सम्भावना होगी…

इसलिए क्या करना है 5 या साढे 5 का अलार्म लगाया है तो उसे पलंग से दूर रखना है उसे बंद करने के लिए बिस्तर छोडना ही पडेगा…  अब जब बिस्तर छोड ही दिया तो बाहर की खिडकी दरवाजे खोल दीजिए परदे हटा दीजिए ताकि ताजी हवा आ जाए.. एक गिलास पानी पी लीजिए.. फ्रेश हो जाईए और फिर अपना वजन देखिए…

अलग अलग तरीके हैं कोई तो घर मे पालतू रख लेते हैं और उसे बाहर ले जाने का बहाना होता है या फिर कुछ लोग अपने दोस्तों को बोल देते हैं कि सैर पर चलना है इतने बजे घंटी कर देना… उनके आने से पहले उठ जाए… ऐसे भी उठते हैं कुछ लोग…

नही उठने पर इसके नुकसान भी सोच सकते हैं.. कि नही उठे तो क्या क्या नुकसान होगें.. मल्टी टास्किंग करनी पडेगी और तनाव होगा वो अलग और कुछ न कुछ नुकसान भी हो सकता है…

वही  खुद से मन ही मन बात कीजिए… जैसे मान लीजिए हाऊस वाईफ है… वो ये सोचती है कि सुबह उठ कर सारे काम निबटा लिए तो बच्चों को आराम से स्टॉप तक छोड कर आ सकती हैं.. स्कूल बस मिस नही होगी

आफिस जाने वाले लोग ये सोच सकते हैं कि सारा दिन आफिस में बिजी रहना है चलो थोडा सैर योगा या मैडीटेशन ही कर लूं ताकि सारा दिन फ्रेश बीते..

अगर हमारे पास सुबह जल्दी उठने का कारण है कि आफिस जाना है पढाई करनी है इसलिए जल्दी उठना है और नही है तो बना लीजिए कि मुझे स्वस्थ रहना है मुझे खुश रहना है इसलिए मुझे सुबह जल्दी उठना ही है… अपने आप को समय देना है… अपने आप को देने के लिए ये सबसे अच्छा गिफ्ट है सुबह जल्दी उठना…

बेशक, जिन्हें आदत नही उनके लिए मुश्किल जरुर है पर नामुमकिन नही … और जब उन्हें खुद ही अच्छा महसूस होना शुरु होगा तो यकीनन वो इसे अपनी रुटीन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना लेंगें…

अगर हम स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन चाहते हैं तो आज से ही जल्दी उठने का निश्चय कर लेना चाहिए.

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi –  सुबह जल्दी कैसे जागें – Subah Jaldi Kaise Uthe

 

April 29, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Share Your Thoughts and Feelings – #5 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences

Share Your Thoughts and Feelings – #5 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences   घड़ी  टिक टिक करती रहती है कहती तो है टिक टिक पर न खुद टिकती है न दूसरो को टिकने देती है..तो टिक टिक के साथ आज मैं फिर आ गई हूं मुझे कुछ कहना है को लेकर

Share Your Thoughts and Feelings – #5 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences

जिसमें आपके कमेंटस आपके विचार आपकी फीलिंग होती हैं जो आप मैसेज के माध्यम से शेयर करते हैं.. और जो बहुत अच्छे लगते हैं वो मैं आप सभी के साथ शेयर करती हूं वैसे यू टयूब के माध्यम से जवाब तो सभी के देने का प्रयास करती हूं… तो चलिए शुरु करते हैं…

1. ASHISH ji की तरफ से  –  बच्चों की पिटाई वीडियो पर कमेंट है कि Mam मैं किस जुबान से आप को शुक्रिया अदा करुं आप ने मेरी आखें खोल दीं.मैं अपने बच्चे को बहुत प्यार करती हूं but पढने के लिए उसकी पिटाई कर देती हूं.. मैम.. वो मुझे बहुत प्यार करता है पर मैं जब तब उसको पीट देती हूं… पर अब ऐसा नही होगा…. मैं आज अपने किस्सु को बहुत मिस कर रही हूं वो अभी स्कूल मे है….

2 kaur Paramjeet जी ने  अच्छी पत्नी कैसे बनें पर लिखा है कि

Thnx mam…. nice और meaningful video…. मेरी भी शादी है winters mein… thnx मैं आपकी ये सभी बातों का पूरा ख्याल रखूंगी..thnx mam…waheguru bless u..

3 Kavita Chouhan बच्चों को सिखाएं

u r right mam.मेरी बेटी 5 साल की है उसको कुछ भी सीखाने से पहले सोचना पडता है क्योकि वो कह देती है कि मम्मी आप भी ऐसा ही करती हो…  basically मैं अब aware हूं कि अब उसे कुछ कहने से मैं वो follow करुं….

4 Rahul Singh  की तरफ से कमेंट है कि

मैं daily आपकी video देखूंगी अपनी negativity दूर करने के लिए .. इसी में आसिफ जी की तरफ से भी लिखा गया है कि  Monica Gupta मैं भी देखूंगी

5 . Mohan जी Sahani  ने शक कैसे दूर करें  मै लिखा है कि

मैंने शक को अपनी पत्नी से बात कर के दूर कर दिया आप की बात सही साबित हुई..  धन्यवाद

6 श्रेया जी लिखती है कि Thank you God .. I found you… so motivational talks… lovely Monica ji… M your viewer from Europe.. subscribed…

7 Sonu जी की तरफ से आरुषि जी लिखती हैं कि Mam आपकी बाते सुनकर लगा कि जैसे मेरी daughter ये सारी बातें मुझे कह रही है और complain कर रही है.. . o my God ये  saari batein हम  actually बोलते हैं infact every day every time. .i m feeling so guilty. what a torture to the small kids. sab kuch automatically मुहं se nikalta jata hai . but ab NAHI. जैसा हमारा TO DO LIST HOTA है हर दिन का… उसी तरह आपके बताए हुए 11 points mere NOT TO DO LIST MEIN  हैं, और आज से ही implement bhi karungi. thank you mam. keep up the good work.

