Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 27, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

लेखन के बारे में – लेखन कौशल को निखारने का सुनहरा अवसर

लेखन के बारे में

लेखन के बारे में – लेखन कौशल को निखारने का सुनहरा अवसर – लेखको के लिए खुश खबरी  से कम नही  ये खबर… एक समय था जब लेखको की रचनाए धन्यवाद सहित सम्पादक से वापिस आ जाती और मनोबल समाप्त हो जाता  या फिर अपनी किताब  प्रकाशित करवाने के लिए प्रकाशक के नखरे उठाने पडते  पर अब किसी के नाज नखरे उठाने की जरुरत नही बस अपना पूरा ध्यान लेखनी पर लगाईए… पल भर में अपने लेख प्रकाशित करके या अपनी लिखी किताब खुद प्रकाशित करके  पूरी दुनिया को अपना कला कौशल दिखाईए …

जी हां … न तो मैं गलत बोल रही हूं और न ही मैं मजाक कर रही हूं … मेरी बात जानने से पहले आपको सुनना पडेगा मेरा लेखन अनुभव…

  लेखन के बारे में – लेखन कौशल को निखारने का सुनहरा अवसर

वसुधैव कुटुम्बकम … पूरी पृथ्वी एक परिवार है … कुछ समय पहले तक मेरे मन में संशय था कि ऐसे कैसे सम्भव है पूरी पृथ्वी एक परिवार पर कैसे … पर जैसे जैसे इंटर नेट के सम्पर्क में आई मुझे यकीन होने लगा कि वाकई ये सच है आज हम नेट के माध्यम से पूरी दुनिया ना सिर्फ घूम सकते हैं बल्कि किस देश में कहां पर क्या हो रहा है क्या खबर है सब जान सकते है …कुछ् समय पहले तक ऐसा नही था.

 

लेखन के बारे में

लेखन के बारे में

मेरा लेखन का अनुभव …

बात बहुत पुरानी भी नही है अगर मैं अपने अनुभव की बात बताऊ तो बचपन मे यानि सन 1974 – 1975  में मुझे  बाल पत्रिकाए जैसे लोटपोट पढने का बहुत शौक था. इतना शौक था कि अगर मैं स्कूल जाने के लिए तैयार हो रही होती थी और अखबार वाला पत्रिका डाल जाता तो मेरे अचानक पेट दर्द शुरु हो जाता (झूठ मूठवाला)  … डांट तो पडती थी और कई बार मम्मी गुस्से मे मुझे अलमारी के उपर भी बैठा देती …  तो कई बार मैं कहती कि मम्मी लोटपोट भी पकडा दो … खैर ऐसे छोटे छोटे उदाहरण तो बहुत सारे हैं पर ये तो बात थी पढने की धीरे धीरे शौक बढने लगा और मैं अपने आप कहानी बना कर लिखने भी लगी पर नेट की सुविधा नही थी और ना ही कोई जानकारी इसलिए मेरी लिखी कहानियां कभी सम्पादक तक नही पहुंच पाई..

नासमझी, आधी अधूरी जानकारी में कभी टिकट नही लगाती थी तो कभी पोस्टकार्ड पर कहानी लिख कर भेज देती … और इंतजार भी करती कि मेरी कहानी जरुर छपेगी… खैर धीरे धीरे समझ आने लगी पर तब तक मैं बहुत कहानियां लिख कर भेज चुकी थी जिनका आज की तारीख में मेरे पास न कोई रिकार्ड है और न ही कोई सबूत …और लेखन जगत में मैं दस साल पीछे चली गई .. क्योकि आज अगर मैं अपना लेखन का अनुभव 27 साल लिखती हूं अगर तब मेरे पास साधन होते, नेट जैसी सुविधा होती, कोई बताने वाला होता तो मेरे लेखन का अनुभव आज 27 की बजाय 37 साल होता …

पर जब जागो तभी सवेरा …

लेखन कला का विकास

जब समझ आई और कहानियां सही ढंग से भेजना शुरु किया तब ये नही था कि जो भी कहानी या रचना भेजी वो प्रकाशित हो गई वैसे अगर 40% वापिस आई तो 60% प्रकाशित भी हुई.

