Kids are getting Smart – बच्चों की मनोरंजक दुनिया – बच्चे स्मार्ट हो रहे हैं – हम बडों को कई बार गलतफहमी हो जाती है कि बच्चे स्मार्ट नही पर आज बच्चे बहुत स्मार्ट है…
Kids are getting Smart – बच्चों की मनोरंजक दुनिया – बच्चे स्मार्ट हो रहे हैं
असल में, ये बात मैं इसलिए बात रही हूं कि कल कुछ बच्चे आए वो 3 – 4 क्लास में पढते हैं बोले स्कूल में स्टोरी कॉम्पीटिशन है कोई अच्छी से कहानी बता दीजिए… पर वो न राजा रानी की हो न किसी पंडित की न किसी जानवर की हो पर हट कर हो और मजेदार हो… प्राईज भी उसे ही मिलेगा जिसकी कहानी सबसे हट कर होगी..
मैं सोचने लगी कि कौन सी कहानी दूं… तभी एक बच्चा बोला कि आपसे पहेली पूछूं .. मैंनें सोचते हुए बोला कि हां जरुर !!
तो वो बोला कि ऐसा कौन सा बैग है जो सिर्फ भीगने पर ही काम आता है ? अरे !!
भीगने पर.. मैंने बहुत जोर डाला पर नही समझ आया और हार मान ली … तो वो बोला क्या आपको इतना भी नही पता..
टी बैग
मैंने कहा कि ओके अब पूछो अब जरुर बताऊंगी तो वो बोला …
ऐसी कौन सी सब्जी है जिसमे ताला और चाबी दोनों आते हैं? मुझे नही आया इस पर उसने बताया
लौकी लॉक + की = लौकी… हे भगवान !!
अब मुझे याद आया एक पहेली जो कुछ समय पहले एक बच्चे ने मुझसे पूछी थी सोचा कि मैं पूछती हूं
मैंने कहा कि अच्छा बताओ कि एक मार्किट मे तीन दुकाने हैं एक रुई की , एक कागज की और एक लकडी की . वहा आग लग गई अब ये बताओ कि सबसे पहले एम्बूलेंस कहा आग बुझाएगी …
आराम से सोचो … मुझे लगा कि बच्चे नही दे पाएगें तो बच्चे बोले आपने ठीक नही पूछा आपकी पहेली ही गलत है और जोर जोर से हंसने लगे…
देखा तो ऐसे हो जाती है गलत फहमी के बच्चे स्मार्ट नही हैं.. तभी मुझे ख्याल आई मेरी लिखी एक कहानी गलतफहमी.. मुझे लगा कि ये कहानी बच्चों के काम आ सकती है…
चलिए आपको भी सुनाती हूं
कहानी – गलत फहमी
एक बहुत शरारती लडकी होती है मणि.. वो 4 क्लास में पढती थी और उसके मामा जी का ही स्कूल था. स्कूल घर के पास था तो वो पैदल ही आती जाती थी. शरारती बहुत थी पर पढाई मे भी बहुत अच्छी थी इसलिए स्कूल में उसे ज्यादा गुस्सा नही करती थी सभी टीचर्स…
एक दिन की बात है. हिंदी की क्लास थी टीचर ने कहा कि सभी बच्चे प्रार्थना पत्र लिखो फीस माफी के लिए… और मणि कॉपी लाना भूल गई तो उसने एक कॉपी का पेज फाड कर लिख दिया.. कि मेरे पिताजी बहुत गरीब हैं हम सात भाई बहन है घर का खर्चा मुश्किल से होता है.. मुझे पढने का बहुत शौक है. मैं बडी होकर जरुर कुछ न कुछ बनूंगी. कृपया करके मेरी फीस माफ की जाए… जब दिखाने गई तो टीचर ने चैक इसलिए नही किया क्योकि वो कॉपी पर नही लिखा था. टीचर ने कहा कल इसे कॉपी पर लिख कर लाना फिर चैक करुंगी…
इतने में पूरी छुट्टी हो गई और मणी ने वो कागज स्कूल बैग की बाहर की जेब मे रख लिया और घर की ओर भागी..
