Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 7, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें – How to Make People Happy – Monica Gupta

How to Make Others Happy

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें – How to Make People Happy – Monica Gupta – दूसरों को खुश कैसे रखें.. क्या हम किसी दूसरे कि खुश रख सकते है… क्या हम किसी दूसरे के चेहरे पर स्माईल ला सकते है… तो जवाब है हां .. ला सकते हैं… कैसे ?? देखिए बेशक बहुत सारी बातें हो सकती हैं पर मैं सिर्फ 5 बातें बताऊंगी और ये बातें एप्लाई करके आप किसी की भी जिंदगी में खुशी ला सकते हैं फिर चाहे वो बच्चा हो, बडा हो…

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें –

 

स्माईल

तो सबसे पहले बात आती है जब कोई हमारे सामने हो तो स्माईल दीजिए…. इनका हाल चाल पूछिए.. एक हग भी दे सकते हैं.. ऐसे नही कि एक से हाथ मिला रहे हैं और देख दूसरे की तरफ रहें हैं.. ध्यान कही और है आई कॉण्टेक्ट भी बहुत जरुरी है..

फिर compliment दीजिए..

कि आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा या  आपसे मिलकर हमेशा ही अच्छा लगता है आपमे कुछ बात है ऐसे कोई ओरा या पोजिटिविटी की आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगता है…  एक बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये कि जो हम बोल रहे हों वो बहुत honest हो.. ऐसा न हो कि हम आगे कुछ और पीछे कुछ फिर बहुत उल्टा पड जाएगा… अगर आप सोचते हैं कि honest compliment है तो ही दीजिए

उनको encourage कीजिए…

खुश रखने का खूबसूरत तरीका ये भी है कि दूसरे में जो भी खास बात है उस बात के लिए उन्हें encourage कीजिए… जैसे मान लीजिए एक लडकी ने राईटिंग शुरु की है तो उसे encourage कीजिए कि वो एक न एक दिन बहुत अच्छी राईटर बनेगी… किसी ने अपना नया बिजनेस करने का विचार बनाया है तो उसे एनकरेज कीजिए कि वो जरुर सफल होगा.. उनके मन में अगर कोई नेगेटिव विचार चल रहें हैं तो दूर कीजिए.. बहुत बार ऐसा होता है कि हमें पैसे की नही mentally support की जरुरत होती है… ऐसे भी हम किसी के दिल को जीत सकते हैं..  मैं हूं ना,  चिंता मत करो… खुश कर सकते है..

समय दीजिए.. आज इस बात की बहुत कमी है… किसी के पास समय नही है तो समय दीजिए… बात कीजिए.. पूरी attention दीजिए.. पूरी रिस्पेक्ट दीजिए.. उनकी बात तसल्ल्ली से सुनिए.. जब कोई आपसे बात कर रहा है अपनी फीलिंग शेयर कर रहा है तो जरुरी है कि आप उसे पूरा response दे.. फिर देखिएगा कैसे उसके चेहरे पर स्माईल आएगी.. मिलन अनही हो पाता तो फोन करके बात कर सकते हैं. वीडियो कॉल कर सकते हैं

दूसरे को स्पेशल फील करवाने के लिए कुछ बनाईए

जैसा कि मान लीजिए आपका एक दोस्त है उसका जन्म दिन है तो अपने हाथ से कुछ बना कर ले जाईए.. कुछ भी जिसमे आप अच्छे हैं या फिर कोई कार्ड .. उसे खुशी होगी या फिर आप दूर रहते हैं पर आज कोई स्पेशल दिन है तो आप ऑनलाईन भी कुछ आर्डर कर सकते हैं बुके या केक कुछ भी जरुरत इस बात की है कि हमें उसके चेहरे पर स्माईल लानी हैं..

वैसे जब आप दूसरे के चेहरे पर स्माईल लाएगें तो आप महसूस करेंगें कि अरे आपके चेहरे पर भी स्माईल आ गई.. आप भी खुश हैं..

ख़ुशी के अपने-अपने मायने हैं जनाब
एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था
तो दूसरा उसे बेच कर….

खुशियों का कोई रास्ता नहीं
खुश रहना ही एक रास्ता है ।

ख़ुशी उनको नही मिलती जो अपनी शर्तों पे ज़िन्दगी जिया करते हैं. ख़ुशी उनको मिलती है जो दूसरों की ख़ुशी के लिए अपनी शर्ते बदल लिया करते हैं

ये ना पूछना ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती है,
क्योकि शिकायते तो उन्हें भी है जिन्हें ज़िन्दगी सब देती है

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें – How to Make People Happy – Monica Gupta

June 6, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Role of Diet in Personality Development – जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन – Monica Gupta

Role of Diet in Personality Development

Role of Diet in Personality Development – जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन – Monica Gupta – The Food You Eat Affects Your Personality – जैसा हम खाते हैं वैसा ही हम बनते हैं  – हमारी personality development में डाईट अहम रोल अदा करती है..  वो कहते भी है न कि जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन.. जिंदगी खाने के लिए नही है बल्कि खाना जिंदगी के लिए है…

Role of Diet in Personality Development

एक प्रसंग में Maharsi Caraka  जिन्होनें चरक संहिता लिखी थी… उन्होने चरक संहिता लिख तो दिया पर लोग इसका मतलब नही समझ पाए तो वो पूछ्ने निकले.. कि असली निरोगी कौन कही से सही जवाब नही मिला.. पूछा बहुत लोगो से… कही से सही उत्तर नही मिला..

 

परेशान  होकर वे नदी किनारे बैठे गए. तभी देखा कि एक व्‍यक्ति को देखा उसकी वेशभूषा देखकर वे समझ गए कि यह भी कोई वैद्य ही है.

मन नहीं माना तो उन्‍होंने उस वैद्य से भी वही सवाल पूछा, ‘कोरुक?’ यानी कौन निरोगी? पहले तो वह व्‍यक्ति उन्‍हें गौर से देखा फिर बोला,

हित भुक , मित भुक ,  ऋत भुक …. यह सुनते ही चरक का चेहरा खुशी से खिल उठा. उन्‍होंने उस वैद्य को गले से लगा लिया. इसका अर्थ ये है कि

हित भुक  यानि जो व्‍यक्ति शरीर को लगने वाला आहार ले..

मित भुक –  भूख से थोड़ा कम खाए

ऋत भुक – मौसम के अनुसार भोजन या फलाहार करे

बोले आपने बिलकुल ठीक कहा जो व्‍यक्ति शरीर को लगने वाला आहार ले, भूख से थोड़ा कम खाए और मौसम के अनुसार भोजन या फलाहार करे वही स्‍वस्‍थ रह सकता है. अगर हम नियमित इसका पालन करें तो शरीर में रोग हो ही नहीं सकता..

वैसे ही अन्न के तीन प्रकार होते हैं.

सात्विक आहार – सात्विक भोजन वह है जो शरीर को शुद्ध करता है और मन को शांति प्रदान करता है  ताजा पकाया हुआ भोजन यदि 3 से 4 घंटे के भीतर सेवन किया जाता है तो इसे सात्विक माना जाता है I उदाहरण – ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बादाम आदि, अनाज और ताजा दूध

राजसिक आहार –  बहुत स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ राजसिक हैं

मसालेदार भोजन, तला भुना, भोजन और चाय, कॉफी

इनका अत्यधिक सेवन शरीर में अतिसक्रियता, बेचैनी, क्रोध, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा इत्यादि लाते हैं I

तामसिक आहार

तामसिक भोजन वो हैं जो शरीर और मन को सुस्त करता है… जैसे मांसाहारी आहार, वसा का अत्यधिक सेवन, तेलयुक्त और अत्यधिक मीठा भोजन

बासी या पुन: गर्म किया गया भोजन, तेल या अत्यधिक भोजन इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं..

बहुत बार देखते भी है कि कोई शादी या समारोह है लोग टूट पडते हैं खाने पर कितना भर लेते है प्लेट में.. इससे उनकी personality घटती ही है… उनका मजाक ही बनता है..

अक्सर जब बहुत ज्यादा खाना खा लेते हैं तो सुस्ती आ जाती है वही हल्का भोजन से शरीर एक्टिव रहता है… तो अगर हम अपनी personality बनाए रखना चाहते हैं

स्मार्ट दिखना चाह्ते हैं तो डाईट पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.. तो हित , मित  ऋत  भोजन करना चाहिए…

जीवन जितना सादा रहेगा तनाव उतना आधा रहेगा..

