Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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April 2, 2019 By Monica Gupta 1 Comment

Role of Parents in Education – बच्चों की पढ़ाई – Parents Role in Child Education – Monica Gupta

Role of Parents in Education

Role of Parents in Education – बच्चों की पढ़ाई – Parents Role in Child Education – Monica Gupta – अक्सर Parents की शिकायत रहती है बच्चों का पढ़ाई में ज़रा भी ध्यान नहीं… ये नहीं आता, वो नहीं आता… अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो ये वीडियो ज़रुर देखिए.. आज मैं कुछ ऐसी बातें शेयर कर रही हूं कि अगर आप इन बातों का ख्याल रखेंगे तो मतलब ही नहीं कि आपको बच्चे से शिकायत रहे…  हम सोचते हैं कि हम Parents बन गए और बस समझदार हो गए.. समझदार नहीं तब नहीं होते जब बड़ी-बड़ी बातें करने लगे बल्कि तब होते हैं जब छोटी छोटी बातें समझने लगते हैं…

देखिए अब शुरु हो गया है नया सैशन.. बीती बात भूल जाई कि नम्बर कम थे. पढाई नहीं की ये किया वो किया… एक नई शुरुआत..

आमतौर पर जब बच्चा नई क्लास में जाता है तो पढाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता कि चलो कोई न अभी तो शुरु ही हुआ है.. कभी छुट्टियों पर चले गए तो तो कभी बच्चे का मन नहीं तो चलो कोई बात नहीं रहने दो यही गलती कर जाते हैं सेशन के शुरु से ही सीरियस रहना है… चलिए मैं एक एक करके 5 बातें बताती हूं

1. Role model बनना है क्योंकि हम Parents हैं पहले टीचर हैं Parents बच्चे उन्ही से inspired होते हैं जो उनके Parents  करते हैं तो रोल मॉडल बने… वही दोहराते हैं..

इसके लिए घर का माहौल एक दम शांत रहे.. ताकि बच्चे की ग्रूमिंग अच्छी हो…आपस में झगडा और एक दूसरे की बुराईया इन सभी से बच्चों को दूर रखिए.. या बच्चों के सामने मत कीजिए

एक दूसरे से नहीं लडना और बच्चे से भी नहीं मार पिटाई करनी… अगर बच्चों का भी लगे कि वो पढ नहीं रहा लर्न नहीं कर रहा तो बजाय मार पिटाई करने के, तुलना करने के… उसे आराम से बैठ कर समझाई… अपने घर का अनुशासन बनाईए और बच्चे को समझाईए कि उस पर चलना कितना जरुरी है..

2.हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए बच्चों को समय देना… दो तरह से बात करनी हैं एक तो बच्चे के बारे में कि कैसे हो.. कैसा रहा आज का दिन… स्कूल में कैसा रहा दिन.. क्या क्या हुआ ? क्या क्या किया ??  अगर बच्चों से बात करेंगें बैठेंगे तो बच्चे भी अपनी सारी प्रोब्लम शेयर करेंगें.. टाईम ही नहीं होगा फिर बच्चे पिछड़े चले जाएगें क्योंकि Parents की तरफ से जरा भी स्पोर्ट नहीं और दोस्तों की इतनी समझ नहीं

फिर पढाई की बात…नई क्लास है इसलिए डील नहीं देनी… और पहले दिन से ही एक नया टाईम टेबल होना चाहिए.. बच्चे को बैठा कर नए सिरे से टाईम टेबल बनाना है… कि उसे क्या टाईम सूट करता है…और उसे फ़ॉलो करने पर जोर देना है… एक दम रेगयूलर  रहना है

उनके साथ भले ही एक घंटा हो पर उनकी कॉपी चैनल कीजिए स्कूल में क्या करवाया है डायरी में क्या क्या नोट या होमवर्क मिला है वो सब चैक कीजिए..

जब होमवर्क करें तो साथ बैठिए ताकि उसे अगर कुछ पूछ्ना हो तो आप वहां हो ताकि कोई कंफ्यूजन ही न रहे.. खुद नहीं करना बल्कि उसको जो समझ न आए उस से रिलेटिड वीडियो दिखा कर या अपने तरीके समझा कर उसे समझाया जा सकता है.. कई बार बच्चों को समझाने के लिए पेरेंट्स  educational trips  पर भी ले जाते हैं या स्कूल का अगर ट्रिप जा रहा हो तो उसे टाईम वेस्ट करना है ना कह कर भेजना चाहिए.. प्रैक्टिकली बच्चे ज्यादा अच्छे से समझते हैं…

