Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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September 16, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें – Qualities in a Good Friend – अच्छे दोस्त के गुण – #TipsForTeens

Monica Gupta

सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें – Qualities in a Good Friend – अच्छे दोस्त के गुण – #TipsForTeens एक अच्छे मित्र या सच्चे मित्र के  गुण क्या होते हैं ? सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें ?? कौन होता है सच्चा दोस्त कैसे पहचाने … कल एक मैसेज आया उसमे लिखा था कि मैं 11 क्लास में हूं और जानना चाहता हूं कि सच्चा दोस्त कौन होता है..

 सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें – Qualities in a Good Friend

कैसे चुने  जो सारा समय हमारी प्रशंसा करता है हमारे साथ रह कर हर बात में हां में हां मिलाए या ..

तो आईए जानते हैं कि हम किसे सच्चा दोस्त मान सकते हैं

सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें

चलिए शुरुआत इसी से करते हैं हां में हां मिलाने वाली बात से

 

सच्चा दोस्त well wisher शुभचिंतक होता है  हमें सही राह दिखाता है हमेशा हमारा अच्छा सोचता है

सच्चे मित्र हमेशा आप को सच्ची बात बताते हैं.  हमें हमेशा सही बात बताते हैं अगर मेरी बात से सहमत नही तो मेरी हां में हां नही मिलाएगें बल्कि मैं कहां गलत हूं वो जरुर बताएगें … और उनका प्रयास रहेगा कि हम सुधार भी कर ले … सही एडवाईज देंगें. मीठी-मीठी बातें ही नही अच्छे दोस्त का फर्ज है कभी-कभी कड़वा सच बोल कर अपनों को सावधान करता रहे..

एक अच्छा दोस्त हमेशा sincere होता है

Sincere होता है अच्छा और सच्चा दोस्त. अगर इससे हमने कोई बात कोई हमारी कमजोरी या कोई हमारी गलती  शेयर की तो वो अपने तक ही रखता है ये नही कि दूसरों को बता कर मजाक उडाता फिरे … इतना ही नही वो हमें भी उसे भूलने और अतीत से सीखने की सलाह देता है… सच्चा दोस्त बहुत sincere होता है भले ही बात बात पर हमसे लडता रहे पर कभी हमारा एक आंसूं भी गिरे तो उसे रोकने के लिए पूरी दुनिया से लड जाता है

दूसरों से नहीं करते बुराई

वो ना तो दिखावा करता है न उसमे कोई बनावटी पन होता है वो पीठ पीछे बुराई नहीं करते अच्छे दोस्त कभी दूसरों के सामने हमारी बुराई नहीं करते। अगर उन्हें किसी बात का बुरा लगता है तो वे सीधे बात करके मसले को सुलझाने की कोशिश करते हैं पर ये नही कि अभी एक दोस्त के साथ तो उसकी बुराई करनी शुरु कर दी और अगर वो सामने आ जाए तो उसकी प्रशंसा शुरु … जैसे मान लीजिए दो दोस्त खडे हैं और मेरी बात कर रहे हैं मेरी बुराई .. और जैसे ही मैं सामने जाऊंगी तो क्या बोलेग़े अरे वाह बहुत लम्बी उम्र है अभी हम तुम्हारी ही बात कर रहे थे … और फिर मुंह पर हाथ रख कर हसेंगें.. मजाक उडाएगें और हाई फाईव करके हंसेंगें.

हमें हमेशा प्रोत्साहित करता है

अच्छे दोस्त की ये पहचान होती है कि हमें हमेशा encourage करता है मान लीजिए क्लास टेस्ट है और मेरे नम्बर कम आए तो मैं उदास हो गई तो मुझे समझाएगा कि उदास होने की जरुरत नही .. नम्बर कहां कम आए पता करके डबल मेहनत से पढाई करों यानि discourage नहीं करते. आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. एक अच्छी किताब 100 दोस्तो के बराबर होती है पर एक अच्छा उत्साहित करने वाला दोस्त तो पूरी की पूरी लाईबरेरी होता है

 साथ नही छोडते …

ये बात तो बहुत बार पढी और सुनी है कि बुरे समय में बहुत लोग साथ छोड जाते हैं पर वो हमेशा साथ खडे नजर आते हैं बुरे समय में जब कोई आपके साथ नहीं देता तब सच्चा मित्र साथ खडा नजर आता है.

सच्चे मित्र हमेशा हमारे लिए समय निकालते हैं

देखिए हर कोई व्यस्त है  हर कोई अपने जीवन में व्यस्त होता है समय किसी के पास नही पर सच्चा दोस्त वही है जब जरुरत हो वो साथ खडा हो चाहे  दुख हो या सुख हो … जैसे मान लीजिए मैं अपनी सहेली को फोन करुं कि आ जाओ मुझे बहुत जरुरी काम है तो वो बोले कि आज तो नही आ सकती .. कल आ जाऊंगी … अब बताईए कि कैसे मैं उसे अपना अच्छा दोस्त कह सकती हूं तो फिर ऐसे मित्र होने का क्या फायदा?