घर पहुंच कर हमेशा की तरह खाना खाया खेली और फिर होमवर्क करने बैठी तो बैग की जेब में वो फीस माफी के लिए प्रार्थना पत्र नही मिला.. उसे दो तीन बार देखा पर नही मिला तो उसे याद तो था ही उसने लिख लिया और फिर बाहर खेलने भाग गई
अगले दिन स्कूल शुरु हो गया था. मणि क्लास मे थी तभी बाई जी बुलाने आई कि आपको प्रिंसीपल सर बुला रहे हैं.. आपसे कोई मिलने आएं हैं उसने सोचा मुझसे ?? कौन आया होगा और सोचते सोचते आफिस पहुंची तो देखा उनके पास एक बुजुर्ग अंकल बैठे हुए थे…
उसे देखते ही वो अंकल बोले .. हां हां यही है वो… बहुत प्यारी बच्ची है… बेटा मणि ही है ना नाम तुम्हारा… प्रिंसीपल की और देखते हुए बोले बहुत होशियार बच्ची है पर पिता बहुत गरीब हैं इसके … मणि भी हैरान और मामा भी.. उन्हे गुस्सा इस बात का रहा था कि जरुर मणि ने ही शरारत की है. पर मणि हैरान थी. उसे समझ ही नही आ रहा था कि ये हैं कौन और क्या कह रहे है…
उन बुजुर्ग ने बताया कि उनकी स्कूल के सामने ही करियाने की दुकान है.. इस बच्ची को वो हमेशा देखते है.. बच्चों की सडक पार करवाने मे बहुत बार मदद करती है एक बार अपाहिजो को भी सडक पार करवाई थी… मैं इसकी पढाई का खर्चा उठाने को तैयार हूं .. मणि के मामा यानि प्रिंसीपल गुस्से से मणि को देख रहे थे कि जरुर इसने शरारत की होगी..
उन्होने उन बुजुर्ग से पूछा कि ये गरीब है इसके 7 भाई बहन है ये किसने कहा आपसे… ये सुनकर उन्होने जेब से एक कागज निकाला कि ये देखिए.. कल दोपहर स्कूल से जाते समय इसके बैग से ये कागज मिला जोकि गिर गया था… मैंने जब तक उठाया ये जा चुकी थी… इसमे लिखा है आप खुद ही देख लीजिए… जैसे ही मणि ने कागज देखा वो बोली अरे ये आपके पास है… मामा ने उसे चुप रहने का इशारा किया..
बुजुर्ग ने बताया कि ये पढा उन्होने इसमे लिखा है कि
मेरे पिता बहुत गरीब हैं हम 7 भाई बहन है.. घर का गुजारा मुश्किल से होता है..
मणि सारी बात समझ चुकी थी. अब बात थी मामा जी को समझाने की यानि सर को समझाने की..
मणि ने सारी बात बताई कि कल हिंदी के क्लास मे मेम ने पत्र लिखवाया था और कॉपी नही लाई थी इसलिए पेज पर लिख लिया पर मैम ने चैक नही किया.. इसी बीच हिंदी टीचर को भी बुला लिया गया था..
अब मामा जी को सारी बात समझ आ गई थी.. उन्होनें बुजुर्ग को कहा कि आपकी भावनाओ का आदर करते हैं पर मणि गरीब नही है.. ये मेरी भांजी हैं और इसके पिता बहुत जाने माने बिजनेस मैन हैं.. और फिर सारी बात बताई कि कल कैसे एक फीस माफी का प्रार्थना पत्र लिखा था और शायद वो स्कूल बैग से गिर गया और आपको ये गलत फहमी हो गई कि ये बहुत गरीब है…
ये सुनकर वो झेंप कर मुस्कुराने लगे और जाते जाते बोले कि उनकी दुकान है जब भी किसी गरीब बच्चे को मदद की जरुरत वो वो जरुर करेगें और वो मणि को आशीर्वाद देते हुए चले गए…
तो ऐसी भी हो जाती है गलत फहमी… मैंनें उसका प्रिंट आऊट निकाल कर कहानी बच्चों को दे दी… बच्चे खुश और जाते जाते बोले कि इसमे तो मेरा ही प्राईज आएगा.. फिर एक बोला और एक पह्ली बताओगे
पहेली है कि बताईए कि
चींटी के मुंह भी छोटा क्या ? चींटी के मुंह से भी छोटा क्या ??
तो वो बोले मुंह से छोटा वही जो उनके मुंह के अंदर जाता है… तो देखा बच्चे होते ही हैं स्मार्ट.. बडे बडो को धुमा देते हैं…
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