3सिर्फ पढाई पर ही नहीं  Supervise करनी है activity कि क्या और क्या क्या करना पसंद करता है जैसा कि जब भी खाली होता है कोई ड्राईंग करने लगता है या गाने गाने लगता है इस पर ध्यान दीजिए और उसमे भी उसे Encourage कीजिए…  इससे बच्चे का ईंटरस्ट बना रहता है.. या फिर पूरा टाईम वेस्ट कर रहा है टीवी ही देख रहा है या गेम ही खेल रहा है… तो हमे ही समझाना है कि टाईम टेबल के अनुसार चलना जरुरी है… नहीं फ़ोलो किया तो सजा मिलेगी.. वो क्या है वो आप बच्चों के साथ मिलकर ही बनाएं.. जो काम उसे करना अच्छा नहीं लगता वो ही करवाना है…

4. parent teacher मीटिंग एक बहुत ही अहम बात जो ज्यादातर Parents नहीं करते.. वो है Parent टीचर मीटिंग … जाते ही नहीं.. साल जब खत्म होने वाला होता है तब आते हैं बच्चे इसमे कमजोर है बच्चा ऐसा कर रहा है.. जबकि सारे साल नियमित रहेंगें जाएगें तो बहुत फर्क पडेगा.. साल की पहली मींटिग से जाना शुरु करना है… कई बार बच्चे ही मना कर देते हैं..अगर मना कर देते हैं फिर तो जाना और भी जरुरी है.. बच्चे में क्या कमी है या क्या खास बात है..

5. Be a good friend बच्चे के अच्छे दोस्त बनिए और अपने अनुभव भी जब आप बच्चे थे क्या हुआ था वो शेयर कीजिए ताकि एक अच्छा माहौल बन पाए… जैसा कि आप ने एक बार नकल की थी या चोरी की थी… कितनी डांट पडी थी.. उससे आपने क्या सबक सीखा या क्लास में एक बार आपने नकल की थी तो उसका क्या असर हुआ… ये सब बात हम मम्मी पापा बन कर नहीं कर सकते या समझा सकते…

हमेशा उन्हें पढाई कर लो पढ लो कह कर ही मत टोकिए उन्हें रिलेक्स करने को भी कहिए… सारा दिन भाग दौड , तनाव बहुत होता है और ऊपर से हम Parents भी दवाब डालेंगें तो क्या होगा.. इसलिए उन्हें रिलेक्स करने के लिए भी बोलिए.. बच्चे कुछ भी अच्छा करते हैं तो उन्हें शाबाशी और जो भी मन पसंद चीज चाहिए वो जरुर दीजिए… अगर इन बातों का ख्याल रखेंगें जोकि शायद आपको पहले ही से पता है… तो शिकायत नहीं करेंगें आप..

हम सोचते हैं कि हम Parents बन गए और बस समझदार हो गए.. समझदार नहीं तब नहीं होते जब बड़ी-बड़ी बातें करने लगे बल्कि तब होते हैं जब छोटी छोटी बातें समझने लगते हैं…

Role of Parents in Education

March 29, 2019 By Monica Gupta 1 Comment

How to Avoid Divorce – तलाक से कैसे बचें – Avoid Divorce and Save Your Marriage –

How to Avoid Divorce

How to Avoid Divorce – पति शेर बनकर रहेंगे तो पत्नी भी दुर्गा बन कर रहेंगी पर अगर पति नारायण बन कर रहेंगे तो पत्नी भी लक्ष्मी बन कर साथ निभाएगीं – इगो को निकाल दीजिए इज्जत और मान सम्मान दीजिए – हम तो छोटे हैं अदब से सर झुका लेंगे पर बड़े ये तय कर लें कि उनमें बड़प्पन कितना है – https://youtu.be/CxZdLbIJzvE

Divorce को Avoid कैसे करें ? पति और पत्नी का रिश्ता बहुत पवित्र होता है.. माना जाता है ये रिश्ता ऊपर वाला बना कर भेजता है फिर ऐसा क्या हो जाता है कि तलाक यानि Divorce की नौबत आ जाती है… चाहे लव मैरिज हो या अरेंज… कई बार आपस में दूरिया इतनी बढ़ जाती है कि लगने लगता है अब साथ नहीं रह सकते… तो कैसे करे इसे Avoid… आज इसी बारे में मैं पति और पत्नी दोनों को 5 बातें बता रही हूं…

1. सबसे पहले तो अपना माईंड सेट पॉजिटिव रखिए.. पहले से ही मन बना कर बैठ जाएगें तो कुछ नहीं हो पाएगा.. तो ये विचार मन से निकाल कर एक बार ये सोचिए कि मैं इसे ठीक कैसे करुं… छोटा माट झगडा नोकझोंक तो होती ही रहती है.. बात का बतगड नहीं बनाईए..  