Selfish Motive

अक्सर हमने देखा है कि दोस्त किन लोगो के ज्यादा होते हैं या तो हमारे पास पैसा है कि हम कैंटीन में दोस्तों को खूब खिलाते हैं या मेरा कोई रिश्तेदार टीचर है, या बहुत पद पर है जिससे उसका भी फायदा हो सकता है या फिर उसके पास कोई कम्पनी नही नही अकेला रहता है इसलिए उसने आपको दोस्त बना लिया … जो सच्चा दोस्त होता है उसका कोई selfish motive नही होता वो बस हमें पसंद करता है इसलिए दोस्त बनाता  है … इसके इलावा कोई और उद्देश्य नहीं होता

सच्चा दोस्त हमारी पूरी बात सुनता है …

आपके सच्चे मित्र आपको अच्छी तरह से सुनते और समझते हैं और आपकी बातचीत के बीच बाधा नहीं डालते. एक सच्ची दोस्ती ऐसी स्थिति में कभी संतुलित नहीं रहती जिसमें एक बातचीत कर रहा हो और दूसरा उसकी बातचीत में टोका-टोकी कर रहा हो. तो आपको भी अपने मित्र को सुनना चाहिए, क्योंकि आप भी सच्चे मित्र बनना चाहते हैं न!

विश्वासपात्र होते हैं और हम उन पर पूरा भरोसा कर सकते हैं

कामयाबी से खुश होते हैं अच्छे दोस्त कभी भी हमारी सफलता पर जलते नहीं हैं..  वे आपकी सफलता की खुशी मनाते हैं और जीवन में आपके इसी तरह सफल होने की कामना करते हैं… और अगर हमें किसी दूसरे के साथ देखते हैं तो जलन नही करते …

50 दोस्त की जगह एक सच्चा दोस्त ही बनाना अच्छा हैं.

कल एक सहेली मिली बहुत खुश की पांच हजार दोस्त हो गए.. फेसबुक पर ये बडी उपलब्धि नही है एक महीने में 100 पांच सौ दोस्त बनाना बडी उपलधि नही है बल्कि एक दोस्त को 50 साल तक निभाना लम्बे समय तक साथ निभाना असली उपलधि है…

एक सच्चा दोस्त कभी भी गलत रास्ता नहीं दिखाता

सच्चा दोस्त सही रास्ता ही दिखाता है स्कूल बंक करके मूवी जाना या नशा करना , देर पार्टी में जाना घर पर झूठ बोलना या घर से पैसे चुराने के लिए प्रेरित करना बुरे या गलत रास्ते पर चलना .. एक अच्छे दोस्त नही हो सकता …

नीचा दिखाने की कोशिश नहीं, व्यर्थ की बहस शुरू नहीं करता अगर कभी मुसीबत में हों तो बजाय भाग जाने के हमें सही राह दिखाते हैं और भी बहुत सारी खूबियां होती हैं कुल मिला कर

ये दोस्ती भी एक रिश्ता है जो निभा दे वो फरिश्ता है

वैसे आप क्या  सोचते हैं ??

सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें – Qualities in a Good Friend – अच्छे दोस्त के गुण – #TipsForTeens

September 15, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

आदर्श विद्यार्थी के गुण – The ideal student – Student Life is Golden Life

Monica Gupta

आदर्श विद्यार्थी के गुण – The ideal student –  Adarsh Vidyarthi Ke Gun – एक अच्छा Student बनने के लिए क्या खासियत होनी चाहिए. हर माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा एक अच्छा Student बनें और बच्चे भी चाह्ते हैं कि वो अपने टीचर्स की नजरों में आए… तो क्या खास बात होनी चाहिए एक अच्छे Student में

आदर्श विद्यार्थी के गुण – How to Be a Good Student

चलिए अपनी बात बताने से पहले एक छोटी सी कहानी सुनाती हूं एक लडका काम की तलाश में दूसरे गांव में गया.  गांव के बाहर कुछ लोग बैठे थे. लडके ने पूछा मैं इस गांव मे रहना चाह्ता हूं यहा कैसे लोग रहते है इस पर एक गाव वाले ने पूछा कि आप जिस गांव से आए हो वहां कैसे लोग रहते थे इस पर वो लडका बोला कि वो जरा भी अच्छे नही थे बडे ही गंदे लोग थे यह सुन कर एक आदमी बोला कि आपको यहां भी ऐसे ही लोग मिलेगें और  लडका ये बात सुन कर चला गया.

कुछ समय बाद उस गांव में एक दूसरा लडका  आया उसने भी  बाहर बैठे लोगों से यही पूछा कि मैं इस गाव में रहना चाह्ता हूं गांव में कैसे लोग रहते हैं एक गांव वाले ने फिर वही बात पूछी कि आप जहां से आए हो वहां कैसे लोग रहते थे .. लडके ने बताया कि बहुत ही अच्छे और मिलनसार लोग है पर मेरी मजबूरी है कि मुझे गांव छोडना पडा. इस पर गांव वाले ने कहा कि यहां भी ऐसे लोग रहते हैं

आईए आपका स्वागत है ..असल में, हम जैसे होंगे हमे लोग भी वैसे ही दिखाई देंगें अगर हम अच्छे है तो हमे अच्छे लोग ही मिलेंगें

 

 

 

अब प्रश्न यह उठता है कि हम अच्छे कैसे बनें …क्या क्या खास बात Student में होनी चाहिए …

The ideal student – How to Be a Good Student

सबसे पहले बात आती है Respect आदर मान की…

अपने माता-पिता का,  अपने टीचर्स का,  अपने से बड़ों का सम्मान करना आना बहुत जरुरी है..

Discipline अनुशासन के नियमों का पालन करना  आना चाहिए चाहे स्कूल में अनुसाशन हो या घर पर

Value of Time समय की वेल्यू समझनी चाहिए.. जिंदगी मेहनत कर ली उसका फल भविष्य में जरुर मिलेगा …

Love youngers अपने भाई बहन से भी प्यार से बात करे और अपने दोस्तों से आराम से बात करें

अपशब्दों का इस्तेमाल तो बिल्कुल ही नही करना चाहिए और अगर कोई बच्चा या दोस्त गाली देकर बात करता है तो पहले तो उसे समझाए पर अगर फिर भी वो नही मानात तो उसका साथ छोड देने में ही समझदारी है..

Company अपनी संगत अच्छी रखनी चाहिए और अगर कोई नशा करता है तो तुरंत उससे दूरी बना लेनी चाहिए

स्वभाव बहुत अच्छा और विनम्र होना चाहिए

Confidence आत्मविश्वास अंदर होना

Hardworking मेहनती होना चाहिए .. , ये सोचकर चलना चाहिए कि बिना मेहनत कुछ हासिल नही होता. इसलिए जो स्कूल में काम करवाया जाए उसे नियमित याद भी करे और होमवर्क पूरा करे

जरुरत इस बात की है कि पढाई पूरी तरह से dedicated  होकर करनी चाहिए.

पहले समय में तो   25-25 वर्ष में विभाजित इन चार भागों को चार आश्रमों में बांटा गया है, ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास।

आदर्श विद्यार्थी के पाँच लक्षण बताये गये हैं

काकचेष्टा बकध्यानं श्वाननिद्रा तथैव च।  स्वल्पाहारी ब्रह्मचारी विद्यार्थिपंचलक्षणम्।

काक चेष्टा- कौए की तरह प्रयत्नशील रहना क्योंकि उसकी चेष्टा विलक्षण होती है.  जब तक वह लक्ष्य ना पा ले  कोशिश में ही लगा रहता है.

बको ध्यानं  अर्थात् बगुले की तरह पूर्ण मन से अपना ध्यान लगाकर भक्ष्य (लक्ष्य) हासिल करना। मन लगाकर ग्रहण की गयी विद्या ठीक से स्मृति में बैठती है जैसे वो एक पैर पर खडा होकर मच्छ्ली पर पूरा ध्यान लगाए रखता है.

श्वान निद्रा – Dog हमेशा सावधान रहते हुए सोता है. थोङी सी आहट पर सक्रिय हो जाता है। छात्र के लिये सीमित निद्रा लेना पर्याप्त है। आरामप्रिय, विलासी होकर यथेच्छ नहीं सोना चाहिए बल्किि केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से यथोचित सोना चाहिए. आलस्य  को छोङ देना चाहिए.

अल्पाहारी- अधिक भोजन लेने पर निद्रा क प्रभाव जल्द होगा और देर तक नींद आएगी इसलिए  विद्यार्थी को पौष्टिक अल्पाहार जरूरी है.

ग्रह त्याग –  घरेलु सुख और आराम का जीवन विद्यार्थी के लिए उचित नही है.  विद्यार्थी जीवन त्याग और तपस्या का  जीवन है पहले समय में तो बच्चे बाहर रह कर ही पढाई करते थे. होस्टल बने होते थे..

