Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for Articles

April 28, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

भूमाता ब्रिगेड और मीडिया की भूमिका

tripti

भूमाता ब्रिगेड और मीडिया की भूमिका

शनि शिंगणापुर और नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के प्रवेश मे मिली भारी सफलता के बाद  तृप्ति देसाई यानि भूमाता ब्रिगेड आज मुम्बई में हाजी अली दरगाह पर प्रवेश पाने के लिए मार्च निकालेगीं. कारण तो पता नही पर जितना समझ आया  वो है पहले उस दरगाह पर महिलाओं को पहले जाने की आज्ञा हुआ करती थी पर 2011 से जब से नया ट्रस्ट बना. महिलाओ को रोक है. इस बारे में मैने बहुत महिलाओं से बात करके उनके विचार लिए और कुल मिलाकर यह निष्कर्ष निकाला कि मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा जैसे पूजा स्थलों पर महिलाओं के लिए रोक नही होनी चाहिए और समान अधिकार मिलने चाहिए पर इसके लिए कानूनी लडाई लडी जाए तो बेहतर है क्योकि अलग अलग जगह जाकर मार्च निकालना और हक के लिए लडना भी सही नही क्योंकि हर बार मीडिया साथ नही देगा…

tripti

(तस्वीर गूगल से साभार)

आज भूमाता ब्रिगेड बोल्ड इसलिए भी है क्योकि मीडिया साथ खडा है, लाईव टेलीकास्ट  हिम्मत बढाने और लोगो को आकर्षित करने का काम कर रही है..

बेशक,  आज मीडिया भूमाता के  साथ खडा है पर धीरे धीरे न्यूज चैनल भी ऐसी खबरों से बोर हो जाएगें और ये खबर भी ब्रेकिंग न्यूज की बजाय तेज रफ्तार खबरों में आखिरी खबर में कही दब कर रह जाएगी और आज जैसे रेप या महिलाओं से बदसलूकी जैसी की धटनाए आखिरी पेज पर ही बामुश्किल छोटी सी जगह बना पाती है कही ऐसा न हो कि मीडिया भी अपने कदम खींच ले फिर आपका जाना न जाना कोई महत्ता नही रखेगा इसलिए बेहतर यही है कि जब तक आप मीडिया को खींच सकती हैं उसमें गम्भीर मुद्दे जैसे महिला असुरक्षा, रेप , सुस्त न्याय प्रणाली महिला हक आदि  को लेकर आवाज बुलंद करिए ताकि पूरे देश की महिलाए एक जुट होकर आए और समाज में एक बदलाव ला सकें

इससे पहले शनि शिंगणापुर, और नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में पूजा-अर्चना कर चुकी हैं जोकि निसन्देह एक अच्छी पहल है पर पहनावे को लेकर अगर मार्च निकाला जाता है तो मैं उसके पक्ष में में नही हूं क्योकि हर पूजा स्थल की अपनी गरिमा अपने नियम कानून होते हैं और हमें उनका पालन करना चाहिए.

conflict over ban on womens in haji ali dargah 13937147

नई दिल्ली। मुंबई में हाजी लगी दरगाह के गर्भग्रह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत को लेकर तृप्ति देसाई और हाजी अली ट्रस्ट के लोगों के बीच विवाद खड़ा हो गया है। दरगाह मैनेजमेंट का कहना है कि शरिया कानून के मुताबिक महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर इस्लामी है, हालांकि साल 2011 तक महिलाएं हाजी अली दरगाह में प्रवेश करती रहीं हैं लेकिन 2011 के बाद से दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। यही नहीं मुंबई में 20 में से 7 दरगाहों पर महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। जिस हाजी अली दरगाह पर प्रवेश को लेकर विवाद हो रहा है आइए हम आपको उसका इतिहास बताते हैं।

छोटे से टापू पर बनी है हाजी अली की दरगाह

read more at jagran.com

 

Will throw ink if Tripti Desai enters Haji Ali – Navbharat Times

read more at indiatimes.com

अंधविश्वास , महिलाएं हमारा समाज और विवादित बयान  जरुर पढिएगा

फिलहाल मीडिया की नजर है भूमाता पर और हमारी भी ….

April 24, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश – मन की बात

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश - मन की बात

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश – मन की बात

हमारी न्यायप्रणाली और भावुक हुए जस्टिस ठाकुर के मन की बात

बहुत नाइंसाफी है ये माई लार्ड …

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश - मन की बात

आज लाईट गई हुई थी. बहुत बार फोन किया पहले तो मिला ही नही जब मिला तो बिजली विभाग वाले बोले कि आने में थोडा समय लगेगा… और पता है ये थोडा समय चार घंटे था. जब मैने पूछा तो बिजली वाले ने बताया कि क्या करें विभाग में आदमी ही नही है ..  शिकायतों की भरमार रहती है और आदमी है नही …  कहां कहां जाए बिजली ठीक करने … !!कहते कहते वो भावुक सा हो गया.