2.खुद पर काम करना है जो चीज हम ठीक कर सकते हैं उसे ठीक करें..

पहली बात अपनी looks पर ध्यान दीजिए… बहुत लडकियां शादी से पहले बहुत स्लिम trim होती हैं शादी के बाद बिल्कुल बेपरवाह हो जाती है और बहुत मोटी हो जाती है या लड़का जो हमेशा एक दम स्मार्ट बन कर रहता था… अब एक clumsy से रहते हैं दम सुस्त से रहते हैं न कपडो का ख्याल न नहाना ना शरीर की सफाई रखनी..

फिर सुनना बहुत जरुरी होता है.. हम सुनते नहीं है अपनी चलाए जाते हैं एक दूसरे की बातो को सुनना है समझना भी है और प्रोपर जवाब भी देना है… कूल माईंड से सुनना है और मूड खराब हो तब बजाय बात करने के आराम से बोल दीजिए कि कुछ समय मुझे अकेला छोड दो…

कई बार हम व्यंग्य या टोंट ज्यादा करते हैं बात कम करते हैं.. आदर मान देना चाहिए और आराम से बात करनी चाहिए.. वो कहते है ना कि

पति शेर बनकर रहेंगे तो पत्नी भी दुर्गा बन कर रहेंगी पर अगर पति नारायण बन कर रहेंगे तो पत्नी भी लक्ष्मी बन कर साथ निभाएगीं

समय भी बहुत मायने रखता है.. एक दूसरे को समय देना बहुत जरुरी है इससे रिश्ते में मजबूती आती है.. Balance बना कर चलना है नौकरी करते हैं तो वो भी जरुरी है.. पर उतना ही जरुरी है एक दूसरे के साथ समय बिताना..

3. ये है कुछ बातें जो हम ठीक कर सकते हैं.. जो हम ठीक कर ही नहीं सकते उसे स्वीकार कर लेना चाहिए.. जैसा कि पति छोटे कद के है या पत्नी का रंग सांवला है.. ये सोच कर कि परफेक्ट तो कोई नहीं होता कोई न कोई कमी तो हर किसी में होती है… समान अनुभूति रखनी है फिर हमें ये देखना है कि उनकी अच्छी बात क्या है… प्लस पोईंटस क्या है… qualities क्या है उसे देख कर एप्रीशिएट भी करना है…

4. ये देखना है कि प्रोब्लम है क्या ? जड क्या है.. मिल बैठ कर बात करनी है और मिलकर ही उसे सुलझाने की कोशिश करनी है.. दोनों को ही झुकना भी होगा और बदलना भी होगा.. flexible रहना है कोई बात ये न हो कि मुझसे नहीं होगा…

5. एक दूसरे के क्या सपने हैं या लाईफ के गोल है… इच्छाओं का ख्याल रखना है मैं से बाहर निकल हर हम पर आना है.. मैं घर खरीदना चाहता हूं हम घर खरीदना चाहते हैं.. अपने भविष्य के बारे में सोचे..

एक दूसरे की ताकत बनें.. loyal  रहें कोई भी बात ठीक न लगे तो आमने सामने बैठ कर खुल कर बात कीजिए… और प्रयास यही रहना चाहिए कि मिलकर रहें.. मैं पुरुष हू मैं ग्रेट हूं या तुम तो कमजोर महिला हो… तुम कुछ नहीं कर सकती.. इगो को निकाल दीजिए छोटा बड़ा कोई नहीं बराबर हैं और बराबरी की ही इज्जत और मान सम्मान दीजिए

हम तो छोटे हैं अदब से सर झुका लेंगे पर बड़े ये तय कर लें कि उनमें बड़प्पन कितना है

March 27, 2019 By Monica Gupta Leave a Comment

Whom to Trust – किस पर करें विश्वास – किन बातों का रखें ध्यान – Monica Gupta

Whom to Trust

किस पर करे विश्वास… जिंदगी में बहुत बार हमारे सामने एक प्रश्न वाचक चिन्ह बन कर खड़ा होता है कि किस पर करे किस पर ना करें विश्वास.. विश्वास तो करना पड़ेगा तभी पता चलेगा.. इसी बारे में मैं आपको पांच बातें बता रही हूं