Role of Diet in Personality Development

June 5, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं – The Art of Storytelling – Monica Gupta

Storytelling Tips

Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं – The Art of Storytelling – Monica Gupta.. मैं अक्सर parenting  की जब बात करती हूं तो कहती हूं कि बच्चों को कहानी सुनाए.. पर बहुत सारे parents जानना चाहते हैं कि कैसे… क्या tips  हैं किन बातों का ख्याल रखें तो… मैं आज यही आपको बता रही हूं…

Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं –

तो तैयार हैं…

1. सबसे पहले हमें कहानी  का चुनाव करना है.. कहानी बच्चे की age  के हिसाब से होनी चाहिए..  फिर बच्चे की पसंद न नापसंद… मान लीजिए किसी को शेर की कहानी अच्छी लगती है या किसी को परियों की तो वो सुनाए.. कई बार बच्चे को सुधारने के लिए भी कहानी  बोली जा सकती है…पर कहानी ऐसी हो कि अंत में संदेश जरुर दे…

 

2 अब बात आती है script  की

dialogue हो तो बच्चो को मजा आता है… शेर ने कहा मैं तुझे खा जाऊंगा… और कहानी छोटी हो और उसमे characters भी बहुत ज्यादा न हो.. तीन या चार करेक्टर हों…

3 जहां कहानी सुनाए वो जगह एक दम आराम दायक हो.. या तो आरम से बैठ कर या लेट कर.. आमतौर पर रात को सोते समय बच्चे कहानी सुनना ज्यादा पसंद करते हैं.. या दिन में जब बोर हो रहे हों तब…

  1. हमारी Body Language.. हमारे हाव भाव हमारी आवाज भी बहुत मायने रखती है ये कहानी को और भी ज्यादा मजेदार बना सकती है… इससे ये होगा कि बच्चे भी मजे से सुनेंगें..

5 बच्चों की Active participation जब हम कहानी सुना रहे हों तो बच्चे जो पूछे उनके मन में कोई बात हो तो उन्हें बोलने दें.. क्योकि अगर उन्हें कोई बात स्मझ ही नही आएगी तो फायदा ही नही होगा… means allow interruptions… be easy..

  1. Visual

दिखा रखते हैं.. ताकि बच्चे का interest बने.. और अगर Visual नही है तो भी अच्छी बात हैं.. देखिए फिर हम बच्चों की कल्पना को बढा सकते हैं.. एक बार एक गांव था.. वहा बहुत बडा पेड था.. वहां खूब सुंदर फूल लगे थे.. लाल करे, पीले.. करने दीजिए बच्चों को कल्पना

  1. जहां कहानी में कोई संदेश हो जिससे बच्चे सीखें वहीं funny  बातें भी हो. कुछ चुटकुले हों, tongue twisters हों, पहेली हो… ताकि रोचकता बनी रहे..

8 . अच्छा कई बार सब ठीक चल रहा है पर बच्चा बोर महसूस कर रहा है तो उसी से पूछिए कि आगे क्या होगा ?? आपको क्या लगता है आज शंटी समय से उठ जाएगा स्कूल जाने के लिए या लेट हो जाएगा…

9. जब कहानी की शुरुआत करें तो हर बार अलग तरीके से करे.. एक बार की बात है.. बहुत समय पहले की बात है या पता है एक बार क्या हुआ

10. Be natural

एक दम स्वाभाविक रहें.. आराम से कहानी सुनाएं .. जो सुनाए वो हमें याद हो या फिर पेपर पर जरुरी points  लिख कर रख लिए.. अगर practice  करके सुनाएगें तो और भी अच्छा रहेगा.. Mobile  मे रिकार्ड भी कर सकते हैं फिर अपनी कमी खोज कर उसे दूर कर सकते हैं..

एक बार बच्चों में शौक हो जाए फिर रामायण, महाभारत, पंच तंत्र की, जातक कथा परी की जादू की आप सुना सकते हैं और अच्छा तो यही रहेगा कि आप खुद बनाए कहानी.. और फिर बच्चों को भी बनाने दें…

Benefits Of Storytelling For Kids  बहुत Benefits होते हैं बच्चों को कहानी सुनाने के.. क्या हैं वो मैं आपको अगली वीडियो में बताऊंगी..