एक लेखक के लिए अपनी रचना का जानी मानी पत्रिका में  प्रकाशित होना किसी सपने के सच होना से कम नही है … क्योकि मैं भी बहुत बार इस दौर से गुजरी हूं जब कहानी लिखी या कोई लेख लिखा और बहुत अच्छा लिखा पर वो छपा नही और  अगर टिकट लगा कर भेजा तो धन्यवाद सहित वापिस आ गया या फिर सम्पादक की मेज के नीचे रखे डस्टबीन की भेंट चढ गया.

ऐसे में उस समय आत्मविश्वास की बहुत कमी हो जाती है  … लगने लगता है कि शायद हममें काबिलियत ही नही है लेखक बनने की…

वो तो अब जाकर पता चला कि अकसर रचनाएं धन्यवाद सहित वापिस इसलिए भी आ जाती है कि ज्यादातर पत्र-पत्रिका के संपादक मंडल की अपनी एक रचनात्मक रुचि होती है अपनी टीम होती है और ज्यादातर उन्हीं की रचनाएं ली जाती हैं यानि हमारी रचना का न छपना इस बात का सकेंत नही होता था कि हम अच्छे लेखक नही है या अच्छा नही लिखा इसलिए प्रकाशित नही हुआ…

तो यानि हम में काबलियत है … हम न सिर्फ सोच सकते हैंं बल्कि अच्छा लिख भी सकते हैं अब रही बात  कि बेशक लिख तो  लिया पर दिखाएगें कहा  यानि प्रकाशित कहां करें कौन पढेगा हमारी रचना को … … कोई माध्यम ही नही … किताब की पांडुलिपि तैयार है पर कोई प्रकाशक  तैयार नही … ऐसे में क्या किया जाए ??? .

क्योकि बार बार रचना ना  छपना या धन्यवाद सहित वापिस आ जाना लेखक के लिए निराशा का कारण बनता जाता है और एक समय ऐसा आता है कि वो लेखन से विमुख होता जाता है यानि लेखक बनने से पहले ही लेखनी दम तोड डेती है…  बात सिर्फ लेखन की ही नही बल्कि पब्लिशर की भी है हम अपनी किताब छपवाना चाह्ते है पर पब्लिशर या तो मिलते नही या वो मनमानी करते हैं इस करके हमारा लेखन कही दब सा जाता है… तो क्या रास्ता है .. ? क्या है कोई आशा के किरण … !!!

लेखन कौशल का मूल्यांकन

जी … हां बिल्कुल है … आशा की किरण है जिससे न सिर्फ आपको लेखने का बल मिलेगा बल्कि अपनी लिखी किताब भी पब्लिश करवा सकते हैंं.. आज जो कुछ  हमें इंटर नेट ने दिया है हमें उसका धन्यवाद करना चाहिए … बस हममे लिखने का दम खम होना चाहिए फिर नाम कमाते समय नही लगेगा … लेखन कैसा हो ये तो खैर ये अलग विषय है फिलहाल आज बात हो रही है कि हम अपना लेखन दुनिया तक कैसे पहुंचा सकते हैं और वो माध्यम है ढेर सारी सोशल नेटवर्किंग साईटस और इन सब मे सबसे उपर है ब्लॉग लेखन …

ब्लॉग लेखन के माध्यम से हम अपनी बात कही तक भी पहुंचा सकते हैं और रही बात अपनी किताब प्रकाशित करवाने की तो वो भी हम बहुत आसानी से कर सकते हैं … मैं भी बहुत रास्तों से गुजरी, बहुत उदासी झेली पर अब नही क्योकि अब मैं अपनी किताब खुद प्रकाशित करके उसे नेट पर डाल सकती हूं …

अगर किताब का सारा मैटर हमारे सम्पादन करके बिल्कुल पास तैयार है तो 24 घंटे के भीतर भीतर आपकी किताब ऑन लाईन हो सकती है… मैने हाल ही में एक किताब ऑनलाईन की है जिसका लिंक आप देख सकते हैं . मैने  एक किताब लिखी और उसे प्रकाशित भी किया जिसकी बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली जिस कारण मैं अपनी अगली ऑनलाईन किताब पर काम कर रही हूं  कुल मिलाकर अगर नई टेक्निलोजी का अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो लेखको के लिए आशा की किरण बन सकती है…

101 स्वच्छता के नारे 

 

लेखन कला का विकास

लेखन कला का विकास

My Experience and Blogging – Monica Gupta

एक कडवी सच्चाई जिससे मुझे दो चार होना पडा… और मैं जिंदगी की रेस में  दस  साल पीछे रह गई.  read more at monicagupta.info

 

 

 

लेखन के बारे में आपको ये लेख कैसा लगा … ??