1.सबसे पहले तो अगर कोई भी जरुरी decision ले रहे हैं तो जल्दबाजी नहीं करनी.. सोचने के लिए समय लें.. मान लीजिए कोई बता रहा है कि फलां नौकरी बहुत अच्छी है उसे ज्वाईन कर लो.. तो आंख मूंद कर नहीं… अपना दिमाग लगाना है ये नौकरी क्या वाकई मेरे लिए ठीक है या नहीं.. हो सकता है वो उसके लिए हो पर मेरे लिए नहीं हो… या कोई नया बिजनेस शुरु करने के लिए बोल रहा है पर ये सोचना है कि क्या ये मेरे लिए ठीक है , मुझे इस काम की जानकारी है या नहीं… हो सकता है उसे हो जानकारी … आपकी जिंदगी से संबंधित है तो अपने हिसाब से करना है… ये नहीं कि उसने कहा और आपने मान लिया ना कि किसी के कहने पर… करियर से रिलेटिड है

दूसरा फाईनैंस से – या फिर कोई कार खरीदनी है या घर खरीदना है एक सेल्समैन बहुत अच्छी ऑफर देता है कि ये बहुत अच्छी स्कीम है ये तो ले ही लीजिए उसका तो इंट्र्स्ट है फायदा हो ही रहा है… सामान बिक रहा है अपना इंटर्स्त है पर क्योंकि इसमे बहुत ज्यादा पैसा लगा हुआ है तो सोच समझ समय लगा कर कर ही कदम उठाना चाहिए.. आपका फायदा है या नहीं..

2.कोई बहुत जल्दी दोस्ती करने की कोशिश करे या रिश्तेदारी बनाने की कोशिश करे तो भी जल्दी से विश्वास नहीं करना चाहिए.. जैसे कोई शादी की बहुत जल्द बाजी कर रहा हो तो भी एलर्ट हो जाना चाहिए कि क्या वजह हो सकती है.. एक दम से विश्वास नहीं करना चाहिए ये सोचना चाहिए कि कही इसका कोई अपना मतलब या काम तो नहीं कि निकलवाना चाह रहा हो..  दोस्ती या रिश्ते में कोई जल्दबाजी दिखाए जल्दी नजदीक आना चाहे तो एलर्ट हो जाना चाहिए..

3 कुछ लोग बहुत nice और attractive लगते  हैं. मन भी करता है कि इनसे बात करें पर जरुरी नहीं कि वो trust worthy भी हों… उनका बिहेवियर हमारे साथ कैसा है ये तो हमे पता है कि बहुत ही अच्छा है केयरिंग है पर दूसरों के साथ कैसा है ये देखना भी बहुत जरुरी है जैसा कि वो किसी दुकान पर जाता है या तो किस तरीके से बात करता है, घर में नैकर के साथ कैसे बिहेव करता है, होटल में वेटर के साथ… या बहुत show off कर रहा है या जो उनके अपने family members हैं close friends हैं उनके साथ किस तरीके से बात करता है हमारे साथ बहुत अच्छा है पर दूसरों के साथ बहुत रूड है… पब्लिक लाईफ के कैसे बिहेव करता है ये भी देखना बहुत जरुरी है

4 हमें दिल से नहीं दिमाग से काम लेना चाहिए .. लोजिकल थिंकिंग होनी चाहिए बहुत ज्यादा इमोशनल होकर नहीं लोजिकल होकर डिसीजन लेना चाहिए जैसे मान लीजिए मुझे घर खरीदना है मेरे पास दो ब्रोकर यानि दलाल है.. एक बहुत घुल मिल कर बात कर रहा है बहुत अपना पन दिखा रहा है दूसरा बहुत स्ट्रेट फार्वर्ड है वो ज्यादा धुलने मिलने में विश्वास नहीं रखता… तो मैं ये सोच कर कि पहले वाला बहुत अच्छा बोल रहा है मैं इसी का दिखाया घर खरीद लूं.. ये सोचना है घर कौन सा ठीक है..हो सकता है जो स्ट्रेट फार्वर्ड है जो उसने दिखाया है वो ज्यादा ठीक लग रहा है… ना कि जो ठीक से बोल रहा है उस तरफ ध्यान देना है.. एक बार गलत डिसीजन ले लिया तो सारी लाईफ ही दुखी रहेंगें तो लोजिकल थिंकिग ही रखें.. ऐसे में दिमाग से काम लेना चाहिए कि सही है क्या..  

