Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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September 5, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Avoid These People – ऐसे लोगों से दूर रहें – People You should Avoid –

Avoid These People

Avoid These People – ऐसे लोगों से दूर रहें – People You should Avoid – दूर रहिए इन लोगों से – Remove Toxic People from Your Life – Personal Development Videos in Hindi – Monica Gupta Videos – How to Make Life Better in Hindi Avoid these 9 Kinds of People – कैसे लोगों से रहें दूर –

Avoid These People – ऐसे लोगों से दूर रहें –

Avoid These People – ऐसे लोगों से दूर रहें – People You should Avoid

कल मैं अपनी एक सहेली के घर गई हुए थी. तभी एक दम से तीन चार बार लगातार doorbell बजने लगी.. मेरी सहेली बोली जरुर पडोसन आई है. उसकी यही आदत है… और दरवाजा खोल दिया.. वो आई और बोली क्या weighing scale फ्री हो गया ?? इससे पहले मेरी सहेली कुछ बोलती उसने देखा अरे वो रही और उठाकर बाय बोल कर चली गई… मैंने पूछा कि अरे तुम्हारी weighing scale कहां गई? वो बोली ये मेरी ही है पर वो हर चीज पर अपना अधिकार जमा लेती है पडोसन होने के नाते मना भी नही कर सकती.. कितनी बार मिक्सी मांग कर ले जाती है और कितनी बार तो वाई फाई का पासवर्ड पूछ् कर यही video down load करती है मना भी नही किया जाता..

मुझे वाकई बहुत हैरानी हुई ऐसा तो नही करना चाहिए चलो एक बार दो बार जब बहुत जरुरत हो तो मांग लिया पर हमेशा ही ऐसे करना तो ऐसे लोगो से तो दूरी बना कर रखनी चाहिए… वैसे इसी तरह के कुछ और भी  लोग होते हैं जिनसे हमें दूरी बना कर रखनी चाहिए… जो लोग हमें बहुत तनाव देते हैं..

तो मैं जो हमारे daily life में कुछ लोग तो अक्सर मिल जाते  हैं वो है पहला तो ये ही जो हमेशा कुछ न कुछ मांगते रहते हैं… आदत ही होती है और लौटाते भी नही जल्दी से..

2. दूसरे लोग जो बात बात पर मखन्न लगाते हैं यानि बहुत बटरिंग करते हैं.. इस तरह का मख्न्न लगाना सेहत के लिए नुकसान दायक हो सकता है.. वही बात आ जाती है कि कभी कभार तो ठीक है पर हमेशा ही बटरिंग करने वाले से दूर रहना चाहिए… वो हमारी  FLATTERY करते हैं दिल से रिस्पेक्ट नही करते.. एक तो होती है genuine praise एक होती है FLATTERY बस इससे बचना चाहिए

3.  जो बहुत आलसी होते हैं.. उन्हें किसी काम को कहो नही करते और हम अगर किसी काम को कर रहे हो तो हमें भी मना कर देते हैं चल छोड न कल कर लेंगें.. और वो कल कभी नही आता… या फिर वो हमसे कोई अपना काम करवा लेगें प्लीज प्लीज करके खुद नही करेंगे उनके जीवन में कोई उत्साह नही होता.. न ही मोटिवेटिड रहते हैं.. अगर हम उनके साथ रहे तो वो आदत हम मे भी आ जाती है..

4.  I-Me-Myself  सोच रखने वाले..  selfish  लोग जिनकी दुनिया मैं से शुरु होकर मैं पर ही खत्म होती है… मैं ये मैं वो.. न दूसरो की सुनते हैं न बोलने का मौका देते हैं… हम की सोच नही होती .. मी की होती है वी की नही होती – बहुत स्वार्थी होते हैं बस अपना ही सोचते हैं.

5.  उन लोगो से भी दूर रहना चाहिए जो बहुत गप्प मारते हैं.. यानि Gossipers होते हैं.. आपने सुना होगा कि “जो Great mind होते हैं वो ideas discuss करते हैं average लोग event discuss करते हैं और जो  छोटे  दिमाग के होते हैं वो लोगो को discuss करते हैं बस ये लोग वही करते हैं.. और इघर की उधर की इधर… यही काम होता है.. कभी कभार तो अच्छा लगता है पर अगर किसी की आदत ही हो तो.. उससे दूरी बना कर रखनी बहुत जरुरी है.. क्योकि हमारा समय भी वेस्ट होता है और दिमाग भी फालतू बातों से खराब होता है.. जो किसी की बुराई हमारे सामने कर रहा है वो कल को किसी के सामने हमारी बुराई भी कर सकता है यानि sincere नही होते…

6.  Hypocrites यानि  कपटी लोगो से- ये लोग हमारे सामने तो बहुत स्वीट बनते हैं पर पीठ पीछे बदल जाते हैं.. कपटी लोग हमेशा ही सिर्फ उनकी ही इज़्ज़त करते है जो किसी अच्छी पोस्ट पर होते है। जिन लोगो के पास कुछ ताकत होती है  कपटी इंसान अपना मतलब पूरा करने के लिए एक क्षण भी सोचते नही..  अपने फायदे के लिए कभी भी धोखा दे सकते हैं..

