Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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November 9, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Social Media for Children and Teenager – बच्चे और सोशल मीडिया का प्रभाव – पेरेंट्स ध्यान दें

Monica Gupta

Social Media for Children and Teenager – बच्चे और सोशल मीडिया का प्रभाव – पेरेंट्स ध्यान दें – बच्चे और सोशल मीडिया … Social Media और बच्चे – कैसे रखें अपने बच्चों का ध्यान – Social Media and Children – कल मैं सोच ही रही थी कि किस बारे में बात करी जाए यही सोचते सोचते मैंने फेसबुक ऑन कर लिया… तभी ध्यान एक पोस्ट पर गया… किसी बच्चे ने लिखा हुआ था कि मैं स्कूल नही जाऊगां.. टीचर बहुत ही रद्दी है बोर है उसकी क्लास में नींद आने लगती है… और खूब सारे कमेंटस भी आए हुए थे और मैं एक एक करके कमेंटस पढने लगी … और लगा कि बेशक पेरेंटस बच्चों को सोशल मीडिया पर जाने से रोक नही सकते पर कुछ बाते समझा तो सकते हैं… क्योकिं मान लीजिए अगर ये बात उनकी वही टीचर पढ ले तो क्या होगा…

Social Media और बच्चे – कैसे रखें अपने बच्चों का ध्यान – Social Media and Children – Monica Gupta

Social Media for Children and Teenager – बच्चे और सोशल मीडिया का प्रभाव

जरुरत है इस बात की कि पेरेंटस जैसे बच्चों को बातें सीखाते हैं बचपन में पर ऊंगली पकड कर चलना सीखाते हैं ऐसे ही कुछ बाते digital world के बारे में भी बतानी बहुत जरुरी हैं ताकि वो अवेयर रहें

 

जैसाकि पहली तो यही कि

 सावधान

Be Careful – कुछ भी ऐसी बातें लिखने से पहले सावधान रहें… क्योकि ये हमारा लिखित प्रमाण बन जाता है… इसलिए अपने आपको ज्यादा स्मार्ट न समझे और इस तरह की बुराई खुले आम करना जरा भी सही नहीं.. कोई हो बात टीचर या स्कूल की नही दोस्तों की भी है. बहुत सोच समझ कर ही पोस्ट करना चाहिए सिर्फ लिखना ही नही फोटो भी अगर डालनी हैं तो सोच समझ कर मान लीजिए आपने कोई फोटो डाली जो नही डालनी चाहिए और बाद मे आपको लगा कि सही नही है और डिलीट कर दिया पर अगर किसी ने उसे सेव कर लिया और उसका मिसयूज करना शुरु कर दिया तो…  इसलिए सावधान रह्ना सिखाईए

अंजान से Stranger से दोस्ती…

ये बताईए कि अगर किसी ने फोटो ही नही लगाई अपना प्रोफाईल में कुछ डिटेल नही है और वो आपको रिक्वेस्ट भेज रहा है तो नही लीजिए.. मान लीजिए दोस्ती कर ली फिर वो कैसा है कोई अपराधी तो नही, चोर तो नही … कैसे पता चलेगा … और जब तक पता चलेगा कहीं देर न हो जाए .. इसलिए जब तक हमें किसी के बारे में पता ही नही तो कैसे दोस्ती…

अकाउंट की प्राइवेसी Settings के बारे में भी समझाएं…

जब भी हम एकाऊंट बनाते हैं तो प्राईवेसी Setting होती है बच्चों को बताए कि कुछ बातें प्राईवेट ही रहनी चाहिए… कुछ बातो की प्राईवेसी रखनी बहुत जरुरी है जैसा कि मान लीजिए हमारा फोन नम्बर जरुरी नही है हम सभी को दिखाएं ये सैटिंग में जाकर सम्भव हो सकता है बच्चों को सारी जानकारी दें और टूल्स क्या क्या है उसके बारे में बताएं और बेहतर ये भी होगा  कि खुद भी बच्चे को फोलो करें ताकि अगर कहीं गलत हो गया तो आप उसे ठीक कर सकें … और सेफ्टी टूल्स की डीटेल्स समझाएं. अगर कोई तंग करे तो अनफ्रेंड या ब्लाक भी कर सकते है..