5किस पर करें विश्वास ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम किस बात पर विश्वास करने की सोच रहे हैं इसमे रिस्क कितना इंवॉल्व है.. मान लीजिए कोई मुझसे 50 हजार रुपये मांग रहा है या फिर कोई 500 ही मांग रहा है मेरे लिई पचास हजार बहुत है पर कोई 500 मांग रहा है  तो मेरा कम रिस्क है.. 50 हजार का रिस्क बहुत है 500 का कोई बात नहीं… मैंनेज नहीं कर पाए

अगर आप किसी के बारे में अच्छा सोच रहे हैं या बुरा सोच रहे हैं तो चांसिस है कि आप सही सोच रहे है…

वैसे इन सब बातों के इलावा जब किसी पर विश्वास करने की बात करते हैं तो हमारी भी कही न कही इंवोल्वमैंट होती है जैसा कि मान लीजिए घर में एक नौकर है और हम उस पर शक करते रहते हैं विश्वास नहीं करते.. तो उसके मन में भे यही रहेगा कि कुछ भी कर लो इन्होने तो शक करना ही है पर अगर हम उस पर faith रखते हैं तो वो भी faith full रहेगा पर वे वजह doubt किए जाएगें तो faith full ..

लोगो के पास बहुत कुछ हैं, मगर मुश्किल यही है कि भरोसे पर शक हैं और अपने शक पे भरोसा हैं…

March 26, 2019 By Monica Gupta Leave a Comment

General Knowledge for Kids – बच्चों से बातें – General Knowledge for Kids in Hindi – 6

General Knowledge for Kids

आज की मेरी वीडियो है बच्चों के लिए इसलिए बच्चे जल्दी जल्दी से यहां आ जाईए… आज फिर हम खूब सारी बातें करने वाले हैं… पहले तो नई वाली क्विज है फिर पिछ्ली क्विज में आप सभी के जवाब और आपके सभी के नाम…

General Knowledge for Kids – बच्चों से बातें – General Knowledge for Kids in Hindi – 6- Monica Gupta – तो शुरु करें… पर पर पर शुरु करने से पहले एक बात बताईए कि दूध कौन कौन नहीं पीता… ?? कौन बच्चा दूध पीते वक्त मुंह बनाता है.. पता है बहुत सारी ममियों की शिकायत आई है… तो दूध तो पीना ही चाहिए… देखिए ताकतवर, मजबूत और स्ट्रांग तो हम बनना ही चाह्ते हैं और अगर दूध पीना शुरु कर दिया तो हम बन भी जाएगें इसे पीने एनर्जी आती है.. इसलिए दिन में दो बार जरुर पीना चाहिए एक सुबह और एक रात को… ठीक है अब शिकायत नहीं आनी चाहिए… कैलशियम , प्रोटीन,  विटामिन…

कल शाम मैं मार्किट से एक किताब खरीद कर लाई और उसकी कहानी पढने लगी… अब शुरु होती है क्विज…

कहानी में एक बहुत बड़ा जंगल था.. एक दिन की बात है… आसमान में दिन के समय काले काले बादल आसमान में भिनभिनाने लगे..ये देख कर शेर चहचहाने लगा…और हाथी टर्र  टर्र करने लगा… चिड़िया तो अपने बनाए जाले में आराम से बैठी थी पर मकड़ी अपना घौंसला बनाने में जुटी रही…

मुझे पढ़ते पढ़ते नींद आ गई और मैं सो गई… तो ये थी क्विज इसमे हैं 5 गलतियां

आपको खोजनी है और तीन दिन के अंदर अंदर जवाब भेजने हैं  आपका नाम , क्लास और शहरगुंजन क्लास 6 में है बस एक छोटी सी गलती कर गई कि घडी में 12 बजे हैं जबकि 12 बजकर 5 मिनट हुए थे..

स्निग्धा क्लास 7 में है और झारखंड से हैं ये 31 दिसम्बर लिख गई…

चैरी गोयल 6 क्लास में हैं चैरी आपका प्रयास अच्छा था जितने जवाब दिए सब ठीक हैं पर आपने सभी के जवाब एक साथ नहीं दिए… आगे पीछे दिए हैं.. उसका आप आगे से ख्याल रखना..

