Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 6, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों को कैसे बनाएं Confident – Simple Tips to Overcome Shyness in Kids – Parenting Tips

Monica Gupta

छोटे बच्चों को कैसे बनाएं Confident – Simple Tips to Overcome Shyness in Kids – Parenting Tips – Chote Baccho ko Kaise Banaye Confident-  How to Make Your Child Smart. Parents चाह्ते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट बनें सबसे आगे रहे और इसके लिए वो बहुत कुछ करते भी हैं … पर सभी बच्चों में अलग अलग स्किल होती हैं…

छोटे बच्चों को कैसे बनाएं Confident – Simple Tips to Overcome Shyness in Kids

कुछ बच्चे बहुत bold होते हैं जल्दी से घुल मिल जाते हैं और कुछ बहुत शर्मीले होते हैं स्कूल में भी चुप चुप रहते हैं और घर पर भी जब कोई मेहमान आते हैं तो पर्दे के पीछे से चुपचाप मुंह में ऊंगली डाल कर देखते हैं पर सामने नही आते …  उनको बुलाते रहो पर वो भाग जाते हैं ..

तो क्या करना चाहिए..

ऐसे में बात करनी चाहिए बच्चे से ही कि आप बात किसलिए नही करते किसलिए शर्माते हैं … आराम से ऐसे ही बातों बातों में … ऐसे नही जैसे क्लास लग रही हो और मम्मी,  मौसी,  दादी सब जैसे सी आई डी की तरह पूछ्ताछ करें .. ऐसा माहौल नही बनाना चाहिए …

वजह टटोलने की कोशिश करनी चाहिए कई बार गुस्से में पेरेंटस ये तक कह देते हैं कि नही बात की अगर बात नही की ऐसे ही रहे तो और इसी तरह शर्माया तो होस्टल भेज देंगें … तो डर सा बैठ जाता है …

इसलिए जरा कूल कूल …

 

 

दूसरों के सामने बार बार ये न कहें कि ये तो बहुत शर्मीला है ये तो बात ही नही करता … बच्चे में ऐसे कॉम्पेक्स आ जाएगा …

सिर्फ पढ़ाई ही नही बच्‍चे को स्‍कूल की गतिविधियों में पार्ट लेने दें जिसमें भी उसका मन है … मान लीजिए उसका डांस में मन है और आप हंसेगें नाचेगा क्या … तो बताईए … जिसमें उसका शौक है उसे करने दीजिए … नाटक का मन है तो बोलो कि सारा दिन नाटक ही तो करता है  ये भी नही …

खासतौर पर खेलने के लिए पार्क ले जाईए वहां बहुत बच्चे मिलेगें उन्हें देखेगा तो एक आत्मविश्वास भी आएगा ..

जब भी बाहर जाएं किसी दोस्त के या कहीं भी बच्चे को साथ ले जाएं … और अगर उस परिवार में बच्चे हैं उसी के हम उम्र तो खेलने दें …

बच्चे पर बहुत ज्यादा नजर न रखे … जब बच्चा किसी से बात कर रहा हो खेल रहा हो तो एक आध बार देख लें पर नजर नही रखें नही तो वो बहुत ज्यादा conscious हो जाएगा …

दोस्तों के सामने ज्यादा कठोर न बनें कि चल खेल,  चल बात कर …सख्ती न करें  इससे वो और ज्यादा घबरा जाएगा .. बात बात पर गुस्सा न करें.

तुलना न करें … ये सबसे जरुरी है नही तो बच्चे के मन में complex   आ जाएगा

ज्यादा से ज्यादा समय दें बात करें ताकि वो खुले .. .

अकेला ना छोडे़- शर्मीला बच्‍चा हमेशा अकेला रहना पसंद करते है..

