Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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December 22, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

अति सर्वत्र वर्जयेत- मां बेटी का रिश्ता

मटके का पानी छी होता है क्या

अति सर्वत्र वर्जयेत- मां बेटी का रिश्ता-  कई बार मम्मी का अपनी बेटी से ज्यादा प्यार भी झगडे की वजह बन जाता है बेशक, maa ka dil ,  माँ की ममता कैसी भी हो पर पेरेंटस के लिए टिप्स यही है कि ज्यादा प्यार कई बार रिश्तों में खटास भर देता है.

अति सर्वत्र वर्जयेत- मां बेटी का रिश्ता

 

मेरी एक जानकार की तीन महीने पहले शादी हुई थी … तब मैं जा नही पाई थी पता लगा कि वो पेरेंटस के पास  घर आई हुई है तो मैं उससे मिलने चली गई … वहां का माहौल ही अलग था.

लडकी झगड कर घर आई हुई थी और उसकी मम्मी उसका पूरा समर्थन कर रही थी और बोल रही थी इतना दहेज दिया इसलिए थोडे न कि मेरी लडकी सुबह चाय बनाए … कुल मिलाकर जितना झगडा मुझे समझ आया वो था बात बात पर पैसे का धमंड जताना ..

 

अति सर्वत्र वर्जयेत- मां बेटी का रिश्ता

मां का बेटी की हर बात पर ध्यान देना भी सही नही 

उस समय तो मैं वापिस आ गई और लौटते हुए मुझे एक बात ख्याल आई जोकि कुछ समय पहले हुई थी… एक मेरी सहेली घर आई हुई थी और हम बाते कर रहे थे तभी उसके पास कोई फोन आया और उसने फोन नही उठाया फोन पर मॉम लिखा हुआ रहा था … मैने पूछा कि मदर इन लॉ हैं

वो बोली नही मम्मी हैं … मम्मी का फोन बहुत बार आता है  … हर घंटे फोन करती हैं और हाल चाल पूछती रहती हैं … शुरु शुरु में वो ससुराल की सारी बातें करती पर बाद् में महसूस होना शुरु हुआ कि फोन पर कुछ ज्यादा ही बात हो जाती है कुछ ऐसी बाते भी हो जाती हैं जो नही बोलनी चाहिए …

हर घर का अपना अलग तरीका होता है अपना वे ऑफ लीविंग होता है … और उसे  उसी मे एडजेस्ट होना है पर बार बार बात करके या ज्यादा बात करके आपसे सम्बधों में खटास आने लगी थी … इसलिए उसने मम्मी को मना किया कि ज्यादा फोन मत किया करो पर वो मानती नही इसलिए मैं अक्सर एवाईड कर जाती हूं …

कोई बात हो तो जरुर करती हूं पर ऐसे नही कि सारा दिन बाते ही करती रहूं … मुझे उसकी बात बहुत पसंद आई .. वाकई ऐसा ही होता है पर हम रिएलाईज नही करते … जैसाकि मैं जानकर से मिलकर आ रही हूं उसे भी अपनी बेटी को समझाना चाहिए न कि समर्थन देना चाहिए

अति हर बात की बुरी होती है चाहे वो मां का प्यार ही क्यो न हो … बाकि आज गर्ल्ज  खुद भी समझदार है …

इसलिए जिंदगी से जुडा कोई भी फैसला लेने से पहले जरुर सोचना चाहिए …जिंदगी में कई बार ऐसा  भी होता है कि बुदिमानी इसी में होती है कि ज्यादा बुद्दिमानी न दिखाई जाए  

maa ka dil , माँ का महत्व, माँ की ममता , समझदार मां , पेरेंटस के लिए टिप्स, माँ का दिल,achchhee maataa अच्छी माता कैसे बनें ,

प्रेम की अभिव्यक्ति, अति सर्वत्र वर्जयेत- मम्मी और बेटी का ज्यादा प्यार भी अच्छा नही

Importance of Appreciation in Life – A Story – Monica Gupta

Importance of Appreciation in Life – A Story Subscribe to my channel for more videos: https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel ना जाने रात ही रात मे क्या हो गया. Read more…

 

अति सर्वत्र वर्जयेत- मां बेटी का रिश्ता

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December 20, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि – बाल साहित्य सम्मान

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि – बाल साहित्य सम्मान – हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से 2015 का “बाल साहित्य पुरस्कार” मेरी लिखी किताब “वो तीस दिन” को मिला…बाल साहित्यकार मोनिका गुप्ता ….