तब तक अब आप कहानी सुनाईए और फिर बतईएगा कि कैसा अनुभव रहा…

 Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं – The Art of Storytelling – Monica Gupta 

June 4, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Stop Overthinking – ज्यादा सोचना कम कैसे करे – How to Stop Overthinking Things – Monica Gupta

How to Stop Overthinking

How to Stop Overthinking – ज्यादा सोचना कम कैसे करे – How to Stop Overthinking Things – Monica Gupta – आज मैं बात कर रही हूं Overthinking की…देखिए सोचना गलत नही है.. सोचेगें नही तो कैसे बात बनेगी…  पर जब बात आती है ज्यादा सोचने की तो वो गलत है.. देखिए.. प्रकृति के भी कुछ नियम हैं जैसा कि  खाना जो हम खाते हैं, एकाध दिन के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे… पानी जो हम पीते हैं, दो-चार घण्टे के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे…  हवा जो हम सांस लेते हैं, कुछ सेकण्ड में ही वापस बाहर निकल जानी चाहिए, वरना हम मर ही जायेंगे…. लेकिन कुछ नकारात्मक बातें जैसे कि ज्यादा सोचना , गुस्सा, ईर्ष्या आदि उनका क्या ?? अपने अंदर दिन, महीने और सालों तक रखे रहते हैं…

How to Stop Overthinking – ज्यादा सोचना कम कैसे करे – How to Stop Overthinking Things

उससे हमारी पूरी बॉडी पर दिल और दिमाग पर बुरा असर पड सकता है.. देखिए पहले मैं ये बताती हू कि कैसे ?

मोबाइल का कितना वजन होता है.. पता ही नही लगता पर जब ह्म किसी बात करने लगे.. दस मिनट आध घंटा तो हम हाथ बदल लेते हैं.. थक जाते हैं….. वैसे कुछ भी वजन नही होता उसका पर जहां कोई बोल रखे हैं दस या 15 मिनट से कभी हाथ दर्द होना शुरु हो जाता था…

बस यही होता है… कोई चीज ज्यादा देर तक पकडे रखेंगे तो यही होगा.. दर्द होने लग जाएगा… ऐसे ही ओवर थिंकिग है ज्यादा सोचते रखेंगे तो हमारे शरीर पर नेगेटिव असर पड सकता है..

तो क्या करें.. कैसे झटके.. मैं कुछ बातें बता रही हूं..

How to Stop Overthinking

सबसे पहले मन पक्का कर लीजिए.. कि मुझे इससे दूर रहना ही है.. ज्यादा नही सोचना क्योकि ये मेरे लिए मेरी सेहत के लिए सही नही है…

फिर अपने अच्छे दोस्त बन जाईए… दोस्त बनने के बाद मन में पक्का निश्चय कर लीजिए कि अब मेरा पक्का दोस्त मेरे साथ है कि मैंने इसे अपने ऊपर हावी नही होने देना.. ये मन पर जब भी हावी होंगें मैं इसे झटकने की कोशिश करुंगा.. मैं भी देखता हूं कि कैसे लम्बे समय तक रहेगा…

अवेयर रखिए – अब दिमाग को विचारों के प्रति बिल्कुल अवेयर यानि सचेत रखना है.. जब कोई बात मन में बैठ ही जाती है.. तो सोचिए कि क्या ये मेरे काम का है या नही.. इसे सोचने का फायदा है भी या मेरा टाईम वेस्ट है.. अगर लग रहा है कि नही ऐसी बात तो नही है.. फालतू बात है तो झटक दीजिए और अगर लगता है कि मैं परेशान हो रहा हूं ये बात बहुत परेशान कर रही है तो बात कीजिए… यानि एक्शन लीजिए.

एक्शन लीजिए..  किसी ने मेरे बारे में कुछ कहा और मैं बस चुपचाप बैठी सोच रही हूं उसने कहा उसने किसलिए कहा.. अब क्या होगा… जबकि क्या करना चाहिए एक्शन लेना चाहिए कि जाकर उसी से बात करुं कि आपने ये बात कही इसमें कहा तक सच्चाई है… मान लीजिए आफिस में बोस ने किसी के लिए कहा कि वो काम अच्छा नही करता.. और उसने वो बात पहुंचा दी.. अब डर डर के काम करेगे .. हर समय सोचेगे… बेहतर है कि खुद बॉस के पास जाकर बात कीजिए कि सर बताईए कहां कमी है मेरे काम में…

मन मे रहने नही देना चाहिए.. निकाल देना चाहिए… गुस्से को नेगेटिव विचार को मन में नही रहने देना चाहिए… हल निकाओ.. गुस्सा रिलीज करो… भडास निकाल दो… पानी हमेशा बहता हुआ ही शीतल होता है जहां ठहर जाता है वहां बदबू आने लगती है…

अपना चैनल बदल दीजिए.. रिमोट आपके पास है.. इसमें एक बात और भी कर सकते हैं जब बहुत ज्यादा विचार आए जा रहे हैं आए जा रहे हैं तो… अपना ध्यान बंटा लीजिए.. कुछ भी ऐसा कीजिए कि वहां से मन हट जाए..