 

तो तैयार है आप भी ब्लॉग के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए या ऑनलाईन अपनी लिखी किताब खुद प्रकाशित करने के लिए …

आज, जब, हमारे पास नेट जैसी सारी सुविधाएं है तो हमें ज्यादा सोचने मे समय नही लगाना चाहिए …

October 27, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता अभियान पर निबंध – स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत निबंध

स्वच्छ भारत अभियान के असली हीरो

स्वच्छता अभियान पर निबंध – कैसे बने स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत निबंध लिखने के लिए कुछ बच्चे मेरे पास आए और बोले कि स्कूल में देना हैं और कुछ अलग हट कर होना चाहिए समझ नही आ रहा आप बता दीजिए…

स्वच्छता अभियान पर निबंध – स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत निबंध

स्वच्छता में बहुत काम किया हुआ है निबंध लिख कर देना जरा भी मुश्किल नही पर इतना ही काफी नही है ..अक्सर  अपने चारों तरफ गंदगी देख कर मन दुखी भी हो जाता है कि लोगो में स्वच्छता नाम की कोई चीज ही नही है जैसे अपने घर को साफ रखते हैं वैसा ही सडक को भी अपना घर समझेंगें तो स्वच्छता आ जाएगी पर अभाव जागरुकता का ही है जो नेताओ या फिल्मी कलाकारों के बार बार कहने या करने के बाद भी नही आ रही… टीवी चैनल हो या विज्ञापन सभी में स्वच्छता भरी पडी है पर असल जिंदगी में घर से बाहर निकलना दूभर है…

बच्चों के कहने  के बाद मेरा ध्यान इसी बात पर लगा रहा कि क्या बात बताऊं ताकि उनको कुछ नया दे सकूं.



एक बात तो बहुत पहले पढी थी  कि घर पर एक व्यक्ति कूडा लेने आता है तो बच्चा मां को बोलता है कि मां कूडे वाला आया है इस पर मां उसे समझाती है कि नही बेटा वो तो सफाई वाला है हमारे घर से कूडा ले जाकर घर साफ करता है इसलिए उसे सफाई कर्मचारी कहो ना कि कूडे वाला… बहुत सही बात कही…. असल में,  हमारा नजरिया जब तक सही नही होगा तब तक स्वच्छता भी नही आ पाएगी…

थोडी देर पहले मार्किट से लौटते वक्त एक घर के सामने सफाई कर्मचारी अपनी रिक्शा लिए खडा था और घर की मालकिन कूडा डाल रही थी. सफाई कर्मचारी कह रहा था मैडम जी सूखा और गीला कूडा अलग अलग थैली मे दे दिया करो नही तो दिक्कत हो जाती है इस पर वो महिला उसे डांटने लगी कि तू सीखाएगा मुझे क्या सही और क्या गलत है ठहर तेरी शिकायत करुंगी … ऊपर.. तुझे नौकरी से निकलवाती हूं और वो बेचारा मुंह लटका कर आगे बढ गया.

मुझे याद आई कल की बात हमारा सफाई कर्मचारी दो दिन कूडा लेने नही आया आज जब आया तो मैने कहा कि दीवाली तक तो रोज आ जाया करो तभी मेरी नजर उसके हाथ पर बंधी पट्टी पर पडी. वो बोला कि आया तो था.. पिछ्ली गली मे एक मालकिन ने बहुत सारा टूटा कांच कूडे मे डाल दिया और रिक्शा में कूडा उलटते वक्त वो चुभ गया खून निकलने की वजह से वो वापिस चला गया… वैसा सारा दोष दूसरो पर भी डालना ठीक नही हमें खुद भी सुधरना होगा … है ना .. !! सफाई सफाई से करिए .

