Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 24, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Overcome Inferiority Complex – हीन भावना कैसे दूर करे – Heen Bhavna

How to Overcome Inferiority Complex – हीन भावना कैसे दूर करे – Heen Bhavna –  बहुत लोगों में अलग अलग तरह का Inferiority Complex होता है… खास तौर पर लेडीज के बहुत मैसेज आते है कि मैं सुंदर नहीं हूं या किसी के सामने बोल नहीं पाती, मेरा कद बहुत छोटा है या मैं बहुत मोटी या पतले हूं… बहुत तरह की बातें…. देखा जाए तो Inferiority Complex का होना है तो कुछ नहीं… पर अगर समय से दूर नहीं किया गया तो समस्या जरुर बन सकती है… इसलिए इसका दूर होना बहुत जरुरी है… तो क्या करना चाहिए इसके लिए 9 बातें बता रही हूं

How to Overcome Inferiority Complex – हीन भावना कैसे दूर करे – Heen Bhavna

तो सबसे पहले तो हमें इसकी जड तक जाना है

सबसे पहले तो जानना है कि किस बात का हमें कॉम्पलेक्स है आत्मविश्वास की कमी है, डर लगता है रंग रुप, बोल चाल पहनावे को लेकर हीन भावना है.. बहुत तरह की बातें हो सकती हैं…

फिर कि कारण क्या है… देखिए दो वजह सामने आती हैं…

क्या ये Complex बचपन से है या हाल फिलहाल ही हुआ है.. कई बार तो ये बात बचपन से ही है उभर कर आती है तो कई बार हाल फिलहाल हुआ है एक लडकी है बचपन से ही उसे आगे आने नहीं दिया गया.. दबा कर रखा गया. उसकी न कोई बात न कोई राय मानी गई तो वो बोल ही नहीं सकती… इससे उसमे वो Complex घर कर गया…

या फिर एक लड़की की शादी हुई वो गांव से है पर उसके घर के सभी लोग मैट्रो  में रहते हैं तो उसे हर बात में झिझक महसूस होती है.. Complex घर कर गया… वो सोचती है कि बोलूंगी तो गडबड हो जाएगी.. मजाक बनेगा…

क्या साईन है यानि क्या महसूस होता है…

कई बार हमें पता ही नहीं चलता पर असल में complex हमारे भीतर होता है… हमारे हाव भाव से हमारी बॉडी लेग्वेज से झलक जाता है.. हम घबराए से सहमे से रहते है… कुछ भी करने में आत्मविश्वास ही नहीं जुटा पाते .. इस चक्कर में कि लोग क्या कहेंगें

2 Break down your complex तो लोग क्या कहेंगें इस चक्कर में हम खुद को खो दें ?? क्या ये सही है.. मुझे नहीं लगता कि आप इस बात से सहमत होंगें… नहीं न तो इससे डील कीजिए…कैसे ?? ये तो आपने सोच लिया कि आप में किस बात का कॉम्प्लेक्स है पर क्या लोग भी ऐसा ही सोचते हैं ?? हो सकता है कि इस बात पर किसी का ध्यान ही न जाता हो… इस बात को logically यानि ठीक से सोचिए emotionally नहीं… !! कही आप ही बार बार बोल कर उन्हें जता रहे हो.. लोगो को पता ही न हो…

3 Determine who you feel inferior to  – inferiority complex  फिर चलिए हम मान लेते हैं कि लोग भी कहते हैं वो भी सोचते हैं.. तो क्या उनमें कोई कमी नहीं.. पता है क्या कमी हर किसी में कोई न कोई है.. यानि कोई न कोई किसी न किसी से अच्छा है… कोई भी परफेक्ट नहीं है… जब कोई परफेक्ट ही नहीं तो इस complex को किसलिए मन में लाना है ये और कुछ नहीं बस हमारे दिमाग की उपज है… कोई किसी काम में अच्छा है तो कोई किसी और काम में… बल्कि आपको ये सोचना चाहिए कि किस काम में आप औरों से अच्छे हैं… मेरे में क्या ऐसी क्वालिटी है जो मैं दूसरे से बेहतर हूं..

4   Stop comparing yourself to everyone else. अब आपको क्या करना है कि खुद की तुलना दूसरे से नहीं करनी… अगर ऐसा करेंगें तो लोग तो मिलते ही जाएगे जो किसी न किसी रुप में हमसे बेहतर है.. सभी की अपनी जिंदगी अपने हालात होते हैं.. तो तुलना तो बिल्कुल नहीं करनी चाहिए…

कि हाय काश मेरे पास ये होता तो मैं ये कर सकता.. मैं सुंदर होती तो मिस इंडिया में चली जाती… मेरे पास पैसा होता तो मैं बड़ा होटल बना लेता … अपने प्रति ईमानदार रहें, सच्चे रहे. पर इसका मतलब ये भी नहीं कि खुद को लिमिट कर लो.. नहीं आप दूसरे से inspiration लीजिए… आप आप हैं और वो वो है… अपना बेहतर दीजिए…

5 Try not to worry about what others think. मत सोचिए कि दूसरे मेरे बारे में क्या सोच रहे हैं… जब हम बार बार ये बात सोचते हैं… ये Inferiority complexes हीन भावना और ज्यादा हमारे भीतर आती जाती है… ये हैल्दी thinking नहीं है… आप अपने बारे में क्या सोच रखते हैं ये बात matter करती है… आपका opinion matter करता है और कुछ नहीं… दूसरे की चिंता करने की बजाय  खुद को खुश रखिए… पॉजिटिव रहिए और अपनी strength ताकत और successes पर पूरा विश्वास रखिए..

Focus on your positive attributes. जब आप नेगेटिव होने लगे तो बजाय ये सोचने के मेरे पास क्या नहीं है ये सोचिए कि मेरे पास क्या है… हर किसी के पास कोई न कोई अच्छी बात तो होती ही है… तो उसकी लिस्ट बनाईए कोई न कोई बात निकल ही आएगी.. जैसाकि आज एक दुकान पर सामान लेने गया बहुत लम्बी लाईन थी.. एक बहुत बूढी महिला मेरे पीछे खडी थी मैंनें बोला पहले आप आगे आ जाईए… कुछ ऐसी बाते होती है जिन्हें हम शामिल नहीं करते पर होती बहुत अच्छी है… तो चेहरे पर खुद ब खुद स्माईल आ जाएगी.. कार पार्किंग पर जब मैं गई तो जो आदमी डयूटी पर था उसने बहुत अच्छी तरह से मुझे कार बैक करवाई…

  1. यानि negative बाते करना बिल्कुल बंद. ब्रेन वॉश कर लीजिए अपना… मैं सुंदर नहीं हूं इसलिए ये नौकरी मुझे नहीं मिल्रेगी… इसका मतलब है कि मैं खुद को लेट डाऊन कर रही हूं… मैं ईमानदार हूं और उन्हें ईमानदार कर्मचारी चाहिए… तो जब भी बोलिए भले ही मन ही मन तो पॉजिटिव ही बोलिए.. मेरे पास बहुत पैसे नहीं इसलिए मेरे दोस्त नहीं बनते.. मैं बहुत ज्यादा सिनसियर हूं मेरे दोस्त क्यों नहीं बनेंगें… इस तरह से अगर खुद से बात करेंगें तो आत्मविश्वास भी आएगा और आत्म सम्मान भी build अप होगा ये बात अगर आप लगातार महसूस करेंगें तो आपको खुद ही ये सब बदलाव महसूस होगा..

Don’t think in absolutes. ये मत सोचिए कि अगर मेरे पास ये होता तो ये हो जाता यानि अगर मेरा वजन 10 किलो कम हो जाता तो ये हो जाता…  disappointment मुझे असली खुशी मिलती बजाय इसके अपनी ताकत पर अपनी वेल्यू पर ज्यादा फोकस करेंगें तो बेहतर होगा क्योंकि ये हमारी असली पूंजी है.. और ये हमे खुशी की ओर भी ले जाती है…

 

7 Don’t limit your social interactions. खुद को बाहर निकालिए.. ये नहीं कि complex है तो सब जगह आ ना जाना बंद… withdrawn कर लेना  anti-social हो जाना.. बल्कि जान बूझ कर बाहर निकलिए.. बात कीजिए अपनी झिझक कम कीजिए…

कोशिश कीजिए कि positive  लोगो के साथ ज्यादा समय रहें.. जितना ऐसे लोगो से मिलेंगें जुलेगें socialize होगें तो अच्छा महसूस होगा जबकि नेगेटिव लोगो के साथ समय बिताएगें तो वही बुराई, चुगली, तेरा मेरा इससे मन ही खराब होगा..    

8 तो अपने डर का सामना कीजिए.. जिस बात से डर लगता है उसे बाहर निकालने का पूरा प्रयास कीजिए..

अपना आत्मविश्वास बढाईए.. जब आप इस पर काम करना शुरु कर देंगें तो ये और बढेगा..

आप मन ही मन विचार कीजिए कि जो मैंने अपने मन ही मन अपनी नेगेटिव छ्वि बनाई हुई है वो सच नहीं है…

जो खुद को labels दिए हुए हैं मैं नालायक हू, बुदू हूं, stupid, ugly, unsuccessful, a failure, or धरती पर बोझ हूं कोई काम अच्छे से नहीं कर सकता अपने लिए ये शब्द इस्तेमाल करना बंद कर दीजिए…

अपने हाव भाव्, Body language पर ध्यान दीजिए  

9… Continue working on yourself. लगातार अपने पर काम करते रहिए…अपनी कोई हॉबी है उसे आगे लाईए अपनी कोई स्किल है उसे आगे लाईए… यानि खुद को लगातार इम्प्रूव करते रहिए.. अपनी सेहत का ख्याल रखिए… कैसे भी करके खुद को अच्छा महसूस करवाना है.. इसमे एक काम और किया जा सकता है कि एज ए Volunteer काम कीजिए.. जब बिना किसी स्वार्थ के कुछ काम करते है तो खुशी भी होती है और अच्छा भी लगता है.. बहुत काम हैं ऐसे आप खुद चुनिए और उस पर काम कीजिए… उपलब्धि पर खुशी भी होगी और गर्व भी. तो ये हैं कुछ बातें…

 

ख्वाहिशों से नही गिरते हैं, फूल झोली में,कर्म की शाख़ को हिलाना होगा,

कुछ नही होगा अंधेरे को बुरा कहने से अपने हिस्से का दीया ख़ुद ही जलाना होगा.

 

जीतने वाले कभी हार नही मानते, और हार मानने वाले कभी जीतते नही.

 

वजूद सबका अपना अपना.. सूरज के सामने तो दीपक का न सही पर अंधेरे में तो बहुत कुछ है..

 

एवरेस्ट पर चढ़ने में नाकाम रहने के बाद एक आदमी का जवाब मैं फिर आऊंगा… और आप को फतह करूँगा क्योंकि एक पहाड़ के रूप में आप बढ़ नहीं सकते…. लेकिन एक मानव के रूप में मैं अपने प्रयासों को बढ़ा सकता हूँ अपने आप पर यकीन रखिये……

 

जिस दिन आपने अपनी सोच बड़ी कर ली, बड़े-बड़े लोग आपके बारे में सोचना शुरू कर देंगे…

 

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