8 Lucky  जी की तरफ से लिखा गया है कि

Hello mam Mujhe aapke sabhi topics bahut pasand aate hain. Aap bilkul sahi hain baccho ka मन bahut soft hota hai and parents ko bhi unhe softly handle karna chahiye .mere bhi 2 bacchey hain and I know that very well ….ki ek galat baat…. ya ek galat step humare bachhon ko apradhi ya cruel insaan bana sakta hai.

Thanks 2 u mam ki aap aise topics lati hain jinse kaffi patents ko help milti hai .

9 mayuri जी ने अच्छी मां कैसे बनें पर लिखा है  मैं भी एक बहुत बुरी मं हूं but अब मैंभी एक अच्छी मम्मा बनूंगी Thank you mam for advice……

10 Asha kushwaha  kahani sabr ka phal

I like story Di…..काश आप मुझे पहले मिल गए होते तो मेरी pregnancy time जो घर में problems hui… मुझे  tension हुई… मैं मम्मी के यहां चली गई  और delevry time tension किया और मेरी तबियत kharab ho गई इन सबके पीछे.. बस एक ही  problem…gussa , saber न रखना thodi thodi बात पर नाराज होना  यही था सब…आप पहले मिले होते तो ये सब नही होता…Di  आज  bhaut kuch sikne ko mila.thanks di

11 Surender Singh जी का कमेंट है – प्रेरक kahani- sabr ka phal पर-  nice mam. apne bilkul sahi kaha ki सब्र का फल मीठा होता है. हमारे घर में जब किसी एक को गुस्सा आता है तो बाकि सब चुपचाप सुनते हैं और जब उनका गुस्सा शांत होता है तो कोई एक उन्हें समझाता है कि उनकी क्या गलती है..

12 शिखा जी ने एक प्रेरक कहानी Appreciation वीडियो पर लिखा है कि .. Maam bahut hi accha video hai…. Mai teacher hu to us lihaaz se mai appreciate jarur करती हूं bachho ko….. kyuki ye adat में आ गया है मेरी…तो मैंनें notice किया की appreciation से bachho पर पॉजिटिव effect पडता है …तभी से मैं  bachho ke saath bado ko b appreciate करती हूं  Kyuki कोई इंसान perfect नही होता ,buraayi k sath सब में कोई न कोई अच्छाई होती है,, उसकी तारीफ करने से लोगो में confidence आता है और उनकी नेचर में भी वो अच्छी आदत आ जाती है.. Jindagi  मुठ्ठी से रेत की तरह फिसल रही है…  waqt रहते हमें अपनो को अपनेपन का अहसास दिलाते रहना चाहिए

13  राधिका कुलकर्णी जी ने – बातें , जो बच्चों को अच्छी नहीं लगती – वीडियो पर लिखा है कि

Hi madam, आपकी बाते सुनकर हमारी galati समझ में आ गई  और हम दोनो ही अपने बच्चे पर कोई शक नही करेंगें . आपने जैसे कहा वैसे ही हम karange.

14  Soni जी ने   बच्चो को सिखाए टाईम  मैंनेज करना वीडियो पर लिखा है कि

Hi mam I am Soni. aapke sare videos bahut hi motivative करते हैं .aapke videos dekh kar life bahut hi aasan lagne लगी है  और मन में positive thinking aane lagi h. ऐसा लगता है जैसे हमारी हर मुश्किल का हल आपके पास है… thank you सभी videos के लिए

15 अगला कमेंट है सुहानी जी का… Suhani जी का कमेंट पढने से पहले मैं बताना चाहूंगी कि सुहानी जी के जुडवां बच्चे है लव और कुश..  एक बच्चा स्पेशल बच्चा है. उसकी वजह से ये काफी परेशान थी.. तब मैंने इन्हें लिखा कि जो मम्मी पापा अपने बच्चों की पिटाई करते हैं उनसे दुखी रहते हैं उनके लिए क्या मैसेज देना चाहेगी तो इन्होने लिखा…

Kids are very precious  पर हम उनकी वेल्यू नही समझते.. पर समझ तब आता है जब भगवान painful game  खेलता है और कोई स्पेशल बच्चा हो जाता है. इन्होने लिखा है कि मेरे जुडवा बच्चे हैं एक बच्चे के साथ प्रोब्लम है but still I love him very much… Kids are like flowers please take care of them with love….

एक प्रेरक कहानी –

एक गरीब, एक दिन एक सेठ  के पास, अपनी जमीन बेचने गया। बोला सेठ जी मेरी 2 एकड़ जमीन आप रख लो। सेठ बोला, क्या कीमत है…  गरीब बोला, –50 हजार रुपये..
सेठ , थोड़ी देर सोच के… वो ही खेत जिसमे ट्यूबवेल लगा है
गरीब — जी… आप, मुझे 50 हजार से कुछ कम भी देगे, तो जमीन, आपको दे दूँगा।
सेठ  ने आंखे बंद की 5 मिनिट सोच के..
नही, मैं उसकी कीमत 2 लाख रुपये दूँगा। गरीब… पर मैं 50 हजार ले रहाँ हूँ आप 2 लाख क्यो???

सेठ  बोला, तुम जमीन क्यों बेच रहे हो?

गरीब बोला, बेटी की शादी करना है। बच्चो की पढ़ाई की फीस जमा करना है। बहुत कर्ज है। मजबूरी है। इसीलिए मज़बूरी में बेचना है। पर आप 2 लाख क्यों दे रहे हैं?

बनिया बोला, मुझे जमीन खरीदना है। किसी की मजबूरी नही खरीदना, अगर आपकी जमीन की कीमत मुझें मालूम है। तो मुझें, आपके कर्ज, आपकीं जवाबदेही और मजबूरी का फायदा नही उठाना।

मेरा सेठ मेरा भगवान  कभी खुश नहीं होगा। मुझे माफ नही करेगा… किसी की मजबूरी का नाजायज फायदा नही उठाना चाहिए…

सेठ उसे बोलते हैं कि  मित्र, तुम खुशी खुशी, अपनी बेटी की शादी की तैयारी करो। 50 हजार की हम पूरा गांव व्यवस्था कर लेगें। तेरी जमीन भी तेरी रहेगी।

गरीब हाथ जोड़कर, आखों में नीर भरी खुशी-खुशी दुआयें देता चला गया

बस किसी की मजबूरी, न खरीदे… किसी के दर्द, मजबूरी को समझकर, सहयोग करना ही सच्ची सेवा है

सच्चा कर्म और बन्दगी है.. कई बार ऐसी ही कुछ अच्छी बाते पढने को मिल जाती है तो लगता है कि आज भी समाज में अच्छाई है… अगर आपकी नजर में भी कोई अच्छी बात हुई हो या आपने की हो तो जरुर बताईएगा… फिर हम सभी के साथ शेयर करेंगें…

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April 28, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Motivational Quotes in Hindi – हिंदी प्रेरक विचार

Why People Use You

Motivational Quotes in Hindi – हिंदी प्रेरक विचार – नेट पर बहुत कुछ पढ़ने को मिलता है पर प्रेरक बातें और प्रेरक विचार बहुत हद तक मन को हल्का करते हैं और हमारी सकारात्मक सोच भी बढ़ती है.. ऐसे ही कुछ विचार जो अक्सर मैं नेट से सकंलित करती रहती हूं…

 Motivational Quotes in Hindi – हिंदी प्रेरक विचार –

ख़्वाब टूटे हैं मगर हौंसले ज़िन्दा हैं

हम वो हैं जहॉ मुश्किलें शर्मिदा हैं…!!

माँ से छोटा कोई शब्द हो तो बताना उससे बड़ा भी कोई हो तो भी बताना…

धर्म कोई भी हो बस कर्म अच्छे करते रहिए…

ईद हो या दीवाली हर छुट्टी पे खुश हो लेते हैं नौकरीपेशा इंसानों का कोई मज़हब नही होता

तहजीब की मिसाल गरीब के घर पर है दुपट्टा फटा हुआ है मगर सिर पर है

हमारे कम खर्चे भी हमारी कमाई ही है !!!

मन में कुछ भर कर जीएगें तो मन भर कर नही जी पाएगें

ये फौजी भी ना कमाल होते हैं.. पर्स में परिवार और दिल में देश रखते हैं…

जरा गौर कीजिएगा

दौलत की भूख ऐसी लगी कि कमाने निकल गए

जब दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए

बच्चों के साथ रहने की फुर्सत न मिल सकी

फुरसत मिली तो बच्चे खुद कमाने निकल गए…

ऊंचा उठने के लिए पंखों की जरुरत तो सिर पक्षियों को ही पड़ती है.. इंसान तो जितना नीचे झुकता है उतना ही उपर जाता है…

गुरुर किस बात का जनाब… आज मिट्टी के उपर कल मिट्टी के नीचे…

रिश्ता बहुत गहरा हो या न हो पर भरोसा बहुत गहरा होना चाहिए.

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है…. पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।

हर नजर में मुमकिन नहीं है बेगुनाह रहना, चलो कोशिश करें ये करें कि खुद की नजर में बेदाग रहें।

दुनिया का सबसे खूबसूरत संगीत है हमारी Heart Beat इसे ईश्वर ने खुद बनाया है इसलिए हमेशा दिल की सुनिए…

मन तो सभी के पास होता है किंतु एक चीज जिसे कुछ ही लोग रहते हैं वो है मनोबल….

रोटी पर ” धी ” और नाम के आगे “जी “लगाने से स्वाद और इज्जत दोनों बढ़ जाती है..

महिला से उसकी उम्र और पुरुष से उसकी कमाई कभी नही पूछनी चाहिए क्योंकि महिला कभी अपने लिए नही जीती और पुरुष कभी अपने लिए नही कमाता….!!!

छोटा बनके रहेगा तो मिलेगी हर बड़ी रहमत… बड़ा होने पर तो माँ भी गोद से उतार देती है…

सोचने वालों की दुनिया… दुनिया वालों की सोच से अलग होती है…

जिस दिन आपने अपनी सोच बड़ी कर ली बड़े बड़े लोग आपके बारे मे सोचना शुरू कर देंगे..!!

जीवन में कभी किसी को कसूरवार न बनायें….. अच्छे लोग खुशियाँ लाते हैं! बुरे लोग तजुर्बा!!

ये जीवन है साहब.. उलझेगें नही तो सुधरेंगे कैसे बिखरेंगे नही तो निखरेंगे कैसे

खुद को भी कभी महसूस कर लिया कीजिए, “कुछ रौनकें ” खुद से भी हुआ करती हैं..!!

जब परिस्थिति बदलना मुमकिन ना हो तो मन की स्थिति बदल लेनी चाहिए…  सब अपने आप ही बदल जाएगा…

सूर्यास्त के समय एक बार सूर्य ने सबसे पूछा, मेरी अनुपस्थिति मे मेरी जगह कौन कार्य करेगा? समस्त विश्व मे सन्नाटा. किसी के पास कोई उत्तर नहीं था। तभी  कोने से एक आवाज़ आई.दीपक ने कहा मै हूं ना मैं अपना पूरा  प्रयास  करुंगा। सोच  में  दम होना चाहिए। छोटा बड़ा होने से फर्क नहीं

खाना खाते समय अगर मुंह में कोई कंकड आ जाए तो हम उसे निकाल बाहर फेंक देते हैं या खा लेते हैं… फिर बुरे विचारों को कैसे अंदर ले लेते हैं.. वो भी तो मन का शरीर का नुकसान ही करेंगे…

लोगो को फर्क तब पड़ना शुरु होता है जब आपको किसी बात से कोई फर्क नही पड़ता..