खैर, उनके  आने के बाद तो फटाफट बिजली ठीक हो गई. उन के  जाने के बाद मैं न्यूज  देखने लगी. खबरों में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश श्री टी एस ठाकुर जजों और मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में न्यायपालिका पर बढते बोझ को लेकर भावुक हो गए और रो दिए. उन्होने बताया कि जजों की संख्या पर मामूली बढोतरी हुई है जबकि केस लगातार बढते ही जा रहे हैं .

भारत में 10 लाख लोगों पर एक ही जज है. समय पर न्याय नही मिलता और दस लाख से ज्यादा मामले लम्बित हैं. उन्होने सरकार से अपील की कि जजों की नियुक्ति और खाली पद जल्द भरे जाने चाहिए.उन्होने एक गणित का उदाहरण भी दिया कि एक सडक 5 आदमी 10 दिन में बनाते हैं तो वही सडक एक दिन में बनानी हो तो कितने आदमी चाहिए . उत्तर होता है 50 –50 आदमी. अब 38 लाख 88 हजार केस निबटाने के लिए कितने आदमी चाहिए ये भी सोचने की बात है …

 

 

Speaking about the massive burden on Indian judiciary, CJI becomes emotional – Navbharat Times

Chief Justice of India TS Thakur breaks down during his speech at Jt conference of CMs and CJ of HCs in Delhi read more at indiatimes.com

 

वाकई बहुत सोचने की बात है.

क्षेत्र कोई भी हो man power में कमी नही होनी चाहिए क्योकि अगर सभी काम समय पर होते रहेंगें तो आम आदमी को दिक्कतों का सामना नही करना पडेगा और वो खुश रहेगा और अगर समाज में आदमी खुश तो समाज खुद ब खुद तरक्की करेगा … !!

चलो अच्छी बात यह हुई कि मोदी जी के सामने ये बात कही गई है  अब देखते हैं इसका असर  कब तक होगा . सोचते सोचते मैने मणि से बात करने के लिए landline मिलाया पर फोन  dead था … हे भगवान !! यहां भी शिकायत करनी पडेगी और manpower यहां भी कम …. !!!

April 23, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

William Shakespeare – Shakespeare 400 Anniversary

William Shakespeare's cartoon by monica gupta

William Shakespeare's cartoon by monica gupta

William Shakespeare – Shakespeare 400 Anniversary

चाहे हमारा पाठयक्रम हो या सिनेमा जगत  … विलियम शेक्सपीयर हर दिल और हर वर्ग पर एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं

.. शायद ही कोई होगा जो इस नाम से वाकिफ़ न हो. हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक शेक्सपीयर के किरदार अलग-अलग रूपों में जीवंत हुए.

नॉक नॉक हू इज देयर?, ऑल इज वेल देट एंडस वेल, नीदर हियर, नॉर देयर, फॉर गुडनेस सेक, टू बी और नॉट टू बी,  मम्स द वर्ड, आदि कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो हम आम बोलचाल की भाषा में उपयोग करते हैं वो सब  शेक्सपीयर की ही देन हैं.

या फिर कुछ खास कहावतें जैसा कि ये दुनिया एक रंगमंच है , और सभी पुरुष और स्त्रियाँ महज किरदार हैं: उनको आना और जाना होता है; और एक व्यक्ति अपने जीवन में कई किरदार निभाता है.

एक मूर्ख खुद को बुद्धिमान समझता है, लेकिन एक बुद्धिमान व्यक्ति खुद को मूर्ख समझता है.

हमारी हिंदी फिल्में भी जो शेक्सपीयर के नॉवेल्स पर बनीं

द मर्चेट ऑफ वेनिस पर बनी जालिम सौदागर / कॉमेडी ऑफ एर्स पर आधारित थी फिल्म अंगूर

मैकबेथ से प्रेरित होकर बनी मकबूल / ओथेलो पर बनी थी ओमकारा

हेमलेट नॉवेल का एडप्टेशन है हैदर

 

Celebrating William Shakespeare and St. George’s Day 2016

Over the past four centuries, Shakespeare’s poems, plays and other works have taken on a life of their own on the page, stage and screen. You can explore some of his works and those he has has inspired in the Shakespeare gallery of Google’s Cultural Institute.

