Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 24, 2015 By Monica Gupta

पान मसाला

पान मसाला

अगर आप जिंदगी से परेशान हैं तो पान मसाला खाईए. अगर आपका कोई दोस्त रुठ गया है तो पान मसाले से मनाईए. पान मसाला जिंदगी में खुशियां और रंग भर देता है … इत्यादि इत्यादि !!

ह हा हा !!! क्षमा कीजिएगा पर क्या करुं अपनी हंसी जिसमें दर्द भी है रोक नही पा रही. हुआ क्या कि कल दिल्ली से लौटते हुए FM पर विज्ञापन चल रहे थे और सबसे ज्यादा विज्ञापन पान मसाले के थे और बार बार आ रहे थे. अलग अलग तरह के पान मसाले और जाने माने लोग कभी 25 साल पूरा करने पर बधाई दे रहे थे तो कोई कहता है कि इसके बिना जीवन अधूरा है. हैं दाने दाने में दम है वगैरहा वगैरहा.

दस से तीस सैंकिंड के विज्ञापन में मात्र 2 सैंकिंड ( वो भी फास्ट फारवर्ड करके ) ये बताया गया कि पान मसाला स्वास्थय के लिए हानिकारक है. मात्र खाना पूर्ति कर ली कि भई बोलना जरुरी है इसलिए बोलती को भागना पडेगा. हंसी सोच पर आई और दुख इस बात का भी हुआ कि  FM जैसे सशक्त माध्यम के द्वारा भी श्रोताओं में इसके प्रति क्रेज पैदा किया जा रहा है. सब पैसे की माया है पैसे के लिए कुछ भी करेंगें मीडिया वाले. वैसे बात एफएम की नही टीवी पर भी विज्ञापनों की हैं और कितनी खबरें तो प्रायोजित ही पान मसाले द्वारा होती है.फिल्म में तो जहां किसी ने सिग्रेट या शराब पी वही चंद सैंकिड के लिए लिखा आ जाएगा कि स्वास्थय के लिए हानिकारक है विमल पान मसाला हो या रजनी गंधा पान मसाला या पान पराग या  अन्य  कोई भी हो …

 

cartoon cancer by monica gupta

 

~ Hariom Care

पान मसाला से निजाद पाने का सरल उपाय धूम्रपान से भी खतरनाक है पान मसाला या गुटखा। सुपारियों में प्रति सुपारी 10 से 12 घुन (एक प्रकार के कीड़े) लग जाते हैं, तभी वे पान मसालों या गुटखा बनाने में हेतु काम में ली जाती हैं। इन घुनयुक्त सुपारियों को पीसने से घुन भी इनमें पिस जाते हैं। छिपकलियाँ सुखाकर व पीसकर उनका पाउडर व सुअर के मांस का पाउडर भी उसमें मिलाया जाता है। धातु क्षीण करने वाली सुपारी से युक्त इस कैंसरकारक मिश्रण का नाम रख दिया – ‘पान मसाला’ या ‘गुटखा’। एक बार आदत पड़ जाने पर यह छूटता नहीं। घुन का पाउडर ज्ञानतंतुओं में एक प्रकार की उत्तेजना पैदा करता है। पान मसाला या गुटखा खाने से व्यक्ति न चाहते हुए भी बीमारियों का शिकार हो जाता है और तबाही के कगार पर पहुँच जाता है। पान मसाले खाने वाले लोग धातु-दौर्बल्य के शिकार हो जाते हैं, जिससे उन्हें बल तेजहीन संतानें होतीं हैं। वे लोग अपने स्वास्थ्य तथा आनेवाली संतान की कितनी हानि करते हैं यह उन बेचारों को पता ही नहीं है। > पान मसाला या गुटखा खाने की आदत को छोड़ने के लिए 100 ग्राम सौंफ, 10 ग्राम अजवाइन और थोड़ा सेंधा नमक लेकर उसमें दो नींबुओं का रस निचोड़ के तवे पर सेंक लें।यह मिश्रण जेब में रखें। जब भी उस घातक पान मसाले की याद सताये, जेब से थोड़ा सा मिश्रण निकालकर मुँह में डालें। इससे सुअर का माँस, छिपकलियों का पाउडर व सुपारियों के साथ पिसे घुन मिश्रित पान मसाला मुँह में डालकर अपना सत्यानाश करने की आदत से आप बच सकते हैं। इससे आपका पाचनतंत्र भी ठीक रहेगा और रक्त की शुद्धि भी होगी। Read more…

http://www.bhaskar.com/news/MP-OTH-cancer-from-pan-masala-3690244.html

सामान्य गुटखा पाउच गाल में तो प्रभाव डालता ही है, साथ ही श्वास नली में सिकुड़न पैदा करता है। इसके लगातार खाने से गला चिपकने लगता है। रसायन अपना प्रभाव छोड़ते हैं और अनेक बार इन लक्षणों के बाद कैंसर तक सामने आता है।

मुझे लगता है पान मसाला या अन्य हानिकारक हो न हो पर ऐसे विज्ञापन का दिखाया जाना जरुर हानिकारक हैं तभी हंसी में उभरा दर्द.. कैसे सुधरेंगें हम !!

