Kajal Nishad … Versatile Actress
बहुमुखी प्रतिभा की धनी है काजल निषाद
Kajal Nishad … Versatile Actress
एक गृहणी, एक कलाकार, एक परम शिव भक्त, एक कवयित्री, एक नेता, एक समाजसेवी ढेरों गुणों की खान है काजल निषाद. इन सब के इलावा एक खूबी काजल जी में और भी है कि उनमें अभिनेत्री होने का घमंड जरा भी नही है. बेहद सीधी सादी और भोली भाली काजल सभी के लिए समय निकाल कर बहुत अपनेपन से बात करती हैं. शायद इसलिए उनके और भी विस्तार से जानने इच्छा और फिर शुरु हुआ बातों का सिलसिला.
कुछ भी कहने से पूर्व मैं ये बताना चाहूगीं कि काजल निषाद जी ने बहुत टीवी धारावाहिकों मे काम किया है जिसमें से कुछ हैं…. “आप बीती”, “सात वचन सात फेरे”, “मेरे देश की बेटी”, “बाबुल के देश”, “तोता वेडस मैना”, “खुशियों की गुल्ल आशी” और “लापता गंज”, और जो बहुत जल्द प्रसारित होने वाला है उसका नाम है “बहू तूफान, फैमिली परेशान” यह हास्य धारावाहिक है. इतना ही नही सात भाषाए जानने वाली काजल ने भोजपुरी, गुजराती, ऊर्दू, बंगाली, मराठी मारवाडी, हिंदी फिल्मों में भी काम किया है और एक मूवी” झुमकी” में तो इन्होनें कोई डायलाग ही नही बोला और अभिनय के बल पर ही बेस्ट एक्टर का एवार्ड हासिल किया.
काजल यानि काशू ( बचपन का नाम) ने बातों मे मिठास के साथ मेरे सारे प्रश्नों के जबाब देने शुरु किए. गुजरात के कच्छ में 4 जून को जन्म हुआ. अपने पांच भाई बहनों मॆं सबसे छोटी थी इसलिए सभी की बहुत लाडली रही. मजे की बात यह रहती कि शरारत वो करती और डांट उनके भाई या बहन को पड जाती. बात बताती हुई वो खिलखिलाकर हंस दी मानों वो सभी दृश्य उनके मनस पटल पर सहेज कर रखे हुए हों. बचपन की यादों को ताजा करते हुए उन्होने बताया कि बेशक उनका जन्म गुजरात में हुआ पर उनकी स्कूली शिक्षा और आगे की पढाई सारी मुम्बई की ही है. बचपन में जब भी मौका मिलता वो अपने पिता के गांव जरुर जाते और गांव जाते ही वो सबसे पहले मिट्टी को मस्तक से लगाती. मिट्टी से उन्हें विशेष प्यार रहा. खेत मे खाना खाना, खेलना, गर्मी लगती तो छांव मे बैठ कर छाछ पीना बेहद सुखद अनुभव था.बहुत मजा आता था. बचपन में गुडिया हमेशा उनके हाथ मे रहती और एक बार उन्होनें अपने कुत्ते की शादी भी करवाई थी और पूरे गांव मे पारले जी बिस्कुट बांटे थे. इसे बताती हुई खिलखिलाकर कर हंस दीं.
बचपन की यादों से निकल कर वो जा पहुंची. सन 2003 में जब उनकी शादी संजय निषाद जी से हुई. संजय जी जाने माने प्रोडयूसर हैं भोजपुरी फिल्म ”मुन्ना भैया” से उन्होनें नया मुकाम हासिल किया. काजल जी ने बताया कि संजय जी ने ही उन्हें प्रेरित किया कि उनमें एक बहुत अच्छा कलाकार छिपा है उनके प्रोत्साहित करने पर ही अभिनय यात्रा शुरु हुई और फिर प्रतिभा के बल पर काम मिलता ही चला गया. उन्होनें बताया कि लगभग हर तरह के रोल किए है चाहे मां का हो, अमीर धराने की बहू हो, गरीब परिवार की बिटिया हो, खलनायिका हो, मजाकिया हो या भोली सी सीधी सादी लडकी. सभी किरदारों को करती हुई उसमे बस खो जाती और पता नही चलता कि कब सीन ओके हो जाता.
उन्होनॆ बताया कि सबसे ज्यादा मजा लापतागंज करते हुए आया. उसका सबसे पहला कारण था कि वो एक गांव रुप में बसा था और गांव उनके दिल के सबसे ज्यादा करीब है और दूसरा पूरी टीम बहुत मस्ती करती और हंसते बतियाते शूटिंग कब हो जाती पता ही नही चलता . मुझे भी याद है कि चमेली के किरदार में अपने तकिया कलाम “हमें सब न पता है” से वो बहुत सुर्खियों में आई थी. वो डायलाग उन्होनें मेरे कहने पर बोल कर भी दिखाया.