और बच्चे को बार बार टोकने की बजाय उसे मोटिवेट करें उसका कोई छोटा से छोटा काम है उसे शाबाशी दें घर पर मेहमान आएं तो उनसे मिलवाएं …

कुल मिलाकर एक रोल मॉडल बनें …. ये तो थी थोडी टिप्स अगर आपके पास भी कोई टिप्स हों तो जरुर बताईएगा … या ऐसे बच्चों के लिए कोई आईडिया हो तो जरुर बताईगा ..

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August 5, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों को कैसे समझाएं स्वच्छता का महत्व – Swachhata ki Avashyakta

Monica Gupta

बच्चों को कैसे समझाएं स्वच्छता का महत्व – Swachhata ki Avashyakta –  Baccho ko Kaise Sikhayen Swachata Ka Mahatva -स्कूल की पढाई के साथ साथ कुछ सबक ऐसे भी होते हैं जो मां बच्चों को practical बहुत अच्छी तरह से समझा कर बच्चों को अच्छा इंसान बना सकती है हुआ ये कि घर के सामने से एक बच्चा जा रहा था उसके साथ उसकी मम्मी भी थी … बच्चा शायद अपना पाठ याद करता जा रहा था मम्मी के हाथ में कॉपी थी … और बच्चा संतरा खाता और छिलके फेंकता चल रहा था … तभी मम्मी ने टोका अरे नही छिलके उठाओ … बेटे ने आनाकानी की और बोला कोई डस्टबिन नही है यहां तो मम्मी ने बोला कि कोई बात नही मुझे दे दो .. बच्चे ने छिलके उठाए और मम्मी को दे दिए …

बच्चों को कैसे समझाएं स्वच्छता का महत्व

बच्चों को समझाएं स्वच्छता का महत्व स्वच्छता का महत्व बच्चों को जरुर समझाना चाहिए और स्वच्छता का महत्व बच्चों को जरुर समझाना चाहिए और मम्मियां सबसे पहली गुरु हैं इसलिए शुरुआत उन्हें करनी चाहिए जैसा कि एक कहानी मैंनें नेट पर पढी कि  घर पर कूड़े वाला आता है तो बच्चा मम्मी को आवाज लगाता है कि मम्मी कूड़े वाला आया है तब मम्मी समझाती है कि नही बेटा कूड़े वाला नही ये सफाई कर्मचारी है …कूड़े वाले तो हम हैं जो हम इसे कूड़े  देते हैं  वाकई बहुत सही लगी थी ये बात… बच्चों में अच्छे संस्कार डालने चाहिए … यकीन मानिए पहले मैं भी कूड़े वाला ही बुलाती थी पर इस बात को पढ़ने के बाद सफाई कर्मचारी बोलने लगी हूं …

 

हर कोई अपने अपने तरीके से अभियान से जुडा है कोई फिल्म बना कर तो कोई ब्रांड एम्बेसेडर बन कर…

 

अगर आपके  पास भी कोई अच्छी सी बात हो तो जरुर बताईएगा … सब मिलकर एक अच्छा समाज बनाएग़ें …

स्वच्छ भारत अभियान मे हमारा योगदान कितना जरुरी

बच्चों को कैसे समझाएं स्वच्छता का महत्व

August 4, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Deal with Angry Child – जिद्दी बच्चों को कैसे सुधारें – How to Deal with Angry Child – बच्चों को कैसे समझाएं – Monica Gupta

How to Deal with Angry Child

How to Deal with Angry Child – जिद्दी बच्चों को कैसे सुधारें – How to Deal with Angry Child – बच्चों को कैसे समझाएं – Monica Gupta – जिद्दी बच्चों को कैसे सुधारें – ziddi-bache-ko-kaise-sudhare –

बहुत सारे मैसेज आए हुए हए थे कि बच्चे बहुत गुस्सैल और जिद्दी हो गए हैं उन्हें कैसे समझाएं … यही कुछ मेरे दिमाग में चल रहा था पहले तो मैं टीवी देखती रही फिर किसी के घर कुछ काम था वहां चली गई …