वो तीस दिन नेशनल बुक ट्र्स्ट से प्रकाशित है. ये दूसरा बाल साहित्य सम्मान हैं इससे पूर्व 2009 में’ मैं हूं मणि’ को बाल साहित्य पुरस्कार मिला था ..

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि- बाल साहित्य सम्मान

बाल उपन्यास की मुख्य पात्रा है कक्षा दस ने पढने वाली मणि. जोकि किसी भी बच्चे की तरह बेहद शरारती चुलबुली है पर कक्षा दस की परीक्षा खत्म होने के बाद नतीजा आने से पहले तीस दिनों में ऐसा क्या होता है कि मणि के एक जबरदस्त बदलाव आ जाता है…

कहानी बेहद रोचक, मनोरंजक और शिक्षाप्रद है. और नेशनल बुक ट्र्स्ट की साईट पर ऑनलाईन भी उपलब्ध है..

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि – बाल साहित्य सम्मान

वो तीस दिन

एक झलक कहानी की

मै हूँ मणि। आज मेरी दसवीं क्लास की बोर्ड़ परीक्षा का आखिरी दिन है। हे भगवान! कितनी टेन्शन थी ना………। आज पता है मैं घर जाकर सबसे पहले क्या करूंगी। शर्त लगा लो आप लोग बता ही नहीं सकते। मैं सबसे पहले टेलिविज़न चलाऊंगी और दो महीने से जो पिक्चरें मैंने नहीं देखी वो देखूंगी और अपने मोबार्इल पर आए मैसेज पढूंगी। पता है पिछले दो महीनों से मम्मी-पापा ने मुझे कुछ भी नहीं करने दिया बस…………..पढ़ार्इ………..पढ़ार्इ………पढ़ार्इ……… इस करके………. आज मैं ढे़र सारी मनमानी करने वाली हूं।
उफ……….शुक्र है………. आज आखिरी पेपर उम्मीद के अनुसार ठीक ही हो गया अब तो जल्दी थी घर पहुंचने की।

मैं रास्ते में जा रही थी कि मेरे सामने वाली सड़क पर एक स्मार्ट सी युवती, छोटे-छोटे बालों वाली, आंखों में धूप का चश्मा लगाए, बैग कन्धे पर लटकाए सड़क पार कर रही थी कि शायद उसका पांव फिसल गया या पता नहीं………..क्या हुआ………पर वो बहुत बुरी तरह से गिर गर्इ।

पता नहीं उसे देखकर मेरी बहुत बुरी तरह हंसी निकल गर्इ और मैं ठहाका लगाती ताली बजाकर हंसती हुर्इ आगे बढ़ी। उधर वो तुरन्त उठी मेरी तरफ देखा फिर अपने कपड़ों को झाड़ा और ऐसे चल दी मानो कुछ हुआ ही ना हो। मैं हंसती हुर्इ आगे बढ़ी। सामने से पुनीता आ रही थी उसने बताया कि वो आज से ही ब्यूटीशियन का कोर्स ज्वाइन कर रही है और उसकी बहन कुकिंग का।

मैंने मुंह बिचका लिया और बोली भर्इ मैं तो आराम करूंगी और टेलिविज़न ही देखूंगी। उसको बाय बोलकर मैं घर की ओर बढ़ गर्इ। दूसरी तरफ से गीता मैड़म आ रहे थे………मैंने उन्हें देख कर भी अनदेखा कर दिया क्योंकि देखती तो उन्हें नमस्ते करनी पड़ती………….कौन करे नमस्ते…………..यही सोचती हुर्इ मुंह दूसरी तरफ करके मैं आगे बढ़ गर्इ।

घर पहुंची तो मम्मी छोले-भठूरे बना रहीं थीं…

 

 

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

साहित्य अकादमी सम्मान

साहित्य अकादमी सम्मान हरियाणा साहित्य अकादमी सम्मान बात 2009 की है जब मेरी पहली पुस्तक” मैं हूं मणि” को हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से “बाल साहित्य पुर read more at monicagupta.info

बच्चों की मनोरंजक कहानी – कहानी घर घर की – Monica Gupta

बच्चों की मनोरंजक कहानी – कहानी घर घर की – हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से 2015 का “बाल साहित्य पुरस्कार” मेरी लिखी किताब “वो तीस दिन” को मिला. बाल साहित्य बच्चों की मनोरंजक कहानी – कहानी घर घर की – Monica Gupta

 

बाल साहित्य में एक और उपलब्धि

December 19, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों की मनोरंजक कहानी – कहानी घर घर की

बच्चों की मनोरंजक कहानी - कहानी घर घर की

बच्चों की मनोरंजक कहानी – कहानी घर घर की – हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से 2015 का “बाल साहित्य पुरस्कार” मेरी लिखी किताब “वो तीस दिन” को मिला…ये दूसरा बाल साहित्य सम्मान हैं इससे पूर्व 2009 में’ मैं हूं मणि’ को बाल साहित्य पुरस्कार मिला था ….

बच्चों की मनोरंजक कहानी – कहानी घर घर की

बाल साहित्य पुरस्कार मिलने पर आपकी ढेर सारी शुभकामनाऎ मिली .. जिसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद !! आप मे से बहुत दोस्तों ने बच्चों की कहानी सुनने की इच्छा जाहिर की.. तो लीजिए आज एक मजेदार बाल कहानी सुनिए जोकि लगभग हर घर की कहानी है… कहानी का शीर्षक है “काम ही काम”
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बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ – लौट आई खुशी – Monica Gupta

बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ – लौट आई खुशी – बच्चों की छोटी कहानियाँ हमेशा आकर्षित करती है चाहे प्रेरक हो या मनोरंजक – बच्चे कहानी बहुत चाव से पढते हैं. नन्हे read more at monicagupta.info

 

बच्चों की छोटी कहानियाँ – Monica Gupta

दीदी की चिठ्ठी नियमित स्तम्भ बच्चों की छोटी कहानियाँ हो या बडी कहानियां बाल लेखन ने हमेशा मुझे प्रेरित किया है.नेशनल बुक ट्र्स्ट , हरियाणा साहित्य अकादमी read more at monicagupta.info

 
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December 18, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

बोलचाल की भाषा में अपशब्दों का प्रयोग कितना सकारात्मक

मटके का पानी छी होता है क्या

बोलचाल की भाषा में अपशब्दों का प्रयोग कितना सकारात्मक – गाली गलौच की भाषा – मार्किट जाते समय दो तीन लोग मेरे सामने से जा रहे थे और बातों में 80 % अपशब्द थे … कोई झिझक नही कोई शर्म नही बस बोलते जा रहे थे … वहीं जब घर आकर नेट चलाया तो टविटर या दूसरी या सोशल साईटस पर भी अपशब्दों की भरमार … कोई किसी को नीचा दिखा रहा है कोई किसी पर हंस रहा है मजाक बना रहा है … कुछ समझते ही नही

बोलचाल की भाषा में अपशब्दों का प्रयोग कितना सकारात्मक

मैने कही पढा था कि आज के समय में भी बुरे लोगो से ज्यादा अच्छे लोग हैं पर अच्छे लोग मौन है इसलिए बुरे लोगो का बोलबाला है तो क्या ऐसे में अच्छाई छोड देनी चाहिए … नही बिल्कुल नही …

फेसबुक पर मेरी एक जानकार हैं वो पहल बहुत अच्छा लिखती थी अब मैने उन्हें अनफ्रैंड कर दिया. असल में, पहले जब वो लिखती थी तो बेशक लाईक और कमेंट इक्का दुक्का ही हों पर अच्छा और प्रभावित करता था पर उन्हें कमेंटस और लाईक ही चाहिए थे और इसी चक्कर में वो अपशब्द गलत सलत लिखने लगी …

उनकी पोस्ट पर और कमेंटस में बहुत अपशब्द लिखे जाने लगे … कुछ लोग कुछ ज्यादा ही छूट ले गए यानि उन्हें बढावा मिला और बहुत कुछ लिखने लगे … ये सब देखते हुए क्योकि वो मेरी जानकार भी थी तो मैने उसे दो तीन बार समझाया भी पर उसे उसी मे आनंद आने लगा तो मैं वहां से हट गई …

आज समाज को पॉजिटिव विचारों की बहुत जरुरत है … भले ही विशाल समुद्र में एक कतरा ही सही …

सुनिए एक कहानी

इसी बारे में एक कहानी याद आ रही है … एक गिलहरी के बच्चे पानी में गिर गए… गिलहरी ने हिम्मत नही हारी और वो पानी के पास जाती अपना शरीर गीला करती और थोडी  दूर जाकर छिडक देती ऐसा उसने बहुत बार किया एक आदमी दूर बैठा देख रहा था बोला कि क्या कर रही हो … इस पर वो बोली कि नदी का पानी सूखा रही हूं इस पर वो हसंने लगा कि क्या ऐसे करने से पानी खत्म हो जाएगा वो बोली कि खत्म तो नही होगा पर प्रयास करने में क्या बुराई है हो सकता है मेरी देखा देखी दो और जाए फिर चार फिर दस …