मुझे एक छोटा सा incident याद आया.. बात बहुत साल पुरानी है.. एक जानकार ने बताया था फिर इस पर मैंने कहानी भी लिखी थी. दो दोस्त थे.. दोनो की लडकियां  शादी लायक थी. एक दिन जब दोनो दोस्त मिले तो एक ने फोटो दिखाई कि बहुत अच्छा रिश्ता आया है…  और लडके की सारी प्रोफाईल दिखाई… उन्होने देखा कुछ सोचा और बोले की लडका तो सही नही है.. बाकि तुम्हारी मर्जी… ये सुनकर दूसरे दोस्त ने तुरंत मना कर दिया.. कुछ समय बात उन्हें पता चला कि उसी दोस्त की बेटी की शादी पक्की हो गई.. जब वो घर पता लगाने गए तो उसी लडके से हुई थी जिसके लिए उन्होने मना किया था…

7. ईष्यालु jealous करने वाले… कभी भी दूसरे की खुशी अच्छी नही लगती.. जलते हैं..
ईष्यालु आदमी छल-कपट से परिपूर्ण होता है। वो सामने वाले को नीचा दिखाने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। जलन और द्वेष की भावना रखना वाला इंसान अपने स्वार्थ के लिए सही-गलत कुछ भी नहीं देखता है।

वैसे झूठ बोलने वाले और बात बात पर Criticize करने वाले और Manipulators भी इसी केटेगिरी में आते हैं

वैसे आप बताईए कि आप के हिसाब से किन लोगो से दूरी बना कर रखनी चाहिए..

बहुत दूर तक जाना पडता है ये जानने के लिए कि नजदीक कौन है !!

Avoid These People – ऐसे लोगों से दूर रहें – People You should Avoid

September 3, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Parents Fighting in front of Children – झगड़ों का बच्चों पर असर – Parents Fighting – Monica Gupta

Parents Fighting - Negative Effects of Parents Fighting

Parents Fighting in front of Children – झगड़ों का बच्चों पर असर – Parents Fighting – बहुत लड़ाई झगड़ा करते हैं बहुत ही लड़ाई झगड़ा करते हैं.. है ना.. आप भी सोच रहे होंगें कि हां बच्चे बहुत ज्यादा लड़ाई झगड़ा करते हैं पर एक मिनट मैं बच्चों की बात नही कर रही.. मैं कर रही हूं पेरेंट्स  की…. बात की आपस में बहुत  ज्यादा  झगड़ा करते हैं.. कभी शराब पी कर आए, कभी किससे बात कर रही थी, किससे मिलने गई थी बिना बताए, कभी तुम्हारे पेरेंटस ऐसे सास ने ये कहा ननद ने ये कहा.. कभी दोस्तों के साथ कहां थे इतनी देर? अनगिनत मुददे है..

Parents Fighting in front of Children – झगड़ों का बच्चों पर असर – Parents Fighting –

बात बात पर लड़ाई, झगड़ा, टोका टाकी, कमी निकालना..  आपके पास पर क्या कभी सोचा है कि इन सब बातों का आपके बच्चे पर क्या असर पड सकता है.. कई मदर्स सोच रही होंगी कि हम झगडा नही करते चलिए मान लिया पर उस गुस्से की frustration तो बच्चों पर निकलते हैं..  चलिए मैं आज 7 बातें बताती हूं ये सात बातें कही से पढी नही बल्कि देखी हुई हैं..

पहली है Parent child relationship –

हम जो हमेशा बात करते है कि बच्चे से अच्छे सम्बंध बना कर रखें ताकि वो आपसे सारी बातें शेयर करे.. यहा उल्टा हो जाता है.. वो कंसेप्ट ही खत्म हो जाता है… शेयर करना तो दूर की बात वो अपने पेरेंट्स को ही एवाईड करने लगता है.. उनका अपने माता पिता के प्रति प्यार खत्म हो जाता है.. प्यार ही नही करते.. आज सोच सकते है कि इसका मतलब क्या है.. ?

दूसरा Health Issues

उसकी सेहत खराब होने लगती है.. कैसे ? हर समय पेरेंट्स  को झगडते हुए देखेंगें तो भूख प्यास सब खत्म हो जाती है.. और उसकी मन में बैठ जाता है स्ट्रेस, तनाव… हर समय सोचते रहते हैं… रात को सो रहे होंगें तब उंची उंची आवाजे आनी शुरु हो जाएगी.. स्कूल में भी प्रोग्राम होगा तो उन्हें यही डर लगने लगेगा कि अगर आकर यहां भी झगडने लगे तो क्या होगा.. और अगर नही आएगें तो भी तनाव.. क्योकि दूसरे सभी बच्चों के पेरेंटस तो आए हैं.. पूरी तरह से कंफ्यूज हो जाते हैं न बात कर सकते न अपनी frustration कही और निकाल सकते.. तो मैंटली और फिजिकली सेहत खराब होने लगती है.. और ये एक दो दिन का नही होता long term यानि लम्बे समय तक असर डालता है..

तीसरा बच्चे की Personality पर असर पडता है

उसका बर्ताव दूसरे बच्चों से हट कर हो जाता है.. हसंते मुस्कुराते  बात कर ही नही पाएगा… न ही किसी से खुल कर बात कर पाएगा.. मन में हमेश एक डर एक घबराहट सी रह्ती है.. कोफिडेंस ही नही आ पाएगा.. जब हमेशा लडते झगडते पेरेंट्स को देखेगा तो या तो डरा डरा सहमा सहमा रहेगा चुप रहेगा या फिर बहुत उल्टा जवाब देने वाला बन जाएगा… या तो सामने किसी से बात नही कर पाएगा या फिर चिल्ला कर बात करने लगेगा.. यानि अग्रेसिव हो जाएगा.. यानि आक्रमक सामने वाला कोई बात कर रहा है तो उसे उल्टा जवाब देने लगेगा.. क्योकि ये सब घर पर देखता है तो वो इस तरह का अग्रेसिव बच्चा बन जाएगा. या कही जाएगा तो चुप चुप रहेगा बात करने में भी झिझकेगा…

4. वो खुद को insecure महसूस करने लगेगा

घर का पेरेंटस का एक ऐसा माहौल होता है जहां प्यार होता है केयर होती है लेकिन पेरेंटस उसे क्या ये सब दे रहे हैं.. अपने झगडे में उलझ कर क्या आप सोच सकते हैं कि वो secure फील करेगा.. और उसमे ये फीलिंग एक दो दिन के लिए नही हमेशा के लिए घर कर जाती है..