और रुपम आपने भी दो के ही जवाब दिए.. वो बिल्कुल ठीक है अब कोशिश करना की सभी के सही जवाब दें

एक मैसेज पाकिस्तान लाहौर से आया है इनका नाम है वानिया रेहान और ये प्रेप क्लास में पढती हैं और लिखा है कि मेरी बेटी 6 साल की है और वो कह रही है कि स्कूल से आते ही यूनिफार्म चैंज कर लेती हैं

तो अब मुझे इंतजार है आपके जवाब का


जाते जाते एक चुटकुला हूं बहुत मजेदार लगा..
एक दोस्त अपने दूसरे दोस्त से पूछ्ता है
मुर्गी क्या देती है वो बोला अंडा फिर उसने पूछा और गाय तो वो बोल दूध इसमे क्या है… तो वो बोला कि ऐसा कौन है जो अंडा भी देता है और दूध भी… अब वो हैरान कि अरे ?? ऐसे कोई होता है … तो वो बोलता है अरे दुकानदार  … आपके पास भी ऐसे मजेदार चुटकुले या रिडल्स हो तो जरुर भेजना मुझे…

तब तक अपने मम्मी पापा का कहना मानना, अपने भईया दीदी से झ डा नहीं करना, घर के छोटे मोटे काम में उनकी मदद करवाना…

March 22, 2019 By Monica Gupta Leave a Comment

Indian Mother In Law – How To Deal With Mother In Law – सास बहू का रिश्ता –

Indian Mother In Law


Indian Mother In Law – How To Deal With Mother In Law – सास बहू का रिश्ता –
कुछ रिश्ते हैं इसलिए चुप हैं ! कुछ चुप हैं इसलिए रिश्ते हैं.. आप सभी के अलग अलग problems को लेकर मैसेज आते रहते हैं हैं पर एक problem जोकि शायद बहुत common है उस बारे में बहुत ladies के मैसेज आता है और वो
problem है सास… Mother In Law – कि उनसे बही बनती..

कोई कहती है वो बहुत जैलेस करती है कोई कहती हैं कि वो हमेशा ही खुद को ठीक मानती हैं जैसा कि मुझे ही सारी समझ है, या वो पति के सामने बहुत केयर करती हैं पर उनके जाने के बाद बहुत misbehave करती है…बहुत सारी बातें हैं कि करें तो क्या करें उनसे कैसे deal करें… तो मैंने उनके साथ बहुत बातें शेयर की और बहुत positive response मिला तो आज वही बातें आपसे भी शेयर कर रही हूं

आप भी माथे पर आए बल निकाल कर पॉजिटिव mind set से ही सुनिए…

1.सबसे पहले तो real problem है क्या वो जानना है…

ऐसा किसलिए है… उन्हें जो स्ट्रेस है उनके ऐसे व्यवहार की वजह उनका अपना पास्ट है.. उनकी लाईफ कुछ ऐसी रही है..जिसकी वजह से वो ऐसी नेगेटिव हो गई है… समानुभूति रखते हुए सोचना है..

क्या उसका रिजन आप ही हैं? जैसी बहु का उन्होने सोचा था हम वैसी नहीं हैं. वैसे बहुत मुश्किल है अपनी गलती खोजना पर अगर डील करना है तो हल तो निकालना ही है कहीं हम भी तो बात बात पर मुंह नहीं बना लेती, नाराज नहीं हो जाती, काम करने के वक्त उठा पठक तो नहीं करती… आप भी सोचिए…

सोचना है बिल्कुल शांत मन से… और वजह खोजनी है…

देखिए एक बात तो बिल्कुल साफ है कि हम अगर ये सोचे कि उन्हें बदल देंगें तो ये विचार तो मन से निकाल देना चाहिए…

अब करना क्या है और किस तरह से है ये सोचना है..

सबसे पहले तो खुद पर Focus रखना है कि कहीं मेरी कोई बात तो उन्हें पिंच नहीं होती… अगर है तो खुद को ठीक करने की शुरुआत करनी है…

2. फिर अगर हमें उनकी कुछ बातें ठीक नहीं लगती तो उनसे आराम से खुल कर बात कीजिए  समस्या का हल आमने सामने बैठ कर खुल कर बात करने से होगा.. बात करने से ही बात बात बनती है नहीं तो बातें बनती हैं…

या मान लीजिए आप सीधा उनसे बात नहीं कर सकती तो आपकी कोई ननद हैं वो अपनी मम्मी के ज्यादा करीब है या आपके पति… उनसे बात कीजिए कि वो उनसे खुल कर बात करें…

3.हम ज्यादातर उनके नेगेटिव बातें ही सोचते हैं तो उनकी कोई पॉजिटिव बात भी सोचिए जैसा कि वो कढी बहुत ही अच्छी बनाती है या घर बहुत टिच रहता है.. तो क्या आपने उन्हें compliment दिया ?? वो दीजिए.. उन्हें बहुत अच्छा लगेगा… उन्हें समय समय पर कोई न कोई surprise दीजिए… जैसे आपको उनकी कोई बहुत पुरानी सहेली मार्किट में मिली तो उन्हें मिलवाने ले आईए…

4.जब वो किसी बात पर criticize करें तो स्माईल के साथ स्वीकार कर लीजिए और चुपचाप उस जगह से दूर हो जाईए… क्योंकि आमने सामने रहेंगे तो फिर बात बडेगी… अपनी तरफ से झगडे को बढने नहीं देना..