 

इसलिए प्रयास करते रहना चाहिए … अच्छाई वाले रास्ते पर स्कोप बहुत ज्यादा है क्योकि भीड बहुत कम है …

 

 

 

गुस्सा करने के नुकसान बहुत हैं – एक लघु कहानी – Monica Gupta

गुस्सा करने के नुकसान बहुत  हैं – एक लघु कहानी – क्या आपको बहुत गुस्सा आता है इतना गुस्सा की किसी दूसरे का गुस्सा आप अपनों पर निकालतें हैं तो जरा सोचिए … इससे बहुत नुकसान होता है और आपसी सम्बंध खराब होते हैं वो अलग … गुस्सा करने के नुकसान बहुत हैं – एक …

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बोलचाल की भाषा में अपशब्दों का प्रयोग कितना सकारात्मक के बारे में आपके क्या विचार हैं ???

December 17, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

गुस्सा करने के नुकसान बहुत हैं – एक लघु कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

गुस्सा करने के नुकसान बहुत  हैं – एक लघु कहानी – क्या आपको बहुत गुस्सा आता है इतना गुस्सा की किसी दूसरे का गुस्सा आप अपनों पर निकालतें हैं तो जरा सोचिए … इससे बहुत नुकसान होता है और आपसी सम्बंध खराब होते हैं वो अलग …

गुस्सा करने के नुकसान बहुत हैं – एक लघु कहानी

नेट भरा पडा है गुस्से के विषय को लेकर कि गुस्सा क्यों आता है , गुस्से का इलाज , गुस्सा कैसे कम करें , गुस्सा कम करने के टोटके , गुस्सा करना गलत है , गुस्सा करने के नुकसान , क्रोध के दुष्परिणाम , क्रोध पर कहानी , क्रोध से हानि , क्रोध क्या है. क्रोध पर नियंत्रण , क्या आपको बहुत गुस्सा आता है और किसी और का गुस्सा आप भी किसी अन्य पर उतारते हैं ??

एक लघु कहानी – किसी का गुस्सा किसी दूसरे पर  

एक जानकार के घर गई तो वो अपनी बेटी की खूब पिटाई कर रही थी… मेरे आने के बाद उसने बेटी को किताबे लेकर दूसरे कमरे में भेज दिया … मेरे पूछ्ने पर कि क्या हुआ तो वो बोली कि कुछ दिनों से काम वाली बाई बहुत तंग कर रही है आ नही रही … मैने कहा कि नही ये नही तुम अपनी बेटी की पिटाई किसलिए कर रही हो तो वो बोली कि हां वही तो बता रही हूं कि काम वाली बाई नही आ रही उसलिए गुस्सा आ रहा है यानि गुस्सा उस पर और उतर किसी पर रहा है …

वैसे ऐसी ही हम … गुस्सा होगा किसी का और उतारा किसी पर जाता है

मैने बहुत पहले एक कहानी लिखी थी कि school में एक टीचर बच्चों के फाईनल एग्जाम के पेपर चैक कर रही होती है और ध्यान उसका होता है अपनी सास पर और हर रोज उनसे होती लडाई पर इसलिए कर तो पेपर चैक रही थी पर बिन पढे  ही किसी को 100 मे से किसी को 20 किसी को 30  नम्बर  दिए जा रही थी …यानि फेल कर रही थी …अपनी सास का गुस्सा बेचारे स्टूडेंटस पर निकल रहा था.

गुस्सा करने के नुकसान बहुत हैं – एक लघु कहानी

तभी उस रुम में एक दूसरे टीचर धबराए हुए आते हैं और बताते हैं कि उन्ही की कुलीग की बिटिया ने सुसाईड कर लिया … सब हैरान … क्या हुआ ?? तभी वही टीचर कहती हैं कि इनकी बेटी तो बहुत होशियार थी… 90% से ज्यादा ही मार्क्स आते थे .. इस पर दूसरे टीचर बोले कि हर स्बजेक्ट में पूरी नम्बर थे पर एक पेपर में पता नही क्या हुआ वो फेल थी …