पान मसाला लेख आपको कैसा लगा ?? जरुर बताईएगा !!

August 19, 2015 By Monica Gupta

हाईकोर्ट इलाहाबाद

kids going school india photo

Photo by One Laptop per Child

 

हाईकोर्ट इलाहाबाद

सरकारी स्कूलों में पढाया जाए नेता और अफसरों के बच्चों को …

यूपी की कोई भी खबर हो तनाव सा हो जाता है पर आज जो खबर सुनी उसे सुनकर अच्छा लगा… खबर से पहले मैं आपको बताना चाहूगी कि कुछ दिन पहले ही सफाई कर्मचारी ने मुझसे पूछा कि कोई प्राईवेट स्कूल में जान पहचान है क्या ? मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि बच्चों को दाखिल कराना है. सरकारी स्कूलों का हाल बहुत बुरा है क्या पढेगा बच्चा.. तब से मन में इसी बारे मे बहुत विचार चल रहे थे कि अचानक एक खबर ने चेहरे पर स्माईल ला दी. खबर है कि यूपी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों की बदहाली देख कर फैसला सुनाया है कि अफसरों और नेताओं के बच्चे अनिवार्य रुप से यूपी बोर्ड द्वारा संचालित सरकारी स्कूल मे पढेंगें और जो नही पढाएगा उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही होगी.बहुत सही कदम है और इसी की देखा देखी अन्य राज्यों में भी लागू हो जाना चाहिए कम से कम इन बच्चों के बहाने शिक्षा का स्तर और अन्य मामलों मे तो सुधर होगा. अच्छी बातों का सदा स्वागत है.

वैसे भी हाल ही मे हरियाणा में बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान में 15 अगस्त को अपने अपने गांव की सबसे पढी लिखी लडकी नें देश का झंडा फहराया था. जोकि बेहद खुशी और गर्व की बात है … ऐसे अभियान भी देश भर में सतत चलते रहने चाहिए ताकि जागरुकता आती रहे…

 

 

खबर विस्तार से साभार एनडीटीवी इंडिया

http://khabar.ndtv.com/news/india/allahabad-high-court-gives-historic-verdict-directs-bureaucrats-to-enrol-wards-in-govt-schools-1208631

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फ़ैसला सुनाते राज्य सरकार को निर्देश दिया कि सभी नौकरशाहों और सरकारी कर्मचारियों के लिए उनके बच्चों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़वाना अनिवार्य किया जाए।

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि अगले शिक्षा-सत्र से इसका अनुपालन सुनिश्चित हो सके।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सरकारी कर्मचारी, निर्वाचित जनप्रतिनिधि, न्यायपालिका के सदस्य एवं वे सभी अन्य लोग सरकारी खजाने से वेतन एवं लाभ मिलता है, अपने बच्चों को पढ़ने के लिए राज्य के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में भेजें।

न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने यह फैसला सुनाते हुए यह भी कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के लिए दंडात्मक प्रावधान किए जाएं।

अदालत ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए यदि किसी बच्चे को किसी ऐसे निजी विद्यालय में भेजा जाता है जो कि यूपी बोर्ड की ओर से संचालित नहीं है तो ऐसे अधिकारियों या निर्वाचित प्रतिनिधियों की ओर से फीस के रूप में भुगतान किए जाने वाली राशि के बराबर धनराशि प्रत्येक महीने सरकारी खजाने में तब तक जमा की जाए जब तक कि अन्य तरह के प्राथमिक स्कूल में ऐसी शिक्षा जारी रहती है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘इसके अलावा ऐसे व्यक्तियों को, यदि वे सेवा में हैं तो उन्हें कुछ समय (जैसा मामला हो) के लिए अन्य लाभों से वंचित रखा जाए जैसे वेतन वृद्धि, पदोन्नति या जैसा भी मामला हो।’’ अदालत ने इसके साथ ही कहा कि यह एक उदाहरण है।

यह आदेश उमेश कुमार सिंह एवं अन्य की ओर से दायर उस याचिका पर आया जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में 2013 और 2015 के लिए सरकारी प्राथमिक विद्यालयों एवं जूनियर हाईस्कूल के वास्ते सहायक शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया को चुनौती दी थी।

बढे कदम नही रुकेगें… कृष्ण सुदामा साथ पढेगें ( कही पढी)

इलाहाबाद हाईकोर्ट का ये वाला फैसला आपको कैसा लगा … !!! जरुर बताईएगा !!!