How to Deal with Angry Child – जिद्दी बच्चों को कैसे सुधारें – How to Deal with Angry Child – बच्चों को कैसे समझाएं

वहां एक चार साल का बच्चा अपनी मम्मी को बहुत तंग कर रहा था जोर जोर से चिल्ला रहा था उसकी मम्मी ने दो चांटे मारे   और फिर बच्चा भी मां को खूब मारने लगा कभी लात कभी बाल खिंचने लगा.. फिर मेरी जानकार भी खूब मारने लगी बच्चा चिल्ला रहा था …

आप गंदी हो बहुत गंदी हो मारती हो … दोनों बराबर का बोले जा रहे थे…

अचानक उनकी मार पिटाई में doorbell हुई  और मेरी नींद खुल गई .. अरे बाप रे ये सब सपना था असल में यही सोचते सोचते सो गई और शायद  सपना आ गया …

बाहर गई तो कोई नही था … शायद बच्चे ही होंगें कई बार बेल बजा कर भाग जाते हैं … क्या बच्चे ऐसे ही होते हैं गंदे, लडाकू,  जिद्दी …

यही सोचते सोचते मैं अखबार  पढने लगी .. एक खबर ने मेरी सोच बदल दी कि बच्चे ऐसे नही होते …

खबर पुणे की थी एक माता पिता के बीच में बहुत लडाई चल रही थी और जब केस जज के पास पहुंचा.. उस दिन बच्चे का जन्मदिन था और माता पिता अलग रहना शुरु कर चुके थे … कोर्ट में जन्मदिन साथ मनाया और जब उससे उपहार की बात पूछी तो बच्चे ने एक लैटर थमा दिया उस पर लिखा था कि लडिए मत … मैं आप दोनों को साथ देखना चाह्ता हूं…

दोनो को महसूस हुआ और खुल कर बात हुई और सुलह हो गई …

तो एक बात तो साफ है कि बच्चे गंदे नही होते … कुछ एक ऐसी बातें हो जाती हैं जो उन्हें चिडचिडा बना देती हैं …

अच्छा एक बात बताईए कि जब मैंनें ये कहा कि बच्चे गंदे होते हैं तो आपको कैसा लगा … अच्छा नही लगा ना आपको मन ही मन गुस्सा भी आया होगा कि ये बच्चे को गंदा कहने वाली कौन है … !! बस !! ठीक है अब मैं समझ गई …

प्यार तो आप बहुत करते हैं बच्चे से पर आपकी जिंदगी में इतने तनाव और busy  है कि आप पूरा ध्यान नही दे पा रहे इस वजह से बच्चा जिद्दी हो गया है…

मेरी एक जानकार ने बताया कि अक्सर उसका बच्चा मार्किट जाने पर बहुत जिद करता … वही दुकान पर लेट जाता .. रोने लगता और जिद करने लगता …  उसका हल उसने ये निकाला कि उसने उस समय बच्चे को कुछ नही कहा …

जब घर आए तो उसने बच्चे से बात नही की और बोला मम्मी को बहुत दुख हुआ कि मम्मी का प्यारा बेटा कैसे करता है … बच्चे जैसे भी हो पर वो मम्मी को नाराज नही देख सकते … वो झूठ मूठ से रोने की acting  करने लगी और बच्चा बार बार मम्मी के चेहरे से बाल हटा कर देखता रहा ..

