Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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July 11, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाओं की भूमिका और संडे स्पेशल

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत दें https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-sunday-special-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए 2 मिनट और 9 सैंकिंड की Audio – Sunday Special

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महिलाओं की भूमिका और संडे स्पेशल

दोहरी तीहरी या चार गुणा भूमिका लिए कभी house wife कभी home maker  तो कभी गृहणी ना जाने कितने नामों से पुकारी जाती है महिला .. और छुट्टी यानि संडे तो बस पूछिए मत …

जहां लोग फेसबुक पर अपना स्टेटस अपलोड करते हैं कि कब आएगा sunday .. क्योकि सनडे यानि आराम ही आराम. या मनडॆ आते ही अपना चेहरा उदास बना लेते हैं… वही home makers जुटी रहती हैं अपनी भूमिका निभाने में ..

संडे की सुबह मैं अपनी एक ऐसी ही सहेली के घर गई तो बच्चों के शोर से पूरा घर गूंज रहा था. बोली आज ओवर टाईम करना है ?? मैने पूछा अरे !! कैसे कही join  किया क्या तो हंस कर बोली नही री … आज संडे है ना इनकी और बच्चों की छुट्टी है ये सब मस्त है पूरा दिन धमा चौकडी मचाने वाले हैं जबकि उसका आज पूरा दिन रसोई मे बीतने वाला है … बारी बारी करके सो कर उठेंगें …अलग अलग नाश्ते की फरमाईश होगी नाश्ता निबटते ही लंच का समय हो जाएगा फिर बाजार भी शापिंग पर ले जाना होगा..

जहां दिन भर कभी  बच्चों के दोस्त खेलने आते रहेंगे वही  इनके भी दो चार दोस्त  गपशप के लिए आ ही जाएगें … और मौसम अच्छा हुआ  तो शाम को  पकौडे शकौडे … फिर कोई रिश्तेदार … मैने कहा … अरे बस बस बस … ओह मैं तो सुनते सुनते ही थक गई.. संडे  यानि सारा दिन काम ही काम ..इस पर वो मुस्कुराते हुए बोली हां..   तो??? ..

एक दिन ही तो मिलता है सभी को मिलकर मस्ती करने का… नही तो बच्चे सुबह से शाम तक school, पढाई, टयूशन, होम वर्क …ना आराम न नींद … !! वही इनका आफिस मीटिंग… ना खाने का ख्याल और न अपनी सेहत का …

मैंं भी मुस्कुरा दी क्योकि ये बात तो एक मां ही सोच सकती है … वैसे मैं कुछ ऐसी महिलाओ को भी जानती हूं जो संडे को कुछ ज्यादा ही टेंशन ले लेती है और दुखी होकर प्रार्थना करती हैं कि जल्दी से मंडॆ आए और सब अपने अपने काम पर जाए …!

मेरे विचार से.. अगर हर काम मिलजुल कर खुशी खुशी किया जाए तो कोई भी छुट्टी हो या संडे का मजा दुगुना होते देर नही लगती  वैसे आप अपना संडे या छुट्टी का दिन कैसे मनाते हैं जरुर बताईएगा..

जाते जाते एक खूबसूरत बात  दुनिया में दो जगह रहने के लिए बहुत बेहतर हैं पहली या तो किसी के दिल में या फिर दुआओ में … कल फिर मिलूगी एक नए विषय के साथ तब तक अपना ख्याल रखिए … बाय 🙂

July 9, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/Audio-be-positive-by-monica-gupta.wav

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव यहां Click  करिए और सुनिए 1मिनट और 45 सैंकिंड की ऑडियो audio जब कोई बात बिगड़ जाये तो कैसे रहें बी पॉजिटिव Be Positive

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव फिल्मी गाना “जब कोई बात बिगड जाए जब कोई …” बहुत आकर्षित करता है  वाकई में, हम किसी कठिनाई में हो, किसी मुश्किल का सामना कर रहें होंं तो किसी के साथ की बहुत जरुरत होती है लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरत होती है हमें खुद को  motivate करने की, उस  situation से खुद को उबारने की. इस situation  से निकलने के बहुत तरीके भी हैं अगर आप भी तरीके जानना चाह्तें हैं तो आपको ऑडियो Audio  सुनना होगा… click n listen the audio.

ऑडियो - मोनिका गुप्ता

ऑडियो – मोनिका गुप्ता

निराशा से बचने के उपाय – जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव मार्किट से लौटते समय दीपा मिली. वो ब्यूटी पार्लर से निकल रही थी बहुत अच्छी लग रही थी. उसने अपना नया हेयर स्टाईल करवाया था. मैने दीपा ने दो मिनट बात की इतने में उसके पति आ गए और वो उनके साथ चली गई.