एक मेरी सहेली बता रही थी जब भी उसे ऐसा लगता है तो वो बच्चों के साथ जाकर बैठ जाती है.. और उनके साथ खुद को बिजी कर लेती है ताकि ध्यान हटे… और भी कुछ काम कर सकते हैं जैसे मान लीजिए चिडिया के लिए पानी रखिए.. पौधे को पानी दीजिए… योगा, मैडिटेशन छोटे छोटे काम कीजिए.. ध्यान भी हटेगा और खुशी भी मिलेगी..

फोन कीजिए.. वीडियो गेम खेलिए.. कुछ भी ऐसा की आपका ध्यान हट जाए..

एक बात और इसमे जरुर होनी चाहिए या तो हम अपनी बात किसी से शेयर न करें… और अगर शेयर करें तो वो बहुत सिंसेयर हों… क्योकि हमने शेयर कर ली और दोस्त… बार बार वही बात दोहराने लगते हैं..

मान लीजिए एक कपल है एक बार उनकी आपस में लडाई हुई तो पनी ने अपनी सहेली को बता दिया और उसके बाद उनका पैच अप भी हो गया.. पर सहेली जब भी मिलती हैं हा भई सब ठीक तो है ना.. इतना ही नही उसने अपने सर्किल में भी बता दिया.. सब उसे दूसरी निगाह से देखते हैं हालाकि लडाई तो हर घर में होती है पर वहां मसाला मिल गया… तब बहुत लडाई हुई थी.. तब ये हुआ था…

इसलिए जरुरी है कि हमारे दोस्त अच्छे हों… जो हमारी इस आदत को कम करने का प्रयास करें ना कि और बढावा दें..

और अगर समझ नही आ रहा तो आजकल नेट पर बहुत तरह की वीडियोज हैं साहित्य है.. वो पढिए उससे मन रिलेक्स होगा…

एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि भविष्य में क्या होगा कोई नही जान पाया.. जब पता ही नही तो सोच सोच कर किसलिए परेशान होना है जब कोई बत होगी तब सामना कर लेगें.. आज किसलिए खराब करें सोच सोच कर…

देखिए जब हम बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं तो अच्छे विचार तो कभी नही आते.. हमेशा नेगेटिव ही आते हैं तो पॉजिटिव सोचिए बातो को लाईटली लीजिए.. और वैसे ही सोचिए… और काम भी ऐसे करिए कि आप खुश रहें…

फिर बात आती है अपना ख्याल रखिए… अच्छी नींद, अच्छा खाना पीना सैर बहुत जरुरी है… मन को फ्रेश रखना बहुत जरुरी है…

प्रकृति के भी कुछ नियम हैं जैसा कि  खाना जो हम खाते हैं, एकाध दिन के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे

पानी जो हम पीते हैं, दो-चार घण्टे के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे।

हवा जो हम सांस लेते हैं, कुछ सेकण्ड में ही वापस बाहर निकल जानी चाहिए, वरना हम मर ही जायेंगे

लेकिन कुछ नकारात्मक बातें

जैसे कि घृणा, गुस्सा, ईर्ष्या आदि उनका क्या ??

अपने अंदर दिन, महीने और सालों तक रखे रहते हैं

यदि इन नकारात्मक विचारों को समय-समय पर अपने अंदर से नहीं निकालेंगे तो एक दिन निश्चित ही हम मानसिक रोगी बीमार हो  जायेंगे जरुर सोचिएगा ..

 

June 3, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Share Your Thoughts and Feelings – #10 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences – Monica Gupta

Share Your Thoughts and Feelings

Share Your Thoughts and Feelings – #10 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences – Monica Gupta – Thinking that will Change Your Life – सोच जो बदल दे जिंदगी –  मुझे कुछ कहना है आपसे –

हमे हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए.. अगर अच्छे कर्म नही भी कर रहे तो कम से कम किसी की बुराई भी नही करनी चाहिए क्योंकि बुराई करना भी किसी पाप से कम नही.. मैं अपनी बात समझाने के लिए छोटी सी कहानी सुनाती हूं .