वैसे पहले तो ये कहा जाता था कि (सुख चाहने वाले) को विद्या

और (विद्या चाहने वाले) को सुख छोङ देना चाहिये

सुख और विद्या एक साथ संभव नहीं है…

वैसे आप क्या सोचते हैं इस बारे में…

आदर्श विद्यार्थी के गुण – The ideal student – Student Life is Golden Life

The ideal student – how to be a good student ,

September 14, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Benefits of Being Busy – व्यस्त रहने के फायदे – खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life

Monica Gupta

Benefits of Being Busy – व्यस्त रहने के फायदे  – बिजी रहने के बहुत benefits ,  advantages फायदे हैं…  खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life. इससे पहले video मे मैंनें बताया था कि व्यस्त रहना किसलिए जरुरी है फिर बताया कि किस तरह से बिजी रहा जा सकता है और अब बात हो रही है benefits की

Benefits of Being Busy – व्यस्त रहने के फायदे

जो  मैंनें महसूस किया वो है कि busy रहने के बहुत सारे फायदे हैं… benefits ,  advantages सुनकर तो वैसे भी स्माईल आ ही जाती है तो सबसे बडा benefits यही है कि

 

स्माईल आ जाती है

हमारे माथे पर बल खत्म हो जाते हैं क्योकि जब हम खुद को बिजी नही रखते , बोर होते हैं, टाईम पास करते हैं , इधर उधर बे फालतू की बातें होती हैं नेगेटिव विचार मन में आते हैं हर बात पर तनाव होता है हर बात को टेंशन बना लेतें हैं और जब हमने खुद को व्यस्त रखना शुरु कर दिया तो तनाव चला जाएगा … तनाव गया तो माथे पर पडे बल भी चले जाएगें और उसकी जगह ले लेगी स्माईल …

परिवार खुश रहेगा..

जब हमारे चेहरे पर स्माईल रहेगी तो हम हर काम उत्साह के साथ करें%गें खुश होकर करेंगें तो क्या होगा परिवार खुश होगा या नाराज … जी खुश ही होगा … पहले सुबह उठते साथ से ही किच किच शुरु हो जाती थी … पर जब चेहरे पर स्माईल रहेगी तो कौन किच किच करेगा ..

Self-Accomplishment की भावना – आत्म उपलब्धि

Feeling of Self-Accomplishment… कि हमने भी कुछ पाया है … एक होती है बाहरी खुशी जोकि अक्सर हम दिखावा करते हैं और एक होती है अंदरुनी हंसीं भीतरी खुशी … वो जब आ जाए तो हमारे शरीर में खुद ब खुद चमक आ जाती है हमें पार्लर वार्लर कही जाने की जरुरत नही पडती.. ऐसा महसूस होता है मानों कोई उपलब्धि मिली है

Self-Confidence

और जब ये सब होता है तो अलग सा आत्मविश्वास आ जाता है

और हम दूसरों को भी बताने लगते हैं… जैसे मान लीजिए आपने अपने समय को वेस्ट नही किया और आपने नियमित अखबार पढना शुरु कर दिया और आपकी जनरल नॉलिज बढानी शुरु कर दी फिर एक बार आप दस दोस्तों के बीच में बैठे और क्योकि उस विषय का आपको ज्ञान था आपने बताना शुरु कर दिया … तो दूसरे तो हो ही जाएगें न आपसे प्रभावित कि अरे वाह !! कब सीखा.. हमें भी बताओ… दस जगह हमारा उदाहरण दिया जाएगा.. तो क्या होगा… आएगा न आत्मविश्वास !!

Learning and Development

व्यस्त रहने से हमारी सीखने की भावना बढती हैं… मान लीजिए हमने ब्लॉग बना लिया और उसमें आर्टिकल लिखने शुरु कर दिए और लोगो की प्रतिक्रिया भी आने शुरु हो गई… तो आपका मन करेगा कि और अच्छा कुछ लिखूं इसके लिए हम और सर्च करेंगें और पढेगें…यानि हम नई नई skills सीखगें

 नए नए आईडियाज आएंगें

और हम बेहतर करते जाएगें. हमारा दिमाग चलता ही रहता है The brain is always working. यानि एक्टिव रहता है

समय की वेल्यू करना सीख जाएगें

पहले जो समय हम सारा दिन कभी इधर उधर बैठ कर चुगली चपाटी करते , घंटो फोन पर लगे रहते किसी के घर जाते तो घंटो बैठे रहते पर जब समय का सही इस्तेमाल करना शुरु किया तो समय की वेल्यू पता चल जाती है.. पहले लोग कहते कि कब जाओगें पर अब लोग क्या कहेंगें कब आओगे

Source of Income

कई बार ये कमाई का साधन भी बन जाता है मान लीजिए आपने blog शुरु किया इसलिए कि आप खाली नही बैठना चाह्ते थे और उसमे नियमित आर्टिकल पोस्ट करने लगे और एक दिन हम क्या देखते हैं कि उससे हमें Income शुरु हो गई … तो हुई न ये खुशी वाली बात !!