“गुरूर” था,”छत” को “छत” होने का।एक मंजिल और बनी, “छत” “फर्श” हो गई…

 “घर से छोटा दरवाजा, दरवाजे से छोटा ताला ताली से छोटी चाबी, पर छोटी सी चाबी से” पूरा घर खुल जाता है “इसी प्रकार छोटे-छोटे विचार बडे बडे बदलाव ला सकते है”

जीतने वाले कभी हार नही मानते
और हार मानने वाले कभी जीतते नही..

रख हौंसला वो मंजर भी आयेगा, प्यासे के पास चल के समंदर भी आयेगा, थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफ़िर, मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा .

इंंसान के गुण नमक की तरह होना चाहिये जो भोजन में रहता है
मगर दिखाई नहीं देता और अगर ना हो तो उसकी बहुत कमी महसूस होती है…

क्रोध आने पर चिल्लाने में ताकत नही बल्कि क्रोध आने पर चुप रहना ही सबसे बडी ताकत है .. क्या वो ताकत है आप मे!!

वजूद सबका अपना अपना.. सूरज के सामने तो दीपक का न सही पर अंधेरे में तो बहुत कुछ है..

प्रसन्न रहने का सरल नियम ना अपेक्षा ना उपेक्षा….

मुश्किलों को हराते हैं चलो.. थोडा सा मुस्कुराते हैं…

एवरेस्ट पर चढ़ने में नाकाम रहने के बाद एक आदमी का जवाब मैं फिर आऊंगा… और आप को फतह करूँगा क्योंकि एक पहाड़ के रूप में आप बढ़ नहीं सकते…. लेकिन एक मानव के रूप में मैं अपने प्रयासों को बढ़ा सकता हूँ अपने आप पर यकीन रखिये……

जब कभी भगवान का नाम जपते हुए आखें छ्लछला जाएं, आंसू निकल आएं तो समझ लेना कि आपका संदेश भगवान तक पहुंच गया..

समुद्र को घमण्ड था कि वो पूरी दुनिया को डुबो सकता है… इतने में एक तेल की बूंद आई और उस पर तैर कर निकल गई …

पाप और पुण्य क्या है मुझे पता नही बस इतना पता है जिस काम से किसी का दिल दु:खे वो पाप और किसी के चेहरे पे हंसी आये वो पुण्य..

प्रसन्नता वो “चंदन” है जिसे आप दूसरे के माथे पर लगाईए और देखिए आपकी अगुलियां खुद ब खुद महक उठेगी !!! है ना

जब हम किसी का अच्छा कर रहे होते हैं तो कहीं न कहीं हमारे लिए भी अच्छा हो रहा होता है..

अच्छे ख्वाबों के साथ सोना और नई उम्मीदों के साथ उठना…

आज महज एक दिन नही बल्कि अपने सपनो को सच करने का एक सुनहरी मौका है…

बेर का स्वाद तो शबरी से पूछो… राम जी से पूछोगे तो मीठा ही बताएंगे..!

जब हम दिन की शुरुआत करते हैं तो लगता है पैसा ही जीवन है और जब शाम को घर लौटते हैं तो लगता है शांति ही जीवन है !!

ज़िन्दगी में गम हैं, गम में दर्द हैं, दर्द में मजा हैं, और मैं मजे में हूँ….

कोई मेरा बुरा करे.. ये कर्म उसका… मैं किसी का बुरा न करुं… ये धर्म मेरा …

कैलेंडर हमेशा तारीख को बदलता है पर एक दिन ऐसी तारीख भी आती है कि जो कैलेंडर को ही बदल देती है। इसलिए सब्र रखे वक़्त हर किसी का आता है…..

जिंदगी हमें सिखाती है कि अगर शांति चाहते हो तो दूसरों की शिकायत करने से बेहतर है खुद को बदल लो क्योंकि कांटो भरी राह पर कारपेट बिछाने से अच्छा है कि खुद के पैरों में चप्पल पहन कर च लिया जाए…

दुनिया मे एक व्यक्ति ऐसा है जो आपकी तकदीर बदल सकता है और वो है आप खुद … जरुर सोचिएगा !!

अच्छी सोच, अच्छी भावना, अच्छा विचार मन को हल्का करते हैं …

छल में बेशक बल है लेकिन प्रेम में आज भी हल है..

जो भगवान के सामने झुकता है वो सबको अच्छा लगता है पर जो दूसरों के सामने झुकता है वो भगवान को अच्छा लगता है.

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो

उम्मीद हमें छोड कर नही जाती बल्कि हम ही उसे छोड देते हैं …

कौन है, जिसमे कमी नहीं है. आसमां के पास भी, ज़मीं नहीं है….

ज्यादा ख़्वाहिशें नहीं ऐ जिंदगी तुझसे, बस अगला कदम पिछले से बेहतरीन हो..!

लोगों का आदर केवल उनकी शक्ल या सम्पत्ति के कारण नहीं बल्कि उनकी उदारता के कारण करना चाहिये हम सूरज की कद्र उसकी ऊँचाई के कारण नहीं करते बल्कि उसकी उपयोगिता के कारण करते हैं… अतः व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व आदरणीय है

जीवन में कभी मौका मिले तो सारथी बनने का प्रयास करना स्वार्थी नही…

माली पौधो को पानी देता है पर फल सिर्फ मौसम मे ही आते हैं इसलिए संयम रखें..

सुना है कम बोलने से बहुत मसले सुलझ जाते है !!

किसी ने भगवान से पूछा कि आपकी पूजा कैसे करुं.. तो भगवान ने कहा कि तू खुद भी मुस्कुरा और दूसरों को भी मुस्कुराने की वजह दे.. बस हो गई मेरी पूजा !!

जीवन मे किसी को रुला कर हवन करवाने का कोई फायदा नही पर किसी को हंसा कर अगरबत्ती भी जलाने की जरुरत नही

ताकत लफ्जों में डालिए आवाज में नही क्योकि फसल बारिश में उगती है बाढ़ में नहीं….

जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हँसी और जीवन में ख़ुशी लाने की क्षमता रखता है. भगवान उसके चेहरे से कभी हँसी और जीवन से ख़ुशी कम नहीं होने देता….

जो मिले उसी मे खुश रहता हूं मेरी उंगलियां मुझे सीखाती हैं कि दुनिया में कोई बराबर नही..

किसी के अच्छा या बुरा कहने से अगर हम अच्छे बुरे बन जाएगें तो दुनिया ही स्वर्ग या नर्क बन जाएगी.. ये ध्यान मत दें कि कौन क्या कहता है क्या नही करिए वही जो सच्चा या अच्छा है..

परिस्थितियां कभी भी समस्या नहीं बनती…. समस्या तभी बनती है, जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता ।

जुडना सरल है पर जुडे रहना कठिन !!

अच्छे काम करते रहिए भले ही कोई तारीफ करे या न करे .. आधी से ज्यादा दुनिया सोती ही रहती है सूरज फिर भी निकलता है…

कल के लिए अच्छी तैयारी यही है कि आज अच्छा करिए !!

हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास है दूसरों के पास केवल सुझाव हैं ..

ज़िंदगी को अगर खुल कर जीना है तो थोडा सा झुक कर जियो, तब देखो फिर ईश्वर आपको कितना ऊँचा उठा देंगा..

रवैया देख कर बेटों का बूढ़े बाप को ख्याल आया.. जब बारिश ठहर जाती है तो छतरी बोझ लगती है..!

जब हम दिन की शुरुआत करते हैं तो लगता है पैसा ही जीवन है और जब शाम को घर लौटते हैं तो लगता है शांति ही जीवन है !

जंंगल में हर रोज सुबह होने पर हिरण ये सोचता है कि मुझे शेर से तेज दौड़ना है नही तो वो मुझे खा जाएगा.. वही हर सुबह शेर ये सोचता है कि मुझे हिरण से तेज दौड़ना है वरना मैं भूखा मर जाऊंगा … आप शेर हो या हिरण कोई फर्क नही अगर अच्छी जिंदगी जीनी है तो हर रोज संघर्ष करना पडेगा…

बेहतर काम न करने की वजह या वक्त न होने का बहाना मत बनाइयें… आपका दिन भी २4 घंटे का ही होता है और सफल लोगो का भी…

जरुरी नहीं कि जिन्दगी में हमेशा दूसरा मौका मिले, पहले मौके को हाथ से ना जाने दे ।

जिस दिन हम ये समझ जाएगें कि सामने वाला गलत नही है बस उसकी सोच हमसे अलग है.. बस उसी दिन जीवन से तनाव कम हो जाएगा 🙂

अगर हम किसी के दुख का कारण हैं तो हमारा जीवन व्यर्थ है और अगर हम सुख की वजह है तो हमारे जीवन का कुछ अर्थ है..

खामोशियों से मिल रहे हैं खामोशियों के जवाब अब कैसे कहूं मेरी उनसे बात नही होती …

रिश्तों की कदर पैसों की तरह करनी चाहिए दोनों को गवांना आसान पर कमाना मुश्किल

जिसे चाहो उससे कुछ मत चाहो.. जिंदगी का साधारण सा फंडा

मुंह में जुबान तो सभी रखते हैंं.. मगर कमाल करते हैं वो जो उसे सम्भाल कर रखते हैं

समझदार लोगो का दिमाग चलता है और नासमझ लोगो की जुबान

नजर रखे विचार पर क्योकि वो शब्द बनते हैं… नजर रखे शब्द पर क्योकि वो कार्य बनते है..नजर रखे कार्य पर क्योकि वो स्वभाव बनता है. नजर रखे स्वभाव पर क्योकि वो आदत बनती है.. नजर रखे आदत पर क्योकि ये चरित्र बनता है.. नजर रखे चरित्र पर क्योकि ये जीवन के आदर्श बनते हैं.

जीवन में बुराई अवश्य हो सकती हैं, मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता,

प्रेम वो चीज हैं..जो इंसान को कभी मुरझाने नहीं देता और नफरत वो चीज हैं जो इंसान को कभी खिलने नहीं देती!!!

कहते हैं महिला की उम्र और आदमी की कमाई कभी नही पूछ्नी चाहिए क्योंकि महिला कभी अपने लिए नही जीती और आदमी कभी अपने लिए नही कमाता..

खुशियाँ पैसो पर नहीं परिस्थितियों पर निर्भर करती है एक बच्चा गुब्बरा खरीद कर खुश होता है तो दूसरा उसे बेच कर

सेहत और रिश्तों को ठीक रखने के लिए पचास ग्राम की जीभ को साठ या सत्तर किलो के शरीर पर हावी ना होने दें …

जिंदगी आसान नही होती इसे आसान बनाना पडता है कभी अंदाज से कभी नजर अंदाज करके.

खुशी” थोड़े समय के लिए संतोष देती है लेकिन “संतोष” हमेशा के लिए खुशी देता है

गर ये तय है कि जो दिया है वही लौट कर आएगा तो तो तो… क्यों न दुआए दी जाएं !!

माना बुरी है दुनिया
सब जगह धोखा है,
लेकिन हम तो अच्छे बने
हमें किसने रोका है.

April 27, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Sabar Ka Phal – एक प्रेरक कहानी – सब्र का फल  – Fruit of Patience – Inspirational Story

 Sabar Ka Phal  – एक प्रेरक कहानी – सब्र का फल  – Fruit of Patience – Inspirational Story – Monica Gupta  – आजकल एक चीज हम सभी में बहुत कम हो गई है और वो है सब्र, सहनशीलता यानि पैशेंस.. जबकि अगर पैशंस रखेंगें तो झगडा नही करेंगें तो प्यार बढेगा और प्यार के होने से हमे सफलता और धन दोनो की प्राप्ति होती है… जहां प्रेम होता है वहां लक्ष्मी जी का वास होता है.

Sabar Ka Phal – एक प्रेरक कहानी – सब्र का फल  – Fruit of Patience – Inspirational Story

सेठ जी कहानी तो आपने सेनी ही होगी … चलिए अगर नही सुनी तो सुनाती हूं… एक बार एक सेठ जी होते हैं उनका भरा पूरा परिवार होता है पत्नी है तीन बेटे बहुए और उनके बच्चे.. सब कुछ ठीक चल रहा था .. एक दिन सेठ जी से लक्ष्मी जी रूठ गई. वो सेठ के पास आकर बोली
मैं जा रही हूँ और मेरी जगह नुकसान आ रहा है… तैयार हो जाओ…
https://youtu.be/87n-op7fsiU
लेकिन मै खुश हूं तुमसे और कुछ देना चहती हूं मांगो जो भी इच्छा हो।सेठ जी  बहुत समझदार थे
अच्छा … बस एक विनती है कि नुकसान आए तो आने दो लेकिन उससे कहना की मेरे परिवार में आपसी प्रेम बना रहे। बस मेरी यही इच्छा है। लक्ष्मी जी ने तथास्तु कहा।
कुछ दिन के बाद- सेठ जी की सबसे छोटी बहू दाल  बना रही थी। उसने नमक आदि डाला और अन्य काम करने लगी
तब दूसरे लड़के की बहू आई और उसने भी बिना चखे नमक डाला और चली गई. तीसरी आई उसने भी दाल चलाई नमक डाला और चली गई इसी प्रकार सास आई और वो भी नमक डालकर चली गई..
दोपहर को खाने खाने सेठ जी आए पहला निवाला मुह में लिया
देखा बहुत ज्यादा नमक है। लेकिन वह समझ गया नुकसान  आ चुका है। उन्होने संयम रखा और कुछ नही कहा चुपचाप खाना खाया और चले गए..
इसके बाद बङे बेटे का नम्बर आया। पहला निवाला मुह में लिया। उसे बहुत नमक लगा..
पूछा पापा ने खाना खा लिया क्या ?? कुछ कहा उन्होनें ? सभी ने उत्तर दिया-” हाँ खा लिया, कुछ नही बोले” अब लड़के ने सोचा जब पिता जी ही कुछ नही बोले तो मै भी चुपचाप खा लेता हूँ
संयम रखा और चुपचाप खाना खाया और चला गया इस प्रकार घर के अन्य सदस्य एक एक आए
पहले वालो के बारे में पूछते और चुपचाप खाना खा कर चले गए
रात को नुकसान आया और सेठ जी से कहने लगा -,”मै जा रहा हूँ ”
सेठ जी ने पूछा- क्यों ? तब नुकसान (हानि ) कहता है, ” आप लोग तो इतना नमक खा गए .. लेकिन बिलकुल भी झगड़ा नही हुआ।

संयम रखा संयम से पैदा हुआ प्रेम..  मेरा यहाँ कोई काम नहीं।” और उसके जाते ही लक्ष्मी प्रकट हुई उन्होने बोला कि जब तुमने ये कहा कि हम सब प्रेम से रहे… तो जहां प्रेम है वहां तो मुझे होना ही होता है और जहां मै हूं वहा धन और सफलता तो आएगी ही आएगी… संयम रख कर प्रेम को पाया जा सकता है और जहां प्रेम होता है वहां लक्ष्मी जी का वास होता है…

झगड़ा कमजोरी, हानि, नुकसान की पहचान है। जहाँ प्रेम है, वहाँ लक्ष्मी का वास है

परिस्थितियां कभी भी समस्या नहीं बनती…. समस्या तभी बनती है, जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता

April 27, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न स्क्रीन राईटर – अमित आर्यन – Versatile Screen Writer – Amit Aryan

Versatile Screen Writer - Amit Aryan

बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न स्क्रीन राईटर – अमित आर्यन – Versatile Screen Writer – Amit Aryan – एक ऐसे लेखक जिनका सीरियल F.I.R. लगातार 9 साल चला. 1000 एपिसोड पूरे किए और 5000 से भी ज्यादा तकिया कलाम सीरियल में इस्तेमाल किए गए इस पर जल्द ही उनकी एक किताब प्रकाशित होने वाली है और इन दिनों लंदन के  production house  मे एक सीरियल के लेखन में व्यस्त हैं

बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न स्क्रीन राईटर – अमित आर्यन

पुलिस की बात करते ही या पुलिस स्टेशन जाने के नाम से ही हमें टेंशन हो जाती है पर एक पुलिस स्टेशन ऐसा है जहां जाने में या F.I.R लिखवाने में हमारा भरपूर मनोरंजन होता है और मन करता कि सारा समय इस पुलिस स्टेशन को ही देखते रहें …

ह ह हा … ज्यादा हैरान  होने की जरुरत नही … मैं बात कर रही हूं टेलिविजन के एक जाने माने धारावाहिक F.I.R की .. खुशकिस्मती से मुझे मौका मिला F.I.R के स्क्रीन राईटर श्री अमित आर्यन जी से बात करने का …

 

“आईए आईए” तकिया कलाम से  शुरु हुआ हमारी बातों का सिलसिला..

अमित जी का जन्म 14 मई 1977 को यूपी के बांदा जिले की अतरा तहसील में हुआ ( अगर आप F.I.R देखते रहें हैं  तो अत्तरा के नाम से आप चिरपरिचित होंगें बहुत एपिसोड में इसका जिक्र हुआ है. )

अमित जी के पापा वहां हिंदी के प्रोफेसर थे और मम्मी गृहणी. इनकी दो बहनें हैं और ये सबसे छोटे और इकलौते भाई हैं. अमित जी ने बताया कि बचपन से ही पढने का शौक था क्योकि घर का माहौल ही ऐसा था.

पिता बहुत बार कवि सम्मेलन में जाते. वही उनकी मौसी जी का साहित्य जगत में बहुत नाम था. जहां बचपन में चंपक, लोटपोट पढी वहीं घर पर सरिता, मुक्ता व अन्य साहित्य से जुडी पत्रिकाएं भी आती थीं इसलिए मन के भीतर छिपा लेखक जागने लगा.

