Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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July 7, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

अच्छे काम की तारीफ जरुर होगी – रक्तदान पर कहानी

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

अच्छे काम की तारीफ जरुर होगी – रक्तदान पर कहानी – acche kaam ki tareef jarur hogi – बहुत लोग मजाक भी उडाते हैं तंग भी करते हैं पर परवाह नही करनी चाहिए किसी ना किसी रुप में इन्हें सबक जरुर मिलता है … ऐसी ही कहानी लिखी थी … कुछ समय पहले … कहानी  का शीर्षक है महापुरुष …

अच्छे काम की तारीफ जरुर होगी – रक्तदान पर कहानी

कल्पना कीजिए एक आफिस है और वहां की बॉस महिला है और पांच बार घंटी बजा कर पूछ चुकी हैं कि महापुरुष आया या नही … असल में महापुरुष अमर सिंह  40 वर्षीय दुबले पतले चपडासी है ,  ऑफिस में महापुरुष की उपाधि मिली हुई थी। ऑफिस में मैडम जी समेत सभी उसका मजाक उड़ाते थे। वो गरीबों की सेवा करने में और अपना खून देने में वो सबसे आगे रहता था। उसने ना सिर्फ अपनी आंखें दान में की हुई थीं बल्कि अपना शरीर भी दान कर दिया था।

जब वो 20 साल का था खून की कमी की वजह से उसकी गर्भवती पत्नी मर गई थी तभी से वो समाज सेवा से जुड़ गया था। कल अमर सिह किसी से फोन पर बात कर रहा था असल में किसी को रक्त की जरूरत थी और वो फोन पर किसी का पता बता रहा था … इस बात से नाराज होकर बॉस मैडम ने मोबाईल अपने पास रख लिया … आज सुबह से मोबाइल बजे ही जा रहा था। और वो खुद नदारद था..

उसे उठाने की बजाय गुस्से में उन्होने उसे बंद कर दिया और कर्मचारी को बुलाकर कहा कि जब भी वो ऑफिस आए उसका इस्तीफा ले लेना क्योंकि उन्हें ऐसे महापुरुष की जरूरत नहीं है…।

 

 

तभी मैड़म जी का मोबाइल बजा। उनके पति का फोन था। उन्होंने तुरन्त अस्पताल पहुंचने को कहा। मैडम जी बिना देरी किए वहां पहुंचीं तो पता लगा कि स्कूल जाते वक्त उनके बेटे को किसी कार वाले ने टक्कर मार दी।

बहुत खून निकल चुका था। पता लगा कि उनके बेटे का रेयर ब्लड है एक भला आदमी रक्तदान कर रहा है

मैडम जी उस व्यक्ति का धन्यवाद करने के लिए परदा हटा ही रही थीं कि डॉक्टर रक्तदाता से नाराज होकर कह रहे थे कि बीस बार मोबाइल पर घंटी दी।

पर उन्होंने उठाया नहीं तो उनके घर नर्स को भेजना पड़ा। अच्छा हुआ कि वो घर पर मिल गए क्योंकि बच्चे का खून सिर्फ उनके ही खून से मेल खा रहा था। वो तो इस बच्चे के भाग्य अच्छे थे…. कि ….।

अब मैडम के पास कहने को कोई शब्द नहीं थे। आज सही मायनों में वही अमर सिंह महापुरूष बन कर उसके सामने था। अपनी गलती का प्रायश्चित मैडम जी ने अपने ऑफिस में रक्तदान कैम्प लगा कर किया जिसका उद्घाटन उसी महापुरुष से करवाया।

 

अच्छे काम की तारीफ जरुर होगीअच्छे काम की तारीफ जरुर होगी

खामोशी से भी होते हैं नेक काम – मैने देखा है पेडों को छांव देते हुए

July 6, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों को गलती होने पर क्या सजा – Creative Punishments Ideas