एक बात और ध्यान आई . हमारे पडोस की है कूडे वाला आया हुआ था और वो  बाहर कूडा डालने आई तो वो  बाई से बोला कि तू घर की सफाई करती है कभी कूडे की बाल्टी भी साफ कर लिया कर देख कितनी गंदी हो रखी है… अचानक मेरा ध्यान अपनी कूडे की बाल्टी पर चला गया और मैने सोच लिया कि आज कूडा देने के बाद इसे भी जरुर साफ करुगी…

जिन दिनों हमारे शहर और गांव में स्वच्छता अभियान चल रहा था उन दिनों कुछ लोग बैठे आपस में बात कर रहे थे कि बहुत खूब … स्वच्छता अभियान चला कर अच्छा काम हो रहा है उन में एक डाक्टर भी  बैठा था बोला अरे…  हमारे पेट पर क्यो लात मार रहे हो … जब आदमी स्वच्छता  अपना लेगा तो गंदगी नही रह जाएगी फिर बीमारियां खत्म हो जाएगी तो हमारा क्या होगा … ये है सोच..

समस्या है तो समाधान भी है …

वैसे स्वच्छता के लिए शहर में जगह जगह कूडा दान रखे जाएं और सडको पर सीसीटीवी कैमरे लगे तो ताकि पता चले कि कौन गंदगी कर रहा है और उसका फाईन लगे…

मेरा ये भी  मानना है कि अगर आज हमने अपने बैग से कुछ निकाल कर सडक पर नही फेका या कूडे दान में फेंका तो हमने स्वच्छता अभियान मे जबरदस्त सहयोग दिया है… !!

वैसे स्वच्छता के फायदे बता कर भी स्वच्छात के लिए प्रेरित किया जा सकता है जैसा कि

  1. कम मृत्यु दर और बेहतर स्वास्थ्य
  2. पैसे की बचत।
  3. उत्पादकता में वृद्धि।
  4. ज्यादा आय के साधन।
  5. आत्म सम्मान- देश का सम्मान

 

कुल मिलाकर उदाहरण देकर समझाना चाहिए बजाय लिखा हुआ पढाने के ताकि बच्चे इसे रट्टा न लगाए बल्कि दिल से अपनाएं

अन्य गांवो  की सफलता की कहानियां बताए और सुनाए ताकि बच्चे प्रेरित हों बच्चों ने जो स्वच्छता पर काम किया उन्हें प्रोत्साहित करें और ईमान दें ताकि दूसरे बच्चे भी यह करने की प्रेरणा पा सकें …

 

स्वच्छता अभियान पर निबंध

स्वच्छता अभियान पर निबंध

फिलहाल मेरे बहुत से लिखे लेख आपके काम आ सकते हैं

कैसे आएगी स्वच्छता -क्या है स्वच्छता – Monica Gupta

श्रीलंका बना मलेरिया मुक्त आखिर कैसे आएगी स्वच्छता …स्वच्छता का अर्थ क्या है NDTV के प्राईम टाईम में रवीश कुमार बता रहे थे कि श्रीलंका मलेरिया मुक्त हो गया कैसे आएगी स्वच्छता -क्या है स्वच्छता – Monica Gupta

स्वच्छता का महत्व कितना आवश्यक – Monica Gupta

स्वच्छता का महत्व स्वच्छता की बात करने से पहले हमारे लिए सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि स्वच्छता का महत्व कितना आवश्यक है क्योकि स्वच्छता और पेयजल की read more at monicagupta.info

स्वच्छ भारत अभियान- स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत – Monica Gupta

क्लिक करिए और सुनिए स्वच्छता अभियान पर 4 मिनट और 35 सैकिंड की ऑडियो… मेरा अनुभव स्वच्छता अभियान और मेरे मन की बात बात स्वच्छता अभियान के दौरान की है. जब गांव गांव जाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा था.लोगो को समझाया जा रहा था कि खुले मे शौच नही जाओ आसान नही था क्योकि सदियों से चली आ रही मानसिकता बदलना मुश्किल था. See more… Read more…

जीवन में स्वच्छता का महत्व – Monica Gupta

हमारे जीवन में स्वच्छता का महत्व समझते हुए मैने आज स्वच्छता में बहुत बडा योगदान दिया. अपने पर्स में पडे कागज सडक पर फेंकने की बजाय घर के डस्टबीन में फेंका See more…

स्वच्छता अभियान पर निबंध

स्वच्छता अभियान पर निबंध

https://www.youtube.com/playlist?list=PLNHDwUHKA9scPFO9px0XTHhI7gstdwY-O

 

स्वच्छ भारत अभियान नारे – 101 स्वच्छता के नारे

स्वच्छ भारत अभियान नारे – लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता आए, एक जोश पैदा हो और इसके लिए स्वच्छता के नारों से बढ़ कर और कोई माध्यम हो ही नही सकता…!!! स्वच्छ भारत अभियान नारे – 101 स्वच्छता के नारे