लाईफ स्टाईल बदल जाएगा 

इससे क्या होगा … हमारी सोच हमारा नजरिया बदल जाएगा और हम और भी ज्यादा क्रिएटिव होते जाएग़ें

समाज में सम्मान मिलेगा

जब हम सोशल वर्क करेंगें तो हमारी पहचान बनेगी और समाज में हमारा नाम होगा.. मान लीजिए आप रक्तदान के क्षेत्र में बहुत काम कर रहें हैं या जब भी उससे जुडी बात होगी आपको याद किया जाएगा या  आपने बहुत अच्छा आईडिया दिया स्वच्छता को लेकर और उसे बहुत लोगो ने बहुत पसंद किया तो आप अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए

अब इसके benefits ऑफ benefits भी हैं मान लीजिए आपकी पहचान बनी तो इसका फर्क आपके परिवार पर भी तो होगा … आप गर्व से बताएगें कि हां वो मेरी मम्मी है या मेरे पापा है.. या हां वो मेरे पास के रिश्तेदार हैं … जो कभी बहुत दूर के हुआ करते थे .. अब पास के रिश्तेदार बन जाते हैं..

सुपर मॉम या सुपर मैं बन सकते हैं

और आप प्रेरणा बन जाएगें लोग आपके पास टिप्स लेने आने लगेग़ें कि ये आपने कैसे किया …

अब बस एक चीज के लिए समय नही बचता …

आप भी भूल गए उसको…..और वो है Negativity है कोई समय उसके लिए तो … सबसे अच्छी बात की negativity  भाग जाती है और उसकी जगह पॉजीटिव बातें ले लेती है …

इसलिए कहते हैं कि Doing something is better than doing nothing इसलिए कोशिश यही करनी चाहिए कि खाली नही बैठना कुछ न कुछ क्रिएटिव करते रहना है शोध भी किए गए और यही नतीजा निकला कि जो लोग खाली नही बैठते व्यस्त रहते हैं वो खाली रहने वाले लोगो की अपेक्षा ज्यादा खुश रहते हैं क्योकि व्यस्त रहने के नतीजे अच्छे होते हैं Going Further…

व्यस्त रहने के फायदे – Benefits of Keeping Yourself Busy – खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life –

खुद को व्यस्त कैसे रखें – How to Keep Yourself Busy – खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life

September 13, 2017 By Monica Gupta 1 Comment

खुद को व्यस्त कैसे रखें – How to Keep Yourself Busy – खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life

Monica Gupta

खुद को व्यस्त कैसे रखें – How to Keep Yourself Busy – खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life – how to make yourself busy and happyव्यस्त रहें – how to make yourself busy and happy इससे पहली वीडियों मे मैंने बताया था कि खुद को व्यस्त रखना कितना जरुरी है खाली बैठना बिल्कुल भी सही नही… आज मैं बता रही हूं कि खुद को बिजी कैसे रख सकते हैं.. व्यस्त रहें मस्त रहें

खुद को व्यस्त कैसे रखें – How to Keep Yourself Busy – खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life

सबसे पहले तो वो कीजिए जो करना आपको बहुत पसंद है FIND YOUR PASSION आप उन activities में खुद को खुद को बिजी कर लीजिए.

 

तो अपने आप को टटोलिए कि आप किस बात को पसंद करते हैं आपका पैशन क्या है. मान लीजिए राईटिंग तो  blog बना सकते हैं पसंद हैं कुकिंग पसंद हैं तो अपने सर्कल में आप tips दे सकते हैं या अखबार की मैगजीन के लिए आर्टिकल दे सकते हैं या रेसीपी से related आप किताब भी लिख सकते हैं इसके लिए पहले आप नेट से नॉलिज इकठ्ठा करके और फिर जैसा चाहें उसे shape दे दीजिए … देखा हो गए न आप busy…

Share your knowledge – TAKE CLASSES

आप क्लास ले सकते हैं .. अपनी नॉलिज के आधार पर या जानकारी के आधार पर आपको जो पसंद हैं वो क्लास लेकर बता सकते हैं मान लीजिए आपको स्कूल टाईम में maths या science बहुत पसंद था आप क्लास लीजिए …

कितने पैरेंटस खोज रहे होते हैं अच्छा कोच … या आपने ब्यूटिशियन का कोर्स किया हुआ है वो कोर्स आप शुरु कर सकते हैं या आपको pets के बारे में बहुत जानकारी है आप इसका कोर्स शुरु कर सकते हैं while keeping yourself busy you can do this.

WORKOUT

व्यायाम कर सकते हैं मान लीजिए कुछ भी समझ नही आ रहा कि कैसे बिजी रखें तो योगा करके या मैडीटेशन करके खुद को बिजी रख सकते हैं इससे आप healthy  भी रहेंगें और आप खाली भी नही रहेंगीं

ये stress reliever का काम करेगा और अगर busy रहेंगें तो confidence भी आएगा And healthy means happy!

HOBBIES

आप खुद को किसी हॉबी में व्यस्त रख सकते हैं मान लीजिए गार्डनिंग है तो आप उसमें खुद को बिजी कर सकते हैं हो सकता है आपको कोई instrument बजाना आता हो तो उसे शुरु कर सकते हैं

पैंटिंग का शौक हो तो वो शुरु कर सकते हैं कोई नॉवल पढने का शौक हो तो वो शुरु कर सकते हैं..