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

छोटे बच्चों को गलती होने पर क्या सजा – Creative Punishments Ideas – chhote bachho ko galti hone per saza kya –   discipline कैैैैसे आए  – आमतौर पर छोटे बच्चे जब कहना नही मानते गलती तो हम सजा देते है… सजा का मतलब है चांटा, पिटाई , चिल्लाना और क्या … खुद ही जज बन कर सजा दे देते हैं

छोटे बच्चों को गलती होने पर क्या सजा – Creative Punishments Ideas

क्या इसके इलावा भी सजा हो सकती हैं चलिए मान लीजिए हमने बच्चे को मारना नही है अब क्या सजा हो … छोटे बच्चे गलती की सजा

कुछ creative punishments ऐसी सजा बच्चा  महसूस भी करे और सीख भी ले क्या हो सकती हैं ऐसी सजा …

Creative Punishment Ideas –  effective punishments for kids

बच्चे के साथ मिलकर एक बॉक्स बनवाईए और उसमे बच्चे से ही पूछिए कि आपको अपनी गलती की क्या सजा मिलनी चाहिए आठ दस सजा पूछ कर लिख लीजिए और जब बच्चा गलती करे उसे एक स्लिप उठाने को कहिए …

जब बच्चा कहना ना माने जैसे कि आपने रुम साफ करने को कहा और उसने नही किया खिलौने  नही उठाए तो आप चुपचाप एक चीज गायब कर दीजिए … वो उसे खोजेगा और खुद आगे से सम्भाल कर रखेगा …

बच्चा गलती करे तो एक कार्नर उसे दीजिए वहां बैठ कर वो ड्रांईंग के माध्यम से कैसे दिखाएगा … उसे बोलिए या फिर कोई कविता लिखने को बोलिए …

गलती करे तो बोलिए आईस्क्रीम कैंसिल बस दाल और चपाती ही मिलेगी

या फिर जल्दी सोने को बोलिए कि अब आज कोई टीवी नही बस सो जाओ … नो टीवी. नो गेम ..

या फिर पौधो को पानी देना है

या चिडिया के लिए पानी रखना है

या फिर खाना सर्व करवाने में  में हैल्प  करवानी है…

ऐसे में बच्चे सीखेंगें और सजा भी हो जाएगी  …

छोटे बच्चों को गलती होने पर क्या सजा – Creative Punishments Ideas

effective punishments for students , how to teach discipline

July 4, 2017 By Monica Gupta 18 Comments

कहानी लिखने का तरीका – Story Writing Tips for Beginners

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

कहानी लिखने का तरीका – Story Writing Tips for Beginners – कहानी कैसे लिखें – kahani likhne ka tarika – how to write story in hindi – ऐसे बनती है कहानी … बहुत सारे मैसेज आते हैं वो कहते हैं कि हम भी कुछ लिखना चाहते हैं पर कैसे लिखे समझ नही आता …

कहानी लिखने का तरीका – Story Writing Tips for Beginners

जो लिखना चाह्ते हैं लेखक बनना चहते हैं उनके लिए बस एक ही बात कहना चाहूंगी कि अपने चारों तरफ जो भी हो रहा है ध्यान से देखिए observe कीजिए कहानी खुद ब खुद बन जाएगी … फिर उसे शब्दों का रुप दीजिए …

ऐसे बनती है कहानी ..

अब जैसे मैं एक बात बताती हूं बहुत समय पहले मैं एक पार्टी में गई … वहां एक तरफ बैठ गई … और इधर उधर देखने लगी … तभी देखा एक मम्मी अपने बच्चे के शू लेस बांध रही है और बाल ठीक कर रही है तभी बच्चा बोलता मम्मी दादा जी आ रहे हैं सामने से सिर ढक लो… मैं सब देख रही थी.