बातों का सिलसिला आगे बढा और उन्होनें बताया कि बचपन से ही वो शिव भक्त रही है और शिव जी को पत्र भी लिखती थी. पत्र लिख कर वो शाम को शिवलिंग पर रख आती और सुबह पत्र उठा लेती और ये दीवानापन आज भी कायम है. आज भी हर समय उन्हें यही लगता है शिव जी उनके पास हैं और उनकी सारी बातें सुन रहे हैं. सौ से भी ज्यादा कविताए लिखी हैं जिसमें से ज्यादातर शिव जी पर है…
मैं कलम तू कागज है शिव,
मैं शिव तू काजल है, पर्वत,
हरियाली हर रंग में है शिव अफीम,
गांजा हर भंग में है शिव,
मैं शिव रात्रि तू भोर है शिव
तेरी कसम तू मेरे चारों ओर है शिव .. कहते कहते मानो वो फिर कही खो गई. मैने बात फिर आगे बढाई और जानना चाहा कि अक्टूबर 2011 में कांग्रेस की ओर से गोरखपुर में चुनाव भी लडा. ये कैसे हुआ. इस पर उन्होनें बेहद संजीदगी से बताया कि गोरखपुर उनकी ससुराल है शिक्षा, बिजली, पानी, सडकॆ आदि असुविधाओं के अभाव को झेल रहा था. एक जागरुक देशवासी होने के नाते वो बहुत सुधार लाना चाह रही थी. संयोग वश, उन्हें हाईकमान की ओर से गोरखपुर की टिकट भी मिल गई. हालांकि उनकें पास चुनाव प्रसार प्रचार का ज्यादा समय नही था क्योंकि तब “लापता गंज” की शूटिंग चल रही थी.
Kajal Nishad के प्रचार के दौरान उन पर हमला भी हुआ जिसमे वो धायल भी हो गई थी पर फिर भी उनके उत्साह में कोई कमी नही आई. तीन महीने उन्होनें जनता के बीच बिताए दुख दर्द सांझा किया. हालांकि जीत तो नही पाई पर जनता के प्यार, सम्मान और विश्वास ने उन्हें भावुक कर दिया और अब भी उनकी सोच यही रहती है कि जिले में विकास कैसे करवाया जाए ताकि जागरुकता बढे.
बात जागरुकता की चली तो मैने जानना चाहा कि समाज में जो रेप की धटनाए हो रही हैं इस पर क्या कहना चाहेंगीं. इस पर उन्होने सख्त लहजे में बोला कि दोषियों को किसी भी हाल में नही छोडा जाना चाहिए. कानून में 15 दिन के भीतर ही उन्हें सजा दे देनी चाहिए. हमारे देश की सुस्त रफ्तार कानून व्यव्स्था से चोर, मुजरिम डरते नही हैं इसलिए ये धटनाए रुक नही रही. कानून सख्त बने और उनका पालन भी सख्ताई से होना जरुरी है. और इतना ही नही एक्टिंग लाईन मे भी अक्सर ये देखा गया है कि रोल पाने के लिए कई बार लडकियां किसी भी हद तक जा सकती है इसलिए अगर एंक्टिंग को कैरियर बनाना है तो सोच समझ कर ही कदम रखें.
वातावरण गर्म हो चला था उसे ठंडा बनाने के लिए मैने उनसे खाने में पसंद ना पसंद के बारे मे पूछा तो अचानक उन्होने कहा ‘पिज्जा” बहुत पसंद है. गुजराती खाने के साथ साथ छाछ भी बेहद पसंद है.
अपने प्रशंसकों के लिए संदेश देते हुए Kajal Nishad… जनता का बहुत प्यार और सम्मान मिला है जिसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहती हूं और अपना प्यार इसी तरह बनाए रखे और वो अच्छे अच्छे रोल से उनका मंनोरजन करती रहेंगी.
सच, बातें बहुत हो गई थी और उनका शूटिंग का बुलावा भी बार बार आ रहा था इसलिए विदा लेनी पडी. पर एक बात तो माननी पडेगी कि अक्सर महिलाए सोचती हैं कि शादी के बाद कैरियर समाप्त हो गया पर काजल जी बहुत भाग्यशाली रही कि उन्हें अपने पति और ससुराल पक्ष से बहुत सहयोग मिला और आज, वो बहुआयामी प्रतिभा के रुप में हमारे सामने हैं. Kajal Nishad … Versatile Actress
हमारी शुभकामनाएं हैं कि आपका ये सफर अनवरत चलता ही रहे काजल जी !!!
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