 

स्वच्छता से सम्बंधित और वीडियो देखने के लिए क्लिक कीजिए

Swachhta – Importance of Cleanliness – Motivational Videos in Hindi – YouTube

http://https://www.youtube.com/@MonicaGupta/ – Motivational Videos in Hindi by Monica Gupta Swachhta – Importance of Cleanliness Motivational & Inspirational Videos o… youtube.com

 

सफाई सफाई से करिए…

आपके स्वच्छता के बारे के क्या विचार हैं …स्वच्छता अभियान पर निबंध  कैसा लगा ??  जरुर बताईएगा …

October 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिला और समाज – भारतीय समाज में नारी का स्थान

महिला और समाज - भारतीय समाज में नारी का स्थान

महिला और समाज – भारतीय समाज में नारी का स्थान – हाल ही में हम महिलाओं से जुडे दो बेहद खास त्योहार गए. करवा चौथ और अहोई अष्टमी का. पर नेट पर तो मानों मजाक बनाने वालो की बाढ सी आ गई. बहुत ही ज्यादा मजाक बनाया गया. कुछ अच्छा भी लगा तो कुछ बुरा भी…

महिला और समाज – भारतीय समाज में नारी का स्थान

खैर ये लोगो की अपनी सोच या मानसिकता है और ऐसा करके उन्हें किस तरह की खुशी मिलती होगी इस बारे मे चर्चा का अलग विषय हो सकता है पर आज मैं कुछ और सोच रही हूं

असल में, तीन चार दिन पहले खबर पढी थी कि इराकी और पश्चिमी सेना के प्रहार से बचने के लिए ISIS के आतंकी  महिलाओ की वेशभूषा पहन कर भागने की फ़िराक में है

महिला और समाज - भारतीय समाज में नारी का स्थान

वही एक अन्य खबर में मोसुल की सीमा पर कुर्द सेना ने ऐसे ही कई आतंकियों को पकड़ा है जो महिलाओ की वेशभूषा धारण किये हुए थे.

हमारे देश में ऐसे उदाहरण हुए है जब महिला रुप धारण करके भागना पडा जैसाकि बाबा रामदेव…

वही कॉमडी के शो में भी पुरुष ज्यादातर महिला बन कर आने लगें हैं  हैं जिसमे कपिल भी महिला के रुप में नजर आए थे… क्या वाकई महिलाओं का इतना वर्चस्व है कि पुरुषों का उनका रुप लेना पडता है … या वाकई हम महिलाओं की दशा बस मजाक उडाने तक ही सीमित है

महिला और समाज - भारतीय समाज में नारी का स्थान

 

खुले में शौच, महिलाएं और स्वच्छता अभियान – Monica Gupta

महिलाओं का खुले में शौच जाना बेहद शर्मनाक आज हम बात करते हैं खुले में शौच, महिलाएं और स्वच्छता अभियान की . स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 हो या जन आंदोलन के रुप में च read more at monicagupta.info

महिलाएं – खेल, खिलाडी और आत्मविश्वास – Monica Gupta

महिलाएं – खेल, खिलाडी और आत्मविश्वास Rio Olympic 2016, रियो ओलम्पिक 2016  में भारत की महिलाओं का ही बोल बाला रहा … जहां एक बार भारतीयों ने पदक की आस छोड दी थी वहीं साक्षी मलिक और पीवी सिंधु एक उम्मीद बन कर आईं और दीपा कर्माकर ने जिस तरह से महिला जिमनास्ट में चौथा … महिलाएं – खेल, खिलाडी और आत्मविश्वास – Monica Gupta

 

खुशी इस बात की भी है कि महिलाए हर क्षेत्र में आगे आ रही है …

 

 

महिलाएं छेडछाड और सोशल मीडिया

October 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

पान मसाला खाने के नुकसान हैं या फायदे

पान मसाला खाने के नुकसान

पान मसाला खाने के नुकसान हैं या फायदे ये हमे ही सोचना है सिग्रेट पीते हुए हम वाकई ग्रेट लगते हैं या ये  सी ग़्रेड चीज है  … ये हमारी सोच पर है और यकीनन अगर हम अपने बच्चो से अपने परिवार से प्यार करते हैं तो हमें समझादारी से काम लेना होगा   है ना …