cyber bullying साईबर बुलिंग

बच्चों को साईबर बुलिंग के बारे में भी जरुर बताएं !! कई बार ऐसा होता है कि कोई ग्रुप किसी न किसी बात को लेकर तंग करता है धमकी या अपमानित या प्रताड़ित कर रहा है तो बताएं या फोटोफोटो या मैसेज के माध्यम से तंग करता है तो उस चीज से भी तैयार रहना चाहिए…

बच्चों को बताए कि अगर कभी भी ऐसी बात हो तो जरुर बताएं छिपाए नही क्योकि इससे बच्चा परेशान हो जाते हैं बल्कि एक डर भी बैठ जाता है … कर कई बार बहुत तनाव मे भी चला जाता है

सभी बातें शेयर न करें

Don’t Share Locations अपनी सभी बातें शेयर न करें … कई बार बच्चे हर बात शेयर करने लगते हैं जैसे मान लीजिए कही हिल स्टेशन पर गए.. कही शादी मे गए पात है कि आप दस दिन के लिए बाहर है तो कई बार कुछ लोग इसी फिराक में रहते हैं इसीलिए हमें उन्हे मौका ही नही देना चाहिए … शो ऑफ नही करना चाहिए.. कि मेरे पास इतनी बडी कार है या ये सोने का सेट पापा ने गिफ्ट किया… इस बात का तो पेरेंटस का भी ख्याल रखना चाहिए मैंनेें बहुत मदर्स को देखा है कि हर बात वो फेसबुक पर शेयर करती हैं एक बार तो एक के घर चोरी भी हो गई थी

समय की पाबंदी जरुरी

बच्चों को बताईए कि आप सोशल नेटवर्किंग साईटस से जुडिए बिल्कुल जुडिए पर समय का भी ख्याल रखिए .. हर समय नही देखना अपना एक टाईम फिक्स कीजिए और उस समय जरुर देखिए.. पढते समय पढाई और नेट करते समय सिर्फ नेट और इस बीच में लंच या डिनर भी नही आना चाहिए.

कम्यूनिकेशन करें न कि जासूसी … एक बात हमे ये भी समझनी होगी कि जासूसी नही करनी जब बच्चा सो रहा है या नहा रहा है तो उसका एकाउंट चैक करना … इससे अविश्वास पैदा होता है इसलिए चोरी छिपे नही बल्कि बातचीत कीजिए उनका विश्वास जीजिए कि बच्चे को कुछ छिपाने की जरुरत ही न पडे …

कई बार बच्चे दूसरे नाम से भी एकाऊंट बना लेते हैं फिर क्या कर लेंगें हम … इसलिए जरुरी है विश्वास जीतना ताकि बच्चा कुछ न छिपाए और कुछ गलत हो तो बताएं भी

Social Media for Children and Teenager – Social Media और बच्चे – कैसे रखें अपने बच्चों का ध्यान – Social Media and Children – Monica Gupta

November 9, 2017 By Monica Gupta 1 Comment

Importance of Time Management for Ladies – महिलाएं स्मार्ट कैसे बनें – अपने लिए समय निकालें

Importance of Time Management for Ladies

Importance of Time Management for Ladies – महिलाएं स्मार्ट कैसे बनें – अपने लिए समय निकालें – Why Time Management Is Important for housewives…  housewives के लिए Time Management  किसलिए जरुरी है…

Importance of Time Management for Ladies – महिलाएं स्मार्ट कैसे बनें – अपने लिए समय निकालें

Time Management  का टोपिक है ?? अरे बोर ही होगा !! यही सोच होती है न हमारी !!चलिए इसे interesting बनाते हैं

 

 

मान लीजिए आपके सामने दो आप्शन हैं एक टाईम मैनेज करना और एक स्मार्ट बनना तो कौन सा चुनेगीं अगर मैं आपसे पूछू कि आप टाईम मैंनेज करना चाह्ती हो तो आप कहेंगी..

