छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही – Patience रखना सिखाएं – Patience यानि धैर्य – मेरी एक जानकार के पति बहुत lose temper हैं … यानि बहुत जल्दी आपा खो देते हैं दूसरे शब्दों में कहें तो patience , सब्र नही है … जैसे मान लीजिए गाडी चला रहे हैं और रेड लाईट हो तो गुस्सा आ जाता है … बच्चे की स्कूल बस दो मिनट लेट हो गई या कही लाईन में लगना पडे इंतजार करनी पडे तो गुस्सा आ जाता है और बहुत बोलते हैं …
छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही – Patience रखना सिखाएं
मेरी सहेली का कहना है कि वो अपने बच्चे को patience रखना सीखाएगी ताकि उसे पूरी जिंदगी दिक्कत न उठानी पडे … बहुत जरुरी है patience का होना … आमतौर पर हम कई बार गलती कर जाते हैं मान लीजिए बच्चा किसी बात के लिए जिद कर रहा है तो रो रहा है तो उसे चुप करवाने के लिए हम मोबाईल दे देते हैं और वो चुप भी हो जाता है पर अगली बार उसे आप मोबाईल नही दे पाते क्योकि आप जरुरी काम कर रहे हैं तब ऐसे में क्या करेंगें बच्चा तो रो ही रहा है जिद कर रहा है तो उसे चांटा मारेंगें … गुस्सा करेंगें … हाथ पकड कर धसीटते हुए ले जाएगें …
तो अच्छा क्या हो … अच्छा ये होगा कि बच्चे को प्यार से समझाएं … मुझे पता है आप यही सोच रहे हो कि बच्चा प्यार को समझता कहां है …आप कोशिश तो कीजिए … कोशिश उस समय नही कीजिए जब वो रो रहा हो चिल्ला रहा हो जब उसका मूड अच्छा हो … तब उससे बात कीजिए …
उसे झूठ मूठ किसी दूसरे बच्चे का उदाहरण दीजिए कि आपकी एक सहेली का बेटा है वो बहुत जिद्दी है उसे कैसे समझाना चाहिए … …
उन्हें खेल के माध्यम से या कहानी के माध्यम से सीखाए कि गुस्से का या सब्र न रखने का परिणाम कभी अच्छा नही होता … बच्चे को समझाईए कि सफलता भी उन्हें ही मिलती है जो सब्र रखते हैं …ये सब सीखाने के लिए जरुरी है कि आपमे भी सब्र हो … अच्छी मिसाल बनिए.. आप खुद भी बात बात पर उत्तेजित हो जाएगी तो बच्चा हो सीख ही नही सकता … देखिए वक्त लगता है … क्योकि उन्हें अपनी इच्छा पर काबू करना न सिखाया , तो वे बड़े होकर भी सब्र रखना नहीं सीख पाएँगे.. पर अगर आपने बच्चों को सब्र का पाठ पढा दिया तो बच्चे के साथ साथ आपका जीवन भी खुशियों भरा होगा …