पान मसाला खाने के नुकसान हैं या फायदे

पान मसाला खाने के नुकसान हैं या फायदे  …आईए सुने इसी से जुडी एक बात

बहुत समय बाद एक जानकार से मिलना हुआ. उन्हें पान मसाला और सिग्रेट का बेहद बेहद और बेहद शौक है. मैने उन्हें बधाई दी तो सिग्रेट सुलगाते हुए बोले अरे भई किस बात की बधाई … मैने कहा कि आप दिन रात लगातार सिग्रेट पी रहे है और गुटखा चबा रहे हैं इसलिए बधाई… उन्हें फिर भी समझ नही आया तो मैने बोला कि बधाई  इसलिए आप बहुत शक्तिशाली हैं आप दर्द सहने की शक्ति रखते हैं …

वो हैरानी से बोले कौन सा दर्द … मैने कहा अभी नही पर आएगा … जब आपको इतना पीने या गुटखे से तकलीफ होगी.. पर आप मानसिक रुप से तैयार है कि आपको दर्द से कोई फर्क नही आपने अपना लक्ष्य बना रखा है कि चैन स्मोक करनी ही है दर्द हो या कैंसर… कोई फिक्र नही… आप तो दूसरों के लिए भी प्रेरणा हैं…

मेरी बात उन्हें शायद बहुत बुरी लगी और उन्होनें पूछा आपने चाय ली क्या … चाय पूछ्ना मतलब मुझे जाने के लिए कहना …. अचानक मेरे मोबाईल की रिंग हुई और मेरी नींद खुल गई… जी हां नींद खुल गई…

असल में मेरी एक सहेली के पति बहुत ज्यादा गुटखा और स्मोक करते हैं उसने मुझसे उपाय पूछा तो मैने तिकडम लगाई और सोचा कि क्यों न अपनी ऑडियो सुना दू शायद बदलाव आ जाए और छोड दे इसे खाना पर हैरानी इस बात की हुई कि ऑडियो सुनने के बाद उन्होने मेरी ही तीन चार गलतियां निकाल दी कि थोडा स्क्रिप्ट और बडी करो और थोडा सा आराम से बोलो बेशल एक मिनट का और बडा हो जाए तो भी कोई दिक्कत नही …

पान मसाला और हमारा प्यार – Monica Gupta

आम आदमी पार्टी की सरकार ने सोमवार को पत्र लिखकर चार बॉलीवुड अभिनेताओं से पान मसालों के विज्ञापन न करने का आग्रह किया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि इन प्रोडक्ट्स में सुपारी होती है, जो कि कैंसर की प्रमुख वजहों में से एक है। दिल्ली सरकार ने इस बार शाहरुख खान, अरबाज खान, अजय देवगन और गोविंदा की पत्नियों को पत्र लिखा है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले इन अभिनेताओं को ही पत्र लिखा था, लेकिन उनकी तरफ से अभी तक विभाग के पास कोई जवाब नहीं आया। read more at jansatta.com read more at monicagupta.info

 

पान मसाला

पान मसाला अगर आप जिंदगी से परेशान हैं तो पान मसाला खाईए. अगर आपका कोई दोस्त रुठ गया है तो पान मसाले से मनाईए. पान मसाला जिंदगी में खुशियां और रंग भर देता monicagupta.info

बस तभी से इसी उधेडबुन में लगी हुई हूं कि कैसे उन्हें समझाया जाए कि इसे छोडने मे ही समझदारी है … शायद इसीलिए ये बात सपने में भी चल रही है वैसे अगर आपके पास कोई आईडिया हो तो बताईएगा … क्योकि ये वाकई बहुत नुकसान दायक है

पान मसाला खाने के नुकसान हैं या फायदे ये आपको डिसाईड करना है सिग्रेट पीते हुए आप वाकई ग्रेट लगते हैं या सी ग़्रेड … ये आपकी सोच पर है और आप समझदार हैं … है ना …