इतना ही  नही, बचपन से वो अमिताभ बच्चन साहब के बहुत बडे प्रशंसक रहे और जब पांचवी क्लास में थे तब से स्कूल में उन्हीं के गानों पर perform करना शुरु कर दिया था और इसी वजह से बचपन से ही उनकी पहचान पूरे यूपी में होती चली गई और उन्हें स्टेट लेवल पर बहुत एवार्ड, सम्मान भी मिलने लगे..

अपने बचपन का एक किस्सा शेयर करते हुए उन्होनें बताया कि जब वो 6 -7 साल के थे तब घर में रंग रोगन हुआ. बैठक का रंग हलका गुलाबी करवाया गया था और वो रंग सूखा भी नही था कि उन्होनें दीवार पर नीली स्याही से बडा बडा “फिल्म” लिख दिया …

इस हरकत से बेशक, डांट बहुत पडी पर पापा समझ गए थे कि इस लडके का कुछ नही हो सकता इस पर  फिल्मों  का भूत सवार है बस फिर उन्हें रोका नही गया …

मैं सोचने लगी कि फिर “जा अमित जा,  जी ले अपनी जिंदगी टाईप कुछ हुआ होगा और उनकी राह आसान हो गई होगी ….

तभी अमित जी की बातो से मैं ख्यालों की दुनिया से लौट आई …उन्होनें बताया कि बात सन 1995 की है वो मुम्बई चले आए और डायरेक्शन में किस्मत आजमाने लगे पर हमेशा से ये लगता कि ज्यादा रुझान लेखन की ओर है …

और इसी बीच अलग अलग विज्ञापनों में, आईफा या अन्य अवार्ड कार्यक्रमों की या फिर जिंगल की स्क्रिप्ट लिखने लगे पर इस पर भी आत्मसंतुष्टि नही हो रही थी और फिर मौका मिला सोप राईटिंग का और शुरुआत हुई सोनी टीवी के “ थोडी खुशी थोडे गम”, , ज़ी टीवी के “जब लव हुआ”, सहारा टीवी के “जारा “ सीरियल  से

और फिर 2006 में मिला सीरियल F.I.R  .. जिसने रिकार्ड कायम कर दिया. लोगो के दिलों में इस कदर छा गया कि लगातार 9 साल चला और इतिहास बना दिया.

F.I.R. की ना सिर्फ स्क्रिप्ट मजेदार थी बल्कि तकिया कलामों के इस्तेमाल से इसे एक नया ही रुप मिल गया… इसमे कुल मिलाकर 5000 से भी ज्यादा तकिया कलाम बोले गए और एक अच्छी बात ये भी है कि इन तकिया कलामों पर अब एक किताब बहुत जल्द आने वाली है …

तकिया कलाम का आईडिया आया कैसे के बारे में अमित जी ने बताया कि वो कुछ नया करना चाहते  थे इसलिए शुरु के दो तीन एपिसोड पर इसे ट्राई किया गया और दर्शकों ने इसे बहुत ही ज्यादा पसंद किया तो फिर इसे कहानी का अहम हिस्सा ही बना लिया और जब भी कोई तकिया कलाम लिखते पात्र को ध्यान में रखते हुए लिखते कि  ये तकिया कलाम फलां पात्र पर कितना सूट करेगा…

Versatile Screen Writer

इसी बीच लेखन में और भी बहुत कुछ चलता रहा जैसा कि “लापता गंज”, “यारो का टशन”, और फिल्मों में “एबीसीडी”ABCD (Any Body Can Dance) , डू नॉट डिस्टर्ब , की कहानी भी बहुत पसंद की गई.

अमित जी ने बताया कि हाल ही में विदेश में एक नए प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है .. लंदन में एक प्रोडेक्शन हाउस में काम चल रहा है .एक लव स्टोरी है भारतीय और ब्रिटिश परिवार की जिसमे कॉमेडी भी भरपूर है.

लेखन की बात चली तो मैंने पूछा कि क्या आपको लिखते समय एक दम चुप्पी चाहिए होती है या … इस पर वो बोले कि ऐसा कुछ नही है उन्होने कितनी बार रेलवे प्लेटफार्म पर बैठ कर कहानी लिखी है.

फिर मैने पूछा कि कई बार हम विचार शून्य भी हो जाते हैं लगता है कि कोई आईडिया ही नही आरहा … क्या ऐसा कुछ आपके साथ भी होता है कभी … उन्होनें बताया कि बहुत बार ऐसा होता है कि कोई आईडिया ही नही आ रहा होता … दिमाग परेशान हो जाता है कि क्या लिखें ? ऐसे में सबसे ज्यादा जरुरी होता है मन में प्रैशर नही डालना … बस रिलेक्स हो जाना चाहिए और देखिए फटाफट आने शुरु हो जाएगें.

ऐसे में बस कही बाहर निकल जाना चाहिए और फिर देखिए.. !!

. कहने का मतलब यही है कि जितना प्रेशर दिमाग पर डालेगें उतना ही आईडिया दूर भागेगें  पर जब मन को रिलेक्स छोड देंगें तो आईडिया आने शुरु हो जाएग़ें और हां,  आईडिया आते ही उसे नोट कर लेना बहुत जरुरी होता है क्योकि हमें लगता है कि ये तो हमें भूलेगा नही पर अक्सर आईडिया दिमाग से गायब हो जाता है इसलिए मोबाइल पर नोट करना या या पेपर पैन हमेशा पास ही रखना सही रहता है

अमित जी ने बताया कि उनकी पत्नी जस आर्यन भी डायरेक्टर हैं और शार्ट फिल्म डायरेक्ट करती हैं और दो बच्चें हैं और कई बार बच्चे भी बहुत आईडिया दे देते हैं … उन्हें बहुत खुशी होती है जब स्कूल में उनके बेटे के दोस्त फिल्म की या सीरियल की तारीफ करते हैं तो बच्चों के चेहरे पर गर्व के भाव देखकर बहुत खुशी मिलती है..

 

उनका प्रयास भी यही है कि वो ऐसी साफ सुथरे फिल्म या धारावाहिक बनाते रहेंगे जिसे सपरिवार देखा जा सके …

जो इस फील्ड में आना चाहते हैं उनके लिए यही मैसेज है कि लेखन ऐसी कला है जो सिखाई नही जा सकती ये हमारे भीतर होती है.  हां,  पर इस कला में निखार जरुर लाया जा सकता है.

एक अच्छा लेखक बनने के लिए observer होना पडेगा … एक लेखक का observer होना बहुत जरुरी होता है अपने आस पास नजर उठा कर देखेगें तो पाएगें कि कितने तरह तरह के पात्र बिखरे पडे हैं … उन्हें देखो महसूस करो और फिर लिखो …

आज,  बेशक,  समय बहुत बदल गया है हमारे पास बहुत अवसर है पर उतनी ही प्रतिस्पर्धा भी बढ गई है .. बहुत होड हो गई है इसलिए पूरी तरह से तैयार होकर ही इस मैदान में उतरिए …

ताकि आपका समय और पैसा खराब न हो बेशक इसके लिए समय लग जाए कोई दिक्कत नही .. पर एक बार आईए तो बस ऐसे आईए की छा जाएं  …

अपने प्रशंसकों को बहुत बहुत धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे ही देखते रहिए और हंसते रहिए. यही प्रयास यही रहेगा कि वो healthy comedy बनाते रहेंगें जिसे सभी परिवार के साथ मिल बैठ कर देख सकें …

हालाकि बातें तो और भी बहुत थी पर उनकी व्यस्तता देखते हुए मैने उन्हें ढेर सारी शुभकामनाऎ  देते हुए उनसे विदा ली और एक ही बात जहन में आ रही थी कि …

जो सफर की शुरुआत करते हैं , वो ही मंजिलों को पार करते हैं,  एक बार चलने का हौंसला रखो, मुसाफिर का तो रास्ते भी इंतजार करते हैं …

 

April 26, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Parenting Mistakes to Avoid – बातें जो बच्चों को अच्छी नहीं लगती – Parenting Mistakes

Parenting Mistakes to Avoid – बातें जो बच्चों को अच्छी नहीं लगती – Parenting Mistakes बच्चों को पसंद नही होती पेरेंट्स की ये बातें..  What Parents should not Do – Things Parents should not Do Role of Parents – Parenting Mistakes in Hindi – 11 common parenting mistakes we should avoid as parents.. जहां  पेरेंटस को बच्चों की बहुत सारी बातें पसंद नही होती तो वही बच्चों को भी अपने पेरेंटस की बहुत सारी बातें पसंद नही होती… फर्क इतना ही होता है पेरेंट्स तो बोल देते हैं पर बच्चे सामने नही बोल पाते… ऐसी ही बच्चों की कुछ बातें आज मैं पेरेंट्स  से शेयर कर रही हूं इन पर जरुर विचार कीजिएगा

Parenting Mistakes to Avoid – बातें जो बच्चों को अच्छी नहीं लगती – 11 बातें

1. आपस में झगडना.. बात बात आपस में झगडा करना जब इस तरह का झगडा करते हैं तो बहुत तनाव हो जाता है और किसी काम में मन नही लगता… दिल की धडकन बढ जाती है

2. बात बात तुलना करना

चाहे घर मे भाई बहन को लेकर हो या कजिन या दोस्त को लेकर हो… बात बात तुलना करके इतना डिमोटिवेट कर देते हैं कि बहुत गुस्सा आता है और लगता है कि जब इतनी कमी है मुझमें तो भगवान ने मुझे जन्म ही क्यों दिया..  बहुत हर्ट होती है ये बात..

3. कुछ नया करने लगे तो अभी बच्चे हो तुमसे नही हो पाएगा… कुछ नया करने पर गुस्सा करना

हममे कोफ़िडेंस कैसे आएगा… जब करने ही नही देंगें तो… और जब नही करते तो भी कुछ कर ही नही सकते तुम.. करने भी नही देते फिर उम्म्मीद भी करते हैं कि करें… करते क्यो नही…

4.  बात बात पर अहसास करवाना कि जब मैं तुम्हारे जितना था तो ऐसा था.. ये कर देता था… पढाई में ऐसा था. बडो का आदर करता था…

5.  हमेशा शक की निगाह से देखना.. कमरे में अकेले हैं तो क्या कर रहे थे अकेले बैठ कर कमरे में… या कुछ मोबाइल कर रहे हैं तो उसे चैक करना या बार बार पूछना.. इससे बहुत बुरा लगता है कि क्या हम पर इतना भी विश्वास नही…

6. पेरेंटस हर समय मोबाइल पर लगे रहते हैं हमें समय नही देते कुछ पूछो तो अभी ठहरों बाद में बताता हूं… देख नही रहे काम कर रहा हूं..

7.  पैसे पेड़ पर नही लगते..

बार बार जताना की महंगाई बहुत बढ गई.. और हमारे ऊपर बहुत खर्चा कर रहे हैं.. एक हीन भावना को जन्म देता है जिस वजह से बहुत बार अपनी इच्छाई मारनी पडती हैं… चाह कर भी कुछ बता नही पाते कि फिर सुनना पडेगा…

8.  कोई जरा सी गलती होने पर अक्ल नही है, दिखाई नही देता, समझ नही आता क्या… बिल्कुल बेवकूफ ही रहेगा.. सुधर नही सकता…

9.  धमकी देना कि आने दो तेरे पापा को या मम्मी को आने दे वही सीधा करेगी तुझे… या घर चल वहां चल कर बताए हैं वही सीधा करते हैं…

10. जो कहते हैं वो करते नही.. खुद उदाहरण नही बनते.. बोलते है झूठ नही बोलना चाहिए..  खुद झूठ बोलते हैं.. झगडा नही करना चाहिए खुद कितनी बार आस पडोस मे झगडते हैं बोलते है सैर पर चलेगें तो बोलते हैं कल से चलेगें आफिस में बहुत काम है… कल कभी नही आता .. या अगले महीने पिकनिक पर चलेगें पर कभी नही जाते.. नशा करना बुरी बात है नही करना चाहिए खुद नशा करते हैं..

11. हमेशा बस पढाई पढाई और पढाई..

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