Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाएं और आत्मरक्षा – ऑडियो

 

ऑडियो मोनिका गुप्ता

ऑडियो
मोनिका गुप्ता

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/08/audio-ladies-by-monica-gupta.wav

क्लिक कीजिए और सुनिए 2 मिनट और 15 सैकिंड की  ऑडियो

महिलाएं और आत्मरक्षा – ऑडियो

पिछ्ले कुछ समय से रेप, बलात्कार , महिला असुरक्षा जैसी बातों से दो चार होना पड रहा है. एक सरकार दूसरी सरकार पर इसका ठीकरा फोड रही है और प्रशासन और पुलिस अपने कर्मचारियों को सस्पैंड करके इति श्री कर लेते हैं और वही चैनल वाले एक एक घंटे तक इस मुद्दे पर बहस करते हैं और फिर विज्ञापन दिखाते हैं फलां राज्य उन्नति के पथ पर है..

ऐसे में दिमाग खराब हो रहा है … सच पूछिए तो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई सचेत नही है… रही सही कसर पूरी कर रहा है सोशल मीडिया जहां इतनी नकारात्मकता भरी हुई है कि अगर कुछ अच्छा भी है तो भी अच्छा नही दिखेगा ऐसे में क्या करें … सबसे बडा सवाल … तो आईए सुनिए ये ऑडियो … शायद आपको कुछ सकारात्मक जवाब ही मिल जाए …

मोनिका गुप्ता का नमस्कार. बात लगभग एक महीने पहले की है.  घर के सामने बिजली की तार पर एक पंतग अटकी हुई थी. मैंने इसे देखते हुए सोचा कि एक बार यह फटनी और तार तार होनी शुरु हो जाए फिर अच्छी सी कविता लिखूगी कि हाय पतंग, तेरा क्या जीवन और फिर उस पंतग को महिलाओ से जोडूगी कि महिला का जीवन भी पंतग जैसा निरीह, बेचारा है तार तार है …देखते ही देखते इस बात को 2 दिन बीते फिर दस दिन और फिर बीस दिन  पर आशा मे विपरीत  पंतंग को कुछ भी नही हुआ और आज उसे तार पर  टंगे हुए महीना हो गया है पर पूरे विश्वास के साथ हवा में हवा मे झूल रही है.

तब मन में विचार आया कि अगर हम महिलाएं भी स्वयं को मजबूत रखें और हर situation में अपना आत्म विश्वास बनाए रखें तो हमें कोई चीज हमें तोड नही सकती पर….पर पर  इसके लिए हमें अपने ही नियम कानून बनाए होगें , अपने लिए लक्षमण रेखा खींचनी होगी वो चाहे घर हो या बाहर.

हमें खुद को जागरुक रखना पडेगा हैल्प लाईन नम्बर, पुलिस नम्बर ना सिर्फ हमेशा याद रखने  पडेगे बल्कि सभी नम्बर्स में सबसे पहले सबसे उपर रखना पडेगा, देर रात जब भी कैब आदि में आना जाना हो तो बैठते ही उसका नम्बर नोट करके घर मैसेज करना होगा .

घर से बाहर निकलते समय या ट्रैवल करते समय जूलरी भी कम पहननी होगी.

आज के समय को देखते हुए, दिन हो या रात  सडक पर पूरे आत्म विश्वास के साथ चलना होगा ना कि डरी सहमी और धबराई छुई मुई की तरह ,  बैग में  हमेशा चिली स्प्रे,  या चाकू जैसा कुछ भी नुकीला रखना होगा.

अंजान लोगो से भी बात करने से बचना होगा चाहे वो सोशल साईटस हों या असल जिंदगी में.   बेशक जूडे कराटे भी सीखना चाहिए ताकि कभी मुसीबत पडने पर खुद को बचाया जा सके पर उससे पहले अगर कुछ छोटी छोटी बातों पर ही ध्यान देंगें तो बडी दुर्धटना भी टाली जा सकती है…

इस पंतग ने मेरी सोच को नई दिशा दे डाली… वाकई अब रोने या घबराने से बात नही बनेगी क्योकि जितनी ऐसी नेगेटिव बाते पढेंगें हमारी सोच भी वैसी होती जाएगी और अब समय वैसा नही है खुद को मोटीवेट करते हुए साहस के साथ आगे बढना होगा अब तो आत्मविश्वासी बनना ही होगा.