October 24, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

आज की ताजा खबर क्या है – आतंकी खबरें

आज की ताजा खबर क्या है

आज की ताजा खबर क्या है- एक समय था जब लाल बत्ती चौक पर अखबार वाले आज की ताजा खबर चिल्लाते हुए अखबार बेचने के लिए भाग दौड करते थे आज भले ही मीडिया, नेट सुपर फास्ट हो गया. पर न्यूज चैंल वहीं की वहीं अटके पडे…कहने को 24 घंटे का चैनल है पर खबर एक ही होती है उसी खब्र को 24 घंटे दिखाए ही चले जाते हैं अब ताजा उदाहरण यूपी की अखिलेश सरकार का आप सब देख सुन रहे ही होंगें… दो दिन से इस खबर  से हट  कर कोई और खबर  नही

आज की ताजा खबर क्या है – आतंकी खबरें

दो दिन से सारा मीडिया मुलायम अखिलेश परिवार के पीछे नहा धो कर पडा हुआ है ऐसा लग रहा है जैसे मानो ये पार्टी पूरे देश को एक नई दिशा देगी …एक नई क्रांति ही आ जाएगी… हद ही है … मीडिया को इस पार्टी से परे न तो कोई खबर दिखाई दे रही है और न ही सुनाई
लेकिन मुझे एक खबर दिखाई दी जिसे पढ कर सांस अटक गई खबर है कि दो विमान आपस मे टकराते टकराते बचे…
गोवा के आसमान में उस वक्त एक बड़ा हादसा होने से बच गया जब 2 फ्लाइट्स बिल्कुल खतरनाक रूप से आमने-सामने आने के बावजूद टकराने से बच गईं… दरअसल, इनमें से एक फ्लाइट के पायलट ने आखिरी समय में अपना रास्ता बदल दिया और एक बहुत बड़ा हादसा टल गया….
स्पाइसजेट की फ्लाइट एसजी 3604 ने गोवा से हैदराबाद के लिए उड़ान भरी थी जबकि गोएयर की जी8 141 फ्लाइट मुंबई से गोवा आ रही थी जो लैंड होने के लिए उतर रही थी। स्पाइसजेट के एक अधिकारी के अनुसार , ‘फ्लाइट के उड़ान भरने के महज कुछ सेकंड बाद ही फ्लाइट के कॉकपिट में ट्रैफिक कलिजन अवॉइडेंस अलार्म बजने लगा। विमानदल की सतर्कता की वजह से ही यह संभव हो पाया।’

आज की ताजा खबर क्या है
बहुत खबरे हैं 24 घंटे एक ही खबर से चिपक जाना समझदारी नही है ..

ये खबर आपको विचलित कर सकती है – Monica Gupta

ये खबर आपको विचलित कर सकती है…. विवादित बयानों की राजनीति चाहे नेताजी के बडबोले बोल हों या  न्यूज चैनल पर दिखाई जाने वाली तरोडी मरोडी खबरें खबरे ना सिर्फ हमारी मानसिकता पर असर डालती है बल्कि हमारा नजरिया भी बदल देती हैं कल तीन खबरों ने मुझे तो हैरत में ही डाल दिया. सुबह … ये खबर आपको विचलित कर सकती है – Monica Gupta

https://monicagupta.info/articles/%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%B6-%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%88%E0%A4%AE-%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%88%E0%A4%AE/

 

October 24, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके - दीपावली की सफाई

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई – दीपावली आती नही कि टोने टोटके से ना सिर्फ सडक, चौराहा बल्कि हमारा इंटर नेट भी ऐसी पोस्ट से भर जाता है. जिसमें जगह जगह लिखा होता है कि फलां टोटका करो लक्ष्मी प्रसन्न होगी… फलां करो ये बरकत आएगी… और हैरानी है कि हम लोग पढते ही नही बल्कि ऐसी पोस्ट वायरल भी हो जाती हैं  आज मैने अलग अलग जगह से ऐसी ही कुछ टोटके वाली बातें पढी…

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई  … एक जगह लिखा हुआ पढा कि मात्र 20 रुपये खर्च करें और घर में भरपूर खुशियां लाएं.  इस दीपावली और टोटका था कि धनतेरस और दिवाली के दिन नमक का पैकेट खरीद कर घर लाएं और उसे खाना बनाने में उपयोग करें इससे सारा साल लक्ष्मी कृपा बनी रहेगी… (जैसाकि सारे साल बिना नमक के ही खाना खा रहे थे )… वैसे उन्होने ये नही बताया कि सेंधा नमक या आयोडीन वाला नमक

वैसे ये भी लिखा था कि दिवाली के रोज नमक के पानी का पोंछा लगाने से गरीबी दूर होती है.