उसे लगा कि उसने गलत किया है नही करना चाहिए था … और उसने सोरी बोला … उसके बाद से दोनों में बहुत दोस्ती हो गई है अब वो जिद नही करता … घर से बाहर जाने से पहले ही वो rules  बना लेते हैं एक लिस्ट बना लेते हैं कि क्या क्या करना है और क्या नही .. …. आराम से tackle  हो गई प्रोब्लम …

जरुरत यही है कि मार पिटाई हल नही है बच्चों के साथ दोस्ताना treat  करें और अगर  कोई गलती है उसे मान लें … अगर कान पकड कर सोरी बोलना भी पडे तो शर्म नही आनी चाहिए …

देखिए इन सब में एक बार जरुर देखने वाली है कि इन सब में बस एक बात का अगर ख्याल रखेंगें कि उसके उसके दोस्त कैसे हैं .. समय समय पर उसके दोस्तों को घर बुलाते रहें और उनका स्वभाव जानने की कोशिश करें …

जरुरत इस बात की है आप कूल रहें और कूल माईंड से ही कैसे सामना करना हैं वो सोचें … इसकी आखॉं में देखिए जिद्दी नही बहुत प्यारा और मासूम है वो …

यही तो बचपन के दिन है … बडा हो जाएगा चला जाएगा … इसलिए समय दीजिए समझिए और प्यार दीजिए … बस …

अगर आपको मेरी बात पसंद आई हो तो बाकि आपके पास भी कोई टिप्स हो तो कमेंट में जरुर बताईएगा …

How to Deal with Angry Child – जिद्दी बच्चों को कैसे सुधारें – How to Deal with Angry Child – बच्चों को कैसे समझाएं – Monica Gupta

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August 3, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों को कैसे लिखना सिखाएं – How to Motivate a Child to Write

Monica Gupta

छोटे बच्चों को कैसे लिखना सिखाएं – Chote Baccho ko Likhna Kaise Sikhaye –  how to create interest in writing – how to motivate a child to write – how to create interest in writing..  पढ़ाई  पढ़ाई के नाम से ही बच्चा दूर भागता है क्या करें ??

छोटे बच्चों को कैसे लिखना सिखाएं – How to Motivate a Child to Write

मेरे पास बहुत सारे मैसेज और mail आते हैं वो जानना चाहते हैं कि बच्चा लिखता नही है PreSchool जाता है  LKG, UKG मे हैं  पर लिखने का जरा भी शौक नही है कैसे उसमें interest बनाएं Motivate  करें  कि वो लिखे …

तो देखिए मैं ऐसे पैरेंटस को एक बात कहना चाहती हूं कि हर घर का अलग माहौल होता है और बच्चे की अपनी skill होती है .. और writing skill slowly यानि वो धीरे धीरे ही आती है … किसी बच्चे में जल्दी तो किसी में समय लगता है बस जरुरत इस बात की होती है कि उसे समय समय पर encourage करते रहेगें तो वो जरुर progress करता दिखाई देगा …

अकसर पैरेंटस की ये शिकायत रहती है कॉपी पर नही लिखता

अच्छा आप एक बात बताईए कि आप कागज पैन का कितना इस्तेमाल करती हैं … बच्चा अगर आपको कुछ लिखते देखेगा तो उसका भी मन करेगा कि वो लिखे पर जब वो देखेगा ही नही … तो उसमें शौक कैसा बनेगा … तो खुद भी अपने लिए पेपर पैन रखे …

इसे fun समझा जाए …

सबसे बडी बात ये हैं कि उन्हें force न किया जाए … इन्हें ये न कहा जाए कि पढो पढो … पढाई करते हैं ये कहिए कि खेल खेलते है .. गेम खेलते हैं Let’s play a game.

Coloring, copying, tracing,  finger painting , करने दीजिए enjoy करने दीजिए कलर से … इन ऊंगलियों को एक बार मजबूत होने दीजिए कि grip मजबूत हो जाए …  उनकी pencil grip, wrist position, pencil position  को सही होने दीजिए.. अगर एक बार गलत तरीके से पकडने लगे तो दिक्कत हो जाएगी …

अच्छा सिर्फ कॉपी पैंसिल ही नही आप उन्हें स्लेट, ब्लैक बोर्ड या white board   भी दे सकते हैं क्योकि उस पर लिख कर मिटाना आसन होता है … या एक ट्रे में मिट्टी या