अरे नही अरे क्या करना ठीक है बस सारा दिन घर पर ही तो रहना होता है अगर अब मैं आपसे कहूं कि आप स्मार्ट बनना चाहती हैं तो आप का क्या कहना होगा .. स्मार्ट..  अरे क्यो नही कौन नही बनना चाहेगा स्मार्ट..

तो अगर आप टाईम मैनेज कर लेंगी तो आप भी स्मार्ट बन जाएगी… हर किसी की नजरों में आ जाएगी और सभी आपको सराहेंगें  ना टेंशन होगी न हबडा तबडी होती न कुछ नुकसान होगा इसलिए स्मार्ट बनने के लिए  Time Management  जरुरी है

अब बात आती है किसलिए भई … इसे करने से क्या फायदा होगा … तो यकीन मानिए इसे अपनाने से क्या क्या नही होगा

1 संतुलन यानि बैलेंस बना रहेगा

सबसे पहले तो मान के चलिए कि दिन में 24 घंटे ही होते हैं यानि समय सीमित है अगर हम समय मैंनेज करके चलेगें कि इस समय ये करना इस समय वो करना है तो हबडा तबडी भी नही होगी.. उसी बहाने हम ओरगेनाईज भी रहेंगें.. जैसे मान लीजिए रात को सोने से पहले आप किचन मैनेज करके सो रहे हैं कि सुबह रसोई साफ मिले और असरा काम आराम से हो अजए.. बच्चों की यूनिफार्म रात को ही प्रेस करके सो रही हैं ताकि सुबह अगर लाईट न भी तो दिक्कत न हो

2 मल्टी टाक्सिंग से बचेगें

हमारे साथ क्या होता है कि एक साथ बहुत सारे काम करने लगते हैं किसलिए कि मैंनेज नही कर पा रहे तो खाना अभी बन रहा है.. कपडे भी धुल रहे हैं, फोन भी बज रहा है.. कूकर से दाल निकल रही है.. बच्चा रो रहा है…  मेहमान भी आने वाले हैं और घर एक दम मैस बना हुआ है.. अगर हम ओरेगेनाईज होंगें तो ऐसा तो बिल्कुल नही करेंगें

3 हमारा तनाव कम होगा..

यकीनन इससे तनाव जरुर कम होगा… सारा दिन इसी बात का तनाव रह्ता है कि समय नही मिलता दिन कैसे बीत जाता है पता ही नही चलता… तनाव कम होगा … जिससे हम बच्चों से प्यार से पेश आएगें कोई घर पर आएगा तो उसका स्वागत मुस्कुरा कर करेंगें नही तो मेहमान का नाम सुनते ही तनाव हो जाता है … घबराहट चिंता हो जाती है. कमरा ठीक करो. घर में चाय नही है नमकीन नही है जा कर बिस्कुट ले आओ पैप्सी ले आओ ..

4 हम रोल मॉडल बन सकते है

बच्चों को समझाते हैं कि समय मैंनेज करो समय पर उठो पर खुद नही करते तो क्या बच्चा समझेगा ?? बिल्कुल नही … वो भी आप जैसा ही बनेगा…  अगर हम बच्चे के सामने उदाहरण पेश करेंगें तो बन गए न हम रोल मॉडल…

 5 अपने लिए समय मिलेगा…

समय मैंनेंज किया होगा तो अपने लिए समय मिलेगा … नही तो सारा दिन उलझे ही रहेंग़ें काम में कोई समय नही कपडे धोने का, कोई समय नही टीवी देखने का, कोई समय नही गप्पे मारने का … सब मिसमैनेज…  जबकि न सिर्फ टाईम मैंनेज करके घर अच्छा बना सकती है बल्कि अपने लिए कुछ क्रिएटिव काम भी कर सकती हैं

benefits of benefits भी होंगें … अच्छी नींद भी ले सकती हैं अपनी पसंद का काम भी कर सकती हैं अपने शरीर का ख्याल रख सकती है अपने आप को स्मार्ट रख सकती है..