5.पर अगर वो कोई सलाह दें तो उसे नजर अंदाज नहीं करें… एक बार बोल दीजिए कि हां अच्छा आईडिया है मैं जरुर करके देखूगी…

6.कई बार जब हम उनसे दूर रहते हैं तो उन्हें ये शिकायत रहती है कि तुम तो भूल ही गए फोन ही नहीं करते.. तो पति को भी बोलिए समय समय पर कि उन्हें फोन करके हाल चाल पूछे या बच्चों की भी बात करवाएं इससे उन्हें अच्छा लगेगा…

7.पर जो उनकी बात आपको उकसाए तो उस समय avoid करें.. कोई ऐसी बात हो जिसे सुनकर आपको लगे कि अब आपका मूड खराब होगा तो खुद को दूर कर लीजिए… मायके का टॉपिक छिड गया और अब आपको लगता है कि ये कुछ बोलेगे तो avoid कीजिए… 

8.खुद को बिजी रखिए… कई बार लगता है कि हमें रहना तो एक ही घर में हैं तो ऐसे में खाली मत रखिए खुद को किसी न किसी क्रिएटिव काम में बिजी रखिए.. उससे खुद का तनाव कम होगा और बिजी रहेंगी तो उनसे बात कम होगी…

9.और अगर आपको लगता है कि नहीं ठीक हो सकता बहुत कुछ ट्राई कर के देख लिया नहीं बन सकती और बहुत तनाव रहता है तो आप अलग रह सकते हैं.. अलग रहने से ये नहीं होता कि रिश्ता खत्म बल्कि कई बार रिश्ते अच्छे भी बन जाते हैं.. एक मेरी जानकार हैं उन्होनें बहुत प्रयास किया.. अपनी सास की बहुत केयर की पर उनका स्वभाव वैसा ही रहा… पति ने भी इस बात को महसूस किया….और  वो अलग हो गए पर अलग रह कर त्योहार पर उनसे मिलने भी जाते हैं जन्मदिन पर फोन भी करते हैं…  वो कई बार अपनी बातें शेयर भी करती हैं…

प्रयास तो मिलजुल कर रहने का करना ही चाहिए और दोनो तरफ से पहल होनी चाहिए… कुछ रिश्ते हैं इसलिए चुप हैं ! कुछ चुप हैं इसलिए रिश्ते हैं..

March 20, 2019 By Monica Gupta Leave a Comment

Time Management Tips for Students

Time Management Tips for Students

Time Management Tips for Students

आज मैं बात कर रही हूं Students से की वो Time Management  कैसे कर सकते हैं…. असल में बहुत बिजी होते है हम Students.. कैसे की पढाई हैं, टेस्ट है ट्यूशन है, एक्स्ट्रा एक्टिविटी है, और फिर सोशल एक्टिविटी दोस्तों के साथ भी तो समय बिताना है क्या क्या करें और कैसे… इसके बारे में मैं सिर्फ 5 बातें ही बता रही हूं

  1. अपनी डेकी रुटीन सेट होनी चाहिए – जिसमे पहली घर और दूसरी स्कूल की.

हमारा हर चीज का टाईम फिक्स होना चाहिए… जैसा कि कितने बजे सोना है कितने बजे उठना है कितने बजे नाश्ता लेना है कितने बजे स्कूल जाना है कितने बजे वापिस आना है. हमारा दिन कैसी बीतेगा ये निर्भर करता है हमारी नींद पर तो यानि नींद अच्छी हो… दिन बेहतर और खूब एक्टिव बने इसके लिए अच्छी नींद बहुत जरुरी है… उसी के साथ साथ हमारी डाईट पौष्टिक हो, हम जंक खाने में विश्वास रखते हैं या फिर स्किप भी बहुत बार कर देते है कि जोकि गलत है और फिर हमारी sitting बहुत हो जाती है… पढ रहे है तो तीन तीन घंटे लगातर बैठे ही हुए है तो सुबह शाम कसरत जरुर करनी है…

स्कूल में भी हमें क्लास में ध्यान से बैठना होगा, आगे बैठना होगा. टीचर की ध्यान से सुननी होगी जो नहीं आता होगा वो समझना होगा और नोट सोच समझ के बनाने होगें… कई बार हम क्लास ही स्किप कर देते हैं उसकी वजह से घर पर जब पढने बैठते हैं तो समझ ही नहीं आता.. टाईम ज्यादा लगता है तो अगर क्लास में ही ध्यान देंगें तो टाईम वेस्ट ही नहीं होगा..

