Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 25, 2016 By Monica Gupta 3 Comments

स्लोगन स्वच्छ भारत अभियान

स्लोगन स्वच्छ भारत अभियान

स्लोगन स्वच्छ भारत अभियान

सफाई अभियान पर नारे – स्लोगन स्वच्छ भारत अभियान – खुले में शौच मुक्त भारत

मोदी जी के निर्देशन में आज पूरे भारत में  देश में सम्पूर्ण  स्वच्छता अभियान , जन आंदोलन के रुप में चला हुआ है जहां लोगो ने इसकी महत्ता को समझ रहें हैं  वहां स्वच्छता आ भी रही है…

अभियान पर नारे,

मेरा, स्वच्छता अभियान से जुडना एक यादगार अनुभव रहा.  बात 2008 की है तब मैंं ज़ी न्यूज की सिरसा (हरियाणा) से सम्वाददाता  थी और जब पता चला कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सिरसा  3 महीने में स्वच्छ बन जाएगा यानि गांव के लोग बाहर शौच जाना छोड देंगें और घर में ही शौचालय और कुई बनवाएगें तो तुरंत न्यूज आईडिया भेज दिया… और जिला प्रशासन के साथ गांव जा पहुंची न्यूज कवर करने … सोच कर तो ये ही गई थी कि ये तो असम्भव है हो ही नही सकता … पर जैसे जैसे अभियान आगे बढता रहा गांव वाले जिले के एडीसी डाक्टर युद्दबीर सिह ख्यालिया से प्रेरित होते रहे और स्वच्छता आने लगी …

गांव गांव मे अपना गांव स्वच्छ बनाने की होड सी लग गई… जय स्वच्छता  के नारे गूंजने लगे और पूरा का पूरा गांव एक परिवार बन कर स्वच्छ करने में जुट गया …

और इतनी उर्जा देख कर मुझे लगा कि मुझे इसे किताब का रुप देना चाहिए और मैने लिख डाली किताब  … स्वच्छता एक अहसास !!

पेश है उसका एक छोटा सा अंश

Slogans on cleanliness

स्वच्छता पर नारे

गाँव वालों ने तो अभियान को नई दिशा देने के लिए ढ़ेरों नारे बना दिए….

 

आँखों से हटाओ पट्टी, खुले में न जाओ टट्टी

हम सब का है  एक ही नारा, साफ और सुथरा हो देश हमारा
मूँगफली में गोटा, छोड़ दो लोटा।

ना जिलें में, न स्टेट में, सफाई सारे देश में

1-2-3-4, कुई खुदवा लो मेरे यार

सफाई करना मेरा काम, स्वच्छ रहें हमारा गाँव।

सुन ले सरपंच, सुन ले मैम्बर, कुई खुदवा लें घर के अंदर

बच्चें, बूढ़े और जवान, सफाई का रखो ध्यान
खुले में शौच, जल्दी मौत

सफाई है जहाँ, पढ़ाई है वहाँ

गाँव-2 में जाना है, गंदगी को दूर भगाना है।

नक्क तै मक्खी बैन नी देनी, खुल्ले में टट्टी रहन नी देनी

लोटा बोतल बंद करो, शौचालय का प्रबन्ध करों।

मेरी बहना मेरी माँ, खुले में जाना ना ना ना….

सफाई का रखो पूरा ध्यान
गाँव को बना लो निर्मल ग्राम

स्वच्छता है जहाँ, जिन्दगी है वहाँ
खुले में शौच नही जाना है
गाँव को निर्मल बनाना है

सफाई है जहाँ, खुदाई है वहाँ

ताऊ बोला ताई से, सबसे बड़ी सफाई सै

साफ पानी पीऐंगे
सुरक्षित जीवन जीऐंगें

बच्चें, बूढ़े और जवान
खुले में शौच से सब परेशान

जब गंदगी को जड़ से मिटाऐगें
तभी अच्छे नागरिक को कहलाऐगें

मिल जुल कर छोडो़ चिंगारी
स्वच्छ हो जाए दुनिया सारी

खुले में शौच, पिछड़ी हुई सोच

हर गाँव में ज्योति जगाऐंगें
देश को स्वच्छ बनाऐंगें

धरती माता करे पुकार, आस-पास को कर लो  साफ

 

