Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for Articles

September 7, 2015 By Monica Gupta

न्यूज चैनल्स

न्यूज चैनल्स

कुछ देर पहले मणि से बात हो रही थी. विषय था वही धिसा पिटा राधे मां और इंद्राणी का (और अब तो डोली बिंद्रा की एंट्री भी हो गई है) मणि का कहना ये था कि ये चैनल वाले बहुत कोमल दिल के होते हैं किसी का दुख दर्द नही देख सकते इसलिए बार बार ऐसी खबरें दिखाते है.. ह हा हा … मेरा हंसना उसे अच्छा नही लगा इसलिए मैने हंसी रोकते हुए बताया कि ये चैनल वाले कोई ईमोशनल, विमोशनल नही होते.

बहुत करीब से देखा और जाना है मैने ..बस हर बात मे टीआरपी मसाला खोजते हैं और जहां मसाला मिला वही दर्शकों पर छिडकाव कर देते हैं. अगर ध्यान से देखोगी तो पत्थर दिल होते हैं. सबसे जल्दी, सबसे तेज खबर दिखाने के चक्कर मे कई बार लोगो की भावनाओ से भी खेल जाते हैं जिसकी आम आदमी जिंदगी भर भरपाई नही कर पाता.कहां खबर बनानी है और कहां दबानी होती है उसमे एक्स्पर्ट होते हैं ये …

कई बार बहुत दुख होता है जब आम आदमी का जीना ही दूभर कर देते हैं.जैसाकि अगर किसी ताजा उदाहरण की बात करें वो है दिग्विजय सिह की शादी … उनकी पत्नी अमृता जोकि खुद भी न्यूज एंकर है उन्होने लिखा कि वो साईबर क्राईम का शिकार हुई हैं उनके खिलाफ आपतिजनक और अपमान जनक भाषा  का इस्तेमाल किया गया. सोशल मीडिया पर भी बहुत शर्मिंदा किया गया. जबकि उनकी कोई गलती ही नही थी.

कल ही ये लैंटर फेसबुक पर डाला और वायरल हो गया.  और मीडिया को फिर मसाला मिल गया जबकि ये किसी की निजी जिंदगी है इसमे इस तरह से दखल देना … हैरानी इस बात की भी हुई कल एक न्यूज चैनल के सवांददाता ने फेसबुक पर ही लिखा कि उन्होनें बेशक अपने चैनल पर ये खबर बार बार चलाई पर दिल से इस तरह की खबर चलाने पर वो बहुत दुखी हैं. और उसी बात के बाद ह हा हा  हा हा लिखा हुआ था .

समझ से बाहर है कि ऐसी खबरों से किसका और क्या भला होगा. ऐसे में तो  अपना मजाक ही बनवा रहे हैं ये न्यूज चैंनल्स वाले और तो क्या !!!cartoon radhey ma by monica guptaन्यूज चैनल में निष्पक्षता का अंत हो चुका है और शायद यही ब्रेकिंग न्यूज भी है जिसे वो दिखाने से परहेज करते हैं..

September 6, 2015 By Monica Gupta

दही हांडी खेल एडवेंचर स्पोर्ट

दही हांडी खेल एडवेंचर स्पोर्ट

किसी ऎडवेंचर स्पोर्ट से कम नही है दही हांडी फोडने का खेल और हमारे स्किल्ड भारतीय इसे बहुत शान से करते हैं पर अफसोस इसी एडवेंचर का शिकार अनगिनत गोविंदा भी बन रहे हैं.सन 2008 में दही हांडी में सात आठ स्तर तक पहुंचने वाले दयानंद आज जमीन पर बिना सहारे भी नही चल पाते. दही हांडी तोड़ते समय दयानंद सांतवें स्तर पर थे कि अचानक किसी का संतुलन बिगड़ गया और पूरी की पूरी मंडली ज़मीन पर आ गिरी. इस हादसे में दयानंद की रीढ़ की हड्डी में चोट आयी और वह हमेशा के लिए विकलांग हो गए. ऐसे अनगिनत दयानंद हैं जोकि जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो चुके हैं. ऐसे खेल का क्या फायदा !! हालाकि मटके फोड खेल के गोविंदाओं पर 18 साल की उम्र होने की पाबंदी, हांडी की ऊंचाई 20 फ़ीट तक सीमित रखने और सुरक्षा उपकरण इस्तेमाल करने की बात कही है पर फिर भी लाईव टेलिकास्ट के दौरान ऐसा देखने को मिल नही रहा है … !!

दही हांडी खेल  एडवेंचर स्पोर्ट   या  दही हांडी खेल बनाम  एडवेंचर स्पोर्ट  क्या कहा जाए इसे  ….

BBC

बीबीसी से बातचीत में दयानंद ने कहा, “दही हांडी बहुत अच्छा उत्सव है. लेकिन इसे कुछ नियम तथा सुरक्षा के साथ मनाना बेहद ज़रूरी है.”

उन्होंने कहा, “मुंबई उच्च न्यायालय ने इस बारे में जो आदेश दिया है वह सराहनीय है. मैं इसका स्वागत करता हूं. यह पहले किया जाना चाहिए था. मैं सिर्फ़ इतना चाहता हूं कि जो दुख और यातनाएं मैंने सही है वह किसी और के नसीब में न आए.”

हादसों के बाद इन युवाओं के साथ-साथ उनके परिवार भी आहत हुए हैं.

दयानंद ने कहा, “जब कोई गोविंदा दही हांडी में घायल होता है या जान गवांता है तो इस व्यक्ति का पूरा परिवार प्रभावित होता है. इन हादसों के बाद की ज़िंदगी नर्क से भी बदतर हो जाती है,”.

उन्होंने सभी गोविंदाओं से उत्सव के दौरान पूरी सावधानी बरतने की अपील की.

मुंबई से सटे भिवंडी के रहने वाले नागेश भोईर साल 2009 में दही हांडी में घायल हुए थे. वह आज तक बिस्तर पर हैं.

उन्होंने कहा, “दही हांडी मूलतः बच्चों का खेल है. भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की शरारतों में से एक दही हांडी है. इसमें बच्चों का शरीक होना स्वाभाविक है लेकिन उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है.”

गुणीजन कहते हैं, “मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई इलाक़े में जितने भी लोग गोविंदाओं का मार्गदर्शन करते हैं, वे सब बच्चों की सुरक्षा के प्रति बेहद सजग होते हैं. उनके अभिभावक बड़े विश्वास के साथ बच्चों को हमें सौंपते हैं, तब उनकी सुरक्षा हमारी ज़िम्मेदारी बन जाती है.” Via bbc.com

Dahi Handi Govinda insurance now in trend – Navbharat Times

सर्वाधिक इश्योरेंस कराने वाली ‘ओरियंटल इश्योरेंस कंपनी’ ने 55,908 गोविंदाओं का बीमा दर्ज किया है। इसमें वि‌विध इलाकों के कुल 943 जन्माष्टमी मंडल शामिल हैं। दही हांडी मंडलों का इंश्योरेंस कराने वाली बीमा कंपनियां और भी हैं। इनके आंकड़े जोड़ने पर बीमे की सुरक्षा वाले गोविंदाओं की संख्या लाख पार करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। Read more…

lord krishna india photo

Photo by Abee5

ऐसे में या तो दही हांडी खेल एडवेंचर स्पोर्टबंद होना चाहिए या आयोजको को इस बात पर ध्यान देना होगा अन्यथा … वैसे  देखा जाए तो ये बालपन की शरारत ही तो थी बाल गोपाल की पर अगर इससे किसी के शरीर को हानि पहुंचे तो बेहद दुखद ….

September 5, 2015 By Monica Gupta

शिक्षक दिवस – शिक्षक की भूमिका

शिक्षक दिवस

Teachers Day आने वाला है और शिक्षा और शिक्षक को लेकर मन में बहुत सारी बातें चल रही हैं.  पौधों को पानी देते हुए मन बना रही थी कि शिक्षक दिवस पर कुछ अच्छा लिखूगी… पर जैसा 15 अगस्त पर हुआ था कुछ ऐसी खबरे आई थी कि जैसा कि वन रैंक वन पैंशन वाले कुछ स्वतंत्रता सेनानियों की पिटाई की गई थी दुख की वजह से स्वतंत्रता दिवस की फील नही आ रही थी. सोचते सोचते दोपहर भी हो गई.

google by monica gupta

शिक्षक दिवस – शिक्षक की भूमिका

शिक्षक की भूमिका को देखते हुए आज  शिक्षक दिवस की फील नही आ रही. खैर, पौधो को पानी देते हुए देखा सामने सडक पर काम चल रहा था और एक शिक्षक मजदूर को बहुत भद्दी गाली देते हुए वहां से निकले.

मूड तो वैसे ही सही नही था इसलिए कमरें मे टीवी चला लिया … खबर आ रही थी कि हरियाणा के एक स्कूल मे अंग्रेजी के अध्यापक को ,अंग्रेजी में जनवरी, फरवरी तक लिखना नही आता और

दूसरी खबर दिखा रहे थे यूपी के टीचर की, जिसे पुलिस इसलिए ले जा रही थी क्योकि वो लडकियों के साथ अश्लील हरकते करता पकडा गया था. हंगामा किया गया और पुलिस अध्यापक को पकड कर ले गई.

सामने वाली इमारत में सरकारी अध्यापक ट्यूशन करके खूब पैसे कमा रहे हैं और नतीजा भी उन्ही बच्चों का अच्छा आता है जो टयूशन ले रहे हैं …नही भई … कुछ नही लिखना … बस चुप रहना ही बेहतर लग रहा है अगले साल देखते हैं शायद कुछ अच्छा फील आ जाए तो … !!!

वैसे शिक्षक दिवस पर गूगल डूडल बेहद आकर्षक है …

September 5, 2015 By Monica Gupta

इंद्राणी

इंद्राणी और रक्तदान

इंद्राणी की जितनी तारीफ करुं कम है बहुत ही भली हैं वो. उन जैसी बहुत कम देखने को मिलती हैं वैसे, मेरी उनसे, बहुत साल पहले, बस एक बार ही, फोन पर ही बात हुई थी. नकारात्मक होते हुए भी बहुत सकारात्मक सोच है उनकी. हां भई इंद्राणी की ही बात कर रही हूं अरे !! आप इतना हैरान परेशान किसलिए दिखाई दे रहे हैं… माथे पर बल भी हैं… ओ एक मिनट एक मिनट… कही आप इंद्राणी मुखर्जी का तो नही सोच रहे. हे भगवान !! क्या दुनिया में एक ही इंद्राणी रह गई क्या.

असल में, आज सुबह मेरी सहेली मणि का फोन आया कि किसी नेगेटिव व्यक्ति को जानती हूं मैने कहा अरे भई, सुबह सुबह अच्छा बोलो अच्छा सकारात्मक सोचो ये नेगेटिव किसलिए. तब वो बोली अरे नेगेटिव ब्लड ग्रुप के ब्लड की जरुरत है … ओह … तो ऐसा बोलो ना !! मैनें तुरंत फोन धुमाया एक दो से बात की और फिर इंद्राणी जैन से बात की. उसका नेगेटिव ब्लड ग्रुप है .. वो तुरंत ब्लड दे आई और मरीज की जान बच गई. देखा.. है ना इंद्राणी अच्छी .. !! और आप है कि … बाहर निकलिए जनाब शीना इंद्राणी चक्रव्यूह से… 

murder case by monica gupta

 

September 4, 2015 By Monica Gupta

शिक्षक दिवस और मोदी जी के मन की बात

 

 

modi ji by monica gupta

शिक्षक दिवस और मोदी जी के मन की बात

Prime Ministers Modi ji & mann–ki–baat on Teachers Day 

शिक्षक दिवस और मोदी जी के मन की बात …
5 सितंबर को शिक्षक दिवस है और इस उपलक्ष्य पर एक दिन पहले दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में पीएम मोदी ने बच्चों के बीच अपनी बात रखी.बच्चों के साथ मोदी जी की बात चीत बहुत अच्छी लगी. जिन बच्चों ने आज मोदी जी से प्रश्न पूछे निसंदेह उनका आत्मविश्वास तो आज चरम पर होगा और जो बच्चे कुछ कर दिखाना चाह्ते हैं वो भी इस प्रयास मे जुट जाएगें कि अगली बार वो भी मोदी जी से रुबरु हो.

अब मेरे  मन की बात

मैं टीवी देख रही थी और सोचे जा रही थी कि निसंदेह प्रयास बहुत अच्छा है पर इसी के साथ साथ अगर राज्यों के गावों में शिक्षा का स्तर, अध्यापकों का स्तर, स्कूलों मे बैंच, कुर्सी, और सबसे ज्यादा जरुरी पढने के लिए किताबें भी आ जाए,मिड डे मील सुधर जाए, स्वच्छ पानी और स्वच्छ शौचालयों की भी व्यवस्था हो जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा.

कुछ ये भी कहा मोदी जी ने

शायद ही दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो अपने जीवन में मां और शिक्षक के योगदान को नकार सकता हो। मां जन्म देती है, गुरु जीवन देता हैकल यानि 5 सितंबर को कृष्ण और राधाकृष्ण, दोनों का जन्मदिन है…

शिक्षक कभी उम्र से बंधा नहीं रहता है, कभी रिटायर नहीं होता

विद्यार्थी अपने जीवन का एक बड़ा समय शिक्षक के साथ बताता है। डॉ. राधाकृष्‍णन ने अपने भीतर के शिक्षक को अमर बनाए रखा।
एपीजे अब्दुल कलाम हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं, उनसे जब पूछा गया कि आपको लोग कैसे याद रखें, तो उन्‍होंने कहा था कि लोग मुझे टीचर के तौर पर याद रखें।
विद्यार्थी और शिक्षक के जीवन में अपनत्‍व का भाव हमें जीवन जीने की कला भी सिखाती है।
जब मैं छोटा था तब हमारे गांव में टीचर सबसे अहम होता था।
लेखक मित्रों से अनुरोध है, अपने-अपने शिक्षकों के बारे में लिखें
शिक्षक कुम्हार की तरह हमारे जीवन की मिट्टी को संवारकर सही रूप देता है
शिक्षक की सिखाई बातें उम्र भर याद रहती हैं, हर सफल व्यक्ति के पीछे उसके शिक्षक का हाथ ज़रूर होता है।

शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई !!!

September 3, 2015 By Monica Gupta

लडाई झगडे

whatsapp photo

Photo by downloadsource.fr

लडाई झगडे

दो दिन पहले भावना मिली. भावना हमेशा के लिए दिल्ली रहने चली जाएगी. असल मॆ, उसका अपने पति से लडाई झगडा चल रहा है. कारण इतना  है कि  वो नौकरी करना चाह्ती है जबकि पति चाह्ते हैं कि बेटा अभी छोटा है इसलिए अभी बच्चे पर पूरा ध्यान दे और घर सम्भाले.  

घर पर रह कर जो भी काम करना चाहे कर सकती हैं नेट और वाई फाई की भी सारी सुविधाए घर पर थी. चाहे तो घर पर ही छोटा सा आफिस भी बना सकती है. कभी कोई रोक टोक नही थी. ये बात तो भावना भी मानती है पर ना जाने किसलिए अपने सातंवी क्लास में पढने वाले बेटे को छोड कर हमेशा के लिए जाना चाह रही है. इसी सिलसिले में मेरे पास भी आई थी. मैने भी उसे बहुत समझाया. जाने के बाद बच्चे पर क्या बीतेगी कौन करेगा उसकी देखभाल. इस बात का भी हवाला दिया. पर शायद वो मन बना चुकी थी. आज, अभी थोडी देर पहले वो घर पर आई और रोने लगी.

मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि आज उसने एक गाजियाबाद मे रहने वाले बच्चे की खबर पढी. बच्चे की मम्मी दुबई नौकरी करने चली गई थी. पति बीमार रहता और बच्चे अपनी नानी के घर रहते. वो बच्चा कक्षा नौं में पढता था. माता पिता के बिखराव से लडाई झगडे से बहुत दुखी था और अपने जन्मदिन से एक दिन पहले 13 साल के शानू ने  वट्स अप पर अपना प्रोफाईल फोटो डाला और खुद को श्रधांजलि दी और फांसी लगा ली. बच्चा अपने माता पिता के अलगांव से बेहद दुखी था. उसे उस फांसी में अपना बच्चा नजर आया. वो ऐसा कभी नही होने देगी इसलिए उसने मन बना लिया है कि घर पर ही रह कर कोई काम शुरु करेगी पर बेटे की परवरिश पर पूरा ध्यान देगीं. इतने में भावना के पति भी आ गए.

मै चाय बनाने के बहाने वहां से बाहर चली गई. दोनों की बातचीत हुई और शायद दोनों ने एक दूसरे से माफी भी मांगी. हमने बिल्कुल चुपचाप चाय पी और जाते जाते एक बार फिर वो भावुक हो गई. मैने उसके गाल पर प्यार से चपत लगाई और बोली बस … वरना अब मैं भी रो दूंगी… दोनो अपने घर चले गए एक आशा के एक उम्मीद के साथ .. मुझे खुशी इस बात की हुई कि बेशक दर्दनाक खबर ही सही पर उसे पढ कर भावना का मन पसीज गया और एक और बच्चा मरने से बच गया.

वैसे आपसी लडाई झगडे में कई बार अहम इतना आगे आ जाता है कि हमारी आखों में पट्टी सी बंध जाती है और हमें कुछ नजर नही आता. जबकि ये फैसले बहुत सोच समझ कर लेने होते हैं.. इसलिए अगर आपके मन में या आपके किसी जानकार के मन में भी कुछ ऐसा चल रहा है तो उन्हें एक बार समझना और समझाना आपका फर्ज बनता है कोई भी कदम उठाने से पहले एक बार अपने मासूम बच्चे की ओर एक बार जरुर देख लेना कि आपके इस लडाई झगडे में मासूम क्या कसूर …थोडी सी समझदारी से काम लेने से बिखरता घर बच सकता है.

और फिर मैं भी उस खबर को गूगल सर्च करने लगी जिसमें बच्चे ने खुदकुशी की थी…!!

 

Student gives tribute himself on WhatsApp before committing suicide – Navbharat Times

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार देर रात जीटीबी हॉस्पिटल से पुलिस को सूचना मिली थी कि एक लड़के को मृत हालत में हॉस्पिटल लाया गया था, उसने फांसी लगाकर जान दी है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि मृतक लड़के का नाम शानू है। वह अपने बड़े भाई शिखर के साथ वैशाली, गाजियाबाद में रहने वाले अपने नाना-नानी के पास रहता था। वह वहीं के एक पब्लिक स्कूल में नौंवी क्लास मेंपढ़ता था, जबकि उसका भाई दसवीं क्लास में पढ़ता है। स्कूल में खेलते समय उसके पैर में फ्रैक्चर आ गया था। इस कारण वह 19 अगस्त को अपने बड़े भाई के साथ कबीर नगर गली नंबर-4 में रहने वाली अपनी मौसी के घर आया हुआ था।

पुलिस को यह भी पता चला कि शानू के पैरंट्स अलग-अलग रहते हैं। वह इस बात को लेकर भी परेशान रहता था। उसने इसका जिक्र वॉट्सऐप पर भी किया था। बताया जाता है कि उसकी मां पैसे कमाने के लिए दुबई चली गई। पिता अक्सर बीमार रहने लगे। लिहाजा वे दोनों भाई अपने नाना-नानी के पास रहने लगे। परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि शानू पढ़ाई में बहुत तेज था। Student gives tribute himself on WhatsApp before committing suicide – Navbharat Times

लडाई झगडे पर अगर आप भी अपना कोई अनुभव सांझा करना चाहे तो बताईएगा हो सकता है आपकी आप  बीती सुनकर किसी की जिंदगी बदल जाए…

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 196
  • 197
  • 198
  • 199
  • 200
  • …
  • 252
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved