Mouth organ … बहुत दिनों के बाद मणि का बेटा दो दिन के लिए घर आया. नाश्ते के बाद बेटे ने अपना बैग खोला और बोला आखॆं बंद करो आपके लिए कुछ है. फिर मणि के हाथ कुछ पकडा दिया. हाथ मे लेते ही मणि चौंक गई और आखें खोलती हुई बोली अरे !!! Mouth organ !! इतने साल हो गए .. इसका क्या करुगी.. भूल भाल गई हूं सब !!
बेटे ने कहा जब बचपन में आप हमे Mouth organ बजा कर सुनाती थीं तो आप खुद ही कहती थीं कि एक बार बजाना आ जाए तो जिंदगी भर नही भूल सकते .. मणि ने भी जानॆ अनजाने Mouth organ होठों से लगा लिया . वही मणि मुझे दिखाने लाई थी और डबडबाई आखें, खुशी … उससे कुछ बोला ही नही जा रहा था.

Photo by Nina J. G.
मैं हाथ में mouth organ लिए ….उसकी तरफ देख कर सोचे जा रही थी…. बहने दे ये आसूं … .. सच, छोटी छोटी खुशियों में कितना सारा प्यार अपनापन और अहसास छिपा होता है