Share Your Thoughts and Feelings – #10 – मुझे कुछ कहना है –

एक बार एक राजा कुछ ब्राह्मणों को भोजन करा रहे थे.. उसी समय आसान पर एक चील अपने पंजे में मरे हुए सांप को लेकर जा रही थी.. सांप के मुंह से कुछ जहर की बूंदे एक ब्राह्मण के खाने में गिर गई और वो ब्राह्मण खाना खाते ही मर गया.. जब राजा को सच का पता चला तो उसे बहुत दुख हुआ.. यमराज उस ब्राह्मण  को तो ले गए पर सोचने लगे कि आखिर ये पाप किसके सिर डालें अब पता चला

न राजा की गलती थी न चील की और सांप तो पहले ही मरा हुआ था.. तो कुछ दिन फाईल अटकी रही कि पाप किसके खाते में जाएगा.. इसी बीच कुछ ब्राह्मण राजा से मिलने आए और उन्होने एक महिला से राज महल का रास्ता पूछा..

महिला ने रास्ता बताते वक्त बोला कि वहां खाना न खाना राजा आप जैसे  ब्राह्मणों को खाने में जहर देकर मार देता है..  बस ये बात यमराज ने सुनी और उसके हिस्से इसका पाप इस महिला के खाते में जाएगा तो यमराज के साथ खडे लोगो ने पूछा कि ऐसा किसलिए
तब यमराज ने कहा

कि  देखो जब कोई व्यक्ति पाप करता हैं तब उसे आनंद मिलता हैं पर उस ब्राम्हण की हत्या से न तो राजा को आनंद मिला न मरे हुए साँप को आनंद मिला और न ही उस चील को आनंद मिला…
पर उस पाप-कर्म की घटना का बुराई करने के भाव से बखान कर उस महिला को जरूर आनंद मिला इसलिये राजा के उस अनजाने पाप कर्म का फल अब इस महिला के खाते में जायेगा..

बस इसी घटना के तहत आज तक जब भी कोई व्यक्ति जब किसी दुसरे के पाप-कर्म का बखान बुरे भाव से (बुराई) करता हैं,
तब उस व्यक्ति के पापों का हिस्सा उस बुराई करने वाले के खाते में भी डाल दिया जाता हैं..

अक्सर हम जीवन में सोचते हैं कि जीवन में ऐसा कोई पाप नही किया फिर भी जीवन में इतना कष्ट क्यों आया ? ये कष्ट और कहीं से नही बल्कि लोगों की बुराई करने के कारण उनके पाप-कर्मो से आया होता हैं जिनको यमराज बुराई
करते ही हमारे खाते में ट्रांसफर कर देते हैं..

इसलिये आज से ही मन बना लीजिए कि किसी की भी बुराई नही करनी हैं। पर हां अच्छी पॉजिटिव बातें जरुर कर सकते हैं…

खुद को बदलने की बात जरुर कर सकते है… वो आप करते ही है… वीडियोज के नीचे आप कमेंट करते हैं और जो बहुत अच्छे होते हैं जिसमे कुछ बदलाव की बात होती है.. वो मैं शेयर करती हूं…

तो चलिए शुरु करते हैं मुझे कुछ कहना है मैं आपके कमेंटस और  मैसेज और आपकी Feelings

1. Riyaz S जी आई डी पर माशा जी  लिखती हैं..

my dear mam आपकी बातों से बहुत असर आ रहा है जिंदगी में…  दोनो बच्चों को बेहतर बनाने के लिए मैनें बच्चों को good manner के  10 points और कुछ गलत करने पर 5 point cut करने का आईडिया किया है.. बच्चे follow भी कर रहे हैं आपको बहुत सारा शुक्रिया…

2. Deepika Verma – Hello mam, nice video कुछ कहना है आपके वीडियो के लिए… frnds हम खुश हो सकते हैं पर शायद हम खुद से ही खुश नही होना चाह्ते  just bcoz of a 1 reason कि हम past मे हुई बेकार की बातों को अपने दिमाग से निकालना ही नही चाह्ते… और हमेशा दुखी रहते हैं.. और इस प्यारी सी लाईफ को enjoy ही नही कर पाते हैं I request to all of u guys plz enjoy yr life it’s beautiful… Husband wife के इस प्यारे से रिश्ते में शक शक जैसे  word का नाम भी मत लाईए

3 ARCHANA TIWARI

Nice video Monica gupta ji पहले मुझे गुस्सा नही आता था पर अब choti , choti bato par bahut gussa aata hai मैं कोशिश करुंगी कि कम गुस्सा आए आप की  video से help मिलेगी  thank you so much