या फिर आप एक ट्रे में जैसे रंगोली के कलर होते हैं वो डाल दीजिए और बोलिए कि अब अक्षर बनाईए कभी 0 कभी कुछ ताकि उसमें शौक बनें

आप किचन में काम कर रही हैं और चपाती बना रही है उसका alphabet बना दीजिए उसे वहीं बैठा लीजिए और बोलिए आप बनाओ … या फिर क्ले देकर उससे अलग अलग चीजे बनवा सकती हैं देखिए सबसे जरुरी है उसमे interest  create करना एक बार हो गया फिर आगे कभी दिक्कत नही आएगी …

और अगर आपको लगे कि colour से भी नही खेल रहा तो आज की टेलनोलोजी का इस्तेमाल करिए telephone टेलिफोन का कुछ देर के लिए प्लग निकाल लीजिए या calculators के माध्यम से उसे सीखाएं कि ये क्या नम्बर है या वीडियों गेम से भी बच्चा बहुत जल्दी सीखता है … उसमे अलग अलग स्टेज या गेम का नाम क्या है उसे तुरंत पता लग जाता है ..

आजकल मार्किट में बहुत सारी चीजे आती हैं जैसे कि magnetic alphabets … उसे अलमारी या फ्रिज पर भी लगा सकते हैं … देखिए जरुरी है उसमे interest पैदा करना एक बार उसमें interest आ गया तो …

पैशेंस . रखते हुए बच्चों को पूरा समय दीजिए … उनके साथ बैठिए … वो टिक कर नही बैठेगा … ये तो मान कर चलिए … जिस दिन वो टिक गया समझ लो आधी लडाई आपने जीत ली …

बच्चों से कहें कि हम आज मुंह से बात नही करेंगें तो भी करेंगें लिख कर करेंगें …  आपको toffee चाहिए … पैंसिल चाहिए  आप ड्रा करके बताओ और मैं भी उसका जवाब वैसे ही दूंगी … इससे उसमे इंटर्स्ट पैदा होगा …

 

इसलिए वो कुछ लिखें तो उसे encourage करना बहुत जरुरी है फिर देखिए कभी भी दिक्कत नही होगी … इसलिए सबसे जरुरी चीज मम्मी लोगो के लिए..

August 1, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों को सिखाएं पैसों की कद्र करना – पैसों की कीमत पर प्रेरक कहानी

Monica Gupta

बच्चों को सिखाएं पैसों की कद्र करना – पैसों की कीमत पर प्रेरक कहानी  – Baccho ko Sikhayen Paiso Ki Kadar Kerna – आमतौर पर हम बच्चों को कोई परेशानी या दिक्कत में नही देखना चाहते इसलिए उन्हें सारी सुख सुविधाएं दे देते हैं पर बच्चे कई बार बिगड जाते हैं उन्हें लगता है कि खूब पैसा है इसलिए कई बार गलत संगत में भी पड जाते हैं…

बच्चों को सिखाएं पैसों की कद्र करना – पैसों की कीमत पर प्रेरक कहानी

कल क्या हुआ कि शाम को मार्किट गई . वहां  पुलिस ने एक मोटर साईकिल वाले को रोक रखा था क्योकि हेलमेट नही पहना था … दो दोस्त भी थे और  वो लडका इस बात को महसूस नही कर रहा था कि उसने गलती की है … अपना पर्स निकाल कर खडा था और बहुत घमंड से बोल रहा था हां हां ले लो चलान कितना है …

 

बहुत दुख हुआ … कि एक तो नियम तोड रहे हैं और ना ही  पैसे की वैल्यू समझ रहे हैं ..

उस समय तो मैं आगे बढ गई  पर ये वेल्यू माता पिता को ही महसूस करवानी होगी … कि पैसा कमाना आसान नही है … वैसे इस पर बहुत सारी कहानियां  है पर एक कहानी मुझे बहुत ही अच्छी लगती है …

एक आदमी के पास बहुत पैसा था और उसका बेटा बिगड गया था और खराब संगत में पड गया और खूब पैसे उडाने लगा …  … एक दिन उसने अपने बेटे को पास बुलाया और कहा कि अब कुछ काम करो अगर तुम 100 रुपये कमा कर लाओगे तभी तुम्हें खाना मिलेगा … नही तो नही मिलेगा … …..