मम्मी ने उसे कहा सुन तू उधर मत देख … मैंने सिर नही ढकना … हजार रुपये देकर ब्यूटी पार्लर से बाल सेट करवाए हैं … चल तू जा … और अपनी कुछ सहेलियो से बात करने लगी … मैं सब देख रही थी …असल में,  बहुत लोग थे पार्टी में इसलिए उस महिला का ध्यान मेरे पर नही गया … मैंने देखा दो तीन सहेलियां आ गई और सब उसकी प्रशंसा कर रही थी कि बहुत सुंदर लग रही हो … और वो इतरा रही थी …

अच्छा हर कोई प्रशंसा नही करता … तो एक महिला और आई उसके पास और बोली … wow hair style  तो बहुत अच्छा लग रहा है पर बालों मे सफेद लट जरा भी अच्छी नही लग रही …

इस पर वो महिला चिढ गई और उसने अपना सिर तुरंत ढक लिया और बोली अरे समय ही कहा है सजने सवरने का मैं तो ससुर जी के सामने सिर ढकती हूं और उसने फटाफट सिर ढक लिया ताकि बालो की सफेदी किसी और को न दिखे … और मेरी बन गई कहानी …

मैंने पर्स से paper pen निकाला और   main points  लिख लिए तुरंत लिख दिया जब मैंने इसे लिखा तो ढेर कमेंटस आए कि यही है जीवन की सच्चाई … ऐसा ही होता है आप बिल्कुल नेचुरल लिखती हैं … बस यही है …  आस पास महसूस करो और लिखो …

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July 4, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों को होमवर्क कैसे करवाएं – बच्चों को पढ़ाने का तरीका – छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाएं – Bacho Ko Homework Kaise Karaye

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

बच्चों को होमवर्क कैसे करवाएं – बच्चों को पढ़ाने का तरीका – छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाएं – Bacho Ko Homework Kaise Karaye – छोटे बच्चों की पढ़ाई का तरीका क्या हो – होमवर्क कैसे करवाएं –  chote baccho ko kaise padhey – Bacho Ko Homework Kaise Karaye- बच्चों की पढ़ाई का तरीका क्या हो ताकि छोटा बच्चा  पढाई मे मन लगाए न कि पढाई से दूर भागे . पढाई को हौव्वा नही बनाना . कल दोपहर घर के सामने से एक महिला दो छोटे बच्चों के साथ जा रही थी और पूछ रही थी कि कितना होमवर्क मिला है … वाकई होमवर्क पेरेंटस के लिए कम टेंशन का काम नही है खासकर की बच्चा जब बहुत छोटा हो … पहली या दूसरी क्लास में हो उसमे interest जगाना मां का ही काम है क्योकि वो पहली teacher है … पर mothers घबरा जाती हैं कैसे करवाए बच्चा कहना ही नही मानता टिकता ही नही …

बच्चों को होमवर्क कैसे करवाएं – बच्चों को पढ़ाने का तरीका – छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाएं –

  1. देखिए सबसे पहले तो ये मानना होगा कि ये मुश्किल काम है औरआप दुनिया की सबसे अच्छी मम्मी  या पापा है आपमे बहुत सहन शक्ति है आप बच्चे को जरुर प्यार से हैंडल कर सकती हैं … यानि पहले तो अपना मूड सही रखना है.

2.  बच्चे का स्कूल से आना fix होता है इसलिए पढने का समय हम fix कर सकते है जो समय आप और बच्चे को सूट करे बेहतर होगा कि आप मिल कर time table बना लें और बच्चे के खेलने का टाईम और कार्टून के समय का ख्याल रख कर ही इसे बनाए..

3.  टाईम टेबल में पांच मिनट रिलेक्स होने के भी रखिए जैसे स्कूल में बच्चे पढते पढते बोर हो जाते हैं तो बोलते हैं … may I go to drink water… etc   टेंशन वाला नही बनाना … जितना easy relax होगा उतना ही मन लगा पाएगा बच्चा पढाई में …

4.  जब पढा रहे हो तो tv बंद कर दीजिए … दूसरे बच्चे खेल रहे हों तो उन्हे कुछ देर मना कर दीजिए या ऐसी जगह बैठिए जहा आवाज न आए क्योकि इससे बहुत ध्यान बटता है .. और जब पढा रहे हो तो ममी लोग भी बैठी रहे ये नही कि चावल गैस पर रखे है या कूकर सीटी मार रहा है या आप मोबईल पर वटस अप या मैसेज कर रहे हैं

 

5.  बच्चों को समझाते समझाते खुद नही करना कई बार पेरेंटस खुद ही होमवर्क कर देते है … बच्चे को करने दीजिए

 

6.  बच्चे के बार बार सवाल पूछ्ने से डरिए मत … सामना कीजिए डर के आगे ही जीत है कुछ समझ नही आ रहा तो क्लास टीचर से पूछ सकते हैं और नेट से भी हर तरह की जानकारी मिल सकती है.