तो बन जाएगी स्मार्ट … स्मार्ट सफल हाऊस वाईफ बन सकती हैं और ये सारी खास बातें आप मे आ जाएगी तो आप एक स्मार्ट हाउस वाईफ बन सकती हैं क्योकि सारा काम आप सुचारु रुप से करती हैं कोई तनाव नही कोई हबडा तबडी नही तो लोग आपका उदाहरण देंगें कि इनसे सीखों …

Importance of Time Management for Ladies – महिलाएं स्मार्ट कैसे बनें – अपने लिए समय निकालें

November 8, 2017 By Monica Gupta 23 Comments

How to Publish Your Article Online – अपने लेख को कैसे प्रकाशित करें – लिखने की कला – लेखन की टिप्स

How to Publish Your Article Online

How to Publish Your Article Online – अपने लेख को कैसे प्रकाशित करें – लिखने की कला – लेखन की टिप्स – लेखकों के लिए, अपना लिखा पब्लिश कहां करें. बहुत लोगो को लिखने का बहुत शौक होता है बहुत कुछ लिखते भी हैं  पर इस बात की भी जानकारी नही होती कि कहां पोस्ट करें बहुत सारे कमेंटस यही जानने के लिए आते हैं कि कहां पोस्ट करें ??

How to Publish Your Article Online – अपने लेख को कैसे प्रकाशित करें

तो मेरा यही कहना होता है कि आज के समय में तो सोशल मीडिया एक शानदार प्लेटफार्म है… एक समय था जब लेखक दर दर भटकते रहते थे.. कोई प्लेटफार्म ही नही था.. तब तो सोचने वाली बात थी… पर आज तो नेट हमारे लिए एक वरदान बन कर आया है इसका पूरा फायदा तो उठाना ही चाहिए…

 

लेखको के लिए तो ब्लॉगिंग करना सपना सच होने जैसा है.. हम खुद ही लेखक होते हैं और खुद ही सम्पादक और खुद ही पब्लिशर.. किसी की इंतजार नही करनी, बस लिखा और पब्लिश कर दिया..

ये बात मैं अपने अनुभव के आधार पर ही कह रही हूं.. पह्ले पहल तो सुनकर एक बार मुझे भी लगा था कि इतना भारी भरकम शब्द है ब्लॉगिंग.. पता नही क्या होता है फिर जब और भी दो नाम सुने कि डोमेन और वेब होस्टिंग … तो सोचा कि नही भई ये मुझसे न हो पाएगा … पर जैसे जैसे मैं लिखती रही और पोस्ट डालती रही तो कोफिडेंस  सा आता गया.. और आज उसे आधार पर मैं ये कह रही हूं कि अगर राईटिंग आपका पैशन है आपका शौक है तो ब्लॉगिग बेस्ट है

ब्लॉगिंग बहुत अच्छा माध्यम है.. जैसे मेरा ब्लॉग है www.monicagupta.info इसमें मैंने सब कुछ डाला हुआ है जैसे आर्टिकल, कार्टूंस, न्यूज पेपर में जो लेख छपे ओडियो या वीडियोज.. इसको लिखने के बारे में सोशल नेटवर्किंग साईटस जैसे फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस, पिनट्र्स्ट में शेयर भी कर लेती हूं…

अब आपके मन मे आ रहे होंगें 3 सवाल

  1. क्या ये मुश्किल होता है
  2. कितना खर्चा आता है
  3. कैसे करें

अब मैं देती हूं पहली बात का जवाब कि क्या ये मुशिकल होता है …

तो मैं बताना चाहती हूं कि अगर आप कंप्यूटर पर टाईप करना जानते हैं तो आप ब्लॉगिंग भी कर सकते हैं

दूसरी बात ये कि कितना खर्चा आता है??

तो देखिए एक महीना 200 रुपये से भी कम खर्च में आप अपने नाम का डोमेन ले सकते हैं और डोमेन होता है हमारा नाम जैसाकि मेरे नाम से है ब्लॉग, आप भी अपने नाम से बना सकते हैं या जो भी आपके रुचि हो फिर होता है

वेब होस्टिंग जोकि जरुरी होता है होस्टिंग होती है ये आपके ऊपर है कि आप एक साल की लेना चाहते हैं या दो साल की …ब्लॉग बनाने के लिए जरुरी होती है.. कि मान लीजिए आपने कुछ लिख कर पोस्ट करके अपना  कंप्यूटर बंद कर दिया पर जब सुबह देखा तो उसमे कमेंटस आए हुए थे… ये काम होता है जो साईट जोकि 24 घंटे खुली रहती है.. दुनिया में कहीं पर बैठा आपकी साईट देख सकता है..

तीसरी बात की कैसे करें…

अगर आप करना चाहते हैं मन बना लिया है तो आप भी चिंता मत कीजिए क्योकि हमने ब्लॉग कैसे करना पोस्ट कैसे डालनी है या फोटो कैसे डालनी हैं इसकी सारी वीडियोज हैं और अगर कुछ पूछ्ना हो तो आप फेसबुक पर मैसेज करके पूछ सकते हैं…

मुझे लगता है लेखको के लिए ब्लॉग बनाना ब्लार्गर होना  किसी वरदान से कम नही.. तो जो भी जानकारी चाहते है वो आप मुझे मेरे फेसबुक पेज पर करके पूछ सकते हैं…

आपके कमेंटस का मुझे इंतजार रहेगा …

How to Publish Your Article Online – अपने लेख को कैसे प्रकाशित करें – लिखने की कला – लेखन की टिप्स

November 7, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How Teenagers should Behave with Parents – Teenager बच्चे parents से कैसे behave करें

How Teenagers should Behave with Parents

How Teenagers should Behave with Parents – Teenagers अपने पेरेंटस के साथ कैसा व्यवाहर करें… आज मैं बात कर रही हूं टीनएजर्स से …जब से आपने स्कूल जाना शुरु किया या समझ आनी शुरु हुई एक बात तो जरुर भी सिखाई गई होगी कि Respect your elders अपने बडो का आदर करो … अपने बडो का आदर करो पर क्या वाकई में हम आदर करते हैं… जरा बताईए बात बात पर कितना नाराज कितना गुस्सा हो जाते हैं आप…

कई बार किसी बात का जवाब नही देते..

गुस्से में जोर से दरवाजा बंद करते हैं, नाराज हो जाते हैं…

जरा सा भी कुछ कहना उन्हें सहन नही होता. और पेरेंट्स उन्हे अपने दुश्मन लगने लगते हैं

How Teenagers should Behave with Parents

देखिए बताने को तो बहुत सारी बातें हैं पर मैं आपको सिर्फ 5 ही बातें बताऊंगी फिर आप देख लीजिएगा कि उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए उनको रिस्पेक्ट देनी जरुरी है या नही…

तो सबसे पहली बात कि उनके साथ अच्छा व्यवहार इसलिए करें कि उन्हें आदर दें इसलिए कि

 

1. वो deserve करते हैं

वो इसलिए कि वो हमारे बडे हैं हमारे माता पिता है … हमें पता ही नही होता हम भूल जाते हैं  कि हमारे लिए उन्होनें कितने sacrifices किए होंगें. हमारा ख्याल रखा होगा हमारी हर खुशी को प्राथमिकता  दी होगी… और हम हमेशा for granted ले लेते हैं कि ये तो हैं ही… इसलिए रिस्पेक्ट नही करते मम्मी ने तो खाना पूछना ही पूछना है चाहे कितनी भी बतमीजी करो पापा ने तो फीस देनी ही देनी है … चाहे कैसे बोलो… तो ये गलत है…

2.  जैसा देंगे वैसा मिलेगा …

समय हमेशा एक सा नही रहता … आज अगर आप यूथ हैं यंग है तो कल समय कुछ और होगा … आप भी बडे होंगें …जैसा देंगें वैसा ही मिलेगा… अगर आदर मान देंगें तो वही मिलेगा नही देंगें तो आप उम्म्मीद भी नही कर सकते…

3.  वो बहुत experienced होते हैं ..

हमारे पेरेंटस हमसे दुगुनी उम्र के तो हैं हीं यानि उन्हें हममे से ज्यादा अनुभव है… Knowledge हमसे ज्यादा जानकारी है कि क्या सही और कितना सही है… मान लीजिए आपके एक कालिज का जानकार पार्टी दे रहा है फार्म हाऊस पर और क्योकि आप उसे ज्यादा अच्छी तरह नही जानते इसलिए पेरेंटस मना कर देते हैं कि नही जाना.. और हम मुंह फुला कर बैठ जाते हैं कि हमेशा ही मना करते है कही आने जाने नही देते .. बिना ये जाने कि अगर वो मना कर रहे हैं तो क्या वजह हो सकती है… अब यहां अनुभव की बात आती है… वो दूर की सोच रखते हैं और किसी अनहोनी से बचने के लिए मना करते हैं पर और  हमारे कुछ अच्छे दोस्त साथ हैं तो मना नही करेंगें .. इसीलिए वो कहते हैं कि फोन करते रहना … हम उस पर भी नाराज हो जाते हैं कि बच्चा बना कर रखा हुआ है… उनके अनुभव का फायदा उठाना चाहिए

4. वो हमसे प्यार करते हैं

हमारी केयर करते हैं हमारा ख्याल रखते हैं they are our well wishers… शायद दुनिया में सबसे ज्यादा…  इसलिए हर बात पर सतर्क रहते है… मान लीजिए .. बात बात पर पढाई के लिए टोकते हैं किसलिए किसलिए इसलिए कि इस एज में सबसे जरुरी है हमारी पढाई .. अगर हमने अच्छी पढाई कर ली सोच समझ कर कर ली तो हमारा भविष्य बन जाएगा … और बहुत ज्यादा मोबाईल या हर समय फेसबुक मैसेज करते रहेंगें तो पढाई तो डिस्टर्ब होगी ही इसके साथ साथ आखों पर भी जोर पडता है … सेहत पर असर पड सकता है . तो हुई न हमारी भलाई की बात…

  1. हमारे अच्छे भविष्य के लिए

अच्छे भविष्य के लिए ऐसे कि हमारे पेरेंटस सदा हमारे साथ नही होंगें.. हमे बाहर पढने के लिए भी जाना होगा. नौकरी के लिए जाना होगा… जिंदगी में हमे बहुत तरह के लोग मिलेगें कुछ हमसे बडे भी अगर वो वेल्यू देना हम शुरु से ही सीख जाएगें यानि  होंगें कुछ अगर हम घर पर आदर नही दे रहे तो वही स्वभाव बाहर भी झलकेगा… तो कोई हमसे बात करना पसंद नही करेगा… हमारा भविष्य अच्छा हो इसलिए माता पिता के प्रति हमारा व्यवाहर अच्छा होना चाहिए..

 

इसलिए उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए कोई गलती हो जाए तो माफी मांग लेनी चाहिए.. उन्हें महसूस करवाईए कि आप भी उन्हें बहुत प्यार करते है और आपको उनकी चिंता है और घर के छोटे मोटे कामों मे मदद करवाईए वो हमें जिंदगी का ऐसा पाठ पढाते हैं जो किसी किताब में नही मिलता…

एक गाना है ना  ये तो सच है की भगवान है है मगर फिर भी अन्जान है धरती पे रूप माँ-बाप का उस विधाता की पहचान है… ऐसे गाने देख कर कितनी बार भावुक हो जाते हैं ना..  और फिर भी हम अगर आदर मान नही देते तो गलती किसकी है जरुर सोचिएगा … मुझे भी बताई कि आपका क्या विचार है आप अपने मम्मी पाप की केयर कैसे करते हैं जरुर बताईएगा मुझे इंतजार रहेगा …

How Teenagers should Behave with Parents – Teenager बच्चे parents से कैसे behave करें

November 6, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Encourage Children – बच्चों को कैसे encourage करें – बच्चों को स्मार्ट कैसे बनाएं

How to Encourage Children

How to Encourage Children – बच्चों को कैसे encourage करें – बच्चों को स्मार्ट कैसे बनाएं – बच्चे जिस काम में अच्छे हैं जिस काम में उनका interest  है या जो पैशन है उस काम के लिए उन्हें encourage करें..

How to Encourage Children – बच्चों को कैसे encourage करें – बच्चों को स्मार्ट कैसे बनाएं

हर बच्चे में हर बच्चे में कोई न कोई god gift कोई न कोई स्किल होती ही है तो जरुरत इस बात की है उसे पहचान कर उसे encourage करें क्योकि आगे जाकर बढे होकर वही उसकी strength बनेगी पर अगर हम encourage ही नही करेंगें, उत्साहित नही करेंगें उसके साथ समय नही लगाएंगें उसे तो वो शौक खिलने से पहले ही दम तोड देगी…

 

 

इसलिए बहुत जरुरी है पेरेंटस के लिए कि जिस भी चीज में उन्हें बच्चे का शौक दिखे, वो बहुत सारी चीजे हो सकती हैं, वो पढाई हो सकती है वो खेल हो सकते हैं वो गाना हो सकता है वो आर्ट हो सकता है शौक को मारें नही बल्कि बढावा दे .. क्योकि वो भगवान का दिया उपहार है … शुरु से ही प्रोत्साहन करे और उसमे समय लगाएं…

टेलेंट पहचानने के बाद जरुरत इस बात की भी है कि टेलेंट को पहचान कर उसे प्रोमोट भी करें

अब बात आती है कि प्रोमोट करना किसलिए जरुरी है …

कितनी बार हम देखते है कि घर के ड्राईंग रुम में डेकोरेशन पीस की जगह ट्राफी, मैडल, certificate और शील्ड लगे होते हैं जोकि वाकई बहुत encouraging होते हैं.

जब घर पर मेहमान आते हैं तो पेरेंटस गर्व से दिखाते हैं कि ये देखिए मेरे बच्चे ने जीता है … इससे बच्चे का मनोबल बढता है और उसे मोटिवेशन भी मिलती है… तो क्या इतना काफी है या इसका सर्कल और बढना चाहिए बच्चे की उपलब्धि अगर ज्यादा से ज्यादा लोग देखेंगें सराहेगे तो निसंदेह उसे और ज्यादा encouragement मिलेगी…

ये कैसे करें – How to Encourage Children – बच्चों को स्मार्ट कैसे बनाएं

अगर हम कुछ साल पहले ये बात करते तो शायद बहुत कुछ सोचना पडता कि हमारे बच्चे के talent को कहां दिखाएं क्योकि न्यूज पेपर्स भी लिमिटिड होते थे… मुख्य शहरों से ही छपते थे और न्यूज चैनल मे देना अभी सम्भव नही होता था हां अगर कोई जानी मानी सेलीब्रेटी जाए तो कुछ खबर आ सकती थी.. पर हर जगह ऐसा हो ऐसा सम्भव ही नही था … पर अगर आज की बात करें तो आज समय बिल्कुल बदल गया है…

नेट हमारे लिए लेकर आया है अपार सम्भावनाएं यहां न केवल हम सीख सकते हैं बल्कि अपनी प्रतिभा को दिखा भी सकते हैं… !! नेट हमारे लिए एक वरदान हैैैै…

यही बात नेट के माध्यम से बताई जाएगी जैसे कि अपनी छोटी सी वेबसाईट बना कर पूरा पोर्टर्फोलियो उसमे दे सकते हैं और फिर उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं…

जैसे मान लीजिए एक बच्चा टेनिस में बहुत अच्छा है और उसे बहुत ट्राफी, मैडल, सेर्टीफिकेट और शील्ड मिले हुए हैं पेरेंटस उसकी वेबसाईट बना फोटो स्कैन करके, सर्टिफिकेट फोटो कापी करके डेट वाईज डाल सकते हैं कि कहां कहां क्या क्या उपलब्धि मिली और इतना ही नही जैसे जैसे और achievements होती जाए उसे अपडेट भी कर सकते हैं और किसी को बताना है कही admission के लिए documents कोई देखना चाह रहा है तो तो उस साईट का लिंक भी भेजा जा सकता है…

और अगर आपको इस बारे में कुछ जानकारी चाहिए कि किस तरह वेबसाईट या portfolio बनाया जा सकता है तो आप मुझे फेसबुक पर ग्रुप बनाया है वहां मैसेज कर सकते हैं या नीचे कमेंटस मे भी पूछ सकते हैं जरुरत है कि बच्चों के टेलेंट को पहचाना जाए और उसे पहचान दी जाए..