August 17, 2015 By Monica Gupta

राखी

 lady photo

राखी

मुझे राखी बिल्कुल अच्छी नही लगती अचानक जब मेरी सहेली ने ये बोला तो मैं सकते में आ गई. अरे !!! क्या हुआ !! अच्छी तो है राखी.. किसलिए अच्छी नही लगती. वो बोली पता नही पर राखी का नाम सुनते ही एक अजीब सी टेंशन हो जाती है.मैने पूछ ही लिया कि क्या इसकी वजह पैसे तो नही वो बोली पैसे कितने दें न दें मुझे उससे क्या मेरा क्या मतलब..मैने बात को सामान्य करते हुए पूछा अच्छा तुम कितने भाई बहन हो. वो मुस्कुराते हुए बोली एक भईया है मेरा… पर अब इसमे भईया कहा से आ गए… अरे !!! मैने कहा कि राखी यानि रक्षा बंधन की बात होगी तो भईया की बात तो…. वो बीच में ही बोली क्य्य्य्य्य्य्य्य्या ???? तुम राखी का त्योहार की बात कर रही हो …

मैने कहा … हां … तो ??? तुम क्या समझी … वो बोली मैं तो राखी”सावंत””आईटम गर्ल  की बात कर रही थी ..हे भगवान !!! वो तो वो और मैं  भी क्या समझ बैठी. फिर उसने मुझसे पूछा कि तुमको राखी कैसी लगती है … मैने कहा कौन सी वाली पहले ही बता दो नही कंफ्यूजन हो जाएगा … ह हा हा हा !! वैसे आपको राखी कैसी लगती है ?????

अब आप ये मत सोचने लग जाना कि कही ये वो वाली राखी गुलजार  तो नही…  जो कहती हैं … मेरे कर्ण अर्जुन आएगें … !!! 

राखी … मुबारक हो !!!

 

August 15, 2015 By Monica Gupta

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान

beti bachao beti padhao abhiyan

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान –  और तिरंगा फहरा दिया – beti bachao beti padhao abhiyan – लहराते तिरंगें को देख कर मन गर्व से भर उठता है और हाथ खुद ब खुद सेल्यूट की मुद्रा में आ जाते हैं. कल्पना कीजिए अगर आपको मौका मिले देश का तिरंगा फहराने का तो कैसा लगे ?? जी क्या कहा आपने की … आप सपने में भी नही सोच सकते ? जी बिल्कुल सही कहा… मेरी भी यही सोच थी पर मेरी इस सोच को बदल दिया हरियाणा के “”बेटी बचाओ बेटी पढाओ” अभियान ने. अभियान ये था कि गांव की जो लडकी सबसे ज्यादा पढी लिखी होगी वो अपने अपने गांव में तिरंगा लहराएगी.

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान –  और तिरंगा फहरा दिया

मुझे ये अभियान बेहद प्रोत्साहित करने वाला लगा और इस अभियान को लेकर बेहद उत्सुक थी और उत्सुकता से इंतजार था 15 अगस्त का जब ये मौका  गांव की पढी लिखी बेटियों को मिलेगा.

इस सिलसिले में मेरी बात हुई जिला फतेहाबाद के गांव जांडली कलां की सुमन रानी से जिन्हें अपने गांव में तिरंगा फहराने का  सुअवसर मिला. उसके पिता किसान हैं और वो तीन भाई बहन हैं .

सुमन से मैने सारी बात विस्तार से जाननी चाही कि आखिर उन्हें ये मौका कैसे मिला. सीधी सादी सी सुमन ने बताया कि कुछ समय पहले उनके गांव में सर्वे हुआ था और दूसरों की तरह, सुमन ने अपनी पढाई की सारी जानकारी सर्वे मे दी.

वो B.Com , M.Com, B.Ed और MBA हैं और आजकल फतेहाबाद के भूना कालिज में कोमर्स पढा रही हैं. जानकारी के बाद उन्हें 12 तारीख को फिर बुला कर बताया गया कि स्कूल के प्रांग़ण में वो ही तिरंगा लहराएगी.