7.  बच्चे को समझाने के लिए आप खुद भी बच्चा और बच्चा को टीचर बना सकते हैं

8 रोल मॉडल बने बच्चे के लिए टीचर को डायरी में झूठ नही लिखे तबियत खराब थी इसलिए होमवर्क नही करवाया

9  अब बारी आती है शाबाशी की कि अगर बच्चे ने सब सही कर लिया तो उसे शाबाशी दीजिए उसके लिए एक सरप्राईज गिफ्ट भी तैयार रखिए…

.. देखिए एक बार interest create हो गया तो पूरी जिंदगी दिक्कत नही होगी

एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि 50 % पेरेंटस मानते हैं कि होमवर्क के दौरान वो बच्चे की खूब पिटाई भी करते हैं और गुस्सा भी … आप तो ऐसे नही है ना जरुर सोचिएगा इस बारे में…

बच्चे को पढ़ाने के तरीके, बच्चों को पढ़ाने का सही तरीका, बच्चों को पढ़ाने के सही तरीके, छोटे बच्चों को पढाने का सही तरीका

बच्चों की पढ़ाई का तरीका क्या हो, पढाई मे मन लगा कर पढाई करें छोटे बच्चे . पढाई मे मन लगाने के तरीके,  chote baccho ko kaise padhey – bacho ko padhne ka tarika in hindi

छोटे बच्चों की पढ़ाई का तरीका क्या हो …

बच्चों को होमवर्क कैसे करवाएं – बच्चों को पढ़ाने का तरीका – छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाएं – Bacho Ko Homework Kaise Karaye

July 3, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

माँ तुझे सलाम – वंदे मातरम

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

माँ तुझे सलाम – वंदे मातरम – Maa Tujhe Salaam – धन्य है देश के वीर जवान – जो अपनी जान पर खेल कर देश की रक्षा करते हैं  वीर जवान तुझे सलाम-  bharat ke veer jawan –  अमर रहेगें वीर जवान. एक प्रेरक कहानी नेट पर पढी.

माँ तुझे सलाम – वंदे मातरम

कल खबर आ रही थी कि बाढ में फंसे लोगो को सैनिको ने बचाया, वही खबर थी कि देश की सीमा पर लड रहे जवान शहीद हुए … वाकई गर्मी हो या सर्दी आग हो या तूफान, बाढ हो या भूकम्प वीर सैनिक अपने कार्य मे हमेशा जुटे रहते हैं …

वाकई घर परिवार से दूर रहते हुए हर पल खतरे का सामना करते हैं …

वाकई धन्य हैं इनके परिवार … खास तौर पर इनकी माताएं…

 

इसी संदर्भ में मैंने एक कहानी पढी.

एक माँ के तीन बच्चे सेना में थे और युद्द छिड गया. तीनों ने युद्ध में भाग लिया . कुछ दिन बाद यह खबर आयी कि पहला पुत्र युद्ध में मारा गया है। माँ ने मुस्कराते हुए कहा – “वह भाग्यशाली है कि उसने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया है।”

कुछ ही दिनों बाद दूसरा पुत्र भी युद्धभूमि में शहीद हो गया। माँ ने कहा – “मुझे ऐसे पुत्र की माँ होने का गर्व है जिसने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया ”

कुछ समय बाद उसका तीसरा पुत्र भी शहीद हो गया। इस बार जब उसने तीसरे पुत्र के निधन का समाचार सुना तो मुस्कराहट के साथ माँ की आँखों में आँसू भी थे।

उनके पास में खड़े एक व्यक्ति ने कहा – ” आपकी आँखों में आँसू ?”

