एक स्टार्टअप जिंदगी के नाम startup (महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात ) समाज में दो तरह की महिलाएं हैं एक तो वो जो सारा दिन बस आराम ही आराम करना चाहती है.. घर पर नौकर चाकर है अच्छी किटी पार्टी ज्वाईन की हुई है बस घर सम्भालना, आराम करना , वटस अप करना, मैसेज करना, मूवी देखना, चैनल बदलना और शापिंग करना (ओह इतने सारे काम और बस सो जाना …
एक स्टार्टअप जिंदगी के नाम
और अगर कुछ उनसे क्रिएटिव करने को कहें तो बोलेगी कि क्या करें समय ही नही मिलता … सारा दिन घर सम्भालना, बच्चों की देखभाल करना … बाई की इंतजार करना उससे काम करवाना …कही बाहर डिनर या लंच पर जाना हो तो सारा दिन ड्रेस फाईनल करने में ही लग जाता है क्या पहन कर जाएं … दिन ऐसे ही निकल जाता है.
एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम
(महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात )
पिछ्ले दिनों मैं कुछ ऐसे ही उदाहरणो या बहानों से दो चार हुई. एक महिला मिली जिसे एम ए किया हुआ है. मेरे पूछ्ने पर कि आप क्या करती हैं वो बोली कुछ नही मैने पूछा कि शायद आपके परिवार वाले कुछ काम के लिए मना करते होंगें .. वो बोली कि अरे नही मना नही करते… पर कौन पडे अब चक्करों में…. बस पढ लिए बहुत है अब तो सारा दिन चैट करना, टीवी देखना, क़िटी पार्टी जाना और शापिंग से ही फुर्सत नही.
एक अन्य महिला भी घर पर आराम करने के हक में है मैने उसे दिन में किसी वजह से फोन किया तो वो आराम कर रही थी बोली तीन दिन पूरा आराम है मेरे पूछ्ने पर वो बोली कि हमारे यहां तीन दिन रसोई में नही जाते मैने कहा कि अरे आज के समय में भी तुम ऐसी बाते मानती हो .. इस पर वो मुझे ही गलत ठहराते हुए बोली कि बुरा क्या है इसी बहाने आराम करने का पूरा मौका मिल जाता है …
अरे !! आराम पर आराम !! कितना आराम करोगी … क्या आराम करते करते थक नही जाती ये महिलाएं . ऐसी महिलाए आती हैं मिसेज की श्रेणी में यानि मिसेज कपूर, मिसेज शर्मा, मिसेज राव यानि अपनी कोई पहचान नही होती ..बुरा नही मानिएगा पर ऐसी महिलाएं बस अपने पति के नाम से ही समाज मे जानी पहचानी जाती हैं…
और दूसरी श्रेणी की महिलाए होती हैं जो घर का काम सम्भालते हुए भी कुछ करना चाहती हैं उनकी आत्मा बैचेन सी रहती है कि कुछ करुं और घर पर काम होते हुए भी, अति व्यस्त रहते हुए भी, घर के काम से हट कर कोई न कोई काम ऐसा खोज ही लेती हैं जो न सिर्फ उन्हे खुशी देता है बल्कि एक अलग पहचान बनाने का मौका भी देता है.. मिसेज होते हुए भी लोग उन्हें “उनके”” नाम से जानते हैं..
जैसा कि रुबी मनचंदा हैं उन्हें जब भी मौका मिलता है महिलाओं को रक्तदान की अहमियत बताती है और साथ ही साथ खुद का सही हीमोग्लोबिन होना कितना जरुरी है इसके बारे में अलग अलग उदाहरण देकर समझाती हैं.
एक अन्य महिला प्रीति अपने घर से हर शाम आधा धंटा का समय निकाल कर पार्क में गरीब बच्चों को बुलाती हैं और उन्हें कुछ न कुछ पढाती हैं और बातो ही बातो में सफाई का मह्त्व समझाती हैं…
इन सब के इलावा भी ना जाने कितने ऐसे काम हैं जिनसे हम समाज में अपनी अलग पहचान बना सकते हैं
फैसला हमारे हाथ में है कि हम चाहते क्या हैं … . !! मिसेज …. या अपनी अलग पहचान !!
बेशक, आप में से कुछ को मेरी बात कडवी लगे और शायद आप बोर आर्टिकल समझ कर बीच में ही पढना बंद भी कर दें
पर एक बात मैं जरुर कहना चाहूग़ी कि आजके समय में हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम नेट के जमाने में हैं और हम घर पर बैठे बैठे ही इसके माध्यम से बहुत कुछ कर सकते हैं अगर करना चाहे तो … !!ध्यान दीजिए … अगर हम करना चाहे तो !!!
फैसला हमारे उपर है कि हम “आराम ” को प्राथमिकता देते हैं या अपनी खुशी को … !! और असली खुशी है अपनी जिंदगी में एक नया स्टार्ट अप देने की …
जरुर सोचिएगा … और अगर मन में कुछ भी विचार आए जो आप मुझे शेयर करना चाहें तो आपका स्वागत है … !!
तो कब बता रही हैं मुझे अपना नाम ….
Your Attention Please Housewives जरुर पढिए 🙂
Photo by Reuben Whitehouse
Jaikiran says
Nice story mam..
jaikiran