जनरल नॉलिज की किताबें पढ सकते हैं

हर रोज ऑनलाईन अखबार पढ कर अपना ज्ञान बढा सकते हैं अगर शौक है तो .. या फिर जिसमें शौक है …

देखिए कुला मिलाकर बात Entertain करने की है और आप खुद को Entertain करके जिस भी तरीके से करें आप खुद को व्यस्त रख सकते हैं..

Study a new language – दूसरी भाषा को सीख सकते हैं अगर  शौक है तो बहुत लोग होते हैं बहुत ज्यादा शौक होता है जैसे कि मान लीजिए गुजरात गए तो गुजराती भाषा के दो चार बोलचाल के शब्द … जैसे कैम छो मजा में या

साऊथ गए तो वहां की भाषा जैसे मलयालम कि येन्ना विषेशम .. सुखम तन्नै जैसा कि आप कैसे हैं मैं ठीक हूं या

फिर आप मणिपुर गए तो नग करम तौरी ? यामना फरजई बोल सकते हैं .. कहने का मतलब ये हैं कि नई नई बाते सीख कर आप खुद को बहुत क्रिएटिव बना सकते हैं आजकल नेट पर सब है..

Learn To Play an Instrument जरुरी नही कि हर चीज जो आती है उसे ही शेयर करना.. मान लीजिए कुछ आता ही नही पर शौक बहुत था मान लीजिए आपको गिटार का बहुत शौक था … अब आपके पास समय सीख सकते हैं … या कुछ भी जो सीखना चाहें वो सीख सकते हैं…

Contribute स्वयं को सामाजिक कार्यों में व्यस्त कीजिये..

और इसके इलावा आप खुद को सोशल वर्क से भी जोड सकते हैं … कितने ऐसे काम हैं मान लीजिए Blood Donation  है आप खुद करते हैं तो बहुत अच्छी बात है नही करते तो इसके फायदे जानकर दूसरों को मोटिवेट कर सकते हैं या

फिर स्वच्छता के प्रति लोगो को जागरुक कर सकते हैं …

और भी अगर कुछ समझ नही आ रहा तो एक काम और कर सकते हैं मान लीजिए आपके बच्चे अभी छोटे हैं और अक्सर आप उन्हें पढाते हैं तो उनके lessons आप नेट पर वीडियो के माध्यम से सीख सकते हैं और फिर बच्चों को अच्छे से समझा सकते हैं

जरुरत है कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने की .. क्रिएटिव बनने की. इसके फायदे क्या होंगें ये मैं आपको अगली वीडियों में… 

कहने का मतलब बस यही हैं कि हमारे सामने बहुत सारे options  हैं बस हमें ही जागरुक होना है व्यस्त होना है देखिए जो हो गया सो हो गया

जो खो गया सो खो गया .. जो खोट थी वो गल गई .. जो शेष है वो स्वर्ण है और वो स्वर्ण आप हैं

छोटी छोटी बातें आपकी जिंदगी में बहुत बडा असर डाल सकती हैं

खुद को व्यस्त कैसे रखें – How to Keep Yourself Busy – खुश कैसे रहें – How to be Happy in Life

September 12, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

खुश रहना है तो अपने आप को व्यस्त रखें – Keep Yourself Busy To Stay Happy – खाली समय खराब ना करें

Life of a Teenager

खुश रहना है तो अपने आप को व्यस्त रखें – Keep Yourself Busy To Stay Happy – खाली समय खराब ना करें- खाली दिमाग शैतान का घर – बिजी रहना एक तरह की blessings हैं. khali dimag shaitan ka ghar – क्या आप busy  है ? एकदम बिजी ? बहुत अच्छी बात है बिजी रहना तो बहुत ही अच्छी बात है ये कहना भी गलत नही होगा कि बिजी रहना एक तरह की blessings हैं क्योकि अगर हम busy नही हैं तो हम खाली हैं और खाली दिमाग शैतान का घर होता है … खाली बैठ कर इतने नेगेटिव विचार आते हैं इतने नेगेटिव विचार आते हैं कि पूछिए ही मत…चलिए मैं एक उदाहरण बताती हूं

खुश रहना है तो अपने आप को व्यस्त रखें – Keep Yourself Busy To Stay Happy – खाली समय खराब ना करें

मान लीजिए एक महिला बहुत देर से खाली बैठी है.. बोर हो रही है  फिर सोचती है कि चलो अपनी सहेली को फोन कर लूं सहेली को फोन किया उसने फोन नही उठाया तो… दूसरी बार भी किया फिर नही उठाया.

क्या विचार आने शुरु होंगें

क्यों नही उठाया

बहुत घमंडी हो गई

अपने आप को ज्यादा समझती है

आगे से मैं तो इसके कभी भूल कर भी फोन नही करुगीं…

और तुरंत फोन किसी दूसरी सहेली को मिलाकर उसकी बुराई करनी शुरु कर देती है… दस मिनट बाद फोन रखते ही उसके पास फोन आता है उसी सहेली का वो बोलती है कि उसकी तबियत ठीक नही थी वो डाक्टर के पास गई हुई थी फोन साईलेंट पर रखा हुआ था … अभी मिस कॉल देखी..

अब क्या हुआ ..

हुआ ना समय फालतू की बात सोचने में वेस्ट … अगर यही सोच किसी क्रिएटिव काम मे लगाती खुद को बिजी रखती तो ये सब सोचने का समय ही नही मिलता .. कितना फायदा होता … अब क्या होगा जिससे बुराई कि वो आगे भी नमक मिर्च लगा कर बताएगी और फिर होगा अच्छे वाला बुरा झगडा..

इसी लिए हमें रहना होगा बिजी… ताकि आलतू फालतू के विचार आए ही ना …  . खासकर महिलाएं जो सारा दिन घर रहती हैं … बच्चे स्कूल चले गए और पति ऑफिस… अब क्या करें टीवी भी देख लिया. फोन भी कर लिए मैसेज भी कर लिए पडोसन से गप्पे भी मार लीं अब … अभी भी समय बाकि है तो क्या करें.. इसके लिए जरुरी है कि खुद को व्यस्त कर लिया जाए अगर बिजी नही करेंगें तो नेगेटिव विचार आएगें .. और इन विचारों को लेकर हम खुश तो नही होंगें …

हम निराशा में उदासी में धिरते चले जाएगें और हमें अपना जीवन ही बेकार लगने लगेगा…

एक डायलॉग बहुत कॉमन है .. फिल्मों में नही रियल लाईफ में ज्यादा बोला जाता है … मैं धरती पर बोझ हूं… हे भगवान उठा ले मुझे …मैं किसी काम की नही …  इससे पहले ये बोलने का मौका आए क्यो ना खुद को ही बिजी कर लिया जाए …  इस वजह से negative विचारों की जगह ही नही रहेगी

कुछ लोग व्यस्त होने का दिखावा करते हैं.. घर से जल्दी जल्दी भाग भाग कर आफिस जाएगें और आफिस जाकर गप्पे और चाय का सैशन चलता है इसमें भी किसका नुकसान है

बिजी … तो बहुत ज्यादा सोचने के लिए या बेफालतू की सोच से बचने के लिए और अकेलेपन या तनाव से बचने के लिए बिजी रहना बहुत ज्यादा जरुरी है अब प्रश्न ये आता है कि कैसे रखे खुद को व्यस्त …

एक कहानी भी पढी थी कि एक बच्चे के पैरेंटस उसे होस्टल में छोड जाते हैं … वहां वो अगले ही दिन Principal  के पास जाता है और बोलता है कि मुझे आपका होस्टल अच्छा नही लगा .. यहा बच्चे भी इधर उधर की बातें करते रहते हैं पढाई नही करते और जो दूसरे टीचर है उनका ध्यान भी इधर उधर ही रहता है वो भी चुगलियां ही करते रहते हैं  …

मैं नही रहने वाला जहां मैं वापिस जा रहा हूं… Principal  ने कहा कि ठीक है चले जाना पर जाने से पहले एक काम करो एक गिलास दिया पानी से भर कर और बोले कि इसे लेकर मैदान का चक्कर लगाओ पर इसकी एक बूंद भी नही गिरनी चाहिए इस मैदान के तीन चक्कर लगाओ और फिर चले जाना … लडका चक्कर लगाने लगता है …

बिना बूंद गिराए वो तीन चक्कर लगा लेता है जब प्रिंसीपल के पास आता है तो वो पूछते हैं लगा आए चक्कर वो बोला हां … अच्छा तुमने सुना कि कोई बात कर रहा था… टीचर… वो बोला ध्यान नही दिया… गुरु बोले कि बच्चे तो जरुर  कुछ बातें बना रहे थे .. वो बोला जी ध्यान नही दिया क्योकि मेरा ध्यान पानी और गिलास पर ही था … गुरु जी ने बोला कि अगर खुद को व्यस्त रखोगे तो ऐसी बाते सुनाई ही नही देगी और खाली धूमते रहोगें तो यही होगा … इसलिए

वैसे हमारे पास दो ओप्शन होती हैं या तो व्यस्त रहे या अस्त व्यस्त रहने की अब ये हमारे ऊपर है कि हम किसे पसंद करते हैं

व्यस्त रहिए और खुश रहिए … अगली वीडियों में मैं आपको बताऊंगी कि कैसे व्यस्त रख सकते हैं हम खुद को … वैसे आप क्या सोचते हैं इस बारे में

खुश रहना है तो अपने आप को व्यस्त रखें – Keep Yourself Busy To Stay Happy – खाली समय खराब ना करें