अब वो ठहरा बिगडा अमीर .. काम कहां उसके बस का  … तो वो गया अपनी बहन के पास और बोला कि दीदी जरा सौ रुपये देना … पापा को देने हैं …

दीदी ने दे दिए … उसने जाकर अपने पापा को दे दिए … पापा ने उसे बोला इसे फाड कर फेंक दो … उसने उसे फाड दिया … पापा ने गुस्सा किया कि खुद कमा कर लाओ नही तो खाना नही मिलेगा …

… अगले दिन फिर सारा दिन वो मटर गशती करता रहा और शाम को मम्मी के पास जाकर रोने लगा कि मैं कहां से कमा कर लाऊ पैसे … मम्मी का दिल भी पसीज गया और उन्होनें 100 रुपये उसे दे दिए

उसने फिर जाकर पापा को दे दिए … पापा ने उसे हाथ में लिया और उसे वपिस करते हुए बोले इसे फाड कर फेंक दो … उसने फाड दिया अब पापा ने कहा कि खुद कमा कर के लाओ …

अब दीदी और मां ने मना कर दिया पैसे देने को … अब वो वाकई निकल गया .. सोचा जरुर कमा कर लाऊगां

शाम को एक ढाबे पर काम किया बर्तन धोए, चाय सर्व की लोगो को और पचास रुपये मिले वो पापा को जाकर दे दिए .. पापा ने हाथ में लिए और उसे वापिस करते हुए बोले लो फाड कर फेंक दो उसे …

ये सुनते ही उसे गुस्सा आ गया … बोला ऐसे कैसे कह रहे हो आप … आपको पता है सारा दिन काम करके मेहनत करके ये 100 रुपये कमाएं हैं मैं कैसे फाड सकता हूं …

अब पापा के चेहरे पर खुशी थी … वो बोले यही मैं सुनना चाह रहा था … ये वाकई में तुम्हारी  मेहनत की कमाई है … जो तुमने नही कमाए थे मेहनत की ही नही थी इसलिए उसे फाडते समय तुम्हें दर्द भी नही हुआ था … समझ चुका था कि रुपया पैसा  बर्बाद करने में कितना दुख होता है…. पैसे की वैल्यू हमें ही समझानी पडेगी ताकि बडे होकर वो मेहनती और ईमानादर इंसान बनें

July 31, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों को कैसे समझाएं नकल करना बुरी बात है – No Cheating Allowed

Monica Gupta

बच्चों को कैसे समझाएं नकल करना बुरी बात है – No Cheating Allowed – Bacho ko Kaise Samjhaye Nakal Kerna Buri Baat Hai… हम परेंटस हमेशा बच्चों की अच्छी शिक्षा के बारे में सोचते हैं उन्हें अच्छा इंसान बनाने के बारे में सोचते हैं पर नकल मारने की जब बात आती है तो चुप हो जाते हैं जबकि  नकल करना अच्छी बात नही है कितना समझातें हैं उन्हें …

बच्चों को कैसे समझाएं नकल करना बुरी बात है – No Cheating Allowed

शाम को  घर के सामने से दो छोटे बच्चे जा रहे थे .. बात करते हुए कि आज क्लास टेस्ट में मैंनें खूब नकल मारी … वो बच्चे जिस खुशी और गर्व से बात करते जा रहे थे … सुनकर अच्छा नही लगा …

 

नकल एक ऐसा short cut  है जिसका रास्ता आगे से बंद है ये रास्ता कहीं नही जाता… Full Stop  है जिंदगी का ..

