छोटी सोच
छोटी सोच
छोटी सोच या ओछी मानसिकता ..
स्टोरी नम्बर 1
एक जानकार आजकल मजाक का कारण बनी हुई है. वजह ये है कि उन्होनें अपने घर में पानी की मोटर के साथ सायरन लगवाया हुआ है ताकि जैसे ही पानी की टैंकी भरे सायरन बज जाए ताकि वो मोटर बंद कर दे और पानी व्यर्थ न जाए पर आस पडोस के लोग मजाक बना रहे है कि बडी आई !!
स्टोरी नम्बर 2
सडक के किनारे एक व्यक्ति कार रोक कर फोन पर बात कर रहा था. आने जाने वाले लोग मजाक बना रहे थे कि यो देखो… ज्यादा समझ रहा है अपने आप को.. !!
तीसरी स्टोरी 3
चार बच्चे चिप्स खाते जा रहे थे और सडक पर ही खाली रैपर फेंक दिया. बस, एक ने फेंकने की बजाय खाली रैपर जेब में रख लिया क्योकि आस पास को कूडादान नही था. बस, उसी दिन से उसका मजाक उडाया जा रहा है कि बडा आया खुद को समझने वाला.. !!!
अब अगर कोई पानी बचाता है या सडक के नियम अपनाता है या स्वच्छता का ख्याल रखता है तो क्या, वाकई में हमे, उनका मजाक बना कर हतोत्साहित करना चाहिए या … !!
वैसे, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी गुजरात के साबरमती आश्रम में आयोजित एक समारोह में कहा था कि देश की असली गंदगी नालों में नही बल्कि लोगों के दिमाग में है.…
अब क्या इस बात का भी हमें मजाक बनाना चाहिए या …. आपका क्या ख्याल है इस बारे में …!!
छोटी सोच
Even and odd car number
हिन्दी क्विज
हिन्दी क्विज
बात सन 1993 की है जब मैं अपने लेखन मे नए नए प्रयोग करती थी. कभी कहानी कभी व्यंग्य, कभी जानकारी तो कभी सामान्य ज्ञान… सामान्य ज्ञान के अंर्तगत मैने क्विज लिखनी शुरु की. ये बात है हरियाणा के हिसार की. समाचार पत्र का नाम है पाठक पक्ष और ये प्रकाशन है सितम्बर माह का … इस नियमित स्तम्भ की प्रतिक्रिया इतनी ज्यादा मिलनी आरम्भ हो गई थी कि इस पर पुरस्कार और विजेता को होटल के खाने पर डिस्काउंट भी दिया जाने लगा
बदलता समाज
बदलता समाज
विवाह समारोह में एक दम्पति से मिलना हुआ. उनकी शादी को 50 साल हो गए थे और उसे सांझा कर रहे थे जब वो पहली बार इंडिया गेट पर मिले. वहां उन्होनें फूलो का गुलदस्ता दिया और ओरेंज बार आईसक्रीम खिलाई. उसके बाद श्रीमान जी ने उनका पीछा करना शुरु कर दिया. कभी कालिज तो कभी किसी दोस्त के घर मिलने लगे और बहुत जल्द शादी के बंधन में बंध गए.
वही एक अन्य जानकार जिनकी हाल ही में शादी हुई उन्होने बताया कि वो सबसे पहले वो अपनी होने वाली पत्नी से फेसबुक पर मिले. वहां उन्होने पहली बार उनकी facebook wall पर फूलो का गुलदस्ता यानि फोटो पोस्ट की भेट किया. जब लगा कि बात आगे बढ सकती है तो कभी किसी दोस्त की wall पर तो कभी किसी दोस्त की time line पर कमेंट करने के बहाने मिलते रहे और अपनी बात अप्रत्यक्ष रुप से प्रकट करते रहे धीरे धीरे बात बढी और दोनों विवाह सूत्र में बंध गए… !!!
मैं सोच रही हूं आज समाज में कितना बदलाव आ गया है … या शायद नही .. या शायद हां … !!!
वैसे आप क्या कहते हैं …. !!!
बदलता समाज
अफवाह वाह या आह
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