शिक्षा का गिरता स्तर
शिक्षा का गिरता स्तर
Education System in India
सर्वशिक्षा अभियान और फिर शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद भी देश में प्राथमिक शिक्षा के स्तरमें सुधार के कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं.
कुछ समय पहले एक सहपाठी मिली जो कालिज मे साथ पढती थी. वो बहुत नालायक किस्म की थी ना कभी पाठ याद करना और ना कभी कालिज नियमित आना इसलिए अक्सर टीचर से डांट खाती थी पर प्रैक्टिक्ल मे जब भी बाहर से परीक्षक आते उन्हे किसी की मृत्यु या घर के सदस्य की बीमारी का वास्ता देकर रोंदू सा मुहं बन लेती और बहुत सारे अंक बटोर लेती. इतना ही नही फाईनल परीक्षा मे भी पता नही कैसे परीक्षक से सैंटिंग कर लेती और आराम से नकल मारती.
सच, उसे देख कर बहुत दुख होता और गुस्सा भी आता था. मैं,बस, चुप ही हो जाती और सोचती कि इस लडकी का क्या होगा. इसको सदबुधि देना भगवान!!! फिर मेरे पापा की बदली कही दूसरी जगह हो गई और हम चले गए.कुछ समय पहले जब वो मिली तो पता चला कि बहुत नामी गिरामी कालिज मे 15 साल से वो शिक्षिका है.
आप सोच रहे होंगे कि तो क्या हुआ. हो सकता है कि अब समझदार हो गई हो और ढंग से पढाने लगी हो. पर जब मैने उसी के कुछ स्टूडेंट से बात की तो समझ गई कि अभी भी मामला वैसा ही है उन बच्चो ने कही और प्रैक्टिकल की ट्यूशन रखी हुई है और किसी अन्य शिक्षक से उस विषय की पढाई करते हैं. आज फिर ऐसी हालत देख कर हे भगवान निकल रहा है किस के लिए शायद आप भी समझ गए होग़ें !
शिक्षा का गिरता स्तर

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Hostel Life
Hostel Life
होस्टल लाईफ एक ऐसा अनुभव है जो हमारी भावी जिंदगी मे कदम रखने के लिए बहुत जरुरी है.अक्सर माता पिता यही चाह्ते हैं कि उनके बच्चे इस अनुभव से जरुर दो चार हो ताकि ना सिर्फ सही गलत की पहचान कर पाए बल्कि आत्मनिर्भर बनने की भावना भी आए.कुछ दिन पहले एक ऐसे ही होस्टल मे पढने वाले अनुज से मुलाकात हुई. वो बी ए मे पढ रहा था. पिछ्ले हफ्ते से अपने घर गया हुआ था. उसके मम्मी पापा ने बताया कि बहुत ज्यादा डिप्रेशन मे है. कारण ना तो रैंगिग है और ना ही उसे घर की याद आती है. असल मे, कुछ लडके उसके पीछे पडे रहते हैं और उसे शराब और सिग्रेट पीने को कहते है . उसे ऐसे संस्कार नही मिले इसलिए वो चाह्ता भी नही है पर वो लोग उसे जीने नही दे रहे. उसके कमरे के बाहर और कालिज मे भी हर जगह उसे शरीफ आदमी कह कर मजाक उडाते है. उन्ही की देखा देखी सभी ने हसंना शुरु कर दिया उसके उपर. अब ना तो उसका मन पढाई मे लगता है ना किसी दूसरे काम मे.
मैने भी उसे समझाया कि कुछ समय बाद सब ठीक हो जाएगा बस उनकी बातो को तूल ही मत दो. अपने मे मस्त रहो और पढाई करते रहो .जल्दी ही कोई ना कोई आप जैसा दोस्त मिल जाएगा. पर वो बिल्कुल मायूस हो चला था और कहने लगा कि अब या तो वो वहां शराब या सिग्रेट पीना शुरु कर देगा या फिर कभी वापिस होस्टल नही जाएगा. हम उसे समझा ही रहे थे कि उसके किसी दोस्त का फोन आया कि वही सात आठ दोस्तो का ग्रुप कल नदी किनारे घूमने गए हुए थे और खूब पी रहे थे. पीने के बाद नदी मे नहाने उतर गए पर खुद पर कंट्रोल नही रख पाए और तीन पानी मे बह गए. किसी तरह से आसपास के लोगो ने बचाया पर एक को नही बचा पाए. अभी तीनो बच्चे पुलिस कस्टडी मे हैं.
फोन सुनने के बाद वो सन्न होकर बैठ गया. आखो मे आसूं लिए उसने सारी बात बताई और कहा कि कि अब तो शरीफ इंसान का ठप्पा लिए ही वहा जाएगा और दूसरो को भी ऐसा ही बनने की प्रेरणा देगा. इसमे कोई बुराई नही. और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराता हुआ बोला, थैक्स !!! अब उसके चहेरे पर एक अलग ही आत्मविश्वास था.
