मेरा भारत महान है और हमें अपने देश पर गर्व होना चाहिए और निरंतर समाज की तरक्क्की के लिए इसमें बदलाव करते रहना चाहिए ताकि देश में बदलाव और खुशहाली आए …
मेरा भारत महान है
हमारे घर के पास एक लडकी रहती है वो स्कूटी चलाना सीख रही थी आज सुबह जब हलके बारिश हो रही थी तो देखा कि वो अपने पापा को बैठा कर छोडने जा रही थी … मैने जब उसे देखा तो थम्स अप कर दिया …
वाकई बदलाव प्रकृति का नियम हैं जो लडकी कल तक सीख रही थी वो आज अपने पापा को छोड कर आ रही है …. हमें इस बदलाव का खुशी खुशी स्वीकार करना चाहिए और समाज को और बेहतर बनाने का प्रयास करते रहना चाहिए
… हमारा देश किसी से किसी मायने मे कम नही है आज 26 जनवरी की परेड और झांकिया देख कर सहजता से ही लगाया जा सकता है
बात कुछ समय पहले की है …
हमारे एक जानकार की सोच देश के लिए ज्यादा अच्छी नही थी और वो विदेश जा कर बस गए कुछ दिनों बाद जब उनसे बात हुई तो उन्होनें बताया कि उनका दिल नही लग रहा वो वहां सैटल नही हो पा रहे.
बेशक, जब वो जा रहे थे तो हमे भी लगा था कि वो कितने लक्की है वो लोग पर उनसे बात होने पर लगा कि असल में, भाग्यशाली तो हम है तो भारत में रहते हैं और ये कविता बह निकली
मेरा भारत महान है
मेरा भारत महान , पहली पहली बार ……विदेश जाने पर ……………अपने देश का मर्म जाना ………..वो अपनापन वो अहसास………….वहां गुम थे……………..संस्कार हो चुका था ………….संवेदनाओ का………………
विकृत विकारो रुपी पाषाणो का ……………हो रहा था सतत प्रहार…………..मानो मै इक निरीह विहान;;;;;;;;;;;निर्झर की तालाश में /खिन्न.गुमराह, हताश सी संबल खोज रही हूं –
तब पहली बार महसूस हुआ……………
परिवेश मेरे देश का /ज्वलंत है, विराट है तपते आतप मे घने विटप की छांव है
नवजात शिशु के लिए मां के क्षीर समान है दुखो का संहारक है —–सहज है,सस्मित है मीत है, वात्सल्यता का प्रतीक है /////कण- कण से इसके प्रेम छ्लकता है
तभी तो देश भक्ति गीतो पर मन भाव विहल हो उठता है/////आज मैने पहली पहली बार जाना….. यही है वो अपनापन वो अहसास ;;;;; जिससे है मुझे मेरे हिन्दुस्तान पर नाज
मेरा भारत महान है पर आपके विचारों का भी स्वागत है …
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