वैसे अगर इसी कनटेस्ट में आपके पास भी कोई टिप्स हों तो जरुर बताईएगा … मुझे इंतजार रहेगा.. कल फिर मिलूगी एक नए कोंफिडेंस … ओह मेरा मतलब एक नए टोपिक के साथ

तब तक अपना ख्याल रखिए… बी बोल्ड… .बाय बाय

महिलाएं – रेप और सरकार की उदासीनता – Monica Gupta

बुलंदशहर हाइवे गैंगरेप: पिता ने बताई उस खौफनाक रात की कहानी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 पर शुक्रवार रात मां-बेटी के साथ हुए बलात्कार कांड के पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है। एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में नाबालिग के पिता ने कहा है कि अगर 3 महीने के अंदर न्याय नहीं मिला, तो उनका पूरा परिवार खुदकुशी कर लेगा। उन्होंने अपने परिवार पर गुजरे दर्द को भी साझा किया। read more at indiatimes.com read more at monicagupta.info

 

 

 

August 1, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्माईल प्लीज – मुस्कुराते रहना – ऑडियो

 

ऑडियो

ऑडियो

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/08/audio-smile-by-monica-gupta.wav

Click & listen  1 min 37 sec. audio  Smile Please

स्माईल, मुस्कान, मुस्कुराहट Smile, Smiling Fece हमारी जिंदगी में बहुत खुशियां भर देती है  इती सी हंसी, इती सी खुशी जीने का नजरिया ही बदल देती है… !! कैसे ?? जानने के लिए सुने ऑडियो

 स्माईल प्लीज – मुस्कुराते रहना – ऑडियो

मोनिका गुप्ता का नमस्कार !! कैसे हैं आप ?? क्या हुआ आज मेरे बोलने का तरीका अच्छा नही लगा ? क्यू !! मेरे बोलने में स्माईल नही थी इसलिए … ओह अच्छा अच्छा !!चलिए दुबारा बोलती हूं

मोनिका गुप्ता का नमस्कार कहिए कैसे हैं आप … अब ठीक है ना !! ह हा देखा इसलिए तो मैं कहती हूं कि हमेशा स्माईल करते रहना चाहिए… हंसते मुसुकुराते चेहरे और आवाज हमेशा प्रभावित करती है इतना ही नही इसके और भी बहुत सारे फायदे हैं…. स्माईल करेंगें तो हमारा  स्ट्रेस यानि तनाव कम होगा…स्माईल सफलता की ओर ले जाती है हम approachable होते हैं स्माईल करते रहने से हमारा मूड भी ठीक रहता है, positivity बढती है हम attractive बनते हैं और इतना ही नही स्माईल से हमारी quality of life का पता चलता है स्माईल न सिर्फ दर्द को कम करती है यानि पेन किलर का काम करती है  बल्कि ये बीपी भी नार्मल रखती है  मुस्कुराता चेहरा देख कर दूसरे के चेहरे पर भी स्माईल आ जाती है वो खुश हो जाते हैं और इस वजह से हमारे अच्छे और नए दोस्त बन जाते हैं

मुस्कुराता चेहरा हमेशा आकर्षित करता है और अच्छी बात ये भी है कि ये फ्री है पर फिर भी न जाने हम कंजूसी किसलिए करते है स्माईल के मामले में … सच पूछिए तो स्माईल आगे बढने का रास्ता है…. वो इसलिए कि अगर स्माईल से इत्नी सारी पॉजीटिव बाते होती हैं तो आगे तो हम बढेगें ही ना …तो  बांटिए बांटिए जितना बांटेगें उतनी ही मिलेगी ये स्माईल .. !!

कल फिर मिलूगी … एक और नए topic के साथ … ह हा .. कल फिर मिलूगी एक नए topic के साथ .. तब तक मुस्कुराते रहिए … खुश रहिए बाय बाय

Audios Archives – Monica Gupta

Click करिए और सुनिए 1 मिनट और 58 सैंकिड की audio …  जिंदगी का सच -ऑडियो जरा सोचिए .हम अपनी जिंदगी में किसको महत्व देते हैं घर परिवार, दोस्त हमारा जोश या सिर्फ काम को, अपनी नौकरी को … क्या जरुरी है और क्या नही जानना चाहते हैं तो क्लिक कीजिए और सुनिए. जिंदगी का सच […] read more at monicagupta.info

 

July 31, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

बीमार का हाल अच्छा है

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत दें
ऑडियो

ऑडियो

क्लिक कीजिए और सुनिए दो मिनट और 11 सैकिंड की ऑडियो

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-beemar-by-monica-gupta.wav

 

बीमार का हाल अच्छा है

उनके देखे से जो आ जाती है उनके आने से जो आ जाती है चेहरे पर रौनक वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है. अगर आप भी किसी बीमार से मिलने जा रहे हैं तो इसे जरुर सुनिए

कुछ देर पहले जब पता लगा कि एक जानकार को वायरल हो गया तो तुरंत फोन करके हाल चाल पूछा तो उसने हंसते हुए बताया कि अरे नही मुझे वायरल नही हुआ बल्कि मेरी पोस्ट वायरल हुई है .. ओह !!मैने उसे बधाई देते हुए फोन रख दिया …ह हा हा वैसे कंफूजन हो जाता है अक्सर..

एक बार मेरी Facebook dost  जब अपनी बीमारी की बात फेसबुक पर लिखी तो कमेंटस की भरमार लग गई उसी  शाम को जब वो मुझे मार्किट मे मिली तो मैने तबियत पूछी कि कैसी है तो बोली कौन सी तबियत … वो तो बस कमेंटस के लिए … थोडा चेंज के लिए लिख दिया … हे भगवान वैसे चेंज से याद आया कि चेंजिंग वेदर है मौसम कभी गर्मी तो कभी बरसात का है  बदलते मौसम में  कोई मित्र, रिश्तेदार, जानकार या परिवार का कोई न कोई व्यक्ति जरुर बीमार है… ऐसे में मिलना भी जरुरी हो जाता है पर मिलने से पहले कुछ बातें जरुर ध्यान रखना चाहिए…

संडे का दिन best  होता है क्योकि सभी की छुट्टी होती है ऐसे में sunday  को बेशक जाए पर ज्यादा देर बैठे नही कई बार हम नाश्ते के समय जाते हैं और डिनर dinner  करके ही वापिस आते हैं ऐसे में मरीज के परिवार को दिक्कत हो जाती है कि वो मरीज को देखे या महेमानो को ..क्योकि कई बार मेहमान आवभगत न होने पर नाराज भी हो जाते है…

मरीज से  समय लेकर जाना भी बेहतर रहता है अगर वो hospital में हैं तो वहां के टाईमिंग तो fix होते ही हैं  पर अगर घर पर जा रहे हैं तो कम समय लगाईए ज्यादा देर रुकना भी समझदारी नही  जरुरी बात यह भी है कि  मरीज को मोटिवेट motivate करें ना कि उसकी  बीमारी का रोना रोए और दुख जताए .

इतना ही नही  कई बार हम जाते तो मरीज से मिलने हैं पर  वहां अपनी बीमारी का रोना शुरु कर देते हैं. वो भी सही नही है और अब उनके लिए  बात जो खुद पेशेंट हैं …कई बार बीमार होने पर हम आत्मविश्वास खो देते हैं … उदास हो जाते है  घबरा जाते हैं पर हिम्मत रखिए हौंसला रखिए और अपनी इच्छा शक्ति मजबूत रखिए

क्योकि मजबूत इच्छाशक्ति से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है…कल फिर मिलूगी एक नए topic के साथ  तब तक अपना ख्याल रखिएगा … Take care … बाई  bye bye

July 29, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता का महत्व और हमारी जागरुकता – ऑडियो

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत दें
मोनिका गुप्ता

मोनिका गुप्ता

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-our-earth-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए दो मिनट और 37 सैकिंड का स्वच्छता पर ऑडियो

स्वच्छता का महत्व और हमारी जागरुकता – ऑडियो

धरती को रहने लायक कैसे बना जाए ? क्या वाकई में स्वच्छता अभियान में हमारा कोई योगदान हो सकता है ? या फिर  दान पुण्य के नाम पर गंदगी फैलाना ही जायज है…!! हास्य और मनोरंजन के माध्यम से  इसी विषय पर  मेरी आपबीती….

धरती को रहने लायक कैसे बनाया जाए ??आज मैं इस बारे में बाहर बैठ कर सोच रही थी. तभी माली आ गया क्योकि घास बहुत बढ गई थी तो वो उसे काटने लगा. अचानक मैने देखा सामने सडक पर गाय आ रही है  मैने सोचा अरे वाह…. आज तो गउ माता को ताजी ताजी घास खिला देती हूं पुण्य का काम हो जाएगा… इसलिए कटी घास उठाई और गेट के बाहर सडक पर डाल  दी.

पहले तो  गाय  ने  लेफ्ट राईट देखा …फिर अपनी गर्दन झटकते हुए भवें हिलाई  शायद हैरान हो रही होगी क्योकि मैंने कभी उसे घास नही डाली … हा हा यानि कभी कुछ खाने को नही दिया और वैसे भी  सडक पर कुछ भी डालने के हमेशा से ही खिलाफ रही हूं पर आज् शायद  मेरा कोई पुण्य जाग उठा था या अपने पास पडोस को देख कर …

खैर वजह जो भी रही मैने कटी घास डालनी शुरु कर दी  उसने घास खाना शुरु ही किया था कि उसके चार पांच दोस्त और शायद  भी सहेलिया भी आ गई. मैने मन ही मन सोचा रे वाह … आज तो सारी घास इन सभी को ही खिला दूगी तो देवी देवता सब प्रसन्न हो जाएगें…

माली घास काटता रहा और मैं बाहर डालती रही. कुछ ही पल में बाहर देखा तो मेरी वजह से सारी सडक घास युक्त हो चुकी थी और तो और बैल अपने दोस्तो सहित सडक के बीचोबीच आसन जमा चुके थे  और दो ने तो गोबर तक करना शुरु कर दिया था..

कहां तो मैं कभी धास भी नही डालती थी और कहां उन्होने सारा गुड गोबर कर दिया …यकीनन  आने जाने वालो को परेशानी भी हो रही होगी…

एक मोटर साईकिल वाले ने वहां से जाते हुए मुझे ऐसे गुस्से से  देखा मानो कह रहा हो ये क्या हाल बना रखा है … अरे बाप रे ..!!!

मैं टेंशन में आ गई पर भगवान का शुक्र है कि उसी समय सडक साफ करने वाली जमादारनी आ गई और उसने बची घास  एक किनारे पर रख कर सडक साफ कर दी  तब तक घास भी खत्म हो गई थी और उसने और माली ने मिलकर जानवरों को भगा दिया …

उस समय मेरे मन में फिर आया कि धरती रहने लायक तभी बनाई जा सकती है जब हम उसे साफ सुथरा रखेंगें और ऐसे गंदा नही करेंगें भले ही पुण्य का कार्य हो जैसाकि हम हरिद्वार या गंगाजी जा कर करते हैं… वहां अस्थियां बहाते हैं पोलीथीन बहाते हैं जिसकी वजह से गंगा व अन्य पावन नदियां प्रदूषित हो रही है…

पता नही मेरे यह बताने  की क्या वजह है… है भी या नही पर इतना जरुर है कि धरती रहने लायक तभी बन सकती  है जब वो स्वच्छ हो, साफ हो और गंदगी से कोसो दूर हो…

एक सैल्फी स्वच्छता के नाम – Monica Gupta

एक सैल्फी स्वच्छता के नाम बेशक दुनिया में सैल्फी का इतिहास बहुत पुराना हो पर अगर अपने देश की बात करें तो बात ज्यादा पुरानी भी नही है…लाखों लोगो को सैल्फ read more at monicagupta.info

 

स्वच्छता के नारे – Monica Gupta

स्वच्छता के नारे स्वच्छता हम सभी के लिए बेहद जरुरी है जानते हैं हम सब पर फिर भी मानते नही है और गंदगी फैलाए चले जाते हैं. read more at monicagupta.info

वैसे आपके क्या विचार है इस बारे में जरुर बतईएगा कल फिर मिलूगी एक नए टापिक के साथ तक तक सफाई रखिए और स्वस्थ रहिए….