2. फिर हमें हमारी प्राथमिकताए सेट करनी होगी – जो हमारे टास्क हैं या जो हमारा गोल्स है और उसे हिसाब से उसे लिख लेना चाहिए… वो चाहे हमारे long term हो या short term हो… जैसा कि हमारा ळॉग टर्म गोल है कि मुझे डॉक्टर बनना है या जज बनना है तो उसके लिए हमें ध्यान देना होगा हमारे शार्ट टर्म गोल पर जैसा कि उसे बनने के लिए मुझे एंटरेंस क्लीयर करना होगा जिसके लिए कोचिंग लेनी होगी, टयूशन लेनी होगी या खुद पढ़ना होगा…

3.जो हमें बनना है उसे एचिव करने के लिए जो भी करना है वो जरुर टाईम निकालना है चाहे कोचिंग लेनी होगी, टयूशन लेनी होगी या खुद पढ़ना होगा निकालना ही निकालना है उसके लिए तो डेली टाईम निकालना ही है 3 जो हमारे गोल्स हैं या टास्क हैं वो realistic हो.. ऐसे हो जो हम कर भी पाएं… ऐसा नहीं की हमने सोच तो लिया कि एक दिन में पांच पाठ लर्न कर लूंगा और हुआ एक भी नहीं… उससे फिर हमारा मनोबल कमजोर हो जाएगा तो करो उतना ही जितना कर पाओ…

और इसके लिए मल्टी टास्किंग नहीं होनी चाहिए… जैसा कि मुझे गिटार भी सीखना है, स्विमिंग भी सीखनी है… जैसा कि एक बच्चा है उसने स्विमिंग क्लास भी ज्वाईन कर रखी हैं फिर जाता है डॉंस क्लास में फिर जाता है टयूशन.. स्विमिंग के बाद वो बहुत थक जाता है फिर जाता गिटार क्लास में वो समझ ही नहीं आता और फिर ट्यूशन… सब साफ हो जाता है.. एक टाईम पर एक चीज पर ही पूरा फोकस रखना है  उससे क्या होगा कि हम कुछ भी अच्छे से नहीं कर पाएगें… जिसका सबसे ज्यादा शौक है पहले उसमें समय लगाईए…

4. फिर हमें स्टिक्ट भी रहना है.. proper organized रहना है

पहली बात तो जो हमारी स्टडी टेबल है वो क्लीन हो.. उसमे कोई ऐसी चीज न रखी हो जिससे हमारा ध्यान बटे… जैसा कि मोबाईल या कोई मैगजीन फिर हमें ना कहना भी सीखना है…  अगर दोस्त ऐसे टाईम पर आए हैं कि मेरा पढने का टाईम है तो मना कर देना सीख जाईए.. या फिर सोशल मीडिया पर भी एक लिमिट में ही समय लगाना है.. या टीवी या मोबाईल पर भी एक समय फिक्स होना चाहिए.. एक घंटा है उसमे जो भी अच्छा लगे वो करना है.. मेरी सहेली की बेटी है उसे सीरियल देखने का बहुत शौक है उसे यही प्रोब्लम रह्ती हैं कि टाईम बहुत वेस्ट होता है सीरियल तो महज 15 मिनट का ही होता है पर बहुर एड आती है तो मैंने उसे सुझाया कि रिकार्ड कर लो ताकि जब देखे वो इसे फास्ट फार्वड कर ले.. अब वो आराम से दो चीजे एक साथ देख लेती है… और समय भी बच जाता है…

5. फिर इसमे 5 पॉईंट आता है कि इस बात का भी ध्यान रखना है कि परफेक्श्निस्ट कोई नहीं होता… मान लीजिए हमने प्लानर बनाया पर उस पर स्टिक्ट नहीं रह पाए तो ये नहीं कि हम तो कभी कर ही नहीं पाएगे… जो कमी रह गई उसे हम वीक एंड पर भी पूरा कर सकते हैं खुद को कभी अंडर एसटीमेट नहीं करना… गलती से ही हम सबक लेते हैं पर जरुरी क्या है कि हमें मन में ठान लेना है… अपनी सोच पोजिटिव रखनी है और मजबूत बनाना है

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GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

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