4. richa kumari1 day ago

Thanku for this vedio mam. मैं भी यही करती हूं जब मैं बहुत गुस्से में होती हूं तो अपने मन की सारी बात एक पेज पर लिख देती हूं और belive me mam इसके बाद मन इतना हलका हो जाता है कि मैं क्या बताऊ पर फिर मैं उसे फाड देती हूं bcz gusse मे बहुत सारी ऐसी बातें  हम लिख देते हैं जो सामने वाले को hurt कर सकती है..ये मेरा आजमाया हुआ आईडिया है  nd मुझे लगता है कि गुस्से को शांत करने का best way h

5. Manisha  srimali

Mam v nice video. Me aapke sabhi videos dekhti hu और हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है… tq very much mam😍ek positivity आती है आपको सुनकर … Garmio में बाहर मिलने वाले बर्फ के गोले  etc बच्चों को नही देने चाहिए उन सब में use की हुए बर्फ साफ पानी से नही बनी होती so… Garmio me Bahar ka Khana bhi nahi khna chahiye…

6.  durgesh gupta

hello mam . l m new subscriber… meri sister aapki bht तारीफ कर रही थी  esiliye maine apka video आज पहली बार देखा.मैं आपसे बहुत प्रभावित हुई thanks mam

7. Ishita Agrawal

Thanks mam आपसे बहुत कुछ सीखा है मैनें.. पता है आज मैं बहुत परेशान थी… लेकिन जैसे ही आपका वीडियो देखा सब कुछ ठीक हो गया.. और मैम मुझे भी बहुत गुस्सा आता है.. पर जब से आपकी वीडियो देखी हैं मैं वो ही याद कर लेती हूं और फिर खुश हो जाती हूं बातें याद कर लेती हूं बहुत  change हो गई मैं thanku so much mam thanku

8.   आशा मिश्रा

very nice video बनाई है दी.. मेरे लिए बहुत usful है..मेरा बडा बेटा  12 year ka छोटी से छोटी बात पर चिडचिडाता. पहले मैं भी बहुत जल्दी पलट कर गुस्सा हो जाती थी लेकिन अब बहुत शांत रहती हूं फिर चाहे मुझे कितना भी गुस्सा आए

9.  सोनिया – How to Face Your Problems

Mam मैं कई दिनो से ही आपकी वीडियोज देख रही हूं  आपकी बाते मुझे बहुत strength देती हैं But मुझे मेरी problem का कोई solution दिखाई नही देता Fir bhi main try kr rhi hoon. Thanks mam

10. बॉबी जी ने लिखा है..

थैंक्स मैम आपके टिप्स फ़ोलो किया और नतीजा बहुत अच्छा आ रहा है

11.  Soni  जी ने लिखा है कि

Very nice video mam… आपके videos जिंदगी के हर छोटे बडे प्रोब्लम को आसान बना देते हैं और जिंदगी जीने का नजरिया ही बदल जाता है.. किताबों से ज्यादा मैं आपके वीडियोज देखना पसंद करती हूं बस एक ही दिक्कत है कि मेरे यहां नेट वर्क का बहुत प्रोब्लम रहता है इसलिए सारे वीडियोज नही देख पा रही हूं जब नेट वर्क ठीक होता है तो एक साथ दो चार वीडियोज देख लेती हूं ..

तो ये थे आप के कमेंटस.. बहुत मुश्किल काम है.. इसे छांटना.. क्योकि बहुत नाराज भी हो जाते हैं कि आपने मेरा कमेंट नही पढा.. तो मैं उन सभी से सॉरी कहती हूं और कहना चाहूंगी कि आपकी नाराजगी भी सिर माथे पर.. इसी तरह अपना प्यार अपनी नाराजगी कमेंटस के माध्यम से शेयर करते रहिए… एक एक कमेंट मेरे लिए बहुत कीमती है… तो कल फिर मिलूंगी पर जाते जाते एक बात जरुर कहना चाहूंगी कि

पके हुए फल की तीन पहचान होती है..पहले तो वो नर्म हो जाता है फिर मीठा हो जाता है और तीसरा उसका हलका सा रंग बदल जाता है..

एक अच्छे मैच्योर व्यक्ति की भी यही पहचान होती है.. वो विनम्र हो जाता है.. वाणी में मिठास होती है और चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग झलकता है… जरुर सोचिए !!