July 27, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

जिंदगी का सच -ऑडियो

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिवhttps://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-our-life-by-monica-gupta.wav
ऑडियो - मोनिका गुप्ता

ऑडियो – मोनिका गुप्ता

Click करिए और सुनिए 1 मिनट और 58 सैंकिड की audio …

 जिंदगी का सच -ऑडियो

जरा सोचिए .हम अपनी जिंदगी में किसको महत्व देते हैं घर परिवार, दोस्त हमारा जोश या सिर्फ काम को, अपनी नौकरी को … क्या जरुरी है और क्या नही जानना चाहते हैं तो क्लिक कीजिए और सुनिए. जिंदगी का सच -ऑडियो

बे वक्त अगर जाऊंगा सब चौक पडेगें….एक अरसा हुआ दिन मे कभी घर को नही देखा…

वाह !! किसी ने क्या खूब कहा है … इस शायरी पर आप ढेर सारे कमेंटस भी बटोर सकते हैं पर अगर इस की गहराई में जाएगें तो ये दो लाईने बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देंंगी..

आज समय देखिए सभी व्यस्त, अति व्यस्त बल्कि ये कहिए कि महा व्यस्त है …. बहुत लोग तो ये भी कहते है कि भई इतना काम है इतना काम है  कि मरने तक ही भी फुर्सत ही नही…  … तो परिवार का क्या ?? और हमारा स्वास्थ्य , हमारे दोस्त, उनका क्या !!

ह हा अजी उनकी चिंता छोडिए.ये कही भागे थोडे ही ना जा रहे हैं पर नौकरी चली गई तो सब चला जाएगा…. रुपया पैसा होगा तो ये सभी लोग हमारे साथ होंग़े. क्यो है ना.

काम के चक्कर मे इतने उलझ गए हैं कि सुबह सवेरे  काम पर निकल जाना देर रात को लौटना. परिवार पर ध्यान देने का तो समय ही नही है. देखा जाए तो सब कर तो परिवार के लिए ही रहें हैं पर परिवार को समय नही दे सकते

पर सच पूछिए तो काम से बढ कर है स्वास्थ्य ,परिवार, दोस्त और हमारा जोश. काम तो एक रबड की बॉल की तरह है जो उछ्ल कर टप्पा खाकर  वापिस आ ही जाएगी पर हमारा परिवार, शरीर, दोस्त, जोश उस कांच की गेंद की तरह है कि उछालते समय अगर एक बार हाथ से छूट गई तो बिखर जाएगी  और जिसे सम्भालना  नामुमकिन हो जाएगा.

कोई शक नही है कि जिंदगी मे  काम बहुत जरुरी है और इसे  दिल लगा कर करना भी बहुत जरुरी है पर जब हम काम करके बाहर निकले तो बस फिर हम, हमारा परिवार, जोश और हमारे दोस्त ही होने चाहिए. इन सभी को अहमियत देना बहुत ही ज्यादा जरुरी है.

वो कहते भी है ना उसे कभी नजर अंदाज मत करो जो आपकी बहुत परवाह करते हैं वरना किसी दिन आपको अहसास होगा कि पत्थर जमा करते करते आपने हीरा गवां दिया.… जरुर सोचिएगा. कल फिर मिलूगी एक नए टोपिक के साथ तब तक अपना ख्याल रखिए … बाय बाय

July 26, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता अभियान और मेरे मन की बात

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत देंhttps://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-sani.mp3

क्लिक करिए और सुनिए स्वच्छता अभियान पर  4 मिनट और 35 सैकिंड की ऑडियो… मेरा अनुभव

स्वच्छता अभियान और मेरे मन की बात

बात स्वच्छता अभियान के दौरान की है. जब गांव गांव जाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा था.लोगो को समझाया जा रहा था कि  खुले मे शौच नही जाओ आसान नही था क्योकि सदियों से चली आ रही मानसिकता बदलना मुश्किल था.

 

ऑडियो

ऑडियो

 

एक बार महिलाओ को समझाने के बाद कि कोई अगर शौच के लिए बाहर जाए तो उसे रोको तो कुछ महिलाओं ने मुझे घेर लिया और बोली कि ठीक है निगरानी कर लेंगें पर  हम को ये बता दो कि पैसा कितना मिलेगा… पैसा ??? किस बात का पैसा ??? इस पर वो बोली कि हम निगरानी करेगी.

सुबह शाम बच्चों बडो को बाहर शौच जाने से रोकेगी इसलिए..मैने उन्हे आराम से पूछा कि बताओ कितना पैसा चाहिए. कोई बोली पाचं सौ तो कोई बोली सात सौ रुपया महीना तो होना ही चाहिए. क्या ??? मैने कहा बस ?? 500 – 700 रुपए महीना. उन्होनें सोचा कि बहुत कम बोल दिया शायद तो एक खडी होकर बोली हजार मैडम जी हजार चाहिए.  क्या ??? सिर्फ हजार !!!

सफाई की कीमत सिर्फ हजार रुपए. इस पर वो फिर सोचने लगी क्योकि शायद इतनी उम्मीद नही थी उनमे महिलाओं मे कानाफूसी होने लगी.मैने उन्हें शांत करवाया और बोला कि ये स्वच्छता अभियान है स्वच्छता अभियान … इस अभियान के अगर आप हजार क्या लाख भी मांगोगे तो भी कम है क्योकि ये जो काम आप लोग करने जा रहे हो यह अमूल्य है बहुमूल्य है इसकी कीमत का तो कोई अंदाजा ही नही लगाया जा सकता.

इस समय वहां पिन ड्राप साईलेंस थी. कोई सिर पर पल्लू डाले तो कोई नाक पर पल्लू रखे मेरी बात गम्भीरता से सुन रही थीं. मैने कहा अच्छा चलो एक बात बताओ … आपको ये पता है कि पहले हमारा देश आजाद नही था. बहुत लोगों ने कुर्बानी दी …

कुछ की आवाज आई कि म्हारा दादा म्हारा ससुर , तो कोई बोली म्हारे भी ताऊ, ने हिस्सा लिया था … मैने कहा कि अरे वाह !! ये तो बहुत अच्छी बात है कि आप उस परिवार से हो … अच्छा ये तो बताओ कि क्या आपने कभी सुना कि जो लोग देश के लिए लडे. स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया उन्होने ये कहा हो कि हम इस लडाई मे तभी हिस्सा लेंगें जब आप हमें पैसे दोगे ..

सब हंसने लगी और बोली ऐसे थोडे ही न होता है बल्कि जिन जिन ने इस आंदोलन में  हिस्सा  लिया उन्होनें अपने गहने, जेवर तक भी दान मे दे दिए थे. बिल्कुल … मैने कहा  बस दिल में एक ही लग्न थी, जज्बा था और  निस्वार्थ सेवा भाव था कि हर हालत में देश को आजाद करवाना ही है कितने लोग तो बेनाम ही रह कर देश के लिए लडे और जान कुर्बान कर दी  कि देश को आजाद करवाना है और देखो सच्चे मन से देश के लिए लडे और आज हम आजाद है…

आज भी एक लडाई हमे लडनी हैं और वो लडाई है गंदगी के साथ …ताकि हमारी आने वाली पीढी  स्वच्छता में सांस ले सके. उसका जड से  सफाया करना है  और उस्के लिए सभी का  साथ चाहिए और निस्वार्थ सेवा भाव चाहिए और आप है कि पैसे मांग रहे हैं  ..इन बातों ने उनको सोचने पर मजबूर कर दिया.

अचानक  कुछ महिलाए बोल पडी … न जी हम कुछ नही लेंगें … सफाई रखेंगें और अपने गांव का देश मॆं नाम जरुर करेंगें … उस समय मुझे ऐसा महसूस हुआ मानो मैने बहुत बडी लडाई जीत ली. बात गांव की नही बल्कि शहर की भी है अब तो जगह जगह शहर में भी गंदगी के ढेर दिखाई देते हैं…

 

मोनिका गुप्ता , स्वच्छता अभियान

स्वच्छता अभियान और मेरे मन की बात

प्रत्यक्षम किम प्रमाणम … आईए देखिए पहले गांव की क्या हालत होती थी और स्वच्छता अभियान के बारे में लोग की सोच क्या हो गई …

स्वच्छ भारत अभियान – गांव वैदवाला – सफलता की कहानी – Monica Gupta

स्वच्छ भारत अभियान – गांव वैदवाला Swachh Bharat Abhiyan – Village Vaidwala स्वच्छ भारत अभियान – गांव वैदवाला .सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के चलते गांव एक मिसाल read more at monicagupta.info

 

गंदगी हम फैलातें हैं और दोष सरकार पर मढ देते हैं हम अपने कर्तव्य भूल जाते हैं अधिकार याद रखते हैं जबकि समाज के प्रति भी हमारे कुछ दायित्व हैं जिसको निभाना हमारा फर्ज है……….

वैसे स्वच्छता के बारे में आपकी क्या राय है ? जरुर बताईएगा …!!

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