इसके अतिरिक्त घर के उत्तर पूर्व कोने में थोड़ा सा नमक कटोरी अथवा डिबिया में डालकर भी रख सकते हैं इससे नकारात्मकता खत्म होगी और धन आने  के साधन बन सकते हैं.

एक अन्य पोस्ट में ये भी लिखा था कि धनतेरस के दिन साबुत धनिया खरीदें, दीपावली की रात लक्ष्मी जी के सामने साबुत धनिया रखे रहने दें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिए को गमले में बो दें. ऐसी मान्यता है कि अगर साबुत धनिए से हरा-भरा स्वस्थ पौधा निकले तो आर्थिक स्थिति सुदृढ़ रहती है। अगर धनिए का पौधा पतला है तो सामान्य आय होती है. पीला व बीमार पौधा निकले या पौधा नहीं निकले तो आर्थिक परेशानियां आती हैं. (अब बताईए खुदा न खास्ता पौधा पनपे ही न तो हम तो दिल से लगा कर ही बैठ जाएगें न इस बात को … )

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके - दीपावली की सफाई

कुछ ऐसा भी लिखा था कि  धनतेरस के दिन कौड़ी खरीद कर घर लाएं और अटूट धन प्राप्ति हेतु दीपावली की रात्रि महालक्ष्मी का षडोषोपचार पूजन कर केसर से रंगी कौड़ियां समर्पित कर पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें या घी में कमल गट्टे मिलाकर लक्ष्मी का भोग करने से व्यक्ति राजा जैसा जीवन जीता है।

दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता बाहर चली जाती है। मां लक्ष्मी घर में आती हैं।

या फिर लक्ष्मी पूजन के समय हल्दी की गांठ भी साथ रखें। पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है।

एक टोटका ये भी है कि दीपावली के दिन झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए. पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें. पर जब झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखना चाहिए.

एक जगह कुछ ऐसा भी पढा कि दीवाली के दिन किसी मंदिर में झाड़ू का दान करें और यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें.

महालक्ष्मी के चित्र का पूजन जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं.

अपने घर के आसपास किसी पीपल के पेड़ के नीचे या फिर किसी चौराहे पर  तेल का दीपक जलाएं. यह उपाय दीपावली की रात में किया जाना चाहिए, ध्यान रखें दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आए, वापिस पलटकर न देखें.

कुल मिलाकर बात यही समझ आई कि दीपावली के बहाने ही सही घर में स्वच्छता रखिए… गद्दो के नीचे, धूल मिट्टी हो या दीवारों पर जाले इससे नकारात्मकता आती है… इसलिए कुछ अच्छी बाते भी लगीं जैसाकि घर की साफ सफाई रखनी चाहिए. साफ-सफाई के बाद घर में धूप-दीप-ध्यान करें.  दीवाली वाले दिन किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं। इस पुण्य कर्म से बड़े से बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं। घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं.

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके - दीपावली की सफाई

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई

और अब बात आती है कि दीपावली के बाद की सफाई !!!! अरे चौकिए मत!! अगर दीवाली के पहले सफाई होती है तो यकीन मानिए कि दीपावली के बाद यकीनन कुछ ज्यादा ही सफाई होती है. अब देखिए ना दीपावली पर मेहमानों और रिश्तेदारों का आना जाना मिठाई और उपहारों का लेन देन फिर दीए, मोमबत्ती और रोशनी की लडियों को समेटना और तो और आई हुई मिठाईयों का समय पर लेन देन ताकि मिठाईयां चींटियों की भेट न चढ जाए.

दीवाली की लम्बी छुट्ट्टियों के बाद सभी अपने अपने काम पर चले जाते है और बच्चे भी अपने अपने आफिस . और रह जाता है फैला हुआ घर और अलमारियांं … हालाकि अगर एक या दो दिन पहले ही दीपावली गई हो और किसी को मिठाई देने जाएं  तो वो ऐसी शक्की निगाहों से देखता है कि कही बासी या पुरानी मिठाई तो नही दी जा रही .

दीपावली की रात्रि में टोने-टोटके – दीपावली की सफाई

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वैसे कुल मिलाकर एक ही बात समझ आती है और वो ये कि सफाई रखिए … खुशियां या बरकत सफाई से ही आती है…

 

हैप्पी दीपावली

हैप्पी दीपावली

हैप्पी दीपावली

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