Share Your Thoughts and Feelings – #10 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences – Monica Gupta

 

 

June 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

what to do when someone insults you – क्या करें जब कोई अपमान करे

What to Do when Someone Insults You

what to do when someone insults you –  क्या करें जब कोई अपमान करे.. कोई insult करे तो कैसे रिएक्ट करना चाहिए…. जिस समय हम किसी का अपमान कर रहे होते है, ठीक उसी समय हम अपना सम्मान खो रहे होते है… आज मैं कुछ बातें बता रही हूं… पर बात बताने से पहले ये बताना चाह्ती हूं कि कोई  अपमान करता है तो किसलिए करता है..

what to do when someone insults you –  क्या करें जब कोई अपमान करे

कुछ बाते हैं होती है

पहली बात तो ये कि वो खुद ही हमेशा परेशान रहते हैं..

Jealous होती है.. जलते है.. जब अपमान करते हैं तो इसलिए कि वो चीज उनके पास नही.. खुद पा नही सके और किसी के पास है तो जल भुन जाते हैं…

फिर उसकी सोच insecurity असुरक्षा की भावना होती है वो खुद ही सुरक्षित महसूस नही करते.. इसलिए दूसरो को नीचा दिखाते है… उन्हें अच्छा महसूस होता है..

फिर aware सचेत  नही होते.. उन्हें समझ ही नही होती कि क्या सही क्या गलत है.. उनकी बात दूसरे को दुख पहुंचा सकती है…पूरी तरह से नेगेटिव लोग होते हैं…

अब बात आती है कि कैसे रिएक्ट करें…

रिमोट अपने पास रखें.. लोग अपमान करते हैं करे और हम दुखी हो जाते हैं लोग तारीफ करे और आप सुखी हो जाते हैं तो समझ लीजिए कि आपके सुख दुख  का रिमोट  लोगो के हाथ मेँ है…

यानि  शांत रहे… क्योकि जब कोई अपमानित करता है तो वो ये चाहता है कि दूसरा रिएक्ट करे.. दूसरा भी रोए चिल्लाए, गुस्सा हो… पर जब हम रिएक्ट ही नही करेंगें तो वो अपना सा मुंह लेकर रह जाएगा..

इग्नोर कर देना चाहिए..

ऐसा महसूस करवाना चाहिए कि मुझे कोई फर्क नही… इसे हम अलग अलग तरीके से कर सकते हैं…

या तो जहां ये बात हो रही है वहां से बाहर चले जाईए..

या हम कोई टॉपिक बदल सकते हैं.

सैंस ऑफ ह्यूमर का इस्तेमाल कर सकते हैं

जैसा कि मान लीजिए कि सास कह रही है बहू को कि बहुत मोटी होती जा रही है… तो बहू बोल सकती है कि क्य अकरु मांजी आप खाना ही इतना लजीज बनाती है कि मोटा होने के इलावा तो कोई ऑपशन ही नही है..

कोई जरुरत से ज्यादा अपमानित कर रहा है जाति, धर्म या gender,लिंग, disability के आधार पर ,मानसिक के साथ साथ शारीरिक रुप से भी.. तो आप रिपोर्ट कर सकते है… बार बार समझाने पर भी नही कोई समझ रहा तो आपको शिकायत कर देनी चाहिए..

फिर बात आती है कि जता भी दीजिए.. उस समय नही तो कुछ समय बाद अगले दिन या जब कुछ माहौल शांत हो कि आपने मुझे ऐसा बोला मुझे अच्छा नही लगा… ताकि उसे महसूस हो..

फिर बात आती है.. जोकि सबसे ज्यादा जरुरी है और वो है कि अपना ख्याल रखिए…

मजबूत बनिए..

कई बार हम कुछ कहते नही अपमान का घूंट पीते रहते हैं और अपनी सेहत खराब कर लेते हैं तो आपको खुद कमजोर नही पडने देना.. मजबूत रखना है… अपना मन बहलाने के लिए जो अच्छ अलगता है वो करिए.. अपना गुस्सा निकाल दीजिए.. इस पर भी वीडियो बनाई हुई है कि गुस्सा कैसे रिलीज करें…

खुद को बेहतर बनाईए…

अपने प्लस पोईट्स खोजिए.. strength को बाहर लाईए और एक उदाहरण बनिए… खुद को किसी क्रिएटिव काम में लगा लीजिए…

कोई अपमानित करे तो क्या करें..

जिस समय हम किसी का अपमान कर रहे होते है, ठीक उसी समय हम अपना सम्मान खो रहे होते है।

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