असल में, दीपा को दो महीने पहले abortion  miscarriage   हो गया जिसके चलते वो डिप्रेशन में आ गई और सारा समय बस चुपचाप और अकेले बैठी रहती.पर आज उसे पार्लर से निकलते देखा तो खुशी हुई क्योकि अब उसने अपने आप को सम्भाल लिया है और वो वापिस अपनी जिंदगी में लौट रही है.

वैसे हम सभी की जिंदगी में बहुत बार ऐसे अवसर आते हैं जब कोई बात बिगड जाती है और मुश्किल आ जाती है. चारो तरफ उदासी और निराशा ही निराशा होती है..  अगर उस से बाहर निकल जाए तो बहुत बेहतर अन्यथा वो अगर वो हमें जकड ले तो उससे निकल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

वैसे जिंदगी में निराशा से निकलने को बहुत तरीके हैं. सबसे पहले तो खुद को motivate करना, अपने अंदर खुद आत्मविश्वास भरना, किसी hill station , sea beach या long drive  पर निकल जाना. नए दोस्त बनाना या अपने पुराने और positive  दोस्तों से बात करना, अगर हमारे पास pets यानि पालतू है तो उसके साथ कुछ समय बिताना और उससे अपने मन की बात शेयर करना, पुराने कपडॆ किसी को देकर नए कपडे खरीदना..

वैसे music सुनना या कुछ लिखना भी relax होने का सबसे अच्छा source है. इसके इलावा घर की कुछ डेकोरेशन मे बदलाव करना, अपनी पसंद की किताब पढना या हलके गर्म पानी से नहाना भी बहुत रिलेक्सेशन देता है या फिर खुद का make over, नया hair cut या नई look भी जीवन मॆ एक नया बदलाव और खुशियां ला सकती है…

वो कहते भी है ना कि वक्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिए पर जिंदगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए… इसलिए हिम्मत रखिए और मुस्कुराते रहिए bye bye … Take Care

 

विचार भी जरुर पढिए 

July 6, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों की परवरिश पर ध्यान दे

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव

बच्चों की परवरिश पर ध्यान दे –  bachon ki parwarish per dhyan de – हम पेरेंटस तो बन बन जाते हैं पर पेशेंस  Patience नही रख पाते. जबकि आज के समय को देखते हुए बच्चों से ज्यादा पेरेंटस को सीखना चाहिए और कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

बच्चों की परवरिश पर ध्यान दे

थोडी देर पहले एक जानकार के घर से लौटी हूं मन बहुत खराब हो रहा है असल में, जानकार के घर बच्चे और मम्मी मे खूब कहा सुनी हो रही थी जितना मम्मी बोल रही थी उतना ही या शायद उससे भी ज्यादा बच्चा बोल रहा था. उनका बच्चा 9 क्लास में है बस फर्क इतना ही था कि मम्मी बच्चे पर हाथ उठा रही थी और बच्चा मम्मी का हाथ कस कर पकडे हुए था. मम्मी बोल रही थी तमीज से बात कर मुझसे नौकरानी नही हूं तेरी मम्मी हूं..

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-child-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए 2 मिनट और 23 सैकिंड का ऑडियो Parenting पर

 

 

ऑडियो - मोनिका गुप्ता

ऑडियो – मोनिका गुप्ता

बच्चों की परवरिश पर ध्यान दे

असल में, हम पेरेंटस तो बन बन जाते हैं पर पेशेंस  Patience नही रख पाते. जबकि आज के समय को देखते हुए बच्चों से ज्यादा पेरेंटस को सीखना चाहिए और कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

जैसे बच्चों की कभी भी दूसरे बच्चों से तुलना नही करनी चाहिए और ना ही दूसरे परिवार की देखा देखी उनके rules  अपने बच्चों पर लागू करने चाहिए. हर किसी परिवार का अपना अपना रहन सहन तौर तरीका होता है इसलिए अपने घर परिवार को देखते हुए वैसा ही माहौल बनाए रखना चाहिए.

पेरेंटस को कूल और रिलेक्स रहना चाहिए आफिस का तनाव घर पर नही लाना चाहिए अक्सर आफिस का तनाव घर पर ले आते हैं या काम वाली के न आने पर मम्मी उसका गुस्सा बच्चों पर निकालती हैं .. जोकि सही नही है.. इतना ही नही बच्चों को ना सिर्फ पूरा समय देना चाहिए बल्कि उन्हें ध्यान से सुनना भी चाहिए कि उनके मन में क्या चल रहा है.

बच्चों पर हर समय नजर रखने  के बजाय उनपर पूरी तरह विश्वास करके उन्हें पूरी freedom भी देनी चाहिए. बाहर से आए मेहमानो के सामने बिल्कुल भी डांटना  नही चाहिए… अगर हम भरपूर प्यार और मान देंगें तो यकीनन बच्चा भी मान देगा..

मुझे याद आ रही  है एक घटना जब बचपन में अपनी सहेली के घर गई हुई थी. उसके पापा किसी बात पर उसकी खूब पिटाई कर रहे थे. शाम को जब वो अपने दोस्तों के साथ badminton खेल रहे थे तो पैर मुड गया और फ्ररेक्चर हो गया इस पर मेरी सहेली बहुत खुश हुई बोली जिस पैर से मारा वही टूटा. बहुत अच्छा हुआ सबक मिला. आज इस बात को इतने साल हो गए पर वो अपने पापा को बिल्कुल पसंद नही करती.

असल में, बहुत दुख होता है हम पेरेंटस तो बन जाते हैं पर पेरेंटिंग नही सीख पाते.. अच्छे पेरेट्स बन कर तो देखिए जिंदगी में हर तरफ खुशिया ही खुशिया नजर आएगी..और अगर आपका भी कोई एक्सपीरियस हो तो जरुर बताईएगा … मुझे इंतजार रहेगा.. तब तक बाय …

बच्चों की परवरिश पर ध्यान दे

कैसे हैं आप भी जरुर सुनिए

 

 

July 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

उफ! ये डायटिंग

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिवhttps://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-diet-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए  2 मिनट और 33 सैंकिंंड का व्यंग्य  उफ !! ये डायटिंग …

ऑडियो - मोनिका गुप्ता

ऑडियो – मोनिका गुप्ता

 डायटिंग चार्ट – वेट कम करना

ये dieting नही आसान  है आसान बस इतना समझ लीजिए… उफ! ये डायटिंग करते रह जाना है …

बारिशें शुरु हो चुकी हैं और मुझे फिर याद दिलाया गया वो वादा जो मैने अपने परिवार से किया था कि बस..बरसात आते ही मैं डायटिंग शुरु कर दूंगीं.

नमस्कार मैं हूं मोनिका गुप्ता. बात पिछ्ले साल बारिशों के मौसम  की है जब डाक्टरों के चक्कर काटने पडे और कुल मिला कर समझ यही आया की अपनी जीभ पर यानि खाने पर कंट्रोल कर लो तो सारी बीमारियां खत्म…खाने पर कंट्रोल यानि पराठें, मखन्न, आलू पूरी चावल,, मटका कुल्फी सब पर पूर्ण विराम … हाय राम कैसे होगा …

मुझे मेरी सेहत का वास्ता दिया गया और मैने भावनाओ ने बह कर यह निर्णय सुना दिया कि बस अगले महीने से पूरी तरह से खाने पर कंट्रोल करुंगी और उसके साथ एक डायलॉग भी जोड् दिया कि  खाने पर कंट्रोल, डायटिंग करना  कोई मुश्किल नही .. बस मेरे करने की देर है.. चुटकियों में वजन कम होगा चुट्कियों में …

खैर,  अगला महीना भी आ गया और अचानक मौसम शादियों का भी आ गया इसलिए मैने कहा कि इस मौसम मे दो चार शादियां है वो निबट जाए बस….. फिर देखना चुटकियों में वजन कम करुगींं…

इसी बीच नया साल शुरु होने को था.. मेरे पूछ्ने पर कि नए साल में कौन सा सकंल्प लू तो यही सुझाया गया कि आप तो बस वजन ही कम कर लो .. तो मैने बोला  अरे ये क्या संकल्प हुआ ये तो कोई मुश्किल ही नही है.. वो तो बस मेरे करने की देर है… चुटकियो में … और फिर शुरु हुआ नया साल ..

मैने मन बना लिया था कि बस सर्दी निकल जाए क्योकि ठंडे मौसम में गर्म गर्म खान बहुत अच्छा लगता है … कुछ समय बाद अचानक सुनने को मिला कि शहर मे नया जिम खुल रहा है बस वही ज्वाईन करुंगी दो महीने बाद पता चला कि जिम की जगह वहा पिज्जा पैलेस खुल गया है फिर मेरी तलाश शुरु हुई  वजन तोलने यानि वेइंग स्केल की कि बस वो  मिलते ही डाईटिंग शुरु … चुटकियों मे वजन कम कर  के दिखाउगी …

अब बरसात शुरु हो चुकी है और मुझे मेरा चुट्कियो वाला  ओह मेरा मतलब वजन वाला वायदा याद दिलाया गया ..सभी नाराज थे और इल्जाम लगा रहे थे कि आपसे हो ही नही हो सकता वजन कम… और् मैने एलान कर दिया कि वजन कम करने की प्रक्रिया शुरु होती है आज और अभी से..