Today’s Doodle celebrates St. George, the patron saint of England and famous for slaying a dragon. This year he shares the stage with one of the most prolific voices of our time: William Shakespeare. read more at google.com

 

कॉमेडी से शुरुआत कर ट्रेजडी तक पहुंचने वाले विलियम बेहद साधारण परिवार से थे. आज उनकी 400th-anniversary धूमधाम से मनाई जा रही है .. !! जिसका जीता जागता उदाहरण है गूगल का डूडल !!

April 22, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

एक कडवा सच- रंगीन दुनिया का बदरंग चेहरा

एक कडवा सच- रंगीन दुनिया का बदरंग चेहरा

एक कडवा सच- रंगीन दुनिया का बदरंग चेहरा

खुद पर लक्ष्मण रेखा जरुरी है..

कुछ समय पहले  आनन्दी बनाम प्रत्यूषा की आत्महत्या ने सकते में डाल दिया पर जैसे जैसे इस बारे में और खबरें आती गई हैरानी बढती चली गई…!! मन अनेक सवालों से घिरता चला गया…!!

11_04_2016-pratusha-boyfriend

(तस्वीर गूगल से साभार)

चाहे फिल्मी दुनिया हो या धारावाहिक की दुनिया बेहद आकर्षित करती है पर अगर हम अपने दायरे में नही रहे तो यही दुनिया हमें ऐसे अंधेरें में ला पटकती है जिसका कही कोई उजाला नही होता.

अब अगर आनंदी यानि प्रत्यूषा की बात करें तो लिव इन में रहती हुई वो न सिर्फ प्रेग्नेंट थी बल्कि नशा भी करती थी वो अलग बात है कि उसके दोस्त ने उसे नशा करना सीखया.. अब हम  कितनी भी बातें बना लें कितनी दलील दे दें पर खुद पर काबू रखना बहुत जरुरी है … चाहे विदेश में रहें , मुंबई या मैट्रो मे रहें या छोटे से शहर की तंग गली में या गांव में हो नियम सभी पर लागू होते हैं …महिलाओं को खुद के लिए एक लक्षमण रेखा जरुर खीचनी चाहिए और जहां दायरे से बाहर जाते दिखे अपने पावं खीचं लेने चाहिए.

बडे बडे दफ्तरों में काम करने का ये मतलब भी नही कि शराब, सिग्रेट व अन्य नशो के साथ देर रात कही बाहर रहो…

बेशक,आज के समय में लडकी को बेहद आजादी मिली है पर इसका दुरुपयोग भी सही नही है .. एक नियत दायरे में रहना बहुत जरुरी है पढने की, नौकरी करने की, पैसा कमाने की  आजादी का दुरुपयोग नही करना चाहिए.

बेशक, आज समय बदल गया है मार्डन भी रहना चाहिए… सब कुछ करना चाहिए  पर एक दायरे में रह कर….!!  ताकि बाद में गर्भपात या आत्महत्या जैसा गम्भीर कदम न उठाना पडे..

 

Pratyusha Banerjee and Rahul Raj Singh Mutually Decided to Abort the Baby – bollywood.bhaskar.com

प्रत्यूषा बनर्जी सुसाइड केस को लेकर ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह ने नए खुलासे किए हैं। राहुल ने माना है कि प्रत्यूषा उसके बच्चे की मां बनने वाली थी। हालांकि, उसने कहा कि अबॉर्शन का फैसला दोनों ने मिलकर लिया था। राहुल ने पुलिस को बताया कि 1 अप्रैल को जब ‘बालिका वधू’ फेम एक्ट्रेस ने सुसाइड किया, उस दिन क्या हुआ था। प्रत्यूषा के प्रेग्नेंट होने को लेकर राहुल ने क्या बताया… read more at bollywood.bhaskar.com

 

Doctors confirm that Pratyusha Banerjee was Pregnant- , – Patrika News

जेजे अस्पताल में प्रत्यूषा के यूट्रस के टिश्यूज का हिस्टोपैथालॉजिकल एग्जामिनेशन किया गया था। उसी के बाद ये खुलासा हुआ है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्यूषा कुछ दिन पहले या महीने भर पहले प्रेग्नेंट हुई थी। यूट्रस में सेकंड्री इन्फेक्शन और इन्जरी मिली है जो कि मिसकैरिज या प्रेग्नेंसी हटाते वक्त होता है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी इन्जरी तभी होती है जब गर्भपात कराया गया हो। गौरतलब है कि फोरेंसिक सर्जन्स को प्रत्यूषा के यूट्रस में सफेद रंग का थिक फ्लूड मिला था। ये प्रेग्नेंसी के शुरुआती स्टेज की ओर इशारा करता है। read more at patrika.com

 

माता पिता बहुत विश्वास से अपने बच्चों को बाहर नौकरी करने  अपने से दूर बहुत दूर बाहर भेजते हैं ताकि वो अपने सपने पूरे कर सके.. इसलिए उनका विश्वास बनाए रखना हमारा कर्तव्य होना चाहिए…

एक कडवा सच- रंगीन दुनिया का बदरंग चेहरा … और अगर लक्ष्मण रेखा लांध गए तो …. ????

 

 

 

April 14, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

हम, हमारा समाज और आस्था

bhumata

हम, हमारा समाज और आस्था

तृप्ति देसाई यानि भू माता ब्रिगेड की एक खबर ने फिर ध्यान आकर्षित किया. खबर है कि महा लक्ष्मी मंदिर में उन्हें प्रवेश करने से मना किया गया क्योकि उन्होने साडी नही पहनी हुई थी जबकि मंदिर में साडी पहन कर आने का ही निर्देश है ..

शनि मंदिर मे जाने की खबर से सुर्खियों में आई भू माता ने निसंदेह एक अच्छी पहल की थी महिलाओं को एक दर्जा दिलाया पर … पर … पर … कायदा कानून भी तो कोई चीज है …

bhumata

तस्वीर गूगल से साभार

Bhumata Brigade activist Trupati Desai beaten by local women in Mahalaxmi Temple premises in Kolhapur 13866932

कोल्हापुर (एएनआइ) । शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विवाद खत्म होते ही अब एक और नया विवाद शुरू हो गया है। कोल्हापुर स्थित महालक्ष्मी मंदिर में प्रवेश के दौरान स्थानीय लोगों ने भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई की पिटाई कर दी। घटना में तृप्ति देसाई घायल हो गईं। फिलहाल उन्हें कोल्हापुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

स्थानीय लोगों ने की पिटाई

अस्पताल में भर्ती तृप्ति देसाई ने बताया कि जब बुधवार की रात महालक्ष्मी मंदिर में उन्हें और उनके साथियों को दर्शन के लिए लाया गया तो कुछ लोग उन लोगों पर हमला किया। उन्होंने बताया कि पुजारी भी उनलोगों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। read more at jagran.com

दक्षिण के कितने मंदिरों में खास तरह के परिधान मे ही भीतर जाते है.. ये मेरा खुद का अनुभव है और इसमे दिक्कत भी क्या है… मेरे विचार से नियमों को तोडना अवहेलना करना भी सही नही है … बेशक उनकी पिटाई होना भी जायज नही है पर नियम तो अपनाने ही चाहिए … !!!

हम, हमारा समाज और आस्था के बारे मे क्या आप अपने विचार हमे नही बताएगे 🙂

April 12, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

भारी स्कूल बैग, बचपन और बच्चे

school bag cartoon by monica gupta

school bag cartoon by monica gupta

भारी स्कूल बैग, बचपन और बच्चे

भारी भारी स्कूल बस्ते पीठ पर लादे बच्चे जा रहे होते हैं तो एक दर्द सा उठता है कि आखिर हमारी शिक्षा प्रणाली मे सुधार क्यो नही आ पा रहा है… हर साल स्कूल वाले चाहे सरकारी हो या प्राईवेट दम्भ भरते हैं कि  बस्ते का वजन कम करेंगें पर वजन बढता ही जा रहा है कम होने का नाम ही नही ले रहा… !!

 

– www.khaskhabar.com

एक अध्ययन में पता चला है कि बच्चों को स्कूल बैग के कारण लाइलाज कमर दर्द हो सकता है। अध्ययन के अनुसार भारी स्कूल बैग उठाने से बच्चों की रीढ की हड्डी में विकृतियां पैदा हो जाती हैं जिससे उनकी रीढ की हड्डी का कर्व (घुमाव) प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर बच्चे अपने वजन का 15 फीसद वजन रोजाना कंधों पर उठाएंगे तो उन्हें लाइलाज कमर दर्द हो सकता है। अगर बच्चों को जवान होते ही पीठ दर्द की तकलीफ शुरू हो गई तो यह समस्या 70-80 साल की उम्र तक उनका पीछा नहीं छोडेगी। कुछ बच्चे एक ही कंधे पर स्कूल बैग टांग लेते हैं। इससे इन बच्चों की रीढ की हड्डी पर दबाव अधिक पडता है और उनकी रीढ की हड्डी को अधिक चोट पहुंचने की आशंका रहती है। read more at khaskhabar.com

 

ऐसे मे माता पिता की चिंता होना स्वाभाविक है पर वो भी क्या कर सकते हैं सिवाय चिंता करने के …

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 149
  • 150
  • 151
  • 152
  • 153
  • …
  • 252
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved