How to Get Your Child to Respect You – क्या करें कि बच्चा आपकी Respect करे – क्या करें कि बच्चें आपकी respect करें… भगवान न दिखाई देने वाले माता पिता हैं और माता पिता दिखाई देने वाले भगवान हैं इसलिए बहुत सोच समझ कर… इस बारे में मैंने कुछ parents बात की कि क्या करते है वो जब बच्चा कहना नहीं मानता सामने बोलता है तो अलग अलग बातें थी…
How to Get Your Child to Respect You – क्या करें कि बच्चा आपकी Respect करे –
एक ने कहा कि दो लगाते हैं, चटाक चटाक
दूसरे parents बोले कि कुछ नहीं कर सकते जमाना ही खराब है, हमारा समय था जब बोलने की हिम्मत नहीं होती थी सामने
तो वही एक बोले कि होस्टल भेजने की सोच रहे हैं
वहीं एक मदर बोली कि बस अब मोबाइल, टीवी सब बंद कर दिया… अब देखते हैं…
तो देखिए ऐसा कुछ करते हैं कुछ पेरेंट्स क्या आप भी ऐसी ही कुछ सोच रखते हैं अगर हां तो थोडा समय निकाल कर ये वीडियो जरुर देखिएगा क्योंकि ये सोच सही नहीं है… क्या करना चाहिए कि बच्चा respect करे… तो अपनी बात कहने से पहले एक बात जरुर कहना चाहूंगी कि Respect earn की जाती है .. ये दिल से निकलती है… ऐसा जोर जबरदस्ती से नहीं…
1 तो मेरा पहला पोईंट है कि respect दीजिए अगर हम चाहते है कि बच्चा हमारी respect करे तो हमे भी देनी होगी… कैसे??
Respect की भावना दिल से आती है और दिल में ये भावना आए उसके लिए parents को भी बच्चों को आदर देना होगा.. शांत रहना होगा और किसी बात पर over react नहीं करना.. बात बात पर lecture नहीं देना.. ना बात बात पर धमकी देनी है कि ये नहीं किया तो ये कर देंगें.. जब खुद किसी बात पर गुस्सा आ रहा हो तो उस समय बच्चे को नहीं समझाईए..
फिर इसी में बात आती है कि बच्चों के साथ ही नहीं पति पत्नी को आपस में भी respect देनी होगी.. खुद बच्चे के सामने बात बात पर झगडा करेंगे तो उसके कोमल मन पर भी बहुत असर पडेगा.. खुद एक उदाहरण बनना होगा.
2 बच्चों के साथ समय बिताईए.. बहुत बार बच्चों की नाराजगी या गुस्से का कारण ये बात भी बनती है कि parents समय ही नहीं देते.. बच्चा कभी ड्राईवर के साथ तो कभी आया के साथ ज्यादा रहता है.. तो मिल कर समय बिताना चाहिए, हंसी मजाक करना चाहिए.. hobbies and activities के लिए उन्हें encourage करना चाहिए.. खाना एक साथ खाना चाहिए. ये कभी नहीं समझना चाहिए कि बच्चों को आर्डर दें और बच्चे वैसा ही करें.. खुद को मालिक या बच्चों को गुलाम नहीं समझना चाहिए… बच्चों के साथ बहुत सख्त भी नहीं होना और न ही बिल्कुल दोस्त जैसा व्यवहार करना है… उनके अच्छे भविष्य के लिए समझाना है..
हां पर एक लीडर जरुर बनना चाहिए जैसा कि टीम लीडर होता है कि बच्चों की जरुरतों का ख्याल रखना, उनकी केयर करना, उनकी बात सुनना, तुम चुप रहो, ऐसा साऊंड नहीं करना चाहिए.. बच्चों बच्चों को बताईए कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं और हमेशा करते रहेंगें..
3 जब भी बच्चा रिस्पेक्ट न करे.. कुछ गलत बोले या जवाब दे या कहना न माने तो तुरंत टोक दीजिए कि यहां ऐसा नहीं चलेगा.. और ये बात आगे से न हो… ये इसलिए जरुरी है कि अगर हमने बच्चे को समय पर नहीं समझाया उसकी गल्तियां नजर अंदाज करते रहे तो आगे जाकर दिक्कत आएगी ही आएगी..
फिर उन्हें social skill भी सिखाईए.. जैसा कि बात बात पर थैंक्स, सॉरी, प्लीज.. ऐसे magic words.. कहने को ये बहुत छोटी बातें हैं पर अगर बच्चे इसका यूज करेगें तो बातों में खुद ब खुद रिस्पेक्ट झलकेगी..
4 फिर चौथा पोईंट आता है कि बच्चों की गलती Acknowledge भी कीजिए.. जब बच्चे कुछ गलत करते हैं तो पेरेंटस गुस्सा करते हैं दूसरे के सामने बच्चों की कमियां बतातें हैं यानि एक तरह से हम खुद ही बच्चों को irritate करते हैं पर वही अगर कुछ अच्छा करते हैं तो acknowledge भी करना चाहिए.. उन्हे शाबाशी देनी चाहिए.. अगर ऐसा करते हैं बच्चों को बहुत खुशी होती है गर्व होता है और मोटिवेट भी होते हैं.. और वो आगे भी अच्छा करने की कोशिश करते हैं..
5 पेरेंट्स को ईमानदारी के साथ रहना चाहिए.. बच्चे मास्टर ऑब्सर्वर होते हैं.. जो वो देखते हैं वही एप्लाई भी करते हैं.. इसलिए पेरेंट्स जो कर रहे हैं सही करें.. जैसे पार्क में गए हैं पिकनिक करने अखबार को खाने का बचा सामान ऐसे ही छोड आए.. या किसी दोस्त से फोन पर बात कर रहे हैं और फोन रखने के बाद कितना बेकार आदमी है और उसके बारे में गलत सलत बोलना.. उसका मजाक उडाना.. रोजमर्रा में ऐसे बहुत उदाहरण भरे होते हैं.. इसलिए..
6 इसी के साथ साथ अगर पेरेंट्स से भी गलती हो जाए तो वो भी बच्चे से सॉरी बोले.. कुछ गलत किया तो ईमानदारी से अपनी गलती मान लेनी चाहिए… बच्चों को बताईए कि गलती इंसान से ही होती है और वो भी इंसान हैं.. ऐसे में बच्चे न सिर्फ सीखेंगे बल्कि वो आपको admire भी करेंगें… आप उनके लिए roll model भी बन सकते हैं…
7 बच्चों से जो बात करनी है खुल कर कीजिए… सच बोलना है… अगर सारी बात सच नहीं बोली तो बच्चे से ये उम्मीद मत रखिएगा कि वो आपको आदर देगा या आराम से बात करेगा.. किसी आफिस में क्लर्क हैं और बच्चे से बोल रखा है कि वो आफिसर हैं..
- Expectations एक दम realistic और क्लीयर होनी चाहिए जैसाकि एक family dinner पर होटल में जा रहे हैं.. जाने से पहले बच्चों को समझा दीजिए कि वहां कैसे करना है और क्या नहीं करना… अगर कहना माना तो कुछ ईनाम मिलेगा और अगर नहीं माना तो घर आकर सजा.. यानि अपने कुछ rules बना लेने चाहिए ये बहुत जरुरी है.. और किस तरह की सजा होगी ये बच्चों के साथ मिलकर पहले से ही बना कर रख लेनी है…
मान लीजिए आप मार्किट गए है और आपने पहले ही कह दिया कि आईसक्रीम की जिद नहीं करनी.. आपने समझा दिया था पर बच्चे के कहना नहीं माना तो ये नहीं कि वही मार्किट में ही बच्चे को मारना शुरु कर दे.. घर आईए और और शांत होकर बात कीजिए… कि क्या हुआ था ?? कहना किसलिए नहीं माना.. जो क्रिएटिव पनिशमैंट हैं वो दीजिए..
- बच्चों को जिम्मेदार बनाईए और ये आदत बचपन से ही डालनी चाहिए… जैसा कि बच्चे की आदत है कि वो जब ब्रुश करता है तो नलका चलता रहता है… नलका बंद नहीं करता तो उसे पानी की वेल्यू समझाईए या फिर जब खेलने जाता है तो कमरे की लाईट बंद करके नहीं जाता.. बिना वजह कमरे की बिजली नहीं जलनी चाहिए और अगर उससे कोई चीज टूट गई तो उसे समझाईए कि नुकसान होता है.. और पैसे की बहुत वेल्यू होती है…नई चीज फ्री में नहीं आती है पैसे से आती है और इसे कमाने के लिए बहुत मेहनत करनी पडती है… उसे समझाईए स्कूल में हर रोज अपनी पानी की बोतल खो कर आता है तो समझाईए..ताकि उसे अहसास हो.. ये नहीं कि अभी बच्चा है अभी क्या बात करनी…
10 Learn from mistakes – उन्हें अपनी गलती से सीखने दे.. एक बार गलती होने दें.. ताकि उन्हें समझ आ जाए.. बिना गलती हुए समझ भी नहीं आएगा तो एक बार होने दीजिए गलती…
बच्चों को भी कुछ freedom भी दीजिए..बेशक मॉनीटर भी करें कि कौन दोस्त है किसके साथ ज्यादा रहते हैं हर समय उन पर नजर रखेंगें तांका झांकी करेंगें तो बच्चे भी irritate हो जाते हैं.. उनको थोडी प्राईवेसी भी दीजिए… उन पर विश्वास कीजिए… !!
How to Get Your Child to Respect You – क्या करें कि बच्चा आपकी Respect करे –
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