5.  बच्चे पर studies पर concentrate नही कर पाते..

पेरेंट्स अक्सर शिकायत करते है कि बच्चा पढता नही.ध्यान ही नही है पढाई की तरफ.. पर ये भूल जाते हैं कही न कही इसका कारण वो खुद बन रहे हैं… बात बात पर एक दूसरे से झगडते रहेंगे तो बच्चा कैसे अपना ध्यान पढाई में लगा पाएगा.. ना पेरेंट्स पढाई पर ध्यान दे पा रहे है.. क्योकि उन्हें झग़डे से ही फुर्सत नही.. कोई अपनी इगो छोडने को तैयार नही.. बच्चे का कोई सोच ही नही रहा… हर समय घर में तनाव का माहुल बना रहता है.. आफिस से देर से क्यो आए? किस दोस्त के साथ थे.? आपस में लडाई करएग़ें तो अक्सर गुस्सा बच्चे पर निकाल देते हैं.. तो बच्चे का ध्यान भी उन्ही बातो में रहता है कि आज न जानेे क्या होगा किस बात पर झगडा होगा.. या झगडा हो गया अब मम्मी पापा क्या करेंगें..

6. बच्चे को शर्म और guilt का अहसास होता है

इसे एक तरह की शर्म का अहसास होता है जैसा कि मान लीजिए उसके दोस्त घर आए हुए हैं और वही किसी बात पर पेरेंटस का झगडा हो गया.. तो उसे बहुत झेंंप लगती है या फिर वो कही बाहर धूमने गए है पर मुंह बना कर रखा है ना एक दूसरे से बात कर रहे हैं न एंज्वाय कर रहे हैं तो भी बाहर जाने का भी क्या फायदा.. बात बात पर जब उन्हें ये सुनने को मिलता है तुम्हारी बजह से मैं जिंदा हू या घर छोड कर नही जा रही वरना मर जाती या तलाक ले लेती तो बच्चे में guilt की भावना आ जाती है और वो बहुत लाचार  सा महसूस करता है

7. बुरी आदतों में पड जाता है..

और ये बात बहुत पीडा दायक है.. एक अच्छा खासा बच्चा था और पेरेंटस ने अपने झगडे की वजह से बच्चे को जिंदगी खराब कर दी.. झगडे के चक्कर में बच्चा पेरेंट्स से बात करना नही चाहता न उनके पास बैठना चाहता है ना बात करना चाहता है..

ऐसे में कोई गलत कदम उठा लेता है .. अपने तनाव को कम करना है. समझ है नही कि क्या करे.. तो गलत संगत या नशा आदि करने लगता है.

तो देखिए बहुत जरुरी है आपस में लडाई झगडा न करे.. इसके लिए पेरेंट्स क्या कर सकते हैं ये मैं अगली वीडियो में बताऊंगी.. पर अगर आप भी बहुत झगडा करते हैं बच्चों के सामने थोडा सा कंट्रोल कर लीजिए क्योकि बच्चे के भविष्य का सवाल है…

September 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Learn from the Life of Lord Krishna – भगवान कृष्ण के जीवन से सीखें – अच्छी बातें – Monica Gupta

Learn from the Life of Lord Krishna

Learn from the Life of Lord Krishna – भगवान कृष्ण के जीवन से सीखें – अच्छी बातें – What lesson do we learn from lord Krishna कृष्ण भगवान जी भगवान विष्णु के अवतार थे. वैसे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जब धरती पर पाप बहुत बढ गए थे तब भगवान विष्णु ने.. धरा को पापियों से मुक्त करवाने के लिए कृष्ण रुप में अवतार लिया.. भादो महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता देवकी और वसुदेव के यहां जेल में आधी रात को जन्म लिया.

इस दिन फूलो की होली खेली जाती है.. दही हांडी खेल खेला जाता है.. झाकियां निकलती हैं.. मंदिर सजाए जाते हैं नटखट बाल गोपाल को झूला झुलाया जाता है और रास लीला की जाती है..

मेरी एक जानकार का दिल्ली से फोन आया कि उनके बेटे के कॉलिज में जन्माष्टमी पर प्रोग्राम है और कुछ बोलना है कृष्ण जी के बारे में.. पर कहानी भी नही चाहिए क्योकि बहुत दोस्त इस बारे मे सुना रहे है..  कुछ अलग पर बहुत प्रेरक.. मैंनें उसे बोला कि शाम तक कुछ सोच कर बताती हूं.. और सोचने लगी कि क्या हो सकता है… मैंनें कृष्ण भगवान जी की फोटो खोल ली और उसे ध्यान से देखने लगी… फोटो बहुत ही खूबसूरत थी… उनके चेहरे पर हल्की सी स्माईल थी.. जिसे देख कर कर मुझे भी स्माईल आ गई.. एक फोटो सुदामा के साथ थी एक फोटो में वो गाय चरा रहे हैं.. एक फोटो में वो राक्षसी से लड रहे हैं.. उन्हें देखते देखते मुझे लगा कि भगवान जी  से हम जमाष्टमी के शुभ अवसर पर कुछ सीख ले सकते हैं.. जो बातें मैंने उन्हें नोट करवाई वही आपसे भी शेयर कर रही हूं कि भगवान कृष्ण से हम क्या सीख ले सकते हैं

क्या क्या शिक्षा ले सकते हैं हम सभी भगवान जी से.. सबसे पहले तो वही

1 मुस्कुराहट

भगवान कृष्ण के चेहरे पर हमेशा स्माईल रहती थी.. चाहे कितनी भी प्रोब्लम आ जाए.. मुस्कुराते हुए सामना किया.. ये हम सभी ने सीरियल्स में या मूवी में देखा ही है.. ये सीख लेनी चाहिए. आज के समय में ये कही गायब हो गई है… ये रहनी चाहिए

शान्त स्वभाव रखना
बेशक, कृष्ण बचपन में बहुत शरारती थे फिर भी वह बेहद शान्त स्वभाव के थे. जेल में जन्म हुआ.. बचपन गोकुल में बीता. कंस मामा मारने को हमेशा तत्पर रहे और वही राक्षस राक्षस मारने का षडयंत्र रचते रहे… पर फिर भी कभी माथे पर बल नही आए.. शांत स्वभाव रखा.. और समय आने पर कंस के हर प्रहार का मुंह तोड़ दिया

दयालु स्वभाव.. केयरिंग नेचर

सभी को एक समान रुप से देखते और सभी की मदद करने को तत्पर रहते.. गोकुल में रहते हुए पशु पक्षियों से भी बहुत प्रेम हो गया था.

साधारण जीवन जीना

भगवान श्रीकृष्ण एक अच्छे बड़े घराने से संबंध रखते थे फिर भी वे गोकुल के अन्य बालको की तरह ही रहते, घूमते और खेलते रहते थे। गाय चराने जाना तो उन्हें बेहद प्रिय था.. उनकी नजरों में सब एक समान थे.. कोई छोटा बडा नही था.. उन्होंने कभी भी किसी में कोई अंतर नहीं रखा। उनमें राज घराने का कोई घमंड नही आया हमेशा उनके चहेरे पर सरल भाव रखते थे। बचपन भले ही गोकुल में बीता पर जब सच्चाई पता चली और वो मथुरा चले गए पर वहां भी घंमड नही किया.. प्रजा का हाल चाल जानते और उन्हीं के साथ मिलजुल कर रहते..

माता-पिता के प्रति सेवा भाव

बेशक, जन्म देवकी ने दिया पर लालन पालन यशोदा ने किया. पता लगने के बाद उनके मन में जरा सा भी फर्क नही आया.. और दोनो माता पिता को बराबर का आदर मान दिया.. को बराबरी का स्थान दिया. उन्हें पूरी इज्जत और मान दिया.

भाई के लिए कृष्‍ण का प्यार

बेशक अपने भाई बलराम से कहीं ज्यादा बलशाली थे और बुदिमान थे। परंतु फिर भी उन्होंने कभी खुद को अपने बडे भाई बलराम से श्रेष्ठ नहीं समझा। बचपन में कृष्‍ण और बलराम दोनों ने कई कठिनाइयों का सामना किया। इसी कारण दोनों एक दूसरे की क्षमताओं को बहुत अच्‍छे से जानते थे। कृष्ण अपने बडे भाई का बहुत आदर करते थे।

जिस भी रिश्तें में रहे ईमानदारी से निभाया

भगवान श्री कृष्‍ण सुदामा की दोस्ती को कौन नही जानता..  आज भी लोग उनकी दोस्‍ती की कसमें खाते है। सुदामा, कृष्ण के बचपन के मित्र थे। वह बहुत ही गरीब व्‍यक्ति थे, लेकिन कृष्ण ने अपनी दोस्ती के बीच कभी धन व हैसियत को नहीं आने दिया

वे अर्जुन के भी बहुत अच्छे मित्र थे न सिर्फ युद्द में अर्जुन के रथ का सारथी की भूमिका निभाई.. बल्कि मुश्किल परिस्थिति में, वक्त में पांडवो का साथ भी दिया

और द्रौपदी के भी बहुत अच्‍छे सखा थे।.. चीरहरण के समय उन्होनें ही आगे बढ कर उनकी लाज बचाई

चाहे वो राधा के प्रति प्रेम हो या गुरू के लिए प्रति प्यार

भगवान विष्णु का अवतार रूप होने के बावजूद भी  कृष्ण जी के मन में अपने गुरुओं के लिए बहुत सम्मान था.. जिस साधु संत से में मिले सम्मान दिया..

धरती के प्रति प्रेम

धरती पर बढते अन्याय को समाप्त करने के लिए उन्होनें  धरती पर अवतार लिया था। इससे स्पष्ट है, कि वे धरती मां से कितना प्यार करते थे। महाभारत का युद्ध ना हो इसके लिए उन्होंने पांडवों की मांग को दुर्योधन के सामने रखा था। श्री कृष्‍ण से हमें भी सीखने को मिलता है, यह धरती हमारी मां हैं और हमें इसकी रक्षा के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

अपने शौक से हमेशा प्यार किया.. अहमियत दी

बचपन में चाहे गाय चराते थे या बडे होकर जब द्वारिकाधीश बने फिर भी बांसुरी से मोह नही छोडा. बांसुरी हमेशा उनके साथ ही रहती…

कर्तव्य को निभाया.. जब पता चला कि वो कौन है तो उन्हें मथुरा जाना पडा.. गोकुल का सब कुछ त्याग कर वो मथुरा चले गए.. क्योकि वहां उन्हें अपने कर्तव्य को निभाना था.. उनकी अब प्राथमिकता यही थी..

कभी हार न मानना संदेश
भगवान श्रीकृष्ण ने कभी भी हार न मनाने का संदेश दिया था। व्यर्थ की चिंता नही करनी चाहिए.. .. अंत तक प्रयास करते रहना चाहिए, भले ही परिणाम हमारे पक्ष में क्यों न हो बजाय हार की वजहों को जानकर आगे बढ़ना चाहिए. समस्याओं का सामना करें. एक बार डर को पार कर लिया तो फि‍र जीत आपके कदमों में होगी.

हर चीज हद में अच्छी लगती है पर तुम बेहद अच्छे लगते हो.. कान्हा जी…

तो आप सभी को भी जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई..

तुलसी इस संसार में सबसे मिलिए धाय ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाए।।

Learn from the Life of Lord Krishna

August 30, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Habits to Live a Happy Life – Habits of Happy People in Hindi – आदतें जो हमें खुश रखती हैं

Habits to Live a Happy Life

Habits to Live a Happy Life – Habits of Happy People in Hindi  – आदतें जो हमें खुश रखती हैं.. 9 Habits of Happy People – खुश रहने वाले लोगों की 9 आदतें –  How to be Happy in Life in Hindi If you want to find out how to be happy… it is often best to start by examining other happy people and their habits which make them happy…हमने अक्सर ये सुना होता है आदतें खराब करती हैं आदतें बिगाड देती हैं पर आदते खुश भी रख सकती हैं.तो हैं क्या वो आदतें?

Habits to Live a Happy Life – Habits of Happy People in Hindi

मैं आपको सिर्फ 9 आदतें बता रही हूं.. आप देखिएगा और बताईएगा कि क्या आप मे भी हैं ये आदत – अगर हैं तो आप भी यकीनन खुश रहते होंगें.

1. मार्निग रुटीन.. जो लोग खुश रहते हैं उनकी मार्निंग रुटीन होती है- वो जानते हैं कि अगर हमारी दिन की शुरुआत अच्छी होगी तो यकीनन सारा दिन बहुत अच्छा खुशनुमा निकलेगा तो उसके लिए कुछ आदतें जैसा कि अच्छी नींद लेना, सुबह फ्रेश उठना, सुबह खाली पेट पानी पीना, सैर करना या मैडीटेशन करना ये आदत हमारे शरीर और दिमाग को एक्टिव रखती है जिससे दिन खुशनुमा

2. अपना ख्याल रखना.. मी टाईम – अपने लिए समय निकालना, अपनी कोई हॉबी पर काम करना, अपनी पसंद के गाने सुनना या जो भी पसंद हो वो कुछ देर जरुर करना ये हमें बहुत खुशी दे जाता है.

3. आदत सिम्पल लाईफ जीने की – कोई show off दिखावा नही करना, आमतौर पर हम दिखावे के चक्कर में खुद ही परेशानियों को इंवाईट कर लेते हैं तो बिल्कुल सादा जीवन जीना, हमारी इच्छाए लालसाए बढती जाती हैं..

4.  optimistic यानि आशावादी होते है.. हमेशा पॉजिटिव सोच रखते हैं..  प्रोब्लम तब आती है जब हम अपनी सोच को नेगेटिव कर लेते हैं जो खुश रहते हैं  वो अपनी सोच पॉजिटिव रखते हैं और इसी के साथ साथ खुद पर पूरा विश्वास होता है खुशनसीब वो नहीं जिसका नसीब अच्छा है ! खुशनसीब वो है जो अपने नसीब से खुश है

5.  खुश रहने वाले लोगो की आदत होती है अच्छा साहित्य पढना  अच्छी किताबें पढते हैं अच्छी पॉजिटिव वीडियोज देखते हैं और अच्छे लोगो की संगत में रहते हैं जिससे अच्छी बातें सीख सके.. बुरी चीजो से दूर रहते हैं

6.  Behaviour खुश रहने वालो को आदत में शामिल होती है स्माईल, हल्की सी मुसुकुराहट हमेशा चेहरे पर रहती है.. जो भी मिलता है तो उसके चेहरे पर भी स्माईल आ जाती है.. लडाई झगडा या बहस में नही पडते, ना किसी से किसी की तुलना करते है. दूसरे की respect करते हैं और आदर से बात करते हैं.

7.  उनका स्वभाव होता है कि कोई गलती करे तो माफ कर दे कि चलो कोई बात नही आगे से ऐसा नही करना और अगर कोई अच्छा करे तो उसे शाबाशी या appreciate करते हैं.. और इसी के साथ साथ अगर किसी को जरुरत है तो उसकी मदद के लिए आगे आते हैं..

8.  Relationship रिश्ते निभाते है.. रिश्ते बनाते भी है और उसे निभाते भी हैं.. अपने रिश्ते को पूरा समय देते हैं यानि कुछ समय के लिए मोबाइल या कम्प्यूटर बंद कर देते हैं या एक तरफ रख देते हैं और अपने रिश्ते को पूरा समय देते हैं

9.  As a Volunteer काम करते हैं – अपनी खुशी से कोई समाज सेवा का काम करते हैं.. कुछ भी चाहे रक्तदान हो, स्वच्छता के बारे में हो शिक्षा पर जोर हो, पेड लगाने हो.. कुछ भी जो उन्हें बहुत पसंद है उसे समय जरुर देते हैं.. इससे self satisfaction मिलती है जोकि खुश रखने में बहुत सहायक होती है

खुशी के लिये काम करोगे तो खुशी नहीं मिलेगी… पर खुश होकर काम करोगे तो खुशी जरूर मिलेगी…!! खुशी उन्हें नहीं मिलती जो जिंदगी को अपनी शर्तो पर जीते है बल्कि खुशी उन्हे मिलती है जो दूसरों की खुशी के लिए अपनी जिंदगी की शर्तो को बदल देते है..!!

Habits to Live a Happy Life

August 28, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Face Problems – मुश्किलों से कैसे निपटें – How to Deal with Problems in Life – Monica Gupta

How to Face Problems

How to Face Problems – मुश्किलों से कैसे निपटें – How to Deal with Problems in Life – Monica Gupta – ये राहें ले ही जायेगी मंजिल तक हौंंसला रख ….  कभी सुना है कि अंधेरे ने सवेरा होने न दिया – लाईफ में दो नही सौ तरह की Problems चलती रहती है सोच इस बात की है कि हम इससे डील कैसे करते हैं.. जो लोग अच्छे से हैंडल करते हैं वो जल्द ही प्रोब्लम से बाहर निकल जाते हैं पर जो नही कर पाते वो इसी में उलझे रह जाते हैं..

How to Face Problems – मुश्किलों से कैसे निपटें – How to Deal with Problems in Life –

अब उलझा तो कोई नही रहना चाहता पर डील भी कैसे करें ये बात भी समझ से बाहर है तो मैं आज आपको बताती हूं कि लाईफ में अगर किसी भी तरह की प्रोब्लम आए तो कैसे करें सामना…

 

1.सबसे पहले तो क्या है प्रोब्लम.. किस तरह की है… इसे एनालाईज करना है..

2.फिर ठंडे दिमाग से काम लेना है… कॉम और कूल.. और सामना करना है

3.आमतौर पर जब हम किसी प्रोब्लम से धिर जाते है तो एक बात हमारे मन में जरुर आती है कि मैं ही क्यू… ये मुसीबत का पहाड मेरे ही सिर पर क्यों गिरा… तो मैं बताना चाहूंगी कि ये आपकी प्रोब्लम नही.. ऐसी प्रोब्लम तो न जाने कितने लोगो के साथ है.. नही विश्वास तो नेट पर सर्च कर डालिए…

4.तो फिर हमें छोडनी होगी नेगेटिविटी और सोच बदलनी होही.. आमतौर पर दूसरे पर बलेम लगा देते हैं कि ये तो उसकी वजह से हुआ.. ये भी नही करना..

5.तो हमें साथ रहना होगा कुछ पॉजिटिव सोच की लोगो के साथ.. ये बहुत जरुरी है…

6.इसी के साथ साथ हमें मैंटली स्ट्रांग बनना होगा.. और इस प्रोब्लम को चएलेंज अके तैर पर स्वीकार करना होगा कि  चलो भई… मैं देखता हूं कि कैसे खडी रहती हैं ये प्रोब्लम ..

7.इसके लिए कुछ काम भी करना होगा जैसा कि मी टाईम देना होगा.. यानि खुद को समय देना होगा.. इसमें हमें अपनी फीलिग भी रीलीज करनी होंगी अपना एंगर तनाव , निकालना होगा .. इस बारे में तो वीडियो भी बनाई हुई है..

8.इस बात का भी ख्याल रखना है कि सभी के साथ अपनी प्रोब्लम शेयर नही करनी कई बार हम अपनी परेशानी में किसी से शेयर तो कर लेते हैं पर वो लोग इस बात की गम्भीरता को नही समझते.. इसलिए परिवार का ऐसा सदस्य जिस पर आपको बहुत विश्वास है या आपका कोई दोस्त जो आपके बहुत close भी हो और sincere भी हो..

9. दोस्तों या परिवार के साथ साथ खुद कोप भी मोटिवेट करना है कि कोई बात नही.. मैं कर सकता हूं इसका सामना.. कोई बात नही.. अगर मगर किंतु परंतु.. नही… ये तो लाईफ का ही पार्ट है.. और मुझे सामना करना ही है.. confidence रखना है खुद पर..

10. जब अपने बारे में सोच रहे हो तो ना तो किसी situation को over react करना ना ही over analyze , hard सोचना यानि  extreme  कि भई मैं तो सामना नही करता चलो बस अब तो मर ही जाता हूं

11.जबकि एक्शन लेना है कि मैंने किस किस तरह से इसे ठीक करना है

12. जब आप समय लेंगें तो इस बात क अभी ध्यान रखना है कि सब कुछ एक ही दिन में ठीक नही हो जाएगा.. समय लगता है तो पेशेस रखनी हैं छोटे छोटे कदमों से शुरुआत करते हुए आगे बढना है..

13.कई बार कोई प्रोब्लम एक वरदान बन कर भी आती है.. कोई प्रोब्लम आई और हम उससे बहुत कुछ सीख सकते हैं…

जिन लोगो में हमारी मुश्किल दिनों में मदद की चाहे मैंटली या फाईनेनशनली.. हमें उनका भी धन्यवाद करना नही भूलना चाहिए..

देखिए अगर हम ये कुछ बाते प्रोब्लम के समय में अपना लेंगें तो यकीनन बाहर भी निकल आएगें … वैसे मैंनें कहीं पढा था..

जीवन में विपत्ति आना “पार्ट ऑफ़ लाइफ” है विपत्ति में भी मुस्करा कर शांति से बाहर निकलना “आर्ट ऑफ़ लाइफ” है

ये राहें ले ही जायेगी मंजिल तक हौंंसला रख ….  कभी सुना है कि अंधेरे ने सवेरा होने न दिया

How to Face Problems – मुश्किलों से कैसे निपटें – How to Deal with Problems in Life – Monica Gupta –

August 24, 2018 By Monica Gupta 2 Comments

Raksha Bandhan Messages – Share Your Messages on Rakhi – मुझे कुछ कहना है – Monica Gupta

Raksha Bandhan Messages

 Raksha Bandhan Messages – Share Your Messages on Rakhi – मुझे कुछ कहना है – Monica Gupta – राखी पर आप सभी के बहुत प्यारे प्यारे संदेश – सप्ताह में सात वार होते हैं और आठवाँ वार है ‘परिवार’….. अगर आपका आठवाँ वार ठीक रहेगा तो सातों वार सुखद रहेंगे.. !!

Raksha Bandhan Messages

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रमुख त्योहारों में राखी का खास महत्व है. भाई-बहनों का यह त्योहार हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. रक्षाबंधन का पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन धूम-धाम से मनाया जाता है. हर साल बहन अपने भाई की कलाई में विधि अनुसार राखी बांधती है और अपनी रक्षा का वचन मांगती है.

सदियों से चली आ रही रीति के मुताबिक, बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है जिसे वृक्ष-रक्षाबंधन भी कहा जाता है. हालांकि आजकल इसका प्रचलन नही है.

पौराणिक कथा के मुताबिक

रक्षाबंधन की कथा: रक्षाबंधन कब प्रारम्भ हुआ इसके विषय में कोई निश्चित कथा नहीं है लेकिन जैसा कि भविष्य पुराण में लिखा है

देवों और दानवों के युद्ध में जब देवता हारने लगे, तब वे देवराज इंद्र के पास गए। देवताओं को भयभीत देखकर इंद्राणी ने उनके हाथों में रक्षासूत्र बाँध दिया। इससे देवताओं का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने दानवों पर विजय प्राप्त की। तभी से राखी बाँधने की प्रथा शुरू हुई।

एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक, रक्षाबंधन समुद्र के देवता वरूण की पूजा करने के लिए भी मनाया जाता है. आमतौर पर मछुआरें वरूण देवता को नारियल का प्रसाद और राखी अर्पित करके ये त्योहार मनाते है. इस त्योहार को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है.

कृष्ण-द्रौपदी कथा

इतिहास का एक दूसरा उदाहरण कृष्ण और द्रोपदी को माना जाता है। कृष्ण भगवान ने  राजा शिशुपाल को मारा था। युद्ध के दौरान कृष्ण के बाएं हाथ की उंगली से खून बह रहा था सब द्रौपदी से नहीं देखा गया और उसने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण के हाथ में बाँध दिया फलस्वरूप खून बहना बंद हो गया। कुछ समय पश्चात जब दुःशासन ने द्रौपदी की चीरहरण किया तब श्रीकृष्ण ने चीर बढ़ाकर इस बंधन का उपकार चुकाया। यह प्रसंग भी रक्षाबंधन की महत्ता प्रतिपादित करता है।

हुमायूं कर्णावती कथा

मध्यकालीन इतिहास की घटना है। चित्तौड़ की हिन्दूरानी कर्णावती ने दिल्ली के मुगल बादशाह हुमायूं को अपना भाई मानकर उनके पास राखी भेजी थी। हुमायूं ने रानी कर्णावती की राखी स्वीकार की और समय आने पर रानी के सम्मान की रक्षा के लिए गुजरात के बादशाह से युद्ध किया

दूसरा उदाहरण अलेक्जेंडर व पुरू के बीच का माना जाता है। कहा जाता है कि हमेशा विजयी रहने वाला अलेक्जेंडर भारतीय राजा पुरू की प्रखरता से काफी विचलित हुआ। इससे अलेक्जेंडर की पत्नी काफी तनाव में आ गईं थीं। उसने रक्षाबंधन के त्योहार के बारे में सुना था। सो, उन्होंने भारतीय राजा पुरू को राखी भेजी। तब जाकर युद्ध की स्थिति समाप्त हुई थी। क्योंकि भारतीय राजा पुरू ने अलेक्जेंडर की पत्नी को बहन मान लिया था।

Raksha Bandhan Messages

1. अंजनि पंजाब में रहती हैं और इन्होनें ने अपने भाई अभिषेक के लिए लिखा है – मैं pray करुगी कि मेरे भाई को अच्छी सी  job लग जाए और बहुत सी खुशियां आएं…

Priya Pandey भिलाई से हैं और इन्होनें अपने दो भाईयों जितेंद्र और विशाल को संदेश भेजा है कि याद है हमारा वो बचपन, वो लडना-झगडना और वो मनाना। यही होता है भाई बहन का प्यार, और इसी प्यार को बढाने के लिए, आ रहा है रक्षाबंधन का त्यौहार।……

2 प्रियंका ने अपने छोटे भाई राहुल के लिए मैसेज भेजा है.. sbse alag h bhaiya mera , sbse pyara h bhaiya mera, कौन कहता है कि खुशिया ही सब होती हैं जहां में,  मेरे लिए तो सबसे अनमोल है भईया मेरा

Puja Sharma मुम्बई में रहती हैं और इनका भाई खेतडी राजस्थान में- इनका संदेश है मेरे परवीन भईया और अर्पिता भाभी जैसा पूरे संसार में नही.. they are best भाई भाभी . love u

3. शीतल दीपक गुप्ता ने अपने भाई अभिषेक जोकि रुद्रपुर उत्ताराखंड में रहते हैं उनके लिए एक कविता लिखी है.. kuch intresting मेरा प्यारा भईया दुनिया का सबसे अनमोल है तोफहा, राखी जब भी आती है, तुझसे मिलने की खुशी ले आती है, तू है मुझसे छोटा भाई पर हर मुश्किल में आगे आता है भाई, कई बार तूने मुझे सम्भाला, जहा मेरे पैर लडखडाए वहा वहा तूने हाथ बढाया, क्या क्या बताऊ, मैं खुशकिस्मत हूं जो तू है मेरा भईया

  1. SUKHIBEN चौधरी गुजरात से हैं इनके दो भाई हैं सीधाभाई और शांतिभाई.. गए साल वो गुजरात में थी और वो जम्मू कश्मीर मे थी मैं उन्हें प्यारा सा ईमेल भेजना चाहती हूं..

Preeti pathak ने अपने दो भाईयों अमित और पंकज के लिए संदेश भेजा है my handsom brother Always simile and happy raksaband

5 . Shivani  के बडे भाई का नाम अभिषेक हैं इन्होने बताया कि हर साल राखी पर मिठाई मैं खुद बनाती हूं पर इस बार भाई नही आ पाएगें भाई दिल्ली में है और मैं बिहार अपनी ससुराल में हूं miss u bhai. और इसी के साथ इन्होने एक incident भी लिखा जब ये 9 क्लास में थी नवरात्रि का व्रत रखा हुआ था और बहुत कमजोर सी हो गई थी तब भाई मे मुझे मां जैसा प्यार दिया मेरी टांगे भी दबाई और कपडे भी धोए.. मैं उन्हें बोलती थी कि आप मेरी जितनी सेवा करोगे आपको उतना ही पुण्य मिलेगा.. qki maa durga ki puja kar rhi hu..और भाई पूरे मन से मेरी केयर करता था love u bhai. .and miss u in rakhi…

6.  शिला यादव जोकि कोलकत्ता रहती हैं उन्होनें अपने भाई जीतेंद्र को जो आसाम में रहते हैं संदेश भेजा है कि राखी का त्योहार निराला, भाई बहन का प्यार निराला, राखी बंधवा कर भाई देते हैं उपहार निराला..

Bijaylaxmi ने अपने भाई mrityunjay जोकि  champua (Odisha) से हैं लिखती हैं कि मैं मेरे भाई से गुस्सा हूं क्योकि मैं जिसे चाहती नही थी वो उससे शादी कर लिया.. इसलिए उससे बात नही करती हूं लेकिन जब राखी आती है तो उसे बहुत मिस करती हूं क्योकि मैं उसे बहुत प्यार करती हूं.. बस यही दुआ है भगवान से कि वो हमेशा खुश रहें और शादी शुदा जिंदगी अच्छे से गुजारें..

7 .  Diksha Handa ने अपने भाई साहिल वीर के लिए संदेश भेजा है मेरी राखी की डोर,  ना होना कमजोर, लाखों में एक है मेरा भईया

Laxmi Kewat ने अपने भाई के लिए लिखा है  कि Roshan Kewat Defence main hai…manipur transfer hai or meri saddi tripura main hui hai. .2yrs se hum rakhi par pass nahi hai. …I MISS YOU BHAI .

Sharmila Panda – निशा ने लिखा है कि मैं Bangalore में रहती हूं मेरे भाई का नाम शंकर है वो मुझे कभी याद नही करता पर मैं उसे हमेशा मिस करती हूं

  1. BOLLYWOOD GUITAR LESSON –  केशव दूबे ने अपनी बहन MARISHA OJHA के लिए लिखा है कि मेरी एक SIS है MARISHA OJHA ..जोकि हिमाचल प्रदेश गई है STUDY OR DEGREE KE LIYE मैं चाहता हूं वो जो करने गई है वो पूरा हो खुशी के साथ..

Pooja   uttrakhand के छोटे से town se belong krti हैं .. इन्होने अपने भाई शुभम के लिए लिखा है कि उम्र मे मैं कई साल बडी हूं मगर मेरे सबसे मुश्किल वक्त में जब मेरी arranged marriage टूटने के कगार पर थी उस समय सबसे बडा bada support मेरा छोटा भाई बना.. मैंनें आज जो भी कुछ पाया है सब उसकी वजह से.. भग्वान उसे बहुत अच्छा future दे.. Wo mzhse chota h mgr Mai usme father figure dekhti hu… Love you bhai…  पूजा लिखती हैं  कि मुझे याद है दूज की रात को जब भाई पैदा हुआ था. तब मैं किचने में गई हल्दी का डिब्बा खोला और छोटी सी उंगलियों से चुटकी भर हल्दी लेकर अपने भाई को तिलक लगाने गई थी और मम्मी ने मना कर दिया कि बेबी अभी बहुत छोटा है तिलक नही लगा सकते… तो मुझे बहुत रोना आया था..

9 Kavita Dahiya दिल्ली में रहती हैं और अपने भाई संजय के प्रति अपनी भावनाएं कविता के माध्यम से ही ऐसे व्यक्त की हैं

बहनो के लिए भाई होते है। जग से न्यारे। भाईयो से मिलती है ।बहनो को खुशी अनोखी। भाइंयों के बिना बहनों की जिन्दगी अधूरी। भाईयो से ही होते है बहनों के तीज त्यौहार। भगवान करे भाई बहनो का ये अनमोल रिश्ता यूँहि बना रहे।

10. Maithri thakur गुलबर्ग में रहती हैं और इनके भाई का नाम अरुण हैं.  इन्होने एक incident share किया है incident hyderabad me hua tha 25 sal phle….मेरी दो माह की बेटी बीमार थी अरुण आटो लेने गया और उनका एक्सीडेंट् हुआ चोट की परवाह न करते हुए वह मुझे अस्पताल भेज कर अपना इलाज कराया😔

11. Richa Upadhyay

ek ahsaas abhi baaki hai ……ye rishta khaas abhi baaki hai ….duriyan meelon ki hui hai magar… rishton ka judaw abhi baaki hai bhai mere se ten years bade hai bachpan me daant kaphi padi magar padhne me interest unhi ki vajah se aaya thank you bhai ek baar unka exident hua mujhe kaphi door feelings hone lagi bhai ko kucch hua hai ghar jake dekha to kaafi royi thi bhai May you live long bhai ka nick name sonu

Raksha Bandhan Messages – Share Your Messages on Rakhi – मुझे कुछ कहना है – Monica Gupta –

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रमुख त्योहारों में राखी का खास महत्व है. भाई-बहनों का यह त्योहार हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है

सप्ताह में सात वार होते हैं और आठवाँ वार है ‘परिवार’….. अगर आपका आठवाँ वार ठीक रहेगा तो सातों वार सुखद रहेंगे.. !!

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