माता पिता ने उसकी पीठ थपथपाई और हम सभी ने मिल कर उसे शुभकामनाए दी.
यकीनन जो बच्चा अब नही रहा उसके लिए बहुत दुख है पर वो भी कुछ बच्चो के लिए एक उदाहरण बन गया कि ऐसे बच्चो का हश्र क्या होता है. वाकई मे,जिंदगी मे सम्भलने के लिए होस्टल लाईफ के अनुभव से गुजरना बहुत जरुरी है.
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वहम
वहम
suspicion
आगरा से एक जानकार मित्र से मेरी सहेली ने छोटा सा ताजमहल मंगवाया. उसे उसने अपने ड्राईगरुम में लाईट लगा कर सजा कर रखा. तभी एक दिन घर आए एक रिश्तेदार ने वहम डाल दिया कि अरे ताजमहल क्यों रख लिया. रखना बहुत नेगेटिव है कुछ भी बुरा हो सकता है. हटा दे तुरंत. सहेली बहुत धबरा गई. मुझसे पूछने के लिए फोन आया कि क्या करे? अब घर में रखेगी नही.. किसी में ताज उपहार मे दे नही सकती क्योकि जब खुद को पता है तो उपहार में देना बहुत गलत होगा… !!! मित्र इतने प्यार से लाए हैं कैसे कूडे में फेंक दूं. क्या करुं !! मैने कहा कि मैं अभी बताती हूं पर मैं सोच रही हूं क्या जबाव दूं.. लोग वहम तो डाल जाते हैं पर उसका हल नही बताते !! क्या है कोई जवाब आपके पास ??
वहम का
suspicionका
ध्वनि प्रदूषण एक समस्या
ध्वनि प्रदूषण एक समस्या
बढता ध्वनि प्रदूषण और हम
एक ऐसा प्रदूषण जिसका हल न मोदी जी के पास है और न ही अरविंद केजरीवाल जी के पास … इसका हल है सिर्फ हमारे पास… !!!
जाने ऐसा कौन सा है प्रदूषण !!
चलो चिल्लाए… अरे !! आप हैरान क्यो हो रहे हैं … आप भी तो चिल्लाते हैं … क्या ?? नही ?? अच्छा बताईए हाल ही में आप किसी शादी या समारोह में गए तो वहां डीजे वाला बाबू कितनी जोर से बजा रहा था डीजे … आपको चीखते चिल्लाते संगीत के इलावा कुछ सुनाई नही दे रहा था तो आप आपस में बात चिल्ला चिल्ला कर .. हां मैं ठीक हूं … आप सुनाओ कैसे हो ??? चिल्ला कर बात नही कर रहे थे…!!! हम सभी चिल्लाते हैं .
मैं भी चिल्लाई थी और कान भी झनझना उठे थे. मैनें तो एक बार मेजबान को कह ही दिया कि आवाज धीरे करवा दीजिए तब उन्होने कहा कि अरे इतने पैसे दिए है आवाज तो इतनी ही चलेगी… !!! हे भगवान !!
यकीन मानिए इसमे सरकार का कोई दोष नही हमारे अपने दिमाग में इतना प्रदूषण भरा हुआ है कि ….!! वैसे ये कम हो सकता है अगर हम जरा से जागरुक हो जाए पर क्या होंगें.. !!
शायद नही … तो आईए चिल्लाए !!!
ध्वनि प्रदूषण एक समस्या
सडकों पर, कारखानों में तो ध्वनि प्रदूषण बढ ही रहा है पर एक प्रदूषण ऐसा है जिस को हम जान बूझ कर पैसे खर्च करके निमंत्रण देते हैं … !! क्या हो सकता है दूर हमारे प्रयासों से या नही …
नरम धूप
नरम धूप
जाड़ो की नरम धूप
लो जी, आ गई सर्दी!! अच्छा लगता है गुनगुनी धूप में बैठ कर उसका आनन्द लेना.धूप के साथ साथ अपनी कुरसी भी सरकाना और अगर अडोसी पडोसी मिल जाए तो बैठ कर इधर उधर की बतियाना और चुगली चपाटियां करना. वैसे पालक, हरी हरी मैथी जिसे बीनारना साफ करना बहुत बोरिंग होता है कम्पनी मे बैठ कर वो काम भी तुरंत हो जाता है ….. पर नुकसान भी है. जहाँ ज्यादा धूप लेने से चेहरा काला सा हो जाता है. वही बातो बातो मे चाय के साथ साथ खाया भी बहुत कुछ जाता है अब देखिए ना आजकल मटर इतनी मीठी आ रही है कि दो किलो छीलने बैठो तो मुश्किल से पाव भर ही रह जाती है … चलिए, फिर भी गुनगुनी धूप अच्छी ही लगती है. है ना
जाड़ो की नरम धूप और आँगन में लेट कर 🙂
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