अचानक सुनकर उन्हें विश्वास ही नही हुआ. खुद को संयत करने के बाद वो भावुक हो गई. और मैं बताना चांहूगी कि आज भी वो ये सारी बात बताते बताते भावुक हो गई. जब उन्होनें अपने पिता जी श्री रमेश कुमार को बताया तो एक बार तो उन्हें विश्वास ही नही हुआ पर जब विश्वास दिलाया तो उनका सीना गर्व से चौडा हो गया कि उनकी बेटी तिरंगा फहराएगी.

beti bachao beti padhao abhiyan

ध्वजारोहण करती सुमन रानी, फतेहाबाद (गांव जांडली कलां)

मेरे पूछ्ने पर कि जब  आज सुबह स्कूल आए तो कैसा लगा? मन में क्या क्या  चल रहा था. वो बोली कि जो उस समय महसूस हो रहा था वो तो शब्दों मे बताया ही नही जा सकता. उनके साथ सुबह उनके पापा, भाई और उनकी छोटी बहन आए थे.

ऐसा महसूस हो रहा था मानो ये सब सपना हो. बहुत गर्व महसूस हो रहा था और मन ही मन ढेरो धन्यवाद इस बात के लिए भी थे कि सरकार ने  बेटी की शिक्षा के लिए इतना सार्थक कदम उठाया. इस कदम के बाद तो ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी बेटियों को पढाएगें ताकि उनकी बेटियों को भी तिरंगा फहराने का मौका मिले.

सुमन बता रही थी कि उन्हें गर्व इस बात का भी है कि प्रदेश में पहली बार ये अभियान चला और वो पहली ही बारी में ही  इसका हिस्सा बनी. तिरंगा फहराने के बाद सुमन ने भाषण भी दिया जिसमें सरकार के इस अभियान की प्रशंसा के साथ साथ बेटी की शिक्षा पर बल दिया.

सभी गांव वासियों से अपील की कि वो अपनी बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढाए ताकि वो ना सिर्फ गांव में बल्कि समाज में भी अपनी अलग पहचान बना सके. कार्यक्रम में पाचं लडकियों को भी सम्मानित किया गया.

पढाई इस तरह भी पहचान करवा सकती है ये वो अभी तक भी सोच सोच कर रोमांचित हैं. सुमन ने बताया कि उनकी छोटी बहन जोकि अभी M.A कर रही हैं वो भी जिंदगी में कुछ बनना चाह्ती है और इस अभियान ने एक रास्ता दिखाया  है.

वही  जांडली कलां, गर्ल्ज स्कूल के मुख्य अध्यापक श्री कृष्ण कुमार जी ने बताया कि  सुमन इसी स्कूल की पढी हुई है और उन्हें  सुमन पर गर्व है.  अभियान के बारे में उन्होनें  बताया कि  बहुत अच्छा अभियान है और ये अभियान जारी रहना चाहिए क्योंकि जो गांव वाले बेटी को पढाने से कतराते थे आज वो ही बेटी को पढाने के लिए आगे आ रहे हैं.

girl- monica gupta

(अन्य गांव में ध्वजारोहण करती हरियाणा की बेटी)

बेटी बनी सरपंच – बेटी बचाओ बेटी पढाओ

ये अभियान प्रदेश भर में ही नही बल्कि देश भर में चले और  निरंतर चले और  बेटिया पढती रहें … !!!

सुमन रानी और हरियाणा की उन सभी लडकियों को जिन्होनें तिरंगा लहराया उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं !!!

 

August 15, 2015 By Monica Gupta

संसद की मानसून सत्र

monica gupta

संसद की मानसून सत्र

21 जुलाई से आरम्भ हुए सत्र में कोई हलचल नही हुई कोई काम नही हुआ पर आखिरी दिन आखिर मीडिया को टीआरपी बढाने वाला मुद्दा मिला. और मुद्दा था राहुल गांधी के काथ में वो कागज जिसे पढ कर वो संसद में बोले थे.

कल मीडिया को राहुल बाबा के हाथ में एक कागज क्या मिल गया … हल्ला मच गया और तो और हंसी इस बात पर भी आई कि मीडिया कहता कि वो अंग्रेजी में सोचते हैं !!! अरे !! भला ये क्या बात हुई … सभी अपने अपने अंदाज में सोचते हैं … इसमें क्या बडी बात है अब क्या सोच भी अंग्रेजी, या हिंदी या इटली मे होगी … क्षमा करें वैसे मैं आपको बता दू  कि कार्टूनिस्ट भी अपने ही अंदाज में सोचते हैं समझ लीजिए हम बैठे हैं और कुछ सोच रहे हैं … हम भी रेखाओं में सोचते हैं कभी बादल कभी पहाड … समय मिला नही कि रेखाओ से कल्पना के घोडे दौडाने लगते हैं तो बात का बतगंड काहे बनाना … इस सत्र को इस प्रकार से सोचा … क्या समझ आया … !!!

वैसे क्या आप बता सकते हैं कि ये क्या बना है ???  🙂

संसद की मानसून सत्र , लडाई झगडा , भैंस , पानी … लो गई भैंस पानी में …

August 15, 2015 By Monica Gupta

क्षमा याचना

15 august monkey by monica gupta

क्षमा याचना

आज भारत देश आजादी की 68वीं सालगिरह धूमधाम से मना रहा है पर , किंतु , परंतु  यह भी सत्य है कि आज  हालातों और राजनेताओं को मद्देनजर रखते हुए 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस की feel नही आ रही … कारण बिल्कुल साफ है जिस तरह से नेता आपस में झगड रहे हैं… देश के हित की बजाय अपना हित सोच रहे हैं अपशब्द बोल रहे हैं ऐसे में कैसे मना पाएगें स्वतंत्रता दिवस … ये खुशी भीतर से आती है और यकीनन यह खुशी पिछ्ले साल बहुत थी… मोदी जी का भाषण जब लाल किले की प्राचीर से सुना था तब लगा था कि देश के , आम आदमी के अच्छे दिन आ गए हैं पर जैसे जैसे समय बीतता रहा …. बस बीतता रहा … बस बीतता रहा … और वो बीते समय की बात हो गई…

लाल किले की प्राचीर से मोदी जी के भाषण देने के बाद जनता से, उनके भाषण पर राय पूछ्ने पर लगभग सभी के ये विचार थे कि भाषण फीका रहा जो बात पिछ्ले साल की थी वो इस साल नही थी.पिछ्ले साल तो रोंगटे खडे हो गए थे पर आज कुछ  महसूस नही हुआ. एनडीटीवी पर रवीश जी ने तो  कहा कि रोंगटे तो मोदी जी के खडे हो गए  होंगें कि क्या हो गया.. !!

सोशल नेट वर्क पर जैसे फेसबुक, टवीटर या गूगल आदि पर नेट या टीवी चैनल पर झंडे  फहरा  रहे है…  तिरंगें के साथ फोटो पर ले रहे हैं पर भीतरी खुशी नजर नही आ रही … जनता बेहद परेशान है इसलिए तो मेरी पात्रा को कहना पड रहा है कि बेशक, आज का दिन हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है पर आज जिस दौर से हम गुजर रहे है(जिससे आप सब भी परिचित हैं) उससे मन विचलित है इसलिए बस आज तो बापू गांधी से क्षमा ही मांगनी है कि हम आपकी उम्मीदों पर खरे नही उतर रहे … अगले साल यानि 2016 तक सुधार हो इसी आशा के साथ शुभकामनाएं !!!

एक उदारण और जरुर देना चाहूगी कि एक वक्त था जब बापू का अर्थ महात्मा गांधी होता था पर आज के समय में अगर हम नेट पर बापू सर्च करेंगें तो बापू आसाराम ही दिखाई देंगें, उनकी वीडियों,  उनसे ही जुडी ताजा खबरे … सच, 68 साल में बहुत कुछ बदल गया है …

नेता बाल की खाल निकाल रहे हैं … अंट शंट बोल रहे हैं. ना कुछ सार्थक हो रहा है  और न ही इसके प्रयास किए जा रहे हैं.जनता आज बहुत बातो से आजादी चाह्ती है जैसे बड बोले नेताओं से, भ्रष्टाचार से, महंगाई से, उस कानून से जो कछुआ चाल चल रहा है , गरीबी से, आतंक वाद से,  अत्याचार से, बिके और आखं पर कपडा बांधे कानून से…  नेताओ के गंदे विचारों से और भी ना जाने कितनी बातों से हमें आजादी चाहिए.

फिलहाल से गांधी जी के तीन बंदर जो हमें बुरा न देखने, बुरा न सुनने और बुरा न बोलने का संदेश देते हैं हाथ जोड कर उन्ही से माफी मांगते हैं क्षमा याचना करते हैं कि हम आपकी उम्मीदों पर खरे नही उतरे…

 

Navbharat Times

इस स्वतंत्रता दिवस आप किससे आजादी चाहते हैं? कहें अपने ‘दिल की बात….’ See more…

 क्षमा याचना  इस विश्वास के साथ भी  कि शायद 2016 में हमें ये न करना पडे और हमारा देश खुशहाल हो … स्माईल लानी न पडे खुद ब खुद आ जाए !!!

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