माँ ने कहा – “मेरी आँखों में आँसू इसलिए हैं क्योंकि मेरे प्यारे देश पर न्योछावर करने के लिए अब मेरे पास और पुत्र नहीं बचे हैं।”

तो ये होता है जज्बा … !!

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माँ तुझे सलाम – वंदे मातरम…

 

July 2, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

जिंदगी का कड़वा सच ये भी – कड़वी बाते लेकिन सच्ची बाते

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

जिंदगी का कड़वा सच ये भी – कड़वी बाते लेकिन सच्ची बाते – मन को नियंत्रित करने का एक तरीका ये भी –  सच – कई बार कडवी दवाई पिलानी पडती है .. .

जिंदगी का कड़वा सच ये भी – कड़वी बाते लेकिन सच्ची बाते

कल मार्किट से लौटते हुए एक सहेली मिली … वो अपनी मम्मी के खाने पीने की आदत से बहुत परेशान थी .. बोली बहुत शौक है मानते ही नही इस वजह से तरह तरह की बीमारियां लग गई हैं …अब लगता है कि गुस्सा होना ही पडेगा …  कि खाने पर कंट्रोल रखो नही तो अस्तपताल में भर्ती करवाना पडेगा.

 

 

 

सही बात है कई बार जब आराम से कोई बात न समझे तो कडवी बात कहनी ही पडती है …

इसी बारे में एक कहानी याद आई … नेट पर पढी थी कि एक सेठ होता है खूब चटोरा … उन्हें खट्टी चीजें – खट्टा दही, खट्टा मट्ठा, अचार आदि खाने की बुरी आदत थी। वह खांसी के उपचार के लिए कई वैद्यों के पास गया। सभी ने उसे खट्टी चीजें न खाने की सलाह दी ताकि उनकी दवाऐं कुछ असर दिखा सकें परंतु सब बेकार…
हार कर वो एक बुजुर्ग वैद्य के पास जाते हैं   वैद्य ने उसे दवाऐं दी और सेठ अपनी आदत के अनुसार खट्टी चीजें खाता रहा। कुछ दिनों बाद जब वह वैद्य के पास पहुंचा तो वैद्य ने उसका हालचाल पूछा। उसने कहा – ” कुछ खास फायदा नहीं हुआ।” फायदा तो होना चाहिए तीन फायदे होने चाहिए  वैद्य ने उससे कहा –  सेठ ने व्यग्रता से पूछा – “कौन से तीन फायदे?” वैद्य ने उत्तर दिया –

पहला यह कि तुम्हारे घर में कभी चोर नहीं आयेंगे

दूसरा यह कि तुम्हें कुत्ता नहीं काटेगा

तीसरा यह कि तुम बूढ़े नहीं होगे

सेठ ने फिर पूछा – “ये सब तो अच्छी बात है परंतु इनका खट्टी चीजों से क्या संबंध?”वैद्य ने उत्तर दिया –

“यदि तुम खट्टी चीजें खाते रहोगे तो तुम्हारी खांसी कभी ठीक नहीं होगी। तुम दिन-रात खांसते रहोगे तो चोर तुम्हारे घर कैसे आयेंगे?

और खांसी से तुम इतने कमजोर हो जाओगे कि बिना छड़ी की सहायता के तुम चल भी नहीं सकोगे

तुम्हारे हाथ में छड़ी देखकर कुत्ते तुम्हारे पास नहीं फटकेंगे। कमजोरी के चलते भरी जवानी में ही मर जाओगे इसलिए तुम बूढ़े ही नहीं होगे।

““जो व्यक्ति अपने खान-पान को लेकर लापरवाह है, वह कभी भी बीमारियों से मुक्त नहीं हो सकता।”

कड़वा सच – सुधर जाओ – जीवन का एक सत्य – zindagi ka sabse bada sach

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