बीती ताहि बिसार दे – बीती हुई बात को पकड कर बैठना सही नही – अक्सर हम past की बातों को लेकर बैठ जाते हैं और अपना भविष्य खराब कर लेते हैं. घर पर एक जानकर आईं. उनके लिए मैने जानबूझ कर कॉफी बहुत स्ट्रांग बनाई और चीनी भी नही डाली…. किसलिए .?? ये जानने के लिए आपको वीडियो देखनी पडेगी …
बीती ताहि बिसार दे – बीती हुई बात को पकड कर बैठना सही नही
कल एक प्रोग्राम में एक जानकार की बिटिया मिली .. बहुत चुप सी थी. उनकी मम्मी ने बताया कि पढाई में अच्छे नम्बर नही आए तो past हीसोचती रहती है उससे बाहर ही नही निकल रही … इस चक्कर में अब पढाई भी सही नही कर पा रही… फाईनल पेपर आने वाले हैं उस प्रोग्राम में बहुत शोर था इसलिए मैने उसे घर आने को कहा …
अभी थोडी देर पहले ही वो आई थी … जब वो आई
मैने उसके लिए कॉफी बनाई
और उसमे जान बूझ कर स्ट्रांग बनाई और चीनी भी नही डाली उसने एक सिप ली और कडवा सा मुह बनाया मैने पूछ क्या हुआ बोली स्ट्रांग है तो मैने कहा कि ओह मैने सोचा कि आपको ऐसी ही पसंद है इसलिए ऐसी बनाई थी … उसने बोला कि आपको ऐसे कैसे लगा कि मुझे ऐसा ही पसंद है… तब मैने कहा कि आप कडवाहट के साथ कडवाहट लेकर ही तो जी रही हो … अगर कुछ गलत हो गया तो उसे भूल कर आगे बढना चाहिए ना कि उसी को याद करते करते अपना भविष्य भी खराब कर लेना चाहिए …कहते हुए मैं खडी हो गई कि इसे फेंक देती हूं … इस पर वो बोली कि नही फेंकिए नही इसमे दूध और चीनी डाल दीजिए सही हो जाएगा … तो मैने कहा.. तुम इसेअपनी जिंदगी में एप्लाई क्यो नही कर रही … क्योकि कडवाहट मे जी रही हो ..
बीती ताहि बिसार दे – बीती हुई बात को पकड कर बैठना सही नही
समझ लो कि जो लाईफ में हुआ वो एक कडवी कोफ़ी थी या तो आप उसे ही पीते रहोगें या फिर कडवाहट दूर करने के लिए उसमें दूध और मिठास के लिए चीनी डालोगे .. वो बोली कि कडवा नही मैं चीनी और दूध दोनो डालूगी वो समझ गई थी और फिर उसने कहा कि मैं प्रयास करुगीं हमने मिलकर कॉफी बनाई और वो कोफी पीकर मुस्कुराते घर चली गई …
जिंदगी में कई बार बहुत कडवे अनुभव होते हैं पर हमें भुला कर आगे बढते रहना चाहिए … जो हो गया सो गया. जो खो गया सो खो गया.. जो खोट थी वो गल गई वो शेष है वो स्वर्ण है यानि आप है अपनी वेल्यू पहचानिए और …
भूत का ही रोना रोते रहोगे तो ना तुम्हारा वर्तमान सही होगा और ना ही भविष्य उज्जवल हो पायेगा।
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