November 5, 2017 By Monica Gupta 1 Comment

Benefits of Positive Thinking in Hindi – सकारात्मक सोच के फायदे – Personal Development Tips in Hindi

Benefits of Positive Thinking in Hindi

Benefits of Positive Thinking in Hindi – सकारात्मक सोच के फायदे – Personal Development Tips in Hindi – Positive रहने के बहुत सारे फायदे….. positive thinking रखना  बहुत important है

Benefits of Positive Thinking in Hindi

मैं हमेशा बोलती हूं कि Positive रहिए और Positive सोचिए … पर फायदा क्या होता है इसका… जब हर जगह नेगेटिविटी है तो हम किसलिए रहें …

 

 

अक्सर ये बात बहुत लोगो के मन में आती है… देखिए Positive रहने की जरुरत इसलिए है कि हम जैसा सोचते हैं वैसा बन जाते हैं इसलिए अगर Positive सोचेंगें तो वैसे बनेगे और नेगेटिव सोचेगें तो वैसा ही बनेंगें..

इसलिए  positive thinking रखना  बहुत important है

Positive रहने के बहुत सारे फायदे हैं मैं आपको 5 बता रही हूं

1. एक जैसी सोच के लोग मिलते हैं… लाईक माईंड लोग मिलते हैं … अगर हमारी सोच सकारात्मक है तो हमें लोग भी वैसे ही मिलेगें यानि सकारात्मक सोच के… Positive mind attracts positive events.

2 हमारे रिश्ते मजबूत होते हैं Positive thinking improves our relationships

मान लीजिए मेरी सोच नेगेटिव है और हर समय किसी न किसी की चुगली, किसी का मजाक बनाती रहती हूं तो क्या आप मुझे पसंद करेंगें मुझे देखते ही दूर भागेगें .. और अगर मेरी सोच सकारत्मक है और मैं जिससे भी बात कर रही हू उनका अच्छा ही सोच रही हू तो वो भी मुझसे जरुर बात करना चाहेंगें तो हमारे रिश्ते मजबूत बनेगें

3 . अब बात आती है अच्छी health की.

Positive सोच हमारे दिल और दिमाग के लिए अच्छी है वो इसलिए कि जब हम किसी का बुरा नही सोचेगे तो stress नही होगा .. तनाव नही होगा तो रक्तचाप नही बढेगा… हमारा दिल और दिमाग सही रहेगा.. तो हम स्वस्थ रहेंगें

4 Positive thinking से tolerance यानि सहनशक्ति बढती है

हमारी सहनशक्ति बढती है… मान लीजिए मुझे किसी बात पर बहुत गुस्सा आ रहा है पर मैं नही कर रही क्योकि मुझमें पाजिटिव सोच है इसलिए tolerance भी है कि गुस्सा नही करना .. तो मैं किसी भी बात को सहन कर सकती हूं ये बात तो रिसर्च में भी साबित हो चुकी है कि जो लोग सकारात्मक दर्द तकलीफ का मुकाबला आराम से कर लेते हैं किसी भी तरह की शारीरिक तकलीफ भी क्यों न हो उसका मुकाबला आराम से करते हैं ज्यादा हौवा नही बनाते..आशावादी और निराशावादी

5 ) Blessings है सकारात्मक सोच

हमारी जिंदगी में बहुत सारी अच्छी चीजे होती है अगर हम सोच सकारात्मक रखेंगें .. देखिए ये तो हम जानते ही हैं जैसा देगें वैसा ही मिलेगा.. अगर अच्छा देंगें तो अच्छा बुरा देंगें तो बुरा … तो अच्छा देंगें तो स्वाभाविक है कि अच्छा ही मिलेगा.. खुशी देंगे किसी को तो खुशी ही मिलेगी… किसी का ख्याल रखेंगें तो कोई हमारे लिए भी फ्रिक करेगा blessings.

हैं एक तरह से Positive सोच… अगर आप एक बार इसे अपना लेंगें तो जिंदगी आसान और खूबसूरत होती जाएगी … वैसे आप बताईए आप क्या सोचते हैं इस बारे में Key of success की चाबी है Positive रहना

Benefits of Positive Thinking in Hindi – सकारात्मक सोच के फायदे – Personal Development Tips in Hindi

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