Let Your Kids be Bored – क्यों अच्छा है बच्चों का बोर होना – बच्चों को बोर होने दें – बच्चों के बोर होने के फायदे …क्या करुं … बोर हो रहा हूं क्या करु क्या करुं… जब बच्चे ये बोलते हैं तो पेरेंटस सिर पकड लेते हैं कि सब कुछ तो दिया हुआ है बच्चों को… टीवी है , मोबाइल है, किताबें हैं खिलौने हैं … फिर भी ये बोलना कि बोर हो रहा हूं .. तो आप चिंता मत कीजिए क्योकि बोर होना अच्छा है बल्कि बहुत अच्छा है बोर होना अच्छा है… बोर होना तो यकीन मानिए key to growth है… !!
Let Your Kids be Bored – क्यों अच्छा है बच्चों का बोर होना – बच्चों को बोर होने दें
अब बात आती है कि कैसे… ?? देखिए पहले मैं आपकी बात पर आती हूं कि आप कहते हैं कि आपने बच्चे को सभी कुछ तो दिया हुआ है…
मान लीजिए बच्चा टीवी देख रहा है तो imagination तो होगी नही… न दिमाग लग रहा है न कुछ बस बैठ कर देख रहे हैं वही जब बोर हो रहा होगा तो उसकी कल्पना शक्ति चलेगी…
चलिए मैं अपनी बात आराम से समझाती हूं इसमें बस आपका सहयोग चाहिए बच्चों को …
जब बच्चे कहें कि बोर हो रहा हूं तो आपने बच्चे के साथ बैठना है और पूछ्ना है कि बताओ क्या करें… बच्चों की क्रिएटिविटी चलाने दीजिए कि वो क्या करना चाहते हैं बताओ क्या करना चाहते हो पर प्लीज अपना ready made solution नही देना कि टीवी देख लो… या मोबाईल पर खेल लो..
सबसे पहले बच्चे को अपने बारे में जानने का मौका मिलता है… SELF AWEWRNESS आती है… वो ये सोचता है कि वो क्या क्या काम कर सकता है…
Imagination बढने लगती है… यानि कल्पना करने लगता है मन .. मन में नए नए विचार आते हैं जोकि टीवी देखने से नही आ सकते…
Boost होती है Creativity आईडिया आने लगते हैं कि क्या करना सही है इस वजह से नई नई Hobbies और Interests पैदा होते हैं जिस वजह से Creativity बढने लगती है… कम से कम दस चीजे देखेगा और फिर एक चीज को सेलेक्ट करेगा…
एक बात और है कि boredom से एनर्जी भी आती है.. मन रिलेक्स होता है
एनर्जी आती है… वो ऐसे कि मान लीजिए बच्चा है बोर हो रहा है समझ नही आ रहा कि क्या करे… मान लीजिए कुछ समझ नही आ रहा कि क्या करुं और वो लेट गया… तो दिमाग को आराम मिला… कितना स्ट्रेस होता है बच्चे की लाईफ में. कितने काम का प्रेशर होता है और अब देखिए.. अगर वो सो भी जाता है तो बहुत अच्छा है मन और दिमाग शांत हो जाता है भले ही कुछ देर के लिए ही सही वो बच्चे के लिए अच्छा है उसमे एनर्जी का संचार होगा.. जब उठेगा तो एकदम फ्रेश मन से उठेगा…
अच्छी बात ये भी होती है कि खुद को कम्फर्ट जोन से बाहर ले आते हैं
क्योकि कुछ न कुछ ऐसा देखते हैं जिसमे नार्मल से हट कर कुछ अलग मेहनत लगती है… मान लीजिए अपनी अलमारी ही ठीक करते हैं.. जहां इतनी फैली हुई थी और अब सामान जचा कर रख रहे हैं.. या अपने रुम को सजा रहे हैं स्टीकर्स लगा रहे हैं.. तो कुछ एक्स्ट्रा मेहनत की ना…
जो काम करना शुरु करते हैं उसे पूरा भी करते हैं क्योकि अपने मन से शुरु किया होता है…
Decision making ability आती है.. क्योकि बोर समय को कैसे यूटीलाईज करना है वो खुद सोचते हैं.. इससे दिमाग खूब चलता है
Self dependent हो जाते हैं यानि अपना समय कैसे यूटीलाईज करना है वो जान जाते हैं…
ये सब एक दिन में नही होगा … समय जरुर लगता है पर बच्चों पर boredom का पॉजिटिव असर पडता है…
Leave a Reply