एलान किया ही था कि  डोर बैल हुई .. घर पर मेहमान आए थे और वो बीकानेर वाले छोले भठूरे और फलूदा कुल्फी लाए थे  सब मेरी तरफ देख रहे हैं और मैं छोले भठूरे की तरफ कि बस कल से शुरु करती हूं पक्का प्रोमिस … क्योकि अगर ये नही खाया तो मेहमान बुरा मान जाएगें और वैसे भी एक ही दिन की तो बात है ये कोई मुश्किल  नही है..

बस मेरे करने की देर है… चुटकियो में वजन कर के दिखाऊग़ी और मैं चटखारे लेकर सभी के साथ खाने में जुट गई… अरे आप क्या सोचने लगे मैं कम कर सकती हूं अपना वजन. पर कल से  तो कल मिलते हैं तब तक बाय बाय…

ऐसा मोटापा आपको भी मुबारक हो जरुर सुनिए 🙂

July 4, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ट्रैफिक नियम और हमारी जागरुकता

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत देंhttps://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-road-side-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए 1मिनट और 43 सैकिंड का ये ऑडियो  ट्रैफिक नियम और हमारी जागरुकता

 

ट्रैफिक नियम और हमारी जागरुकता

मैं अक्सर नेट पर पढती हूं कि अगर, सडक पर कोई एम्बूलेंस मिले तो उस मरीज के लिए दुआ करनी चाहिए मेरा विचार कुछ हट कर है मेरा विचार है कि दुआ करने से पहले  हम एम्बूलेंस को साईड दें तो ज्यादा अच्छा होगा.

बहुत  बार देखा है कि सडक पर लोग बस मुड मुड कर उस सायरन को सुनते रहते हैं पर खुद जल्दी निकलने के चक्कर में साईड नही देते. बहुत बार ऐसी खबरे पढी सुनी और खुद भी दो चार होना पडा तो महसूस किया कि आखिर इसका क्या समाधान निकाला जा सकता है क्योकि कही न कहीं indirect way   में  side न देने पर हम भी उस मरीज की मौत के जिम्मेदार हैं.

आज  delhi की  news पढी कि अगर एंबुलेस को रास्ता नही दिया तो 2000 रुपए जुर्माना होगा. दिल्ली के  उपमुख्यमंत्री ने ना सिर्फ कॉल 102 एप लांच किया बल्कि जो भी ambulance के सायरन की आवाज सुनने पर रास्ता नही देगा उस पर fine भी लगेगा … यकीनन बहुत बेहतर कदम है.

पिछ्ले कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी  बहुत अच्छा कदम उठाया था . कोर्ट का आदेश था  कि कोई व्यक्ति सड़क पर पड़े किसी जख्मी को अस्पताल पहुंचाता है तो  ना पुलिस और न अस्पताल बेवजह की पूछताछ से उन्हें परेशान करेगी. रोड एक्सीडेट्ड में समय पर help न मिलने का मुख्य कारण यही होता था कि कोई कानूनी पचड़ों में नहीं फंसना चाहता इसलिए accident  देख कर भी अनदेखा कर देते  सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं पचड़ों को दूर करके एक शानदार आदेश सुनाया और अब ये निर्णय कि  ambulance सायरन बजने पर भी साईड न दिए जाने पर 2000 रुपए जुर्माना होगा ..

शानदार पहल है…

इरादे बुलंद है बस एक उड़ान चाहिए।
इन बदली फिजाओं को एक नया आसमान चाहिए..

 

 

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Motorists obstructing ambulances will pay penalty of Rs 2000 says Manish Sisodia – Navbharat Times

ऐम्बुलेंस को रास्ता नहीं देने पर लगेगा जुर्माना : सिसोदिया दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी… read more at navbharattimes.indiatimes.com

वैसे आपका इस पहल के बारे में क्या विचार है जरुर बताईएगा !!!

July 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio)

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/04/my-story-pasand-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए महिला की सोच और उसके विचारों का ताना बाना बुनती खूबसूरत सी छोटी सी कहानी

ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio)

नेट, Mobile  और सोशल मीडिया का  बहुत धन्यवाद क्योकि आज  इसी की वजह से हम अपने ब्लॉग पर न सिर्फ लिख सकते हैं बल्कि अपनी आवाज के जरिए भी आप सभी तक पहुंच भी सकते हैं…

आपका कहानी पढना  नही बल्कि मेरा आपको कहानी सुनाने का छोटा सा प्रयास है ये ऑडियो

आप इस कहानी को सुनिए और बताईए कैसी लगी…

आज की कहानी है पसंद ना पसंद

 मोनिका गुप्ता - कहानी

मोनिका गुप्ता – कहानी

 

ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio)

….जरुर बताईएगा कि कैसी लगी कहानी ताकि मैं भविष्य में भी ऐसी कहानियां सुनाती रहूं…

 

 

 

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