पिछला जमाना बीत गया, अब नया सवेरा आया है
हर घर में शौचालय हो यही समझ अब लाया हैं

मोनिका गुप्ता , स्वच्छता अभियान

स्वच्छता को लेकर महात्मा गाँधी कहते थे

स्वच्छता स्वतंत्रता से भी महत्वपूर्ण है
स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है

पं0 जवाहर लाल नेहरू का स्वच्छता के बारे में कहना था कि …

जिस दिन हम सबके पास अपने प्रयोग के लिए एक शौचालय होगा मुझे पूर्ण विश्वास है कि उस दिन देश अपनी प्रगति की चरम सीमा पर पहुँच चुका होगा।

नया साल नया सवेरा

1 जनवरी सन् 2008 को सूरज की पहली किरण ने दस्तक दी। लोग जागे और घरों के बाहर, खेत-खलिहानों का नजारा लेने लगे। ओस की बूँदे फसलों से अठखेलिया कर रही थी। पक्षी मधुर कंठ से अपने राग अलाप रहे थेे। मानों उन्हें भी पता चल गया था कि नया साल, नया सवेरा लेकर आया है। आज के बाद से कोई भी, कभी भी खेतों में शौच के लिए ना जाकर घरों में ही बनें शौचालय का ही इस्तेमाल करेगा ताकि एक नए समाज को बनाने का सपना हकीकत में बन जाए। पहले जो लोग खेतों की ओर जाते नाक पर कपड़ा रख लेते, आज वही लोग बाहर खेतों में घूमते हुए खुली हवा में फेफड़ो में ताजी और स्वच्छ हवा भर रहें हैं।

जि़ला सिरसा के सभी 333 गाँवों की काया पलट होने में सिर्फ तीन महीने यानि 2 अक्तूबर, 2007 से 31 दिसंबर 2007 तक का समय लगा और आज नतीजा यह निकला कि सभी गाँव खुले में शौच से मुक्त्त और निर्मल है।

अगर इस कार्य को जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा युद्ध स्तर पर व्यापक रूप से ना चलाया जाता तो सवाल ही पैदा नही होता कि लोगों को स्वच्छता के बारे में ज़रा सी भी जानकारी मिल पाती।

लेकिन इस अभियान को यानि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान को इतने सुनियोजित ढ़ंग से चलाया गया कि सिर्फ गाँव-गाँव ही नही बल्कि हर गाँव की हर गली, हर घर में जाया गया। स्कूलों में जाकर उन्हें स्वच्छता की जानकारी दी गई। अभियान में बच्चें-बूढ़े, महिला, पुरूष हर वर्ग को जोड़ा गया और अभियान ने इस कदर रंग दिखाया कि वो लोगों की सोच बदलने में कामयाब रहा।

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के साथ ’जय स्वच्छता समिति’ ने जुड़कर उन्हें ट्रेंनिग दी और गाँव-गाँव में जागरूकता फैलाने के लिए भेज दिया। गाँव वालों ने भी माना कि उनके समझाने से पहले तो मानो वो गहरी नींद में थे। टीम के आने के बाद ही वो उस नींद से जागे हैं और ऐसे जागे हैं कि आज पूरे भारत में सिरसा जिला सूरज बन कर चमक रहा है और अन्य जिलों तथा प्रदेशों को भी अपनी किरणों के माध्यम से संदेश दे रहा है कि स्वच्छता रखो। सदियों पुरानी चली आ रही परम्परा को आज के बच्चों ने पूरी तरह से समझ लिया है और अपने बड़े-बुर्जुगों की सोच बदल कर स्वच्छता का स्वागत दोनों बाहें फैलाए कर रहें हैं।

bapu-Gandhi-by-monica-gupta

सभी गाँव वालों के प्रयासों से उन्होंने असम्भव काम को सम्भव कर दिखाया है। आज उन्हें स्वच्छता मिल गई मानों दूसरा जन्म मिल गया हो, इसी खुशी में हर गाँव वासी खुद को नाचने गाने से रोक नही पा रहा और एक ही बात उनके दिल से निकल रही है। और वो है……………

जय स्वच्छता   जय स्वच्छता      जय स्वच्छता

 

August 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

कुत्ते की जानकारी और मनोरंजक खबर

कुत्ते की जानकारी और मनोरंजक खबर

एक article के सिलसिले मे मैं pet dogs , dogs food , कुत्ते की नस्ल ,कुत्ते का खाना के बारे पर गूगल पर सर्च कर रही थी. Labrador  के बारे में पढा फिर पढा कि कुत्ते  की स्पेनी  Chihuahueño सबसे छोटी नस्ल है और इसका नाम  मेक्सिको के चिहुआहुआ राज्य के नाम पर रखा गया है बहुत ही प्यारा नाम है ये वैसे साराभाई / साराभाई सीरियल में मैने इसका नाम सुना था. सर्च करते करते अचानक एक रोचक खबर पर नजर ठहर गई. 

खबर  कुछ ऐसे थी कि  एक व्यक्ति अपने कुत्ते के साथ घूम रहा था उसे पुलिस पकड कर ले गई. अरे !! खबर पूरी पढी तो समझ आया कि कारण क्या था.

असल में खबर विदेश की है नाईजीरिया का वो व्यक्ति जो कुत्ते के साथ धूम रहा था असल में उसने अपने कुत्ते का नाम देश के राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी के नाम पर बुहारी रखा हुआ था और कुत्ते के आगे पीछे भी बुहारी लिख कर टांगा  हुआ था.

हालाकि कोर्ट मे पेश होने के बाद उसे जमानत तो मिल गई पर उसके पास जमानत के पैसे नहे थे इसलिए 19 सितम्बर तक जेल मे ही रहना होगा उसे… !! उस व्यक्ति ने बताया कि उसे बुहारी बहुत पसंद है वो उनका प्रशंसक है इसलिए उसने ये नाम रखा …

वही सोशल मीडिया पर कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं तो कोई उसकी हिम्मत की दाद दे रहे हैं…

निसदेह खबर हट कर लगी … इसे पढते पढते मुझे एक अन्य बात याद आ गई जो मेरे सामने हुई और उसे सुनकर और देख कर  मैं हैरान रह गई. एक महिला अपने बच्चे को गोद मे बैठा कर सहला रही थी और बोल रही थी मेरा कुत्ता, मेरा पामेरियन .. यकीन मानिए पहले तो मुझे समझ ही नही आया… मैने ऐसा कभी नही सुना कि कोई अपने बच्चे को इस तरह बोले …अपने बच्चो को कुते के नम से बोलना … !!!

बेशक,वो प्यार से बोल रही थी पर बडा अजीब सा लगा … !! कैसा है ये प्यार !!

खैर ये तो अपनी अपनी सोच होती है लोग अपने पालतू को घर का ही सदस्य मानते हैं और मानना भी चाहिए पर बच्चे को कुत्ता और कुत्ते की नस्ल के नाम से बुलाना … समझ से बाहर है …

बेशक कुत्ते वफादार होते हैं… और मैं इसी के बारे में और सर्च करने लगी … dogs photo

 

Homemade Pet Food | Dog | कुत्‍ते का भोजन | कैसा हो आपके कुत्‍ते का भोजन – Hindi Boldsky

बाज़ार में मिलने वाला कुत्‍ते का भोजन न तो उसके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा होता है और न ही उसमें किसी भी प्रकार का पौष्‍टिक तत्‍व ही पाया जाता है। कभी-कभी आप सोंचते होगें की क्‍यों न अपने कुत्‍ते को घर का बना हुआ भोजन ही खिलाएं। कुछ लोग अपने पालतू कुत्‍ते को घर का खाना खिलाते हैं पर उन्‍हें पता नहीं होता कि कुत्‍ते के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए किस प्रकार का आहार ठीक रहेगा। अगर आप भी उनमें से एक हैं तो आजमाएं हमारे दिए गए कुछ सुझाव- Read more…

वैसे आप भी कोई अनुभव शेयर करना चाहें तो आपका स्वागत है…

 

August 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

मर गई इंसानियत – शव को कन्धे पर लेकर चला दस किलोमीटर

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मर गई इंसानियत – शव को कन्धे पर लेकर चला दस किलोमीटर

नेट पर एक खबर देखी जोकि वाकई में वाकई में विचलित कर गई. खबर थी कि ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक आदिवासी व्यक्ति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चला. साथ में उसकी बेटी भी थी.

सूत्रो के मुताबिक उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं दी गई। प्रशासन ने भी मदद नही दी. दुख इस बात का नही कि प्रशासन ने कोई मदद नही की. उनसे उम्मीद भी नही की जानी चाहिए दुख तो हुआ ये  देख कर हुआ कि लोग देखते रहे पर मदद के लिए आगे नही आए… तस्वीर में दिख रहे इतने लोगो में से अगर चार लोग आगे बढ कर मदद कर देते तो क्या बिगड  जाता …

ऐसा ही कुछ निर्भया कांड के समय सुना था कि दिल्ली मे सडक के किनारे घंटो पडे रहे पर कोई मदद के लिए नही आया …

एक अन्य खबर में दिल्ली की सड़क पर एक शख्स सड़क हादसे का शिकार हो कर पूरे डेढ़ घंटे तक तड़पता रहता है और लोग उसकी मदद करने की बजाय उसे लूटते रहते हैं. सीसीटीवी की इन तस्वीरों के बाद जहां पूरी दिल्ली सकते में है.

…कहां चली गई है हमारी संवेदनाए … क्यो हम इतने निष्ठुर  हो गए हैं .. दुखद … बेहद दुखद … !!! जनाजा ही उठ गया है संवेदनाओ का… !! बेशक, स्थानीय पत्रकारों ने शव लेकर जाते देखा और जिला कलेक्टर से संपर्क किया. इसके बाद बाकी के 50 किमी की यात्रा के लिए एंबुलेंस मुहैया करवाई गई… !!

जो हुआ दुखद था… !!  क्या वाकई हम तरक्की कर रहे हैं आगे बढ रहे हैं स्मार्ट हो रहे हैं अगर यही यही स्मार्ट होना है तो … हमें नही होना स्मार्ट …   संवेदनहीन… जहां  कुछ लोगों की करतूतों से इंसानियत दम तोड़ती जा रही है..

 

अस्पताल से नहीं मिला एंबुलेंस, पत्नी के शव को कंधे पर लादकर 10 किमी पैदल चला

तमाम कोशि‍शों के बाद जब मदद नहीं मिली, तो मैंने पत्नी के शव को एक कपड़े में लपेटा और उसे कंधे पर लादकर भवानीपटना से करीब 60 किलोमीटर दूर रामपुर ब्लॉक के मेलघारा गांव के लिए पैदल चलना शुरू कर दिया। Read more…

वैसे कानून तोडने में तो हम अव्वल हैं यहां हाथ पैर टूटने की भी कोई फिक्र  नही /आज दही हांडी उत्सव में

कोर्ट के आदेश की उड़ी धज्जियां उडा दीं  दही-हांडी के लिए बना 42 फीट ऊंचा पिरामिड बना दिया …

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बस यही बात विचलित कर रही है… !!

 

August 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

निर्भया रेप कांड और हमारी कानून व्यवस्था

निर्भया रेप कांड

(तस्वीर गूगल से साभार)

निर्भया रेप कांड और हमारी कानून व्यवस्था

निर्भया गैंग रेप के दोषी विनय शर्मा ने देर रात तिहाड़ जेल में आत्महत्या की कोशिश की.

निर्भया रेप कांड तो हम सभी के जहन मे होगा. 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया सामूहिक दुष्‍कर्म एवं हत्‍या के मामले में अदालत ने छह लोगों को दोषी ठहराया था, जिसमें एक नाबालिग शामिल था.

निर्भया केस का मुख्य आरोपी राम सिंह जोकि घटना के वक्‍त बस चला रहा था, तिहाड़ में ही फांसी लगा चुका है वो तिहाड़ जेल के सेल में मार्च 2013 में मृत मिला था और इसी मामले के किशोर आरोपी को 31 अगस्त 2013 को सुधार गृह में तीन साल रखने की सजा सुनाई गई थी। पिछले वर्ष दिसंबर में वह रिहा हो गया।

आज उसी रेप कांड से जुडी एक खबर पडी  कि निर्भया गैंगरेप केस में दोषी विनय शर्मा ने देर रात तिहाड़ जेल में आत्महत्या की कोशिश की. ख़बर ये है कि उसने पहले कुछ दवाइयां खाईं और फिर गमछा गले में बांध कर फांसी लगाने की कोशिश की.
वो तिहाड़ के जेल नंबर-8 में बंद है. फिलहाल उसे दीन दयाल उपाध्‍याय अस्पताल के वार्ड नंबर-9 में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है..

जब ये लोग खुद ही मरने को तैयार हैं तो कानून किसलिए रहम दिखा रहा है … बहुत नाइंसाफी है ये …

रेप पीड़ित और लच्चर कानून व्यवस्था – Monica Gupta

रेप पीड़ित और लच्चर कानून व्यवस्था निर्भया रेप केस के बाद भी न पुलिस ने, न प्रशासन ने और न ही सरकार ने कोई सबक लिया और रही बात कानून की देवी की .. जब तक उनकी आखों में पट्टी बंधी हुई है कोई उम्मीद नही … महिलाए भगवान भरोसे हैं… बात हाल की है … रेप पीड़ित और लच्चर कानून व्यवस्था – Monica Gupta

 

निर्भया गैंगरेप केस में दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या की कोशिश की, हालत गंभीर

Read more…

 

निर्भया रेप कांड के दोषी ने तिहाड़ में की खुदकुशी की कोशिश– IBN Khabar

IBN Khabar: निर्भया गैंग रेप के दोषी विनय शर्मा ने देर रात तिहाड़ जेल में आत्महत्या की कोशिश की। बताया जा रहा है कि विनय ने पहले कुछ दवाइंया खाईं और फिर गमछा गले में बांधकर फांसी लगाने की कोशिश की… ibnlive.com

वैसे आपके क्या विचार हैं इस बारे में ??

 

August 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

दांतों की चमक -हमारी मुस्कुराहट

smile photo

दांतों की चमक और मुस्कुराहट

तुम इतना जो मुस्कुरा  रहे हो या  मुस्कुराने की वजह तुम हो फिल्मी गाने बहुत खूबसूरत लगते है  सबसे बडा प्रश्न ये है कि दांतों की चमक  की वजह से हमारी मुस्कुराहट है या मुस्कुराहट की वजह से दांतो की चमक..

दांतों का पीलापन कैसे दूर करे

दांतो का पीलापन  दूर करके दांतों में चमक कैसे लाए … आईए जाने कुछ बातें काम की…

मैं अपनी सहेली मणि के घर गई तो कट कट करके कुछ खा रही थी. जहां तक मुझे पता है उसने सुपारी तो बिल्कुल छोड दी है फिर ये क्या हो सकता है पर उसने मुझे सोचने का ज्यादा मौका नही दिया … वो बर्फ खा रही थी … हे भगवान !! मणि और उसके शौक … मै जैसे ही समझाने को हुई तो वो मुझसे पहले ही बोल उठी पता है गला खराब हो जाएगा .. मैने कहा जी नही उससे पहले तो मैडम के दांत खराब होंगें …

वाकई में, कुछ चीजे हमारे दांतो को बहुत नुकसान करती हैं जैसाकि बर्फ या फिर कई बार हम काम  करते करते पैंसिल चबाते रहते हैं ये भी दांतों को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं..

कई बार महिलाए आलसवश रात के समय छोटे बच्चे को दूध की बोतल थमा देती हैं कि बच्चा पीते पीते सो जाएगा पर ये दांतों के लिए बहुत हानिकारक होता है…

इसके इलावा चिप्स, आईसक्रीम ,जूस, सोडा रेड वाईन या कॉफी भी बहुत नुकसान करती है दांत पीले ही हो जाते हैं.. जल्दी जल्दी खाना और बहुत सारा खाना binge eating भी बहुत नुकसान देती है दांतों को…

एक और चीज है वो है जीभ भेदी यानि tongue piercings भी दांतों के लिए खतरा बन जाता है क्योकि अक्सर खाते या बात करते वो दांतो से टकराता है जिससे नुकसान हो सकता है… हालाकि इसे बहुत कम लोग करवाते है पर फैशन के चलते जो लोग करवाते हैं उन्हें बहुत सोचने की दरकार है..

8 Tips for having white clean shiny teeth- Navbharattimes Photogallery

दांतों का रंग कई बार विभिन्न वजहों से पीला पड़ जाता है। बहुत ही आसान तरीकों से इन्हें फिर से चमकाया जा सकता है। आगे की तस्वीरें देखिए और जानिए, कैसे आ read more at indiatimes.com

 

वैसे हमें जानकारी सब होती है पर अंजान बने रहते हैं और इंतजार करते हैं कि कोई प्रोब्लम आए तब छोड देंगें … वैसे आप क्या सोचते हैं इस बारे में जरुर बताईएगा !!!

August 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

भारी स्कूल बैग – बच्चों ने की प्रैस कांफ्रैंस

भारी स्कूल बैग – बच्चों ने की प्रैस कांफ्रैंस

स्कूली बच्चे और बस्ता बहुत भारी, Heavy School bags , कमर दर्द झेलते  मासूम बच्चे.. आखिर कब तक ??

Press Conference अक्सर हम राजनीति से जुडे अलग अलग मुद्दों पर press conference देखते रहते हैं पर आज एक ऐसी खबर पढी और हैरान रह गई कि ऐसा भी होता है.

असल में  खबर महाराष्ट्र की है. जहां 2 स्कूली छात्र हर रोज भारी बस्ते को लेकर परेशान हो गए और इसी सिलसिले मे उन्होनें  एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया … इतना ही नही उन्होने  छात्रों को इस समस्या के समाधान के लिए कुछ अन्य विकल्प भी सुझाए गए और साथ ही साथ यह भी कहा है कि अगर जल्दी सुनावई नही होगी तो वो भूख हडताल पर बैठ जाएगें.

school-bag-cartoon-by-monica-gupta

 

Fed up with heavy school bags, students hold Press meet

“We carry a minimum of 16 books for 8 subjects daily and sometimes their number increases to 18 or 20, depending upon the subjects for which the classes would be held for the day.

Chandrapur (Mah): Burdened with heavy school bags, two seventh grade boys held a press conference here to highlight the plight of students who carry a load of 5-7 kg on their shoulders daily to attend classes. Media persons at the local Press Club were taken aback on Monday when the duo from local Vidya Niketan School, walked in and expressed their desire to hold a conference on the daily hardships they face due to the burdensome bags. read more at eenaduindia.com

 

भारी स्कूल बस्ते से परेशान 2 छात्राओं ने किया ये काम, जिससे सुनकर सब अचंभे में… – Samachar Jagat

स्कूल के भारी बस्ते के बोझ से लदे सातवीं कक्षा के 2 छात्रों ने पांच-सात किमी से अपने कंधों पर भारी बस्ता लटकाकर पढऩे के लिए आने वाले छात्रों की दुर्दशा बयान करने के लिए यहां एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया है। स्थानीय प्रेस क्लब में जुटे पत्रकार कल उस समय अचंभे में read more at samacharjagat.com

वैसे आपके इस बारे में क्या विचार हैं क्योकि आप भी इस दर्द से जरुर गुजरे होंगें …

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