September 11, 2017 By Monica Gupta 1 Comment

जब आवे संतोष धन

Life of a Teenager

जब आवे संतोष धन –  jab aave santosh dhan – जब आवे संतोष धन – जीवन जितना सादा रहेगा तनाव उतना आधा रहेगा… और सादा रहने के लिए हमें क्या करना पडेगा …संतोष रखना पडेगा .. वो कहते भी हैं ना कि जब आवे संतोष धन  !! चलिए आज जानते हैं कि क्या हम संतोषी हैं या नही  कल्पना कीजिए कि आप  बहुत तेज धूप में जा रहे हैं संतोष धन के आगे सारे धन धूल के समान हो जाते हैं. कल्पना कीजिए कि आप  बहुत तेज धूप में जा रहे हैं और आपको एक छ्त मिलती है … तो आप उस छत का सहारा ले लेते हैं.. अब आपको दो विचार आते हैं

जब आवे संतोष धन

एक वाह.. !!  छ्त मिल गई आप कुछ देर खडे रहते हैं फिर पर अगले ही पल आपके मन में विचार आता है कि काश यहां पंखा लगा होता … अचानक वहां पंखा आ जाता है फिर कुछ पल बाद मन में विचार आता है काश यहा कूलर लगा होता … लीजिए कूलर भी हाजिर .. फिर विचार आता है कि काश ए सी लगा होता तो और आराम मिल जाता … चलिए ए सी भी लग गया फिर विचार आता है कि काश गर्मा गर्म चाय होती तो … फिर विचार  आता है कि काश खाना भी होता तो … यानि विचार आए चले जाते हैं वही …

दूसरी ओर बस यही मन में आता है धन्यवाद भगवान !! तेज धूप में आपने कम से कम छत तो दी … किस सोच के हैं आप अपने आपको पहचानिए … हमारी सोच होती तो है कि हमें संतुष्टि नही होती जबकि फायदा संतोष रखने में ही होता है …

 

 

जब आवे संतोष धन

इसी पर एक कहानी भी पढी थी नेट पर..  एक राजा को अपने दरबार के लिए राजपुरुष की जरुरत थी जो बुद्धिमान हो और समाज के कार्य में अपना योगदान दे सके. इसके लिए वो एक प्रतियोगिता करवाते हैं उसमे क्या करना था कि उन्होने अपने बाग में बहुत में बहुत सारी कीमती चीजे रखवा दी … और बोले कि जो भी अपने हिसाब से सबसे महंगी चीज लेकर राजा के सामने आएगा … उसे  राजपुरूष के लिए consider किया जाएगा। प्रतियोगिता आरम्भ होती है…

दूर-दूर से इस बार लाखों की तादात में प्रतियोगी आए..

सभी बाग में सबसे  महंगी वस्तु तलाशने में लग गए…  कोई हीरे-जवाहरात लाते, कोई सोना तो  कई लोग books, तो कोई भगवान की मूर्ति, और जो बहुत गरीब थे वे रोटी, क्योंकि उनके लिए वही सबसे अमूल्य वस्तु थी

सब अपनी क्षमता के अनुसार मूल्य को सबसे ऊपर आंकते हुए राजा के सामने उसे प्रस्तुत करने में लगे हुए थे..

तभी एक youth राजा के सामने खाली हाथ उपस्थित हुआ

राजा ने सबसे प्रश्न करने के उपरान्त उस youth से प्रश्न किया- अरे!  क्या तुम्हें बाग में कोई भी वस्तु अमूल्य नजर नहीं आई? तुम खाली हाथ कैसे आये हो?

राजा जी  मैं खाली हाथ कहाँ आया हूँ, मैं तो सबसे अमूल्य धन  लाया हूँ

राजा ने पूछा… तुम क्या लाये हो… मैं संतोष लेकर आया हूँ राजा जी उसने कहा

क्या संतोष ??

जी राजा जी ! इस बाग में बहुत सारी अमूल्य वस्तुएं हैं पर वे सभी इंसान को क्षण भर के लिए सुख  प्रदान करती हैं  इन वस्तुओं को प्राप्त कर लेने के बाद मनुष्य कुछ और ज्यादा पाने की इच्छा मन में उत्पन्न कर लेता है अर्थात इन सबको हासिल करने के बाद इंसान को ख़ुशी तो होगी लेकिन वह क्षण भर के लिए ही होगी… लेकिन जिसके पास संतोष का धन है, संतोष के हीरे-जवाहरात हैं वही इंसान अपनी असल जिंदगी में सच्चे सुख की अनुभूति और अपने सभी भौतिक इच्छाओं पर काबू कर सकेगा… youth ने शांत स्वर में उत्तर देते हुए कहा

राजा बहुत प्रभावित हुए और सैकडोंं  लोगों में चुना गया  राजपुरूष के लिए सम्मानित किया गया

इसलिए सबसे बेहतर संतोष धन है … वैसे  क्या सोचा आपने…

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