चलिए मान लीजिए.. नकल मार कर   एक साल हम पास हो जाएगें दो साल पास हो जाएगें हमें star  भी मिलेगा पर जिंदगी के इम्तेहान में जीवन  भर के लिए फेल हो जाएग़ें… कभी सोचा है ??

इसलिए माता पिता को ही समझाना होगा कि बच्चे नकल न करें… आमतौर पर जब बच्चे घर आकर बताते हैं कि स्कूल में test  में सभी बच्चे नकल मार रहे थे … तो कहा जाता ही फिर ठीक है … जब सारे ही नकल कर रहे थे तो कोई बात नही … जबकि नही … !! ये गलत है…

एक सर्वे से पता चला कि नकल करने का सबसे बड़ा कारण है, विद्यार्थियों students का तैयारी करके न जाना…

स्कूल में एक-दूसरे से फर्स्ट आने की  होड़ लगाने का माहौल या

माता-पिताओं की ऊँची उम्मीदों पर खरे उतरने का दबाव विद्यार्थियों पर इतना ज़्यादा होता है कि उनके पास नकल करने के अलावा कोई चारा ही नहीं होता.

कुछ बच्चे मानते हैं कि अच्छे नंबर लाने का लगातार दबाव रहता है इसलिए वे नकल करते हैं…. अच्छा बात यही नही रुकती अगर नकल करने की आदत हो जाए तो और भी बातों में वो बिगडने लगते हैं जैसाकि

सिर्फ स्कूल में ही नही वो घर पर भी चींटिंग करते हैं जैसा कि मान लीजिए कैरम खेल रहे हैं और उसकी गोटियां उठा लेंगें चुपचाप

या फिर मम्मी बाजार से सामान मगंवाएगे 100 रुपये देगी पर बच्चा बोलेगा कि सारे खर्च हो गए जबकि उसके पास हैं कुछ पैसे …

ऐसे बच्चे पता है कैसे हो जाते हैं हमेशा डरे सहमे…

उनमे Confidence ही नही रहता …

चोर रहता है मन में कि कहीं पकडे न जाएं कोई शिकायत न कर दे …

तो पैरेंटस से यही कहना है expectations कम कीजिए

Lower your expectations

उन्हें एक आदर्श बच्चा बनाईए … उन्हें समझाईए कि बेशक सारे कितनी नकल क्यू न मारें पर तुमने नही करनी … अगर अपनी मेहनत से 100 मे से 50 भी ले कर आए हो तो वो मेरे लिए 100 के बराबर ही हैं …

उन्हें समझाईए कि नकल एक तरह से चोरी करना होता है … चोरी करना क्या सही है … ये ही सोच लीजिए … ‘हरगिज़ नहीं।’ आप शायद ऐसा कहें, खासकर तब जब आपका  पैसा चुराया गया हो! दरअसल नकल करके हम उस बात का श्रेय ले रहे होते हैं, जिसके हम हकदार नहीं…

नकल एक लत है … जो एक बार लग गई तो इसे सुधार नही सकते …  और ये भी सोचिए कि आप नकल कर रहे हैं और पकडे गए तो कितनी बईज्जती होगी … तो क्यों नही बच्चे में मेहनत की आदत डल वाते …

Set a good example.नकल मारने वाली बात को बजाय प्रोत्साहित करने के कि वाह मेरा बेटा है शाबाश … आप अपना या किसी काल्पनिक दोस्त का उदाहरण दीजिए कि एक बार उसने भी स्कूल में नकल मारी थी … और पकडा गया था .. सभी बच्चों ने टीचर ने मजाक बनाया था …

या फिर कोई प्रेरक बात या कहानी सुना कर  मोटिवेट कीजिए कि नकल करना बुरी बात है … नाम खराब होता है … सारी जिंदगी के लिए नक्कल चोर का तमगा मिल जाता है

 

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no cheating allowed , बच्चों को कैसे समझाएं नकल करना बुरी बात है

No Cheating Allowed , no cheating in class

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