उसे रिचैकिंग के लिए कहा पर आजकल के बच्चे … इतने तनाव में चली गई कि उसने सोसाईड ही कर लिया …  कहते हुए वो बाहर चले गए सारा स्टाफ उन्ही के घर जा रहा है … इस पर उस टीचर ने कहा कि आप जाईए वो अभी थोडी देर में आती है और उस टीचर ने सारी कॉपी दुबारा निकाली और रि चैकिंग करने लगी ताकि टीचर की गलती की वजह से कोई और बच्चा गलत कदम न उठा ले …

तो कुल मिलाकर यही कहना है कि किसी का गुस्सा किसी दूसरे पर नही निकालना चाहिए ..या तो उन्हीं से अपनी बात साफ  करें और अगर ऐसा नही कर सकते तो अपना ध्यान कहीं और लगा लीजिए यानि ध्यान बांट लीजिए पर किसी का किसी कभी भी किसी दूसरे पर नही … जितना मैं आपको देख पा रही हूं आप बेहद अच्छे इंसा है और आप  बारे में जरुर सोचेंगें …  ना !!

गुस्सा करने के नुकसान बहुत हैं – एक लघु कहानी  के बारे में आपकी क्या  राय है ??

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December 16, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

नेताओं के विवादास्पद बयान भूकम्प ला सकते हैं

नेताओं के विवादास्पद बयान भूकम्प ला सकते हैं

नेताओं के विवादास्पद बयान भूकम्प ला सकते हैं- राहुल गांधी का मोदीजी को फेकूं कहना हज्म नही हुआ. अगर इतने बडे पद पर बैठे नेता लोग ऐसे भाषा बोलेंगें तो मर्यादा की बात कहांं रह जाएगी….

 नेताओं के विवादास्पद बयान भूकम्प ला सकते हैं

विपक्ष के नेताओं का आपस में आरोप प्रत्यारोप तो लगते ही रहते हैं और मीडिया भी नेताओं को अलग अलग नाम से सम्बोधित करता है चाहे पप्पू हो फेंकू या मॉफलर मैन…   पर आज राहुल गांधी के मुंह से मोदी जी के लिए “फेकू “शब्द सुनना अच्छा नही लगा …

गोवा में मंच से लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी को झूठा और फेंकू  कह दिया… नेता कोई भी हो अपने भाषण में गरिमा बनाए रखनी चाहिए … अन्यथा क्या मान सम्मान रह जाएगा … दुखद है कि कैसी भाषा शैली होती जा रही है निशब्द !!

 नेताओं के विवादास्पद बयान भूकम्प ला सकते हैं

नेताओं के विवादास्पद बयान भूकम्प ला सकते हैं

भूकम्प आ जाएगा कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने इसी साल 9 दिसंबर को मीडिया के सामने चिल्ला चिल्ला कर कहा था  ”सरकार बहस से भाग रही है. अगर मुझे बोलने देंगे तो आप देखेंगे, भूकंप आ जाएगा.”

इसी बारे में वही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कई ट्वीट किए जिनमें से एक में लिखा था कि अगर राहुल गांधी के पास वास्तव में ऐसे दस्तावेज हैं जो भ्रष्टाचार में मोदीजी की निजी लिप्तता साबित करते हों तो वह संसद के बाहर इनका खुलासा क्यों नहीं करते?   कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके पास दस्तावेज हैं तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेनकाब करें…  उन्होंने कहा कि जिस दिन वे ये खुलासा कर देंगे, उसी दिन मोदी जी रॉबर्ट वाड्रा को गिरफ्तार कर लेंगे।

राहुल के बोल

जहां भूकम्प  आ जाएगा कि बात कह कर राहुल गांधी ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया वही कुछ समय का स्मरण हो आया जब राहुल गांधी ने कहा था कि कस्बों में बच्चा-बच्चा कह रहा है अरहर मोदी…अरहर मोदी…अरहर मोदी.” और फिर बोला कि काला धन पर बोले थे  ”अरे बोलने दो भैया, बोलने दो. मोदी जी की फेयर एंड लवली योजना आई है. काले पैसे को आप गोरा कर सकते हो.”

विवादित बयान और नेता जी

विवादित बयान और नेता जी आश्चर्यजनक किंतु सत्य… इस बात मे कोई दो राय नही कि रिश्वत खाने वाले व्यक्ति को हम जरा भी पसंद नही करते और धोटाले अगर और भी read more at monicagupta.info

 

 कुला मिला कर नेता किसी भी पार्टी का हो पर भाषा की गरिमा बनाए रखनी पडेगी … !!

 

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