हमारा जीवन और छोटी छोटी बातें अक्सर खुल्ले पैसे नही होते तो दुकानदार टॉफी थमा देते है पर यहां कुछ और ही चक्कर हुआ … क्या आप बाजार जा रहे है … !! अरे !! मैने तो इसलिए पूछा कि अगर जा रहे हैं तो खुल्ले पैसे ( change) साथ ले कर जाईएगा कभी मणि की तरह … !!
हमारा जीवन और छोटी छोटी बातें
ओह मणि के साथ आज सुबह क्या हुआ ये तो बताया ही नही… मणि गुस्से में घर आई और बोली क्या मैं तुझे अमरुद बेचने वाली लगती हूं … !! मुझे समझ नही आया पर उसका गुस्से मे मासूम चेहरा इतना प्यारा लग रहा था कि मुझे हंसी आ गई.. इस पर उसका और नाराज होना स्वाभाविक था …
मैनॆ अपनी हंसी पर कंट्रोल करते हुए पूछा तो उसने बताया कि वो आज मार्किट गई थी. रास्ते में अमरुद की रेहडी खडी थी बहुत हरे हरे और कच्चे थे अमरुद… उसने किलो ले लिए अब उस आदमी के पास छुट्टे पैसे नही थे. उसने एक मिनट रुकने को बोला और सामने पैसे खुल्ले कराने चला गया.
इसी बीच अमरुद लेने एक दो लोग और आ गए और उससे ही दुकानदार समझ कर भाव पूछ्ने लगे तो उसने चिढ कर कहा कि उसे नही पता वो खुद लेने आई है … !!
हे भगवान !! आज पता नही क्या हुआ मेरी हंसी रुक ही नही रही थी… आज तो पक्का ही लडाई होगी मेरी मणि से… मैने मन ही मन खुद को गुस्सा किया और संयत होकर पूछा … अरे … ऐसे कैसे हो सकता है … दिखा अमरुद कैसे है .. कितने के हैं?? … अब मणि मेरे से भी गुस्सा होकर अपने घर जा रही थी … अब इससे पहले आपको भी कोई गलत न समझ ले इसलिए आप भी खुल्ले पैसे लेकर जाईएगा मार्किट .. !!
हमारा जीवन और छोटी छोटी बातें के